केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बात को सीरे से खारिज कर दिया कि चीन ने भारत की जमीन पर कब्जा किया है। उन्होंने कहा कि 1962 के युद्ध से पहले हथियाई जमीन पर ही चीन इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा कर रहा है। एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद किसी भी जमीन पर कब्जा नहीं किया। शिमला में मंगलवार को विकसित भारत 2047 बुद्धिजीवी संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि, भारत निर्माण क्षेत्र में चीन से पीछे रहा है। चीन में 10 साल पहले आर्थिक सुधार शुरू हो गए थे। विकसित भारत के लिए हमे चीन पर निर्भरता कम करनी होगी। इसके मोदी सरकार की नीयत और नीति दोनों स्पष्ट है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि, भारत ने बार्डर में इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर किया है। वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत सड़कें, पुल, टनल इत्यादि का निर्माण किया है। इससे न केवल सेना को फायदा हुआ है, बल्कि बॉर्डर एरिया में रह रहे लोगों को सहूलियत के साथ उनका पलायन भी रुका है। बॉर्डर पर UPA सरकार ने नहीं बनाया इन्फ्रास्ट्रक्चर विदेश मंत्री ने कहा कि UPA सरकार के समय बॉर्डर पर इस सोच से इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं बनाया कि यदि सड़कें व पुल बनाए गए तो दुश्मन घुसपैठ करेंगे। मोदी सरकार ने इस सोच को बदलते हुए चीन सीमा के लिए देश का बजट यूपीए सरकार के कार्यकाल की तुलना में 3500 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 15000 करोड़ किया है। POK वापस मोदी सरकार का वादा जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर (POK) भारत को वापस लेना मोदी सरकार का वादा है। सरकार इस वादे पर कायम है। इस मुद्दे पर संसद में भी प्रस्ताव पारित हुआ था, जिसमें विपक्ष भी शामिल था। मगर विपक्ष को आज इस बात को भूल चुका है और POK के मुद्दे पर अपने ही देश की आलोचना कर दुनियाभर में भारत को कमजोर करने में लगा है। पाकिस्तान ने आतंकवाद पाला तो चुकानी पड़ेगी कीमत एस जयशंकर ने कहा कि, पाकिस्तान यदि भारत से अच्छे रिश्ते चाहता है तो उसे आतंकवाद पर नियंत्रण करना होगा। ऐसा नहीं किया तो हम पाकिस्तान को पहले भी आइना दिखा चुके हैं और आगे भी मुंहतोड़ जवाब मिलेगा और सीमा पार जाकर भी जवाब देंगे। पाकिस्तान को आतंकवाद को पालना बंद करना होगा। रूस यूक्रेन युद्ध और इजराइल फिलिस्तीन रूस-यूक्रेन और फिलिस्तीन-इजराइल युद्ध के सवाल पर विदेश मंत्री ने कहा- इन युद्धों से दुनिया में तनाव बढ़ा है। जैसा सोचा जा रहा था की चीन-यूक्रेन युद्ध जल्द खत्म होगा। मगर तीन साल में भी चला हुआ है। ऐसे हालात में भारत की भूमिका ओर ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है। दलाई लामा को वापस जाने को नहीं बोलेंगे विदेश मंत्री ने कहा, दलाई लामा चीन के अग्रेशन के बाद 1962 में स्वयं भारत आएं। हमने उनका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भारत दलाई लामा को कभी भी वापस जाने के लिए नहीं कहेगा। दलाई लामा में देशवासियों की आस्था है। हम उसका आदर करते हैं। UNO में सदस्यता में चीन अड़ंगा डाल रहा विदेश मंत्री ने कहा- भारत की संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) में विकासशील देश स्थाई सदस्यता चाहते हैं। मगर, चीन इसमे रोड़ें अटका रहा है। भारत अब चीन के पीछे भागने के बजाय नजदीकी बनाने का पक्षधर हैं। सेब का अवैध आयात रोकेंगे विदेश मंत्री ने कहा कि, किसी भी तरह की अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस को रोका जाएगा, ताकि अवैध ढंग से दुनिया से सेब भारत के बाजार में न पहुंच सके और हिमाचल के सेब बागवानों को नुकसान न उठाना पड़े। सेब पर इंपोर्ट-ड्यूटी घटाने के सवाल पर उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा पर ठीकरा फोड़ा। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार में हुए एग्रीमेंट की वजह से यह नौबत आई है। फिर भी मोदी सरकार इंपोर्ट-ड्यूटी बढ़ाने को लेकर समीक्षा कर रही है। यह तीन मंत्रालय से जुड़ा मसला है। इस पर विचार चल रहा है। दुनिया भारत की तरक्की से प्रभावित जयशंकर ने कहा कि भारत दुनिया में तेज़ी से विकास करने वाला देश बन गया है। पिछले 10 वर्षों में भारत में 70 साल की अपेक्षा दोगुना विकास हुआ है जिसकी बदौलत भारत दुनियां के पांचवी बड़ी अर्थव्यस्था बना है। दुनिया के दूसरे देश भी आज भारत की डिजिटलाइजेशन में तरक्की से प्रभावित होते है। केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बात को सीरे से खारिज कर दिया कि चीन ने भारत की जमीन पर कब्जा किया है। उन्होंने कहा कि 1962 के युद्ध से पहले हथियाई जमीन पर ही चीन इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा कर रहा है। एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद किसी भी जमीन पर कब्जा नहीं किया। शिमला में मंगलवार को विकसित भारत 2047 बुद्धिजीवी संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि, भारत निर्माण क्षेत्र में चीन से पीछे रहा है। चीन में 10 साल पहले आर्थिक सुधार शुरू हो गए थे। विकसित भारत के लिए हमे चीन पर निर्भरता कम करनी होगी। इसके मोदी सरकार की नीयत और नीति दोनों स्पष्ट है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि, भारत ने बार्डर में इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर किया है। वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत सड़कें, पुल, टनल इत्यादि का निर्माण किया है। इससे न केवल सेना को फायदा हुआ है, बल्कि बॉर्डर एरिया में रह रहे लोगों को सहूलियत के साथ उनका पलायन भी रुका है। बॉर्डर पर UPA सरकार ने नहीं बनाया इन्फ्रास्ट्रक्चर विदेश मंत्री ने कहा कि UPA सरकार के समय बॉर्डर पर इस सोच से इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं बनाया कि यदि सड़कें व पुल बनाए गए तो दुश्मन घुसपैठ करेंगे। मोदी सरकार ने इस सोच को बदलते हुए चीन सीमा के लिए देश का बजट यूपीए सरकार के कार्यकाल की तुलना में 3500 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 15000 करोड़ किया है। POK वापस मोदी सरकार का वादा जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर (POK) भारत को वापस लेना मोदी सरकार का वादा है। सरकार इस वादे पर कायम है। इस मुद्दे पर संसद में भी प्रस्ताव पारित हुआ था, जिसमें विपक्ष भी शामिल था। मगर विपक्ष को आज इस बात को भूल चुका है और POK के मुद्दे पर अपने ही देश की आलोचना कर दुनियाभर में भारत को कमजोर करने में लगा है। पाकिस्तान ने आतंकवाद पाला तो चुकानी पड़ेगी कीमत एस जयशंकर ने कहा कि, पाकिस्तान यदि भारत से अच्छे रिश्ते चाहता है तो उसे आतंकवाद पर नियंत्रण करना होगा। ऐसा नहीं किया तो हम पाकिस्तान को पहले भी आइना दिखा चुके हैं और आगे भी मुंहतोड़ जवाब मिलेगा और सीमा पार जाकर भी जवाब देंगे। पाकिस्तान को आतंकवाद को पालना बंद करना होगा। रूस यूक्रेन युद्ध और इजराइल फिलिस्तीन रूस-यूक्रेन और फिलिस्तीन-इजराइल युद्ध के सवाल पर विदेश मंत्री ने कहा- इन युद्धों से दुनिया में तनाव बढ़ा है। जैसा सोचा जा रहा था की चीन-यूक्रेन युद्ध जल्द खत्म होगा। मगर तीन साल में भी चला हुआ है। ऐसे हालात में भारत की भूमिका ओर ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है। दलाई लामा को वापस जाने को नहीं बोलेंगे विदेश मंत्री ने कहा, दलाई लामा चीन के अग्रेशन के बाद 1962 में स्वयं भारत आएं। हमने उनका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भारत दलाई लामा को कभी भी वापस जाने के लिए नहीं कहेगा। दलाई लामा में देशवासियों की आस्था है। हम उसका आदर करते हैं। UNO में सदस्यता में चीन अड़ंगा डाल रहा विदेश मंत्री ने कहा- भारत की संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) में विकासशील देश स्थाई सदस्यता चाहते हैं। मगर, चीन इसमे रोड़ें अटका रहा है। भारत अब चीन के पीछे भागने के बजाय नजदीकी बनाने का पक्षधर हैं। सेब का अवैध आयात रोकेंगे विदेश मंत्री ने कहा कि, किसी भी तरह की अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस को रोका जाएगा, ताकि अवैध ढंग से दुनिया से सेब भारत के बाजार में न पहुंच सके और हिमाचल के सेब बागवानों को नुकसान न उठाना पड़े। सेब पर इंपोर्ट-ड्यूटी घटाने के सवाल पर उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा पर ठीकरा फोड़ा। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार में हुए एग्रीमेंट की वजह से यह नौबत आई है। फिर भी मोदी सरकार इंपोर्ट-ड्यूटी बढ़ाने को लेकर समीक्षा कर रही है। यह तीन मंत्रालय से जुड़ा मसला है। इस पर विचार चल रहा है। दुनिया भारत की तरक्की से प्रभावित जयशंकर ने कहा कि भारत दुनिया में तेज़ी से विकास करने वाला देश बन गया है। पिछले 10 वर्षों में भारत में 70 साल की अपेक्षा दोगुना विकास हुआ है जिसकी बदौलत भारत दुनियां के पांचवी बड़ी अर्थव्यस्था बना है। दुनिया के दूसरे देश भी आज भारत की डिजिटलाइजेशन में तरक्की से प्रभावित होते है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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