AAP सांसद हेयर बोले-पंजाब को यमुना का पानी नहीं मिला:जल बंटवारे में हुआ भेदभाव, हरियाणा ने अपना कोटा खत्म कर दिया

AAP सांसद हेयर बोले-पंजाब को यमुना का पानी नहीं मिला:जल बंटवारे में हुआ भेदभाव, हरियाणा ने अपना कोटा खत्म कर दिया

पंजाब और हरियाणा के बीच पानी का विवाद नया मोड़ ले रहा है। संगरूर से आम आदमी पार्टी के सांसद मीत हेयर ने केंद्र और हरियाणा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सांसद मीत हेयर ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के बंटवारे के समय हरियाणा को 31 एमएफ पानी दिया गया। इससे पहले पंजाब का पानी गैर-रिपेरियन राज्य राजस्थान को दिया जा चुका था। उन्होंने कहा कि जिस तरह पंजाब का पानी हरियाणा को दिया गया, उसी तरह यमुना नदी का पानी भी पंजाब को मिलना चाहिए था। मीत हेयर ने बताया कि बंटवारे के समय हरियाणा, पंजाब का हिस्सा था। लेकिन यमुना के पानी के बंटवारे का कोई जिक्र नहीं किया गया। सतलुज और ब्यास नदियों के पानी का बंटवारा हो चुका है, पर यमुना का नहीं। सांसद ने इस मुद्दे को संसद में भी उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार पंजाब के साथ भेदभाव कर रही है। हरियाणा ने इस साल भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड से अपने हिस्से का पानी इस्तेमाल कर लिया है और अब पंजाब के हिस्से का पानी मांग रहा है। सांसद मीत हेयर- पानी छीना जा रहा
सांसद मीत हेयर ने कहा कि पंजाब के पानी पर से जबरन अधिकार छीनने का प्रयास किया जा रहा है। पंजाब को उसका हिस्सा देने की बजाय, उससे पानी भी छीना जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज पंजाब के 75 प्रतिशत से अधिक ब्लॉक डार्क जोन में हैं और पंजाब रेगिस्तान बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों के कारण पंजाब को पहले भी काफी नुकसान उठाना पड़ा है और अब पंजाब पर दोबारा इस तरह का दबाव बनाने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब पानी का यह दबाव कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। आम आदमी पार्टी इस धक्केशाही का कड़ा विरोध करेगी और पंजाब के पानी के लिए संघर्ष करेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से अनुरोध है कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करे और बीबीएमबी से हरियाणा को पानी देने का फैसला वापस ले। पंजाब और हरियाणा के बीच पानी का विवाद नया मोड़ ले रहा है। संगरूर से आम आदमी पार्टी के सांसद मीत हेयर ने केंद्र और हरियाणा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सांसद मीत हेयर ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के बंटवारे के समय हरियाणा को 31 एमएफ पानी दिया गया। इससे पहले पंजाब का पानी गैर-रिपेरियन राज्य राजस्थान को दिया जा चुका था। उन्होंने कहा कि जिस तरह पंजाब का पानी हरियाणा को दिया गया, उसी तरह यमुना नदी का पानी भी पंजाब को मिलना चाहिए था। मीत हेयर ने बताया कि बंटवारे के समय हरियाणा, पंजाब का हिस्सा था। लेकिन यमुना के पानी के बंटवारे का कोई जिक्र नहीं किया गया। सतलुज और ब्यास नदियों के पानी का बंटवारा हो चुका है, पर यमुना का नहीं। सांसद ने इस मुद्दे को संसद में भी उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार पंजाब के साथ भेदभाव कर रही है। हरियाणा ने इस साल भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड से अपने हिस्से का पानी इस्तेमाल कर लिया है और अब पंजाब के हिस्से का पानी मांग रहा है। सांसद मीत हेयर- पानी छीना जा रहा
सांसद मीत हेयर ने कहा कि पंजाब के पानी पर से जबरन अधिकार छीनने का प्रयास किया जा रहा है। पंजाब को उसका हिस्सा देने की बजाय, उससे पानी भी छीना जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज पंजाब के 75 प्रतिशत से अधिक ब्लॉक डार्क जोन में हैं और पंजाब रेगिस्तान बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों के कारण पंजाब को पहले भी काफी नुकसान उठाना पड़ा है और अब पंजाब पर दोबारा इस तरह का दबाव बनाने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब पानी का यह दबाव कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। आम आदमी पार्टी इस धक्केशाही का कड़ा विरोध करेगी और पंजाब के पानी के लिए संघर्ष करेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से अनुरोध है कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करे और बीबीएमबी से हरियाणा को पानी देने का फैसला वापस ले।   पंजाब | दैनिक भास्कर