जाति जनगणना के पीछे बिहार चुनाव कनेक्शन? इस राज्य के CM के दावे से बढ़ी BJP की बेचैनी

जाति जनगणना के पीछे बिहार चुनाव कनेक्शन? इस राज्य के CM के दावे से बढ़ी BJP की बेचैनी

<p style=”text-align: justify;”><strong>Caste Census News: </strong><span style=”font-weight: 400;”>केंद्र ने जाति जनगणना कराने का फैसला लिया है. इसके पीछे का मकसद जो भी हो लेकिन कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इसके पीछे बिहार कनेक्शन का जिक्र किया है. बीते गुरुवार (01 मई, 2025) को सिद्धारमैया के दिए बयान से बीजेपी की बेचैनी बढ़ गई है. सिद्धारमैया ने कहा कि केंद्र ने कांग्रेस खासकर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष द्वारा बनाए गए दबाव के कारण भी यह फैसला लिया है.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’जिस जल्दबाजी में जाति जनगणना&hellip;'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>सिद्धारमैया ने कहा, “बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने बुधवार को जिस जल्दबाजी में जाति जनगणना के बारे में फैसला लिया, उससे मुझे विश्वास हो गया कि यह बिहार विधानसभा चुनावों के मद्देनजर किया गया है.” मुख्यमंत्री ने कहा कि आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा में ढील दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि एससी/एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों की सामाजिक-आर्थिक व शैक्षणिक स्थिति का विश्लेषण किया जाना चाहिए और उसके अनुसार उन्हें आरक्षण दिया जाना चाहिए.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>सिद्धारमैया के अनुसार, 50 प्रतिशत की सीमा तय करने का फैसला 1992 में इंद्रा साहनी मामले में दिया गया था. उन्होंने कहा कि मंडल आयोग के बारे में सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय की खंडपीठ ने आरक्षण पर सीमा तय की थी. मुख्यमंत्री ने कहा, “आरक्षण की अधिकतम सीमा तय करने के पीछे कोई वैज्ञानिक या संवैधानिक कारण नहीं थे, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने अधिकतम सीमा 50 प्रतिशत की तय कर दी.”</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आरक्षण की अधिकतम सीमा में संशोधन नहीं कर सकती क्योंकि यह केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आता है. राज्य सरकार केवल केंद्र सरकार को सिफारिश कर सकती है. कर्नाटक सरकार द्वारा तैयार की गई जाति जनगणना रिपोर्ट के भाग्य के बारे में पूछे जाने पर सिद्धारमैया ने कहा, “जाति जनगणना के अलावा रिपोर्ट के शेष भाग, जैसे सामाजिक व शैक्षिक सर्वेक्षण की सिफारिशें लागू की जाएंगी.”</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’कैबिनेट में चर्चा करेंगे&hellip; मंत्रियों की राय लेंगे'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्र की जातिगत सर्वेक्षण रिपोर्ट आने के बाद भी वह सामाजिक एवं शैक्षणिक सर्वेक्षण रिपोर्ट को लागू करेंगे? इस पर कहा कि पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा तैयार की गई सर्वेक्षण रिपोर्ट अब भी सरकार में चर्चा के स्तर पर है. हम इस पर कैबिनेट में चर्चा करेंगे और अपने मंत्रियों की राय लेंगे. सबसे अधिक संभावना है कि कैबिनेट की बैठक 09 मई को बुलाई जाएगी.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/caste-census-in-bihar-pappu-yadav-on-announcement-of-conducting-caste-based-census-2936069″>Caste Census: ‘जातीय जनगणना पर BJP सरकार झुकी’, पप्पू यादव ने बताई ‘पुरखों’ की जीत</a><br /></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Caste Census News: </strong><span style=”font-weight: 400;”>केंद्र ने जाति जनगणना कराने का फैसला लिया है. इसके पीछे का मकसद जो भी हो लेकिन कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इसके पीछे बिहार कनेक्शन का जिक्र किया है. बीते गुरुवार (01 मई, 2025) को सिद्धारमैया के दिए बयान से बीजेपी की बेचैनी बढ़ गई है. सिद्धारमैया ने कहा कि केंद्र ने कांग्रेस खासकर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष द्वारा बनाए गए दबाव के कारण भी यह फैसला लिया है.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’जिस जल्दबाजी में जाति जनगणना&hellip;'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>सिद्धारमैया ने कहा, “बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने बुधवार को जिस जल्दबाजी में जाति जनगणना के बारे में फैसला लिया, उससे मुझे विश्वास हो गया कि यह बिहार विधानसभा चुनावों के मद्देनजर किया गया है.” मुख्यमंत्री ने कहा कि आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा में ढील दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि एससी/एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों की सामाजिक-आर्थिक व शैक्षणिक स्थिति का विश्लेषण किया जाना चाहिए और उसके अनुसार उन्हें आरक्षण दिया जाना चाहिए.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>सिद्धारमैया के अनुसार, 50 प्रतिशत की सीमा तय करने का फैसला 1992 में इंद्रा साहनी मामले में दिया गया था. उन्होंने कहा कि मंडल आयोग के बारे में सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय की खंडपीठ ने आरक्षण पर सीमा तय की थी. मुख्यमंत्री ने कहा, “आरक्षण की अधिकतम सीमा तय करने के पीछे कोई वैज्ञानिक या संवैधानिक कारण नहीं थे, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने अधिकतम सीमा 50 प्रतिशत की तय कर दी.”</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आरक्षण की अधिकतम सीमा में संशोधन नहीं कर सकती क्योंकि यह केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आता है. राज्य सरकार केवल केंद्र सरकार को सिफारिश कर सकती है. कर्नाटक सरकार द्वारा तैयार की गई जाति जनगणना रिपोर्ट के भाग्य के बारे में पूछे जाने पर सिद्धारमैया ने कहा, “जाति जनगणना के अलावा रिपोर्ट के शेष भाग, जैसे सामाजिक व शैक्षिक सर्वेक्षण की सिफारिशें लागू की जाएंगी.”</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’कैबिनेट में चर्चा करेंगे&hellip; मंत्रियों की राय लेंगे'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्र की जातिगत सर्वेक्षण रिपोर्ट आने के बाद भी वह सामाजिक एवं शैक्षणिक सर्वेक्षण रिपोर्ट को लागू करेंगे? इस पर कहा कि पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा तैयार की गई सर्वेक्षण रिपोर्ट अब भी सरकार में चर्चा के स्तर पर है. हम इस पर कैबिनेट में चर्चा करेंगे और अपने मंत्रियों की राय लेंगे. सबसे अधिक संभावना है कि कैबिनेट की बैठक 09 मई को बुलाई जाएगी.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/caste-census-in-bihar-pappu-yadav-on-announcement-of-conducting-caste-based-census-2936069″>Caste Census: ‘जातीय जनगणना पर BJP सरकार झुकी’, पप्पू यादव ने बताई ‘पुरखों’ की जीत</a><br /></strong></p>  बिहार LOC से सटे गांव के लोगों ने की अतिरिक्त बंकर बनाने की मांग, डिप्टी सीएम ने दिए जरूरी निर्देश