हरियाणा के पानीपत में एक 52 वर्षीय युवक ने सुसाइड कर लिया। दरअसल, उसका उसकी पत्नी के साथ झगड़ा हो गया था। इसी से आहत होकर उसने फंदा लगा लिया। बुधवार सुबह शव को फंदे पर लटका देख पत्नी के पैरों तले की जमीन खिसक गई। चीख-पुकार कर उसने मौके पर स्थानीय लोगों को इकट्ठा किया। मौके पर पहुंचे पड़ोसियों ने उसे फंदे से नीचे उतारा। चेक किया, तो उसकी सांसे थम चुकी थी। इसके बाद पुलिस को सूचित कर मौके पर बुलाया गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी आवश्यक कार्रवाई की। इसके बाद शव को सिविल अस्पताल भिजवाया गया। जहां दोपहर बाद परिजनों के बयानों के आधार पर उसका पोस्टमॉर्टम करवा कर परिजनों के हवाले कर दिया गया। दोनों के बीच अक्सर रहता था झगड़ा जानकारी देते हुए पड़ोसी बलवान सिंह ने बताया कि वह सौदापुर गांव का रहने वाला है। उसके पड़ोस में पवन कुमार (52) रहता था। वह दिहाड़ी-मजदूरी करता था। वह तीन बच्चों का पिता था। जिसमें दो बेटे व एक बेटी है। बड़े बेटा-बेटी की शादी हो चुकी है। जबकि छोटा बेटा अभी अविवाहित है। एक लड़का अंबाला तो दूसरा बेटा लुधियाना रहता है। वे दोनों वहीं पर काम करते हैं। पवन की पत्नी भी दिनभर मजदूरी ही करती है। पति-पत्नी के बीच अक्सर झगड़ा रहता था। बीती रात भी दोनों के बीच 12 बजे तक झगड़ा हुआ था। इसके बाद दोनों अलग-अलग कमरों में जाकर सो गए थे। सुबह जब पत्नी पवन के कमरे में गई, तो उसने वहां उसे फंदे पर लटका देखा। हरियाणा के पानीपत में एक 52 वर्षीय युवक ने सुसाइड कर लिया। दरअसल, उसका उसकी पत्नी के साथ झगड़ा हो गया था। इसी से आहत होकर उसने फंदा लगा लिया। बुधवार सुबह शव को फंदे पर लटका देख पत्नी के पैरों तले की जमीन खिसक गई। चीख-पुकार कर उसने मौके पर स्थानीय लोगों को इकट्ठा किया। मौके पर पहुंचे पड़ोसियों ने उसे फंदे से नीचे उतारा। चेक किया, तो उसकी सांसे थम चुकी थी। इसके बाद पुलिस को सूचित कर मौके पर बुलाया गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी आवश्यक कार्रवाई की। इसके बाद शव को सिविल अस्पताल भिजवाया गया। जहां दोपहर बाद परिजनों के बयानों के आधार पर उसका पोस्टमॉर्टम करवा कर परिजनों के हवाले कर दिया गया। दोनों के बीच अक्सर रहता था झगड़ा जानकारी देते हुए पड़ोसी बलवान सिंह ने बताया कि वह सौदापुर गांव का रहने वाला है। उसके पड़ोस में पवन कुमार (52) रहता था। वह दिहाड़ी-मजदूरी करता था। वह तीन बच्चों का पिता था। जिसमें दो बेटे व एक बेटी है। बड़े बेटा-बेटी की शादी हो चुकी है। जबकि छोटा बेटा अभी अविवाहित है। एक लड़का अंबाला तो दूसरा बेटा लुधियाना रहता है। वे दोनों वहीं पर काम करते हैं। पवन की पत्नी भी दिनभर मजदूरी ही करती है। पति-पत्नी के बीच अक्सर झगड़ा रहता था। बीती रात भी दोनों के बीच 12 बजे तक झगड़ा हुआ था। इसके बाद दोनों अलग-अलग कमरों में जाकर सो गए थे। सुबह जब पत्नी पवन के कमरे में गई, तो उसने वहां उसे फंदे पर लटका देखा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
इस्माईलाबाद में देसी कट्टे के बल पर लूट:बदमाशों ने छीनी बाइक, ड्यूटी से घर लौट रहा था पीड़ित, भागकर बचाई जान
इस्माईलाबाद में देसी कट्टे के बल पर लूट:बदमाशों ने छीनी बाइक, ड्यूटी से घर लौट रहा था पीड़ित, भागकर बचाई जान कुरूक्षेत्र जिले के इस्माईलाबाद में अपनी ड्यूटी पूरी कर घर लौट रहे व्यक्ति से बाइक सवार दो बदमाशों ने देसी कट्टा दिखा कर उसकी बाइक छीनकर फरार होने का मामला सामने आया है। पीड़ित की शिकायत पर थाना इस्माईलाबाद पुलिस ने मामला दर्ज कर कर लिया है। फिलहाल पुलिस अज्ञात बदमाशों की तलाश में जुट गई है। देसी कट्टे की नोंक पर लूट शिकायतकर्ता गुरमीत सिंह पुत्र बनारसी दास ने बताया कि वह गांव जलबेहडा का रहने वाला हैं। गत दिवस वह अपनी ड्यूटी पूरी करके मलिकपुर से अपने घर जा रहा था। शाम के करीब 7:00 बजे के आसपास जब वह जलबेहडा पुल के पास पहुंचा। तब दो बाइक सवार बदमाश पिहोवा की तरफ से आए और उसे देसी कट्टा दिखाया। शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने देसी कट्टे की नोंक पर उससे उसकी बाइक छीन ली। पीड़ित ने भागकर बचाई जान पीड़ित ने बताया कि जैसे ही बदमाशों ने मेरी बाइक छीनी तो मै डर गया। आनन-फानन में फोन करने की कोशिश करने लगा। उन्होंने दोबारा से मुझे देसी कट्टा दिखाया और मुझे डराने लगे। डर के मारे मैने वही सड़क से नीचे छलांग लगाई और वहां से भाग कर अपनी जान बचाई। पुलिस ने शिकायत पर अज्ञात बदमाशों के खिलाफ धारा 309(4) BNS के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू करती है।
सोनीपत में ज्वेलर्स शॉप पर लाखों की लूट:दुकानदार पर पिस्तौल की बट से अटैक; कैश-जेवर-हीरे का हार ले गए
सोनीपत में ज्वेलर्स शॉप पर लाखों की लूट:दुकानदार पर पिस्तौल की बट से अटैक; कैश-जेवर-हीरे का हार ले गए हरियाणा के सोनीपत में शुक्रवार को दिन दहाड़े ज्वेलर्स की दुकान पर लूट हो गई। दुकान में घुसे हथियारबंद युवकों ने ज्वेलर्स के सिर पर पिस्तौल की बट से वार किया। इसके बाद वे दुकान से लाखों रुपए कैश के अलावा सोने चांदी के जेवर व हीरे का एक हार लूट कर फरार हो गए। वारदात सोनीपत में सदर थाना के पास में हुई है। लूट की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची। शहर में नाकाबंदी की गई, लेकिन समाचार लिखे जाने तक लुटेरों का सुराग नहीं लगा था। जानकारी के अनुसार सोनीपत में गोहाना रोड पर सदर थाना के पास यूनीक ज्वेलर्स के नाम से आभूषण की दुकान है। शुक्रवार दोपहर को इसका मालिक जितेंद्र वर्मा दुकान पर था। इसी बीच दो युवक बाइक पर आए और दुकान में घुस गए। युवक ने दुकानदार पर पिस्तौल तान दी और कैश और सोने के आभूषण देने को कहा। दुकानदार ने मना किया तो उसको गोली मारने की धमकी दी। इस बीच जितेंद्र वर्मा के सिर पर पिस्तौल की बट से वार किया गया। वह इससे लहूलुहान हो गया। लुटेरे इसके बाद दुकान से कैश, सोने चांदी के जेवर और एक हीरे का हार लेकर फरार हो गए। लुटेरों के जाते ही दुकानदार ने शोर मचाया। इसके बाद आसपास के लोग वहां पहुंचे और मामले की सूचना पुलिस को दी।
नफे सिंह मर्डर केस में CBI चार्जशीट में बड़े खुलासे:ब्रिटेन के गैंगस्टर का नाम; हत्यारों ने गाड़ी में लगाई GPS डिवाइस
नफे सिंह मर्डर केस में CBI चार्जशीट में बड़े खुलासे:ब्रिटेन के गैंगस्टर का नाम; हत्यारों ने गाड़ी में लगाई GPS डिवाइस हरियाणा के चर्चित INLD के पूर्व MLA नफे सिंह मर्डर केस में केंद्रीय जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पहली चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी है। इस चार्जशीट में बड़े-बड़े खुलासे किए गए हैं। हालांकि इस चार्जशीट में सीबीआई ने नफे सिंह राठी के मर्डर का मोटिव क्लीयर नहीं किया है। जिसके बाद इनेलो नेता के मर्डर का रहस्य और गहरा गया है। चार्जशीट में ब्रिटेन के एक गैंगस्टर का नाम शामिल किया गया है। सबसे अहम बात यह है कि हत्यारों ने नफे सिंह के मर्डर से पहले उनकी गाड़ी की लोकेशन जानने के लिए एक GPS सिस्टम भी लगाया था। 25 फरवरी को बहादुरगढ़ में बराही रेलवे क्रासिंग पर नफे सिंह की 10 गोलियां लगने से मौत हो गई थी। इस दौरान उनके सहयोगी जयकिशन दलाल की 4 गोलियां लगने से मौत हो गई थी। उन पर I-20 कार में सवार हमलावरों ने हमला किया था, जिन्होंने उनका पीछा किया और उनकी एसयूवी पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं थी। क्यों आया गैंगस्टर नंदू का नाम सीबीआई की जांच में यह बात भी सामने आई है कि 4 शूटर और ब्रिटेन में रहने वाले एक गैंगस्टर कपिल सांगवान उर्फ नंदू ने सिग्नल ऐप के जरिए बातचीत की थी। इसके साथ ही मर्डर के बाद ब्रिटेन स्थित ‘वांटेड’ गैंगस्टर कपिल सांगवान उर्फ नंदू ने आईएनएलडी प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। कपिल सांगवान दिल्ली पुलिस की अपराधियों की सूची में वह मोस्ट वांटड अपराधी है। जीजा की हत्या का लिया बदला मर्डर के बाद कपिल गैंगस्टर के द्वारा की गई पोस्ट में लिखा था कि उसने ये मर्डर अपने जीजा और दोस्त की हत्या का बदला लेने के लिए किया है। हरियाणा पुलिस ने भी इस मामले में कोई सक्रियता नहीं दिखाई थी, तो उसे मजबूर होकर उनका मर्डर करना पड़ा। यहां पढ़िए मर्डर केस की जांच में अब तक क्या क्या हुआ… फॉर्च्यूनर से मिली 8 गोलियां हत्या के दो दिन बाद पुलिस फॉर्च्यूनर को सत्यम टोयोटा शोरूम ले गई, जहां जांच के दौरान उन्हें 8 गोलियां और 13 गोलियों के टुकड़े मिले। नई दिल्ली के द्वारका में ‘म्यूजिक कार’ शॉप से खरीदा गया एक जीपीएस ट्रैकर भी वाहन के पिछले हिस्से से जुड़ा हुआ पाया गया। हालांकि डिवाइस का खरीदार अज्ञात है, लेकिन CBI जांच से पता चला है कि कपिल सांगवान ने एसयूवी की लाइव लोकेशन को ट्रैक करने के लिए 8 फरवरी से 3 मार्च के बीच यूके से लॉगिन क्रेडेंशियल संचालित किए थे। सांगवान की चैट सामने आई फरवरी में धर्मेंद्र ने सांगवान के निर्देशानुसार शूटरों के लिए एक आई-20 कार का इंतजाम किया। शूटरों में से एक सचिन, जो तिहाड़ जेल में रहने के दौरान गुलिया से परिचित था, को गुलिया ने 17 फरवरी को फेसबुक मैसेंजर के जरिए सिग्नल ऐप इन्स्टॉल करने का निर्देश दिया था। इसके बाद सांगवान ने 18 फरवरी को सचिन से संपर्क किया और कहा, ‘अमित गुलिया ने तेरा नंबर दिया था। भई एक दुश्मन मारना है। 307 करनी है, बहादुरगढ़ में। चले जइयो।” मर्डर से पहले सांगवान को सेल्फी भेजी सचिन ने इस काम में मदद के लिए आशीष उर्फ बाबा को चुना। 23 फरवरी को वे नांगलोई से बहादुरगढ़ मेट्रो स्टेशन गए, जहां सचिन ने निर्देशानुसार सेल्फी ली और सांगवान को भेज दी। शूटरों के दूसरे समूह नकुल और अतुल को रोहतक से बहादुरगढ़ के लिए कैब लेते समय पकड़ा गया। वे i-20 कार लेकर सचिन और आशीष के साथ हो लिए।अतुल 4 पिस्तौल, 100 राउंड गोलियां और 2 लाख रुपए नकद लेकर आया था। उसने सचिन और आशीष को नफे सिंह की पहचान नहीं बताई। उसने उनके फोन जब्त कर लिए और उन्हें बंद कर दिया। नफे सिंह हत्यारों से कुछ कहना चाहते थे सीबीआई का चार्जशीट में कहना है कि नफे सिंह ने कुछ कहने की कोशिश की, लेकिन लगातार गोलियों की आवाज के कारण वह कुछ नहीं कह पाया। संजीत बचाव में गोली नहीं चला सका। ड्राइवर राकेश ने गुस्से में संजीत से कहा, “चला ले ना। जब मार जाएंगे, तो क्या फायदा?” लेकिन वह इतना डरा हुआ था कि गोली नहीं चला सका और उसके हाथ कांपने लगे। चार्जशीट में सीबीआई का ये कहना है। यहां पढ़िए मर्डर से पहले की STORY मर्डर वाले दिन, हत्यारे नफे सिंह के कार्यालय के बाहर इंतजार कर रहे थे, तभी उन्हें पता चला कि वह करोर गांव में है। उन्होंने वहां उसका पीछा किया, लेकिन हमला करने का मौका नहीं मिला। अगले दिन, उन्होंने बहादुरगढ़ के आरआर फार्म तक उसका पीछा किया और फिर जटवाड़ा मोहल्ला में उसके घर के पास, क्योंकि उन्हें सांगवान से लाइव लोकेशन मिल रही थी। 25 फरवरी को उन्होंने नफे सिंह का बहादुरगढ़ के सेक्टर 7 से लेकर सराय गांव और फिर अशोधा गांव तक पीछा किया। अशोधा में एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद नफे सिंह अपने भतीजे राकेश, गनमैन संजीत और जयकिशन दलाल के साथ बराही के रास्ते बहादुरगढ़ के लिए रवाना हुए। शूटरों ने उनकी गाड़ी का पीछा किया। जैसे ही बराही रेलवे क्रॉसिंग बंद हुई, चारों शूटर अपनी गाड़ी से निकले और नफे सिंह की एसयूवी पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी।