हरियाणा के पलवल के लांसनायक दिनेश अपने बच्चे के दुनिया में आने से 2 महीने पहले ही शहीद हो गए। पेशे से वकील उनकी पत्नी सीमा 7 महीने की गर्भवती हैं। पति की पार्थिव देह गांव पहुंची तो वह एक ही बात कहती रहीं- ’एक बार मेरी उनसे बात करवा दो, उन्होंने फोन करने को कहा था’। हालांकि, उन्हें उनका देवर हरिदत्त दिलासा देता रह गया।
लांसनायक दिनेश भारत की 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एयर स्ट्राइक के बाद 8 मई की सुबह जम्मू कश्मीर के पुंछ में पाकिस्तानी गोलीबारी में शहीद हो गए। गुरुवार (8 मई) को पलवल में उनके पैतृक गांव गुलाबद में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया।
लांसनायक दिनेश के पहले से 2 बच्चे हैं। इनमें 8 साल की बेटी काव्या और 3 साल का बेटा दर्शन है। दिनेश जनवरी महीने में ही घर से 45 दिन छुट्टी काटकर लौटे थे। वह बड़े उत्साहित होकर घर वालों से कह गए थे कि अब मेरी ड्यूटी बॉर्डर पर लगने वाली है। पति की शहादत पर पत्नी ने क्या कहा…
1. आखिरी बार बात न कर पाने का मलाल रहेगा
शहीद लांसनायक की पत्नी सीमा ने कहा- पति से सोमवार रात 9 बजे के करीब बात हुई। उन्होंने कहा था- अभी ड्यूटी पर हूं, रात 12 बजे कॉल करूंगा। फिर फोन नहीं आया। मंगलवार को मैं पूरा दिन कॉल करती रही लेकिन बात नहीं हुई। इसके बाद मैं दवाई लेकर लेट गई। शाम 4 बजे उनकी कॉल आई लेकिन मैं फोन नहीं उठा पाई। फिर बुधवार रात साढ़े 9 बजे कॉल आई कि दिनेश के गर्दन में चोट है। वह ऑपरेशन थिएटर में है। इसके बाद शहादत की खबर आई। अब सारी जिंदगी इस बात का मलाल रहेगा कि मेरी बात नहीं हो पाई। 2. तीन साल बाद रिटायरमेंट लेनी थी
शहीद लांसनायक की पत्नी सीमा ने कहा- लास्ट टाइम छुट्टी काटकर गए, तब कह रहे थे कि मैं तुझे कभी परेशान नहीं करूंगा और न ही दुख दूंगा। 3 साल बाद रिटायरमेंट लेकर आ जाऊंगा। उनका बेटी काव्या को डॉक्टर बनाने का उनका सपना था। इसके लिए सुकन्या योजना में भी पैसा लगा रखा था। लांसनायक की शहादत पर माता-पिता ने क्या कहा मां बोली- मेरी कोख से जन्मा बेटा देश के काम आया
शहीद लांसनायक की मां मारी देवी बेटे की पार्थिव देह को देख बिलख पड़ीं। उन्होंने रोते-रोते जय जवान-जय किसान का नारा लगाया। उन्होंने कहा- मुझे मेरे बेटे की शहादत पर गर्व है। मुझे इस बात का गर्व है कि मेरी कोख से जन्मा बेटा देश के काम आया। पिता बोले- भारत मां की सेवा में 2 और बेटे
शहीद लांसनायक के पिता दयाचंद ने बेटे को मुखाग्नि देकर अंतिम विदाई दी। इसके बाद उन्होंने कहा- मेरा एक बेटा देश के लिए शहीद हुआ है। भारत माता की रक्षा के लिए मेरे 2 और बेटे अभी सेना में हैं। सैनिक भाइयों ने भाई की शहादत पर क्या कहा 1. भाई की शहादत ने मेरा जज्बा और बढ़ाया
फौज में अग्निवीर तैनात शहीद दिनेश के छोटे भाई हरदत्त ने कहा- मुझे गर्व है कि मेरा बड़ा भाई देश के काम आया। मैं भी भाई की प्रेरणा से ही सेना में भर्ती हुआ। चाहे कुछ हो जाए, देश पर किसी भी कीमत पर आंच नहीं आने दूंगा। चाहे मुझे कुछ भी हो जाए लेकिन भाई की तरह ही अंतिम सांस तक देश की सेवा करुंगा। भाई की शहादत ने मेरा जज्बा और बढ़ा दिया है। जब वे छुट्टी पर आते थे तो हमें खूब मोटिवेट करते थे। उन्हीं की प्रेरणा से मैं और दूसरे युवाओं ने सेना जॉइन की। 2. यह मौका किसी-किसी को मिलता है
शहीद के फौज में अग्निवीर भर्ती दूसरे भाई कपिल ने कहा- यह मौका किसी-किसी को मिलता है, आज देश को मेरे भाई पर गर्व है। पूरा देश उन्हें याद कर रहा है। मैंने फौज को भाई की मोटिवेशन से ही जॉइन किया। भाई की तरह ही मैं भी दुश्मन के खिलाफ अंतिम सांस तक लड़ूंगा। 11 साल पहले भर्ती हुए, 5 भाइयों में सबसे बड़े
दिनेश 11 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे। कुछ समय पहले उनकी लांसनायक के पद पर प्रमोशन हुई। इसके बाद उनकी तैनाती जम्मू कश्मीर के पुंछ में हो गई। दिनेश अपने परिवार में पांच भाईयों में सबसे बड़े थे। उनके दो छोटे भाई कपिल व हरदत्त भी अग्निवीर योजना के तहत सेना में भर्ती हुए है। वहीं पुष्पेंद्र पढ़ाई कर रहा है, जबकि विष्णु पिता के साथ खेतीबाड़ी संभालते है। **************** ये खबर भी पढ़ें… पाकिस्तानी गोलीबारी में हरियाणा के लांसनायक शहीद, 2014 से सेना में थे भारत की पाकिस्तान पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एयर स्ट्राइक के बाद जम्मू कश्मीर के पुंछ में पाकिस्तानी गोलीबारी में शहीद हुए हरियाणा के पलवल के लांसनायक काे गुरुवार को अंतिम विदाई दी गई। पलवल जिले में स्थित पैतृक गांव गुलाबद में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।(पूरी खबर पढ़ें) हरियाणा के पलवल के लांसनायक दिनेश अपने बच्चे के दुनिया में आने से 2 महीने पहले ही शहीद हो गए। पेशे से वकील उनकी पत्नी सीमा 7 महीने की गर्भवती हैं। पति की पार्थिव देह गांव पहुंची तो वह एक ही बात कहती रहीं- ’एक बार मेरी उनसे बात करवा दो, उन्होंने फोन करने को कहा था’। हालांकि, उन्हें उनका देवर हरिदत्त दिलासा देता रह गया।
लांसनायक दिनेश भारत की 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एयर स्ट्राइक के बाद 8 मई की सुबह जम्मू कश्मीर के पुंछ में पाकिस्तानी गोलीबारी में शहीद हो गए। गुरुवार (8 मई) को पलवल में उनके पैतृक गांव गुलाबद में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया।
लांसनायक दिनेश के पहले से 2 बच्चे हैं। इनमें 8 साल की बेटी काव्या और 3 साल का बेटा दर्शन है। दिनेश जनवरी महीने में ही घर से 45 दिन छुट्टी काटकर लौटे थे। वह बड़े उत्साहित होकर घर वालों से कह गए थे कि अब मेरी ड्यूटी बॉर्डर पर लगने वाली है। पति की शहादत पर पत्नी ने क्या कहा…
1. आखिरी बार बात न कर पाने का मलाल रहेगा
शहीद लांसनायक की पत्नी सीमा ने कहा- पति से सोमवार रात 9 बजे के करीब बात हुई। उन्होंने कहा था- अभी ड्यूटी पर हूं, रात 12 बजे कॉल करूंगा। फिर फोन नहीं आया। मंगलवार को मैं पूरा दिन कॉल करती रही लेकिन बात नहीं हुई। इसके बाद मैं दवाई लेकर लेट गई। शाम 4 बजे उनकी कॉल आई लेकिन मैं फोन नहीं उठा पाई। फिर बुधवार रात साढ़े 9 बजे कॉल आई कि दिनेश के गर्दन में चोट है। वह ऑपरेशन थिएटर में है। इसके बाद शहादत की खबर आई। अब सारी जिंदगी इस बात का मलाल रहेगा कि मेरी बात नहीं हो पाई। 2. तीन साल बाद रिटायरमेंट लेनी थी
शहीद लांसनायक की पत्नी सीमा ने कहा- लास्ट टाइम छुट्टी काटकर गए, तब कह रहे थे कि मैं तुझे कभी परेशान नहीं करूंगा और न ही दुख दूंगा। 3 साल बाद रिटायरमेंट लेकर आ जाऊंगा। उनका बेटी काव्या को डॉक्टर बनाने का उनका सपना था। इसके लिए सुकन्या योजना में भी पैसा लगा रखा था। लांसनायक की शहादत पर माता-पिता ने क्या कहा मां बोली- मेरी कोख से जन्मा बेटा देश के काम आया
शहीद लांसनायक की मां मारी देवी बेटे की पार्थिव देह को देख बिलख पड़ीं। उन्होंने रोते-रोते जय जवान-जय किसान का नारा लगाया। उन्होंने कहा- मुझे मेरे बेटे की शहादत पर गर्व है। मुझे इस बात का गर्व है कि मेरी कोख से जन्मा बेटा देश के काम आया। पिता बोले- भारत मां की सेवा में 2 और बेटे
शहीद लांसनायक के पिता दयाचंद ने बेटे को मुखाग्नि देकर अंतिम विदाई दी। इसके बाद उन्होंने कहा- मेरा एक बेटा देश के लिए शहीद हुआ है। भारत माता की रक्षा के लिए मेरे 2 और बेटे अभी सेना में हैं। सैनिक भाइयों ने भाई की शहादत पर क्या कहा 1. भाई की शहादत ने मेरा जज्बा और बढ़ाया
फौज में अग्निवीर तैनात शहीद दिनेश के छोटे भाई हरदत्त ने कहा- मुझे गर्व है कि मेरा बड़ा भाई देश के काम आया। मैं भी भाई की प्रेरणा से ही सेना में भर्ती हुआ। चाहे कुछ हो जाए, देश पर किसी भी कीमत पर आंच नहीं आने दूंगा। चाहे मुझे कुछ भी हो जाए लेकिन भाई की तरह ही अंतिम सांस तक देश की सेवा करुंगा। भाई की शहादत ने मेरा जज्बा और बढ़ा दिया है। जब वे छुट्टी पर आते थे तो हमें खूब मोटिवेट करते थे। उन्हीं की प्रेरणा से मैं और दूसरे युवाओं ने सेना जॉइन की। 2. यह मौका किसी-किसी को मिलता है
शहीद के फौज में अग्निवीर भर्ती दूसरे भाई कपिल ने कहा- यह मौका किसी-किसी को मिलता है, आज देश को मेरे भाई पर गर्व है। पूरा देश उन्हें याद कर रहा है। मैंने फौज को भाई की मोटिवेशन से ही जॉइन किया। भाई की तरह ही मैं भी दुश्मन के खिलाफ अंतिम सांस तक लड़ूंगा। 11 साल पहले भर्ती हुए, 5 भाइयों में सबसे बड़े
दिनेश 11 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे। कुछ समय पहले उनकी लांसनायक के पद पर प्रमोशन हुई। इसके बाद उनकी तैनाती जम्मू कश्मीर के पुंछ में हो गई। दिनेश अपने परिवार में पांच भाईयों में सबसे बड़े थे। उनके दो छोटे भाई कपिल व हरदत्त भी अग्निवीर योजना के तहत सेना में भर्ती हुए है। वहीं पुष्पेंद्र पढ़ाई कर रहा है, जबकि विष्णु पिता के साथ खेतीबाड़ी संभालते है। **************** ये खबर भी पढ़ें… पाकिस्तानी गोलीबारी में हरियाणा के लांसनायक शहीद, 2014 से सेना में थे भारत की पाकिस्तान पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एयर स्ट्राइक के बाद जम्मू कश्मीर के पुंछ में पाकिस्तानी गोलीबारी में शहीद हुए हरियाणा के पलवल के लांसनायक काे गुरुवार को अंतिम विदाई दी गई। पलवल जिले में स्थित पैतृक गांव गुलाबद में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।(पूरी खबर पढ़ें) हरियाणा | दैनिक भास्कर
