कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका क्यों खास:महिलाओं को इस दिन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा, सेना में जाने के क्या रास्ते?

कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका क्यों खास:महिलाओं को इस दिन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा, सेना में जाने के क्या रास्ते?

भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के बाद दो नाम, जो पूरे देश की जुबान पर है, वह हैं- कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह। कर्नल सोफिया जहां कुछ समय तक झांसी में मेजर पद पर तैनात रहीं। वहीं, व्योमिका सिंह लखनऊ से हैं। 7 मई को यूपी से जुड़ी ये दो महिला अफसर ने ऑपरेशन सिंदूर की मीडिया ब्रीफिंग के लिए देश के सामने आईं। इन्हें भारत के बदलते परिदृश्य की प्रतिनिधि के तौर पर भी देखा गया। दोनों महिला अफसर भारतीय सैन्य बलों में महिलाओं के शामिल किए जाने की चर्चा की वजह भी बन गई हैं। भारतीय सैन्य बल को महिलाएं कैसे जॉइन कर सकती हैं? सैन्य बलों में उनके लिए क्या मौके हैं? इसकी शुरुआत कब हुई? भास्कर एक्सप्लेनर में जानिए- सवाल 1- महिलाओं के भारतीय सेना में जाने के कौन से रास्ते हैं? जवाब- महिलाएं सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन से लेकर नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) से सेना में शामिल हो सकती हैं। महिलाओं के सेना में जाने के ये विकल्प हैं- सवाल 2- भारतीय सैन्य बलों में महिलाओं की भर्ती कब से शुरू हुई? जवाब- आजाद भारत में हमेशा से ऐसा नहीं रहा कि महिलाओं की सेना में भर्ती की जाती रही हो। वो चाहे अफसर पद हो या सैनिक। पहली बार इसकी शुरुआत 1992 में हुई। तब पहली बार आर्मी, नेवी और एयरफोर्स तीनों में महिलाओं को SSC के जरिए अधिकारी के रूप में शामिल करने का फैसला किया गया। लेकिन, महिलाओं के लिए सेना में जाने के इस रास्ते में एक पेंच था। महिलाओं को सिर्फ शॉर्ट सर्विस कमीशन दिया गया। यानी वो सामान्य रूप से सेना में पुरुषों की तरह 16 से 18 साल के अनुभव के बाद परमानेंट कमीशन के लिए अप्लाई नहीं कर सकती थीं। सवाल 3- सेना में महिलाओं को परमानेंट कमीशन देने की शुरुआत कब हुई? जवाब- महिलाओं को सेना में परमानेंट कमीशन यानी स्थायी करने को लेकर एक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद साल- 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने महिला अधिकारियों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उनको परमानेंट कमीशन देने का फैसला दिया। हालांकि, इससे पहले साल- 2019 में सेना ने SSC महिला अफसरों को सर्विस के 14 साल पूरे होने के बाद परमानेंट कमीशन के लिए अप्लाई करने का नियम बना दिया था। लेकिन, यहां एक पेंच था। सेना ने यह नियम सिर्फ उन महिला अफसरों पर लागू बताया, जो 2020 के बाद सेना में अपने करियर की शुरुआत कर रही थीं। साल- 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने इस शर्त को हटाते हुए 1992 और उसके बाद सेना जॉइन कर चुकी सभी महिला अफसरों को परमानेंट कमीशन के लिए अप्लाई करने के योग्य बताया था। यह फैसला 17 सालों की लंबी कानूनी लड़ाई का नतीजा था। सवाल 4- महिलाओं के परमानेंट कमीशन की मांग सबसे पहली कब उठी? जवाब- साल 2003 में 1992 बैच की महिला अफसरों ने परमानेंट कमीशन की मांग को लेकर पहली बार याचिका डाली थी। साल- 2008 में महिला अधिकारियों ने एक बार फिर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका डाली। कोर्ट ने महिला अधिकारियों के पक्ष में फैसला भी दे दिया। लेकिन, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती दे दी। इस मामले में ही 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने महिला अधिकारियों के परमानेंट कमीशन देने के पक्ष में फैसला दिया था। सवाल 5- महिलाओं को परमानेंट कमीशन में किन विभागों में नियुक्त किया जाता है? जवाब- सेना में महिला अफसरों की परमानेंट कमिशन के लिए 23 नवंबर, 2021 को एक जेंडर न्यूट्रल करियर प्रोग्रेशन पॉलिसी बनाई थी। इसके जरिए महिलाओं को आर्मी मेडिकल कोर, आर्मी डेंटल कोर और मिलिटरी नर्सिंग सेवाओं के 11 ऑर्म्ड एंड सर्विसेज में महिला अफसरों को परमानेंट कमिशन दिया जाता है। इसमें आर्मी सर्विस कोर, आर्मी ऑर्डिनेंस कोर, आर्मी एजुकेशन कोर, जज एडवोकेट जनरल ब्रांच, इंजीनियर कोर, सिग्नल कोर, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकनिकल कोर, इंटेलिजेंस कोर, आर्मी एयर डिफेंस आर्मी एविएशन, री-माउंट एंड वेटनरी कोर जैसे क्षेत्र शामिल हैं। सवाल 6- भारतीय सेना में फिलहाल कितनी महिलाएं हैं? जवाब- 17 मार्च, 2023 को मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस के एक प्रेस नोट के मुताबिक, भारतीय सेना में कुल 7,092 महिलाएं तैनात हैं। इसमें से 6,993 महिला अफसरों की तैनाती आर्मी मेडिकल कोर, आर्मी डेंटल कोर और मिलिट्री नर्सिंग सर्विस के साथ ऑफिसर के पदों पर है। 100 महिला अफसरों की तैनाती अदर रैंक कैटेगरी में है। सवाल 7- भारतीय सेना में महिलाओं को क्या सुविधाएं मिलती हैं? जवाब- आज के समय में भारतीय सेना में महिलाओं को भी पुरुषों की ही तरह सारी सुविधाएं मिलती हैं। महिला अफसरों को भी अब 14 साल की सर्विस के बाद परमानेंट कमीशन दिया जाता है। सैलरी से लेकर पेंशन और अन्य सुविधाओं के साथ महिलाओं को मैटरनिटी लीव और चाइल्ड केयर लीव जैसी सुविधाएं दी जाती हैं। हालांकि, महिलाओं की अब भी सेना में जवान के रूप में भर्ती नहीं होती। सिर्फ अग्निवीर के तहत भर्ती महिलाओं की नियुक्ति सेना पुलिस में जवान के रूप में होती है। सवाल 8- कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह क्यों खास हैं? जवाब- कर्नल सोफिया आर्मी कम्‍युनिकेशन एक्‍सपर्ट हैं और सिग्नल कोर में सर्विस देती हैं। वहीं, विंग कमांडर व्‍योमिका स्‍पेशलिस्‍ट हेलिकॉप्टर पायलट हैं। कर्नल सोफिया पहली भारतीय महिला हैं, जिन्होंने मल्टीनेशनल मिलिट्री एक्सरसाइज का नेतृत्व किया था। वह कई साल तक यूनाइटेड नेशंस की पीस-मेकिंग एक्सरसाइज का हिस्सा रही हैं। वहीं, विंग कमांडर व्योमिका सिंह चुनौतीपूर्ण इलाकों में चेतक और चीता जैसे स्‍पेशलाइज्ड हेलिकॉप्‍टर ऑपरेट करती हैं। वो सशस्त्र बलों में शामिल होने वाली पहली महिला हैं और पिछले 21 साल से एयरफोर्स में सेवाएं दे रही हैं। ————————— यह खबर भी पढ़ें… कर्नल सोफिया की भतीजी बोलीं- हर मुसलमान गलत नहीं, ऑपरेशन सिंदूर से चर्चा में आईं, झांसी में पढ़ीं, यहीं मेजर बनीं दैनिक भास्कर टीम झांसी के नौगांव में स्थित सोफिया के ताऊ के घर पहुंची। जोया के चचेरे भाई-बहन और चाचा से बात की। चचेरी बहन शबाना ने बताया- सोफिया जुड़वां बहनें हैं। उनकी बहन शाइना कुरैशी मिस इंडिया अर्थ-2017 रही हैं। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के बाद दो नाम, जो पूरे देश की जुबान पर है, वह हैं- कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह। कर्नल सोफिया जहां कुछ समय तक झांसी में मेजर पद पर तैनात रहीं। वहीं, व्योमिका सिंह लखनऊ से हैं। 7 मई को यूपी से जुड़ी ये दो महिला अफसर ने ऑपरेशन सिंदूर की मीडिया ब्रीफिंग के लिए देश के सामने आईं। इन्हें भारत के बदलते परिदृश्य की प्रतिनिधि के तौर पर भी देखा गया। दोनों महिला अफसर भारतीय सैन्य बलों में महिलाओं के शामिल किए जाने की चर्चा की वजह भी बन गई हैं। भारतीय सैन्य बल को महिलाएं कैसे जॉइन कर सकती हैं? सैन्य बलों में उनके लिए क्या मौके हैं? इसकी शुरुआत कब हुई? भास्कर एक्सप्लेनर में जानिए- सवाल 1- महिलाओं के भारतीय सेना में जाने के कौन से रास्ते हैं? जवाब- महिलाएं सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन से लेकर नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) से सेना में शामिल हो सकती हैं। महिलाओं के सेना में जाने के ये विकल्प हैं- सवाल 2- भारतीय सैन्य बलों में महिलाओं की भर्ती कब से शुरू हुई? जवाब- आजाद भारत में हमेशा से ऐसा नहीं रहा कि महिलाओं की सेना में भर्ती की जाती रही हो। वो चाहे अफसर पद हो या सैनिक। पहली बार इसकी शुरुआत 1992 में हुई। तब पहली बार आर्मी, नेवी और एयरफोर्स तीनों में महिलाओं को SSC के जरिए अधिकारी के रूप में शामिल करने का फैसला किया गया। लेकिन, महिलाओं के लिए सेना में जाने के इस रास्ते में एक पेंच था। महिलाओं को सिर्फ शॉर्ट सर्विस कमीशन दिया गया। यानी वो सामान्य रूप से सेना में पुरुषों की तरह 16 से 18 साल के अनुभव के बाद परमानेंट कमीशन के लिए अप्लाई नहीं कर सकती थीं। सवाल 3- सेना में महिलाओं को परमानेंट कमीशन देने की शुरुआत कब हुई? जवाब- महिलाओं को सेना में परमानेंट कमीशन यानी स्थायी करने को लेकर एक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद साल- 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने महिला अधिकारियों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उनको परमानेंट कमीशन देने का फैसला दिया। हालांकि, इससे पहले साल- 2019 में सेना ने SSC महिला अफसरों को सर्विस के 14 साल पूरे होने के बाद परमानेंट कमीशन के लिए अप्लाई करने का नियम बना दिया था। लेकिन, यहां एक पेंच था। सेना ने यह नियम सिर्फ उन महिला अफसरों पर लागू बताया, जो 2020 के बाद सेना में अपने करियर की शुरुआत कर रही थीं। साल- 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने इस शर्त को हटाते हुए 1992 और उसके बाद सेना जॉइन कर चुकी सभी महिला अफसरों को परमानेंट कमीशन के लिए अप्लाई करने के योग्य बताया था। यह फैसला 17 सालों की लंबी कानूनी लड़ाई का नतीजा था। सवाल 4- महिलाओं के परमानेंट कमीशन की मांग सबसे पहली कब उठी? जवाब- साल 2003 में 1992 बैच की महिला अफसरों ने परमानेंट कमीशन की मांग को लेकर पहली बार याचिका डाली थी। साल- 2008 में महिला अधिकारियों ने एक बार फिर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका डाली। कोर्ट ने महिला अधिकारियों के पक्ष में फैसला भी दे दिया। लेकिन, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती दे दी। इस मामले में ही 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने महिला अधिकारियों के परमानेंट कमीशन देने के पक्ष में फैसला दिया था। सवाल 5- महिलाओं को परमानेंट कमीशन में किन विभागों में नियुक्त किया जाता है? जवाब- सेना में महिला अफसरों की परमानेंट कमिशन के लिए 23 नवंबर, 2021 को एक जेंडर न्यूट्रल करियर प्रोग्रेशन पॉलिसी बनाई थी। इसके जरिए महिलाओं को आर्मी मेडिकल कोर, आर्मी डेंटल कोर और मिलिटरी नर्सिंग सेवाओं के 11 ऑर्म्ड एंड सर्विसेज में महिला अफसरों को परमानेंट कमिशन दिया जाता है। इसमें आर्मी सर्विस कोर, आर्मी ऑर्डिनेंस कोर, आर्मी एजुकेशन कोर, जज एडवोकेट जनरल ब्रांच, इंजीनियर कोर, सिग्नल कोर, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकनिकल कोर, इंटेलिजेंस कोर, आर्मी एयर डिफेंस आर्मी एविएशन, री-माउंट एंड वेटनरी कोर जैसे क्षेत्र शामिल हैं। सवाल 6- भारतीय सेना में फिलहाल कितनी महिलाएं हैं? जवाब- 17 मार्च, 2023 को मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस के एक प्रेस नोट के मुताबिक, भारतीय सेना में कुल 7,092 महिलाएं तैनात हैं। इसमें से 6,993 महिला अफसरों की तैनाती आर्मी मेडिकल कोर, आर्मी डेंटल कोर और मिलिट्री नर्सिंग सर्विस के साथ ऑफिसर के पदों पर है। 100 महिला अफसरों की तैनाती अदर रैंक कैटेगरी में है। सवाल 7- भारतीय सेना में महिलाओं को क्या सुविधाएं मिलती हैं? जवाब- आज के समय में भारतीय सेना में महिलाओं को भी पुरुषों की ही तरह सारी सुविधाएं मिलती हैं। महिला अफसरों को भी अब 14 साल की सर्विस के बाद परमानेंट कमीशन दिया जाता है। सैलरी से लेकर पेंशन और अन्य सुविधाओं के साथ महिलाओं को मैटरनिटी लीव और चाइल्ड केयर लीव जैसी सुविधाएं दी जाती हैं। हालांकि, महिलाओं की अब भी सेना में जवान के रूप में भर्ती नहीं होती। सिर्फ अग्निवीर के तहत भर्ती महिलाओं की नियुक्ति सेना पुलिस में जवान के रूप में होती है। सवाल 8- कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह क्यों खास हैं? जवाब- कर्नल सोफिया आर्मी कम्‍युनिकेशन एक्‍सपर्ट हैं और सिग्नल कोर में सर्विस देती हैं। वहीं, विंग कमांडर व्‍योमिका स्‍पेशलिस्‍ट हेलिकॉप्टर पायलट हैं। कर्नल सोफिया पहली भारतीय महिला हैं, जिन्होंने मल्टीनेशनल मिलिट्री एक्सरसाइज का नेतृत्व किया था। वह कई साल तक यूनाइटेड नेशंस की पीस-मेकिंग एक्सरसाइज का हिस्सा रही हैं। वहीं, विंग कमांडर व्योमिका सिंह चुनौतीपूर्ण इलाकों में चेतक और चीता जैसे स्‍पेशलाइज्ड हेलिकॉप्‍टर ऑपरेट करती हैं। वो सशस्त्र बलों में शामिल होने वाली पहली महिला हैं और पिछले 21 साल से एयरफोर्स में सेवाएं दे रही हैं। ————————— यह खबर भी पढ़ें… कर्नल सोफिया की भतीजी बोलीं- हर मुसलमान गलत नहीं, ऑपरेशन सिंदूर से चर्चा में आईं, झांसी में पढ़ीं, यहीं मेजर बनीं दैनिक भास्कर टीम झांसी के नौगांव में स्थित सोफिया के ताऊ के घर पहुंची। जोया के चचेरे भाई-बहन और चाचा से बात की। चचेरी बहन शबाना ने बताया- सोफिया जुड़वां बहनें हैं। उनकी बहन शाइना कुरैशी मिस इंडिया अर्थ-2017 रही हैं। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर