कांगड़ा में धर्मशाला स्थित राज्य युद्ध स्मारक की पार्किंग भूमि के उपयोग को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। जिला प्रशासन ने स्मारक की करीब 325 वर्ग गज भूमि परिवहन विभाग को हस्तांतरित कर दी है। इस जगह पर रिलायंस जियो ईवी चार्जिंग स्टेशन बनाना चाहती है। हिमाचल प्रदेश राज्य युद्ध स्मारक विकास सोसाइटी के अध्यक्ष कर्नल केके डढवाल (सेवानिवृत्त) ने इस फैसले का विरोध किया है। उनका कहना है कि स्मारक की संपत्ति का नियंत्रण पूरी तरह से स्मारक विकास सोसाइटी के पास होना चाहिए। शहीद हुए सैनिकों को समर्पित स्मारक यह स्मारक 1947-48, 1962, 1965, 1971 और 1999 की लड़ाइयों में शहीद हुए सैनिकों को समर्पित है। स्मारक की तीन दीवारों पर काले संगमरमर पर शहीदों के नाम अंकित हैं। इसकी आधारशिला 24 फरवरी 1972 को तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. वाईएस परमार ने रखी थी। 28 सितंबर, 1977 को मुख्यमंत्री शांता कुमार ने इसे जनता को समर्पित किया था। स्थानीय नागरिकों ने भी इस प्रस्ताव का विरोध किया है। उनका कहना है कि यह स्थल शहीदों की स्मृति से जुड़ा है। इस जगह का व्यवसायिक उपयोग शहीदों के सम्मान के खिलाफ होगा। स्थानीय लोगों और दिग्गजों की चिंता सेना के कई पूर्व अधिकारियों जैसे कर्नल करतार सिंह (सेवानिवृत्त) और जेडब्ल्यूओ केसी ठाकुर ने भी इस परियोजना का विरोध किया है। उन्होंने बताया कि हाल ही में रिलायंस जियो और परिवहन विभाग के अधिकारी चार्जिंग स्टेशन के निर्माण हेतु स्थल निरीक्षण के लिए आए थे, लेकिन स्थानीय लोगों और पूर्व सैनिकों के विरोध के कारण उन्हें लौटना पड़ा। उनका कहना है कि हम किसी भी सूरत में युद्ध स्मारक परिसर में निजी कंपनी को ईवी चार्जिंग स्टेशन बनाने की अनुमति नहीं देंगे। यह शहीदों के सम्मान के साथ किया गया सीधा अनादर है। भूमि का अधिग्रहण दो वर्ष पहले हुआ था धर्मशाला के जिला मजिस्ट्रेट हेमराज बैरवा ने स्पष्ट किया कि भूमि का अधिग्रहण दो वर्ष पहले हुआ था और इसे परिवहन विभाग को सौंप दिया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि सैनिकों की आपत्तियों को गंभीरता से लिया जा रहा है और एक संतुलित समाधान तलाशा जा रहा है। हम रिलायंस कंपनी से आग्रह करेंगे कि वे पार्किंग क्षेत्र में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न करें। हम ऐसी योजना पर विचार कर रहे हैं। कांगड़ा में धर्मशाला स्थित राज्य युद्ध स्मारक की पार्किंग भूमि के उपयोग को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। जिला प्रशासन ने स्मारक की करीब 325 वर्ग गज भूमि परिवहन विभाग को हस्तांतरित कर दी है। इस जगह पर रिलायंस जियो ईवी चार्जिंग स्टेशन बनाना चाहती है। हिमाचल प्रदेश राज्य युद्ध स्मारक विकास सोसाइटी के अध्यक्ष कर्नल केके डढवाल (सेवानिवृत्त) ने इस फैसले का विरोध किया है। उनका कहना है कि स्मारक की संपत्ति का नियंत्रण पूरी तरह से स्मारक विकास सोसाइटी के पास होना चाहिए। शहीद हुए सैनिकों को समर्पित स्मारक यह स्मारक 1947-48, 1962, 1965, 1971 और 1999 की लड़ाइयों में शहीद हुए सैनिकों को समर्पित है। स्मारक की तीन दीवारों पर काले संगमरमर पर शहीदों के नाम अंकित हैं। इसकी आधारशिला 24 फरवरी 1972 को तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. वाईएस परमार ने रखी थी। 28 सितंबर, 1977 को मुख्यमंत्री शांता कुमार ने इसे जनता को समर्पित किया था। स्थानीय नागरिकों ने भी इस प्रस्ताव का विरोध किया है। उनका कहना है कि यह स्थल शहीदों की स्मृति से जुड़ा है। इस जगह का व्यवसायिक उपयोग शहीदों के सम्मान के खिलाफ होगा। स्थानीय लोगों और दिग्गजों की चिंता सेना के कई पूर्व अधिकारियों जैसे कर्नल करतार सिंह (सेवानिवृत्त) और जेडब्ल्यूओ केसी ठाकुर ने भी इस परियोजना का विरोध किया है। उन्होंने बताया कि हाल ही में रिलायंस जियो और परिवहन विभाग के अधिकारी चार्जिंग स्टेशन के निर्माण हेतु स्थल निरीक्षण के लिए आए थे, लेकिन स्थानीय लोगों और पूर्व सैनिकों के विरोध के कारण उन्हें लौटना पड़ा। उनका कहना है कि हम किसी भी सूरत में युद्ध स्मारक परिसर में निजी कंपनी को ईवी चार्जिंग स्टेशन बनाने की अनुमति नहीं देंगे। यह शहीदों के सम्मान के साथ किया गया सीधा अनादर है। भूमि का अधिग्रहण दो वर्ष पहले हुआ था धर्मशाला के जिला मजिस्ट्रेट हेमराज बैरवा ने स्पष्ट किया कि भूमि का अधिग्रहण दो वर्ष पहले हुआ था और इसे परिवहन विभाग को सौंप दिया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि सैनिकों की आपत्तियों को गंभीरता से लिया जा रहा है और एक संतुलित समाधान तलाशा जा रहा है। हम रिलायंस कंपनी से आग्रह करेंगे कि वे पार्किंग क्षेत्र में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न करें। हम ऐसी योजना पर विचार कर रहे हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
