हरियाणा कांग्रेस विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के नाम को लेकर गंभीर नहीं है। यही वजह है कि सरकार के द्वारा दो सप्ताह पहले लेटर लिखकर नाम मांगे जाने के बाद भी अभी तक पार्टी की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। अब सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है, सरकार अब हरियाणा कांग्रेस को टाइम वाउंड रिमाइंडर भेजने जा रही है। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि सोमवार को कांग्रेस को इस आशय का एक रिमाइंडर भेजा जाए। अधिकारियों का कहना है कि यदि इसके बाद भी कोई जवाब पार्टी की ओर से नहीं आता है तो वह कानूनी सलाह लेकर काम करेगी। यहां पढ़िए क्यों CLP लीडर के नाम को लेकर परेशान हैं BJP सरकार 1. मुख्य सूचना आयुक्त सहित 7 राज्य सूचना आयुक्त की नियुक्तियां लटकी हरियाणा के मुख्य सचिव ने कांग्रेस को 1 मई को प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को लेटर लिखकर कहा था कि सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्त के 7 पद खाली हैं। नेता प्रतिपक्ष नहीं होने के कारण ये नियुक्तियां लटकी हैं। 2. 10 RTI के जवाब लटके मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्त की नियुक्तियां नहीं होने के कारण मुख्यालय में आरटीई के जवाब नहीं दिए जा पा रहे हैं। इसके कारण लगाई गईं 10 हजार के करीब RTI के जवाब पेंडिंग हैं। इन नियुक्तियों के लिए सदन में नेता प्रतिपक्ष का होना आवश्यक है। 3. 37 कांग्रेसी विधायकों में से एक नाम सरकार ने मांगा मुख्य सचिव की ओर से लेटर में नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कांग्रेस पार्टी के 37 विधायकों में से एक प्रतिनिधि के रूप में नामित कर सरकार को सूचित करने का आग्रह किया गया है। सीएम ऑफिस से मेल के जरिए और व्यक्तिगत रूप से भी ये सूचना कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को दी गई है। 4. इसलिए सरकार CLP लीडर के नाम के लिए परेशान पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के वकील हेमंत कुमार बताते हैं कि RTI एक्ट- 2005 की धारा 15 (3) में यह व्यवस्था की गई है कि राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त की नियुक्ति मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बनी तीन मेंबरी कमेटी ही करेगी। इस कमेटी में CM और एक मंत्री के अलावा नेता प्रतिपक्ष होना जरूरी है। यह व्यवस्था इसलिए की गई ताकि संवैधानिक पदों पर नियुक्ति में विश्वसनीयता बनी रहे। क्यों कांग्रेस नहीं घोषित कर पा रही CLP लीडर का नाम…इसकी ये हैं वजहें 1. गुटबाजी के कारण नहीं बन पा रही सहमति हरियाणा कांग्रेस में अभी दो गुट हावी हैं। पहला गुट पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का है, दूसरा गुट कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला है। हालांकि हुड्डा गुट के समर्थक सभी विधायक पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सीएलपी लीडर बनाए जाने की वकालत कर रहा है। वहीं सैलजा-सुरजेवाला गुट अपने समर्थक विधायकों को विधानसभा में ये जिम्मेदारी देना चाहते हैं। दोनों गुट के नेता केंद्रीय नेतृत्व के पास इसका फीडबैक दे चुके हैं। अब पार्टी के सीनियर नेता प्रदेश के नेताओं की गुटबाजी के कारण नाम ऐलान में देरी कर रहे हैं। 2. हरियाणा में 10 साल से नहीं कांग्रेस का संगठन हरियाणा में करीब 10 साल से कांग्रेस का संगठन नहीं बना है। कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने पार्टी को चेताया भी था कि लंबे समय तक संगठन न होना कांग्रेस के लिए खतरनाक है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी इसका नुकसान हुआ।10 साल के दौरान कांग्रेस के 2 अध्यक्ष इस्तीफा दे चुके हैं। विधानसभा चुनाव में हार के बाद लगातार संगठन बनाने की बात उठी मगर कोई काम इस पर नहीं हुआ। नतीजा यह हुआ कि निकाय चुनाव में भी कांग्रेस बुरी तरह हार गई। एक पोस्ट के लिए तीन गुना नाम शॉर्टलिस्ट राज्य सूचना आयोग में नियुक्तियों को लेकर हाल ही में हुई स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग में नामों को स्कैन करके एक पोस्ट के लिए तीन गुना नामों को शॉर्टलिस्ट किया गया है। इन नामों को सीलबंद लिफाफे में रख दिया गया है। अब कांग्रेस की ओर से जब प्रतिनिधि का नाम दे दिया जाएगा तब सर्च कमेटी की मीटिंग बुलाई जाएगी, जिसमें सभी नियुक्तियों को लेकर नामों पर चर्चा के बाद मुहर लगा दी जाएगी। 345 आवेदन आए थे हरियाणा सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त सहित 8 राज्य सूचना आयुक्त पदों के लिए कुल 345 आवेदन सरकार के पास आए थे। आवेदन करने वाले में सेवानिवृत्त आईएएस-आईपीएस व एचसीएस ही नहीं बल्कि सेवारत अधिकारी भी शामिल हैं।मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों का कार्यकाल तीन वर्षों के लिए रहेगा। बाद में इसे तीन और वर्षों के लिए बढ़ाया भी जा सकता है। यूपीए सरकार जब सूचना का अधिकार अधिनियम लेकर आई थी तो यह कार्यकाल पांच वर्षों के लिए होता था। 14 अधिकारियों ने भी किया आवेदन सूत्रों का कहना है कि मुख्य सूचना आयुक्त व सूचना आयुक्त पद के लिए 14 सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों ने आवेदन किया है। मुख्य सचिव पद से रिटायर हुए डॉ़ टीवीएसएन प्रसाद ने मुख्य सूचना आयुक्त पद के लिए आवेदन किया है।वहीं आयोग में बतौर सूचना आयुक्त कार्यरत प्रदीप शेखावत ने भी मुख्य सूचना आयुक्त पद के लिए आवेदन किया है। प्रदीप शेखावत का कार्यकाल भी पूरा हो चुका है। हरियाणा कांग्रेस विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के नाम को लेकर गंभीर नहीं है। यही वजह है कि सरकार के द्वारा दो सप्ताह पहले लेटर लिखकर नाम मांगे जाने के बाद भी अभी तक पार्टी की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। अब सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है, सरकार अब हरियाणा कांग्रेस को टाइम वाउंड रिमाइंडर भेजने जा रही है। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि सोमवार को कांग्रेस को इस आशय का एक रिमाइंडर भेजा जाए। अधिकारियों का कहना है कि यदि इसके बाद भी कोई जवाब पार्टी की ओर से नहीं आता है तो वह कानूनी सलाह लेकर काम करेगी। यहां पढ़िए क्यों CLP लीडर के नाम को लेकर परेशान हैं BJP सरकार 1. मुख्य सूचना आयुक्त सहित 7 राज्य सूचना आयुक्त की नियुक्तियां लटकी हरियाणा के मुख्य सचिव ने कांग्रेस को 1 मई को प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को लेटर लिखकर कहा था कि सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्त के 7 पद खाली हैं। नेता प्रतिपक्ष नहीं होने के कारण ये नियुक्तियां लटकी हैं। 2. 10 RTI के जवाब लटके मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्त की नियुक्तियां नहीं होने के कारण मुख्यालय में आरटीई के जवाब नहीं दिए जा पा रहे हैं। इसके कारण लगाई गईं 10 हजार के करीब RTI के जवाब पेंडिंग हैं। इन नियुक्तियों के लिए सदन में नेता प्रतिपक्ष का होना आवश्यक है। 3. 37 कांग्रेसी विधायकों में से एक नाम सरकार ने मांगा मुख्य सचिव की ओर से लेटर में नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कांग्रेस पार्टी के 37 विधायकों में से एक प्रतिनिधि के रूप में नामित कर सरकार को सूचित करने का आग्रह किया गया है। सीएम ऑफिस से मेल के जरिए और व्यक्तिगत रूप से भी ये सूचना कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को दी गई है। 4. इसलिए सरकार CLP लीडर के नाम के लिए परेशान पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के वकील हेमंत कुमार बताते हैं कि RTI एक्ट- 2005 की धारा 15 (3) में यह व्यवस्था की गई है कि राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त की नियुक्ति मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बनी तीन मेंबरी कमेटी ही करेगी। इस कमेटी में CM और एक मंत्री के अलावा नेता प्रतिपक्ष होना जरूरी है। यह व्यवस्था इसलिए की गई ताकि संवैधानिक पदों पर नियुक्ति में विश्वसनीयता बनी रहे। क्यों कांग्रेस नहीं घोषित कर पा रही CLP लीडर का नाम…इसकी ये हैं वजहें 1. गुटबाजी के कारण नहीं बन पा रही सहमति हरियाणा कांग्रेस में अभी दो गुट हावी हैं। पहला गुट पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का है, दूसरा गुट कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला है। हालांकि हुड्डा गुट के समर्थक सभी विधायक पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सीएलपी लीडर बनाए जाने की वकालत कर रहा है। वहीं सैलजा-सुरजेवाला गुट अपने समर्थक विधायकों को विधानसभा में ये जिम्मेदारी देना चाहते हैं। दोनों गुट के नेता केंद्रीय नेतृत्व के पास इसका फीडबैक दे चुके हैं। अब पार्टी के सीनियर नेता प्रदेश के नेताओं की गुटबाजी के कारण नाम ऐलान में देरी कर रहे हैं। 2. हरियाणा में 10 साल से नहीं कांग्रेस का संगठन हरियाणा में करीब 10 साल से कांग्रेस का संगठन नहीं बना है। कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने पार्टी को चेताया भी था कि लंबे समय तक संगठन न होना कांग्रेस के लिए खतरनाक है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी इसका नुकसान हुआ।10 साल के दौरान कांग्रेस के 2 अध्यक्ष इस्तीफा दे चुके हैं। विधानसभा चुनाव में हार के बाद लगातार संगठन बनाने की बात उठी मगर कोई काम इस पर नहीं हुआ। नतीजा यह हुआ कि निकाय चुनाव में भी कांग्रेस बुरी तरह हार गई। एक पोस्ट के लिए तीन गुना नाम शॉर्टलिस्ट राज्य सूचना आयोग में नियुक्तियों को लेकर हाल ही में हुई स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग में नामों को स्कैन करके एक पोस्ट के लिए तीन गुना नामों को शॉर्टलिस्ट किया गया है। इन नामों को सीलबंद लिफाफे में रख दिया गया है। अब कांग्रेस की ओर से जब प्रतिनिधि का नाम दे दिया जाएगा तब सर्च कमेटी की मीटिंग बुलाई जाएगी, जिसमें सभी नियुक्तियों को लेकर नामों पर चर्चा के बाद मुहर लगा दी जाएगी। 345 आवेदन आए थे हरियाणा सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त सहित 8 राज्य सूचना आयुक्त पदों के लिए कुल 345 आवेदन सरकार के पास आए थे। आवेदन करने वाले में सेवानिवृत्त आईएएस-आईपीएस व एचसीएस ही नहीं बल्कि सेवारत अधिकारी भी शामिल हैं।मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों का कार्यकाल तीन वर्षों के लिए रहेगा। बाद में इसे तीन और वर्षों के लिए बढ़ाया भी जा सकता है। यूपीए सरकार जब सूचना का अधिकार अधिनियम लेकर आई थी तो यह कार्यकाल पांच वर्षों के लिए होता था। 14 अधिकारियों ने भी किया आवेदन सूत्रों का कहना है कि मुख्य सूचना आयुक्त व सूचना आयुक्त पद के लिए 14 सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों ने आवेदन किया है। मुख्य सचिव पद से रिटायर हुए डॉ़ टीवीएसएन प्रसाद ने मुख्य सूचना आयुक्त पद के लिए आवेदन किया है।वहीं आयोग में बतौर सूचना आयुक्त कार्यरत प्रदीप शेखावत ने भी मुख्य सूचना आयुक्त पद के लिए आवेदन किया है। प्रदीप शेखावत का कार्यकाल भी पूरा हो चुका है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
