करनाल में कंपनी ने किया करोड़ों का फ्रॉड:45 लाख लोगों का पैसा फंसा, सॉफ्टवेयर अपडेट के नाम पर टालमटोल, इंवेस्टरों ने किया हंगामा

करनाल में कंपनी ने किया करोड़ों का फ्रॉड:45 लाख लोगों का पैसा फंसा, सॉफ्टवेयर अपडेट के नाम पर टालमटोल, इंवेस्टरों ने किया हंगामा

हरियाणा के करनाल में एक कंपनी पर FD और RD के नाम पर करोड़ों रुपए के फ्रॉड का आरोप लगा है। निवेशकों और एजेंटों ने एसपी ऑफिस पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई। पीड़ितों का कहना है कि मेच्योरिटी पूरी होने के बावजूद उन्हें पैसे नहीं मिल रहे। जब भी कंपनी के ब्रांच ऑफिस जाते हैं, तो वहां सिर्फ सॉफ्टवेयर अपडेट होने की बात कही जाती है। अब हालात यह हैं कि कंपनी से संपर्क भी टूट चुका है। इस मामले को लेकर पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत दी, जिस पर एसपी ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है। करनाल निवासी धर्मपाल ने बताया कि वे 2019 से इस कंपनी से जुड़े हुए हैं। उन्होंने और उनके परिचितों ने करीब 30 लाख रुपए का इन्वेस्टमेंट किया है, जिसमें से 22 लाख रुपए उनका खुद का पैसा है। उन्होंने FD और RD दोनों करवाई थीं, लेकिन जब मेच्योरिटी का समय आया, तो कंपनी ने टालमटोल शुरू कर दी। अगस्त 2024 में उनकी एक मेच्योरिटी पूरी हो गई थी, जो करीब 6 लाख रुपए की थी, लेकिन आज तक पैसे नहीं मिले। जब ब्रांच ऑफिस गए, तो सिर्फ यही जवाब मिला कि सॉफ्टवेयर अपडेट हो रहा है और जैसे ही अपडेट पूरा होगा, भुगतान शुरू हो जाएगा। लेकिन अगस्त से अब तक कोई अपडेट नहीं हुआ। एजेंट भी फंसे, लाखों का निवेश डूबा कंपनी में एजेंट के तौर पर काम करने वाले अंकित ने बताया कि यह एक ह्यूमन वेल्फेयर को-ऑपरेटिव सोसाइटी नाम की आईएसओ सर्टिफाइड कंपनी है। शुरुआत में सबकुछ सही चल रहा था। लेकिन 3 दिसंबर को अचानक कंपनी ने अपना सॉफ्टवेयर ही बंद कर दिया। इसके बाद जब भी टीम लीडरों से बात की, तो हर बार यही जवाब मिला कि कुछ दिनों में सॉफ्टवेयर चालू हो जाएगा। लेकिन हकीकत यह है कि अब तक कोई अपडेट नहीं हुआ। ब्रांच के मैनेजर भी पीड़ित कंपनी के ब्रांच ऑफिसों में काम करने वाले एजेंट और मैनेजर भी ठगे गए हैं। किसी मैनेजर ने 20 लाख तो किसी ने 30 लाख रुपए इन्वेस्ट किए हैं। अंकित ने बताया कि उसने अपनी बेटी के नाम पर सुकन्या एजुकेशन प्लान लिया हुआ है, लेकिन अब वह भी अटका हुआ है। वह 2019 में कंपनी से जुड़ा था और 2021 से एजेंट के तौर पर काम कर रहा था। उसने अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और जान-पहचान वालों की करीब 80 से 90 लाख रुपए की इन्वेस्टमेंट करवाई थी। हरियाणा में 45 लाख लोगों का पैसा फंसा एजेंट विपिन ने बताया कि उसने खुद 45 लाख रुपए लगाए हैं, जिसमें से 15 लाख रुपए उसके खुद के हैं। एजेंटों का दावा है कि इस कंपनी में हरियाणा के करीब 45 लाख लोगों ने निवेश किया हुआ है। पीड़ित धर्मपाल और अंकित ने बताया कि उन्होंने करनाल एसपी से मुलाकात की और पूरे मामले की शिकायत दी। एसपी ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है। निवेशकों को उम्मीद है कि जल्द ही कोई ठोस कार्रवाई होगी और उनका पैसा वापस मिलेगा। हरियाणा के करनाल में एक कंपनी पर FD और RD के नाम पर करोड़ों रुपए के फ्रॉड का आरोप लगा है। निवेशकों और एजेंटों ने एसपी ऑफिस पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई। पीड़ितों का कहना है कि मेच्योरिटी पूरी होने के बावजूद उन्हें पैसे नहीं मिल रहे। जब भी कंपनी के ब्रांच ऑफिस जाते हैं, तो वहां सिर्फ सॉफ्टवेयर अपडेट होने की बात कही जाती है। अब हालात यह हैं कि कंपनी से संपर्क भी टूट चुका है। इस मामले को लेकर पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत दी, जिस पर एसपी ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है। करनाल निवासी धर्मपाल ने बताया कि वे 2019 से इस कंपनी से जुड़े हुए हैं। उन्होंने और उनके परिचितों ने करीब 30 लाख रुपए का इन्वेस्टमेंट किया है, जिसमें से 22 लाख रुपए उनका खुद का पैसा है। उन्होंने FD और RD दोनों करवाई थीं, लेकिन जब मेच्योरिटी का समय आया, तो कंपनी ने टालमटोल शुरू कर दी। अगस्त 2024 में उनकी एक मेच्योरिटी पूरी हो गई थी, जो करीब 6 लाख रुपए की थी, लेकिन आज तक पैसे नहीं मिले। जब ब्रांच ऑफिस गए, तो सिर्फ यही जवाब मिला कि सॉफ्टवेयर अपडेट हो रहा है और जैसे ही अपडेट पूरा होगा, भुगतान शुरू हो जाएगा। लेकिन अगस्त से अब तक कोई अपडेट नहीं हुआ। एजेंट भी फंसे, लाखों का निवेश डूबा कंपनी में एजेंट के तौर पर काम करने वाले अंकित ने बताया कि यह एक ह्यूमन वेल्फेयर को-ऑपरेटिव सोसाइटी नाम की आईएसओ सर्टिफाइड कंपनी है। शुरुआत में सबकुछ सही चल रहा था। लेकिन 3 दिसंबर को अचानक कंपनी ने अपना सॉफ्टवेयर ही बंद कर दिया। इसके बाद जब भी टीम लीडरों से बात की, तो हर बार यही जवाब मिला कि कुछ दिनों में सॉफ्टवेयर चालू हो जाएगा। लेकिन हकीकत यह है कि अब तक कोई अपडेट नहीं हुआ। ब्रांच के मैनेजर भी पीड़ित कंपनी के ब्रांच ऑफिसों में काम करने वाले एजेंट और मैनेजर भी ठगे गए हैं। किसी मैनेजर ने 20 लाख तो किसी ने 30 लाख रुपए इन्वेस्ट किए हैं। अंकित ने बताया कि उसने अपनी बेटी के नाम पर सुकन्या एजुकेशन प्लान लिया हुआ है, लेकिन अब वह भी अटका हुआ है। वह 2019 में कंपनी से जुड़ा था और 2021 से एजेंट के तौर पर काम कर रहा था। उसने अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और जान-पहचान वालों की करीब 80 से 90 लाख रुपए की इन्वेस्टमेंट करवाई थी। हरियाणा में 45 लाख लोगों का पैसा फंसा एजेंट विपिन ने बताया कि उसने खुद 45 लाख रुपए लगाए हैं, जिसमें से 15 लाख रुपए उसके खुद के हैं। एजेंटों का दावा है कि इस कंपनी में हरियाणा के करीब 45 लाख लोगों ने निवेश किया हुआ है। पीड़ित धर्मपाल और अंकित ने बताया कि उन्होंने करनाल एसपी से मुलाकात की और पूरे मामले की शिकायत दी। एसपी ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है। निवेशकों को उम्मीद है कि जल्द ही कोई ठोस कार्रवाई होगी और उनका पैसा वापस मिलेगा।   हरियाणा | दैनिक भास्कर