मंडी में जहरीली घास से 25 बकरियों की मौत:इंजेक्शन लगाकर कई की बचाई जान; सुबह चारा देने गए तो चला पता

मंडी में जहरीली घास से 25 बकरियों की मौत:इंजेक्शन लगाकर कई की बचाई जान; सुबह चारा देने गए तो चला पता

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में एक साथ 25 बकरियों की मौत हो गई। बकरी पालक हेतराम को सुबह के वक्त पता चला। जब हेतराम बकरियों को चारा देने गए तो उन्होंने देखा कि दो दर्जन बकरियों को मौत हो गई है और कई बकरियां तड़प रही है। इससे वह घबरा गया। इसकी सूचना हेतराम ने वेटनरी डॉक्टर को दी। कुछ देर में वेटनरी डॉक्टर की टीम मौके पर पहुंची। जब उन्होंने मृत बकरियों का पोस्टमॉर्टम किया तो पता चला कि इनकी मौत जहरीली घास खाने से हुई है। तब डॉक्टर ने तड़प रही बकरियों को इन्जेक्शन लगाया। इससे दूसरी बकरियों की जान बच गई। यह घटना मंडी जिला के बल्ह की सकरोहा पंचायत की है। जंगल में चराने के बाद बाड़े में बंद की बकरियां हेतराम ने बताया कि बीते शुक्रवार को शाम करीब चार बजे उन्होंने जंगल से चराकर घर लाई बकरियों को बाड़े में बंद कर दिया। इसके बाद वह घर लौट आए। सुबह जब बाड़े में गए तो उनके होश उड़ गए। इससे भेड़ पालक को चार लाख रुपए से ज्यादा के नुकसान बताया जा रहा है। पंचायत प्रधान ने दिया मुआवजा दिलाने का भरोसा वहीं गागल स्थित वेटरनरी डॉक्टर विजेंद्र के नेतृत्व में चिकित्सकों की टीम ने दूसरी बकरियों को मरने से बचा लिया है। ग्राम पंचायत सकरोहा के प्रधान देवकी नंदन ने मृत बकरियों का मुआवजा दिलवाने का आश्वासन दिया है। यहां देखे मृत व व अस्वस्थ बकरियों की फोटो.. हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में एक साथ 25 बकरियों की मौत हो गई। बकरी पालक हेतराम को सुबह के वक्त पता चला। जब हेतराम बकरियों को चारा देने गए तो उन्होंने देखा कि दो दर्जन बकरियों को मौत हो गई है और कई बकरियां तड़प रही है। इससे वह घबरा गया। इसकी सूचना हेतराम ने वेटनरी डॉक्टर को दी। कुछ देर में वेटनरी डॉक्टर की टीम मौके पर पहुंची। जब उन्होंने मृत बकरियों का पोस्टमॉर्टम किया तो पता चला कि इनकी मौत जहरीली घास खाने से हुई है। तब डॉक्टर ने तड़प रही बकरियों को इन्जेक्शन लगाया। इससे दूसरी बकरियों की जान बच गई। यह घटना मंडी जिला के बल्ह की सकरोहा पंचायत की है। जंगल में चराने के बाद बाड़े में बंद की बकरियां हेतराम ने बताया कि बीते शुक्रवार को शाम करीब चार बजे उन्होंने जंगल से चराकर घर लाई बकरियों को बाड़े में बंद कर दिया। इसके बाद वह घर लौट आए। सुबह जब बाड़े में गए तो उनके होश उड़ गए। इससे भेड़ पालक को चार लाख रुपए से ज्यादा के नुकसान बताया जा रहा है। पंचायत प्रधान ने दिया मुआवजा दिलाने का भरोसा वहीं गागल स्थित वेटरनरी डॉक्टर विजेंद्र के नेतृत्व में चिकित्सकों की टीम ने दूसरी बकरियों को मरने से बचा लिया है। ग्राम पंचायत सकरोहा के प्रधान देवकी नंदन ने मृत बकरियों का मुआवजा दिलवाने का आश्वासन दिया है। यहां देखे मृत व व अस्वस्थ बकरियों की फोटो..   हिमाचल | दैनिक भास्कर