हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की मीटिंग 25 जुलाई को फिर से बुला दी गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दो सप्ताह के भीतर दूसरी बार कैबिनेट मीटिंग बुलाई है। इसे लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर दिए है। कैबिनेट में वित्त वर्ष 2024-25 के बजट भाषण में सीएम द्वारा की गई घोषणाओं को मंजूरी के लिए और विभिन्न विभागों में नई भर्तियों को हरी झंडी मिल सकती है। सूचना के अनुसार, कैबिनेट मीटिंग में विधानसभा के मानसून सत्र की तारीख तय हो सकती है, क्योंकि विधानसभा का मानसून सत्र तय है। कैबिनेट में इसे लेकर फैसला हो सकता है। कैबिनेट तिथि फाइनल होते ही मुख्य सचिव ने सभी विभागों के सचिव व विभागाध्यक्ष को मंत्रिमंडल मीटिंग के लिए एजेंडा भेजने के निर्देश दे दिए है। हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की मीटिंग 25 जुलाई को फिर से बुला दी गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दो सप्ताह के भीतर दूसरी बार कैबिनेट मीटिंग बुलाई है। इसे लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर दिए है। कैबिनेट में वित्त वर्ष 2024-25 के बजट भाषण में सीएम द्वारा की गई घोषणाओं को मंजूरी के लिए और विभिन्न विभागों में नई भर्तियों को हरी झंडी मिल सकती है। सूचना के अनुसार, कैबिनेट मीटिंग में विधानसभा के मानसून सत्र की तारीख तय हो सकती है, क्योंकि विधानसभा का मानसून सत्र तय है। कैबिनेट में इसे लेकर फैसला हो सकता है। कैबिनेट तिथि फाइनल होते ही मुख्य सचिव ने सभी विभागों के सचिव व विभागाध्यक्ष को मंत्रिमंडल मीटिंग के लिए एजेंडा भेजने के निर्देश दे दिए है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल विधानसभा में आज वित्तीय स्थिति पर चर्चा:सत्तारूढ़ कांग्रेस ने की थी मांग; देनदारियां समेत एक लाख करोड़ के कर्ज में प्रदेश
हिमाचल विधानसभा में आज वित्तीय स्थिति पर चर्चा:सत्तारूढ़ कांग्रेस ने की थी मांग; देनदारियां समेत एक लाख करोड़ के कर्ज में प्रदेश हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का आज 10वां दिन है। विधानसभा में दसवें दिन राज्य की वित्तीय स्थिति को लेकर सदन में हंगामा हो सकता है। विधानसभा के लिस्ट ऑफ बिजनेस के अनुसार दिलचस्प बात यह है कि सत्ता पक्ष के विधायकों ने ही नियम-130 के तहत विधानसभा अध्यक्ष से वितीय स्थिति को लेकर चर्चा मांगी है जिससे यह स्पष्ट है कि सत्तारूढ़ दल कांग्रेस वित्तीय स्थिति को लेकर विपक्ष यानी भाजपा से चुनौती लेने को तैयार है। कर्ज और देनदारियों को लेकर विपक्ष पर हमला करेगी कांग्रेस कांग्रेस विधायकों द्वारा मांगी गई चर्चा में सत्तारूढ़ कांग्रेस की पूर्व भाजपा सरकार की कर्ज और देनदारियों पर विपक्ष को घेरने की रणनीति नजर आ रही है। वहीं, विपक्ष आर्थिक कुप्रबंधन पर सरकार पर हमलावर है ।ऐसे में इस दौरान भी हमला देखने को मिल सकता है। कांग्रेस के तीन युवा विधायकों ने मांगी चर्चा बता दें नियम -130 के तहत हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति पर चर्चा के लिए कांग्रेस विधायकों भवानी सिंह पठानिया ,चन्द्र शेखर , और केवल सिंह पठानिया ने प्रस्ताव दिया है। इसी को लेकर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सदन को सोमवार के बजाय शनिवार को करने का सुझाव दिया था। मगर मुख्यमंत्री ने अपनी व्यस्तता का हवाला देते हुए सोमवार की बैठक में चर्चा करने की बात की । सोमवार को होना खत्म होना था सत्र ,एक बैठक बड़ाई दरअसल हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार तक प्रस्तावित था। लेकिन वित्तीय स्थिति पर शनिवार को चर्चा न हो पाने के बाद सदन की सहमति से विधानसभा सत्र को एक दिन के लिए बड़ा दिया गया। सत्तारूढ़ दल के विधायकों द्वारा मांगी गई चर्चा पर पक्ष और विपक्ष के सदस्य चर्चा में भाग लेंगे और विधानसभा के सदस्यों द्वारा की गई चर्चा का मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जवाब देंगे। देनदारियां समेत एक लाख करोड़ के कर्ज में हिमाचल हिमाचल प्रदेश पर वर्तमान समय में लगभग 94 हजार करोड़ का कर्ज है और करीब 10 हजार करोड़ तक कर्मचारियों की देनदारियां बाकी है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश पर कुल देनदारियां एक लाख करोड़ से ज्यादा की हो गयी है। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन व OPS लागू करने के बाद केंद्र ने कई तरह की सीमाएं लग गयी है। केंद्र ने हिमाचल सरकार द्वारा OPS लागू करने पर कर्ज लेने की सीमा 14500 करोड़ से घटाकर 8500 करोड़ कर दी है। केंद्र से मिलने वाला GST कॉम्पेनसेशन जून 2022 से बन्द है। NPS के 9000 करोड़ पर केंद्र ने कुंडली मारी हुई है। केंद्र से मिलने वाली रेवेन्यू डिफिसिट ग्रांट में लगातार कमी हो रही है इस वर्ष 6000 करोड़ की ग्रांट आई है। अगले वित्त वर्ष में यह 3257 करोड़ रह जाएगी। जिसके कारण प्रदेश सरकार से आर्थिक संकट के बादल छंटते नजर नहीं आ रहे है।
ज्वालामुखी दरबार 100 क्वींटल फूलों से सजा:मनाया जा रहा है प्रकटोत्सव, अर्पित किए जांगे 56 भोग, देशभर से पहुंच रहे श्रद्धालु
ज्वालामुखी दरबार 100 क्वींटल फूलों से सजा:मनाया जा रहा है प्रकटोत्सव, अर्पित किए जांगे 56 भोग, देशभर से पहुंच रहे श्रद्धालु विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर में आषाढ़ मास शुल्क पक्ष में परंपरानुसार गुप्त नवरात्र के दौरान मां ज्वाला का प्रकटोत्सव मनाया जा रहा है। श्रद्धालु बड़ी श्रद्धा से मां ज्वाला को भोग प्रसाद भेंट कर रहे हैं। मां ज्वाला के प्रकटोत्सव के पावन दिवस पर मंदिर को 100 क्वींटल फूलों से सजाया गया है। रंग बिरंगी लाईटें भी लगाई गई हैं, ताकि मां ज्वाला का दरबार कि भव्यता और ज्यादा दिव्य रुप में दिखाई दे। इसके अलावा मां ज्वाला के प्रकटोत्सव पर मंदिर में मैया को विभिन्न प्रकार के 56 भोग अर्पित किए जाएंगे। 51 शक्तिपीठों में सर्वोपरि है मां ज्वाला का स्थान हिमाचल के विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर सैकड़ों वर्षो से साक्षात रुप में चमत्कारी ज्योतियों के रुप में मां ज्वाला दर्शन देती हैं। यह शक्तिपीठ अपने आप में इसलिए अनूठा है, क्योंकि यहां पर मूर्ति पूजा नहीं होती। मां ज्वाला के मंदिर में यह साक्षात ज्योति अपने ओज से वर्षोंत् से प्रकाशमान हो रही हैं। देश हो या विदेश मां ज्वाला देवी के दर्शनों के लिए वर्षों से करोड़ों श्रद्धालु इस स्थान पर आज के वैज्ञानिक युग में भी मां के चमत्कार को साक्षात देखकर नतमस्तक होते हैं। मां ज्वाला देवी के मुख्य मंदिर के गर्भ गृह में 7 अखंड ज्योतियों विराजमान है, जिन्हे अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है। ज्योतियों में सर्वप्रथम मां ज्वाला महाकाली के रुप में प्रकट हैं। चंडी, हिंगलाज, विध्यवासिनी,अन्नपूर्णा, महालक्ष्मी, महासरस्वती के रुप में मंदिर में यह ज्योतियां साक्षात भक्तों को दर्शन देती है। 51 शक्तिपीठों में मां ज्वाला को सर्वोपरि माना गया है। मां ज्वाला का इतिहास कांगड़ा घाटी में स्थित श्री ज्वालामुखी शक्तिपीठ की मान्यता 51 शक्तिपीठों में सर्वोपरि मानी गई है। इन पीठों में यही एक ऐसा शक्तिपीठ है, जहां मां के दर्शन साक्षात ज्योतियों के रुप में होतें हैं। शिव महापुराण में भी इस शक्तिपीठ का वर्णन आता है। जब भगवान शिव, माता सती के पार्थिव को पूरे ब्रहांड़ के घूमने लगे तब सती की जिव्हा इस स्थान पर गिरी थी, जिससे यहां ज्वाला ज्योति रुप में यहां दर्शन देती हैं। एक अन्य दंत कथा के अनुसार जब माता ज्वाला प्रकट हुई तब एक ग्वालो को सबसे पहले पहाडी पर ज्योति के दिव्य दर्शन हुए। राजा भूमिचंद्र ने मंदिर भवन को बनवाया था। यह भी धारणा है कि पांडव ज्वालामुखी में आए थे कांगड़ा का एक प्रचलित भजन भी इस का गवाह बनता है..पंजा पंजा पांडवां मैया तेरा भवन बनाया, अर्जुन चंवर झुलाया मेरी माता..। अकबर भी हुआ था मां ज्वाला का मुरीदबादशाह अकबर भी मां ज्वाला की परीक्षा लेने के लिए मां के दरबार में पहुंचा था। उसने ज्योतियों के बुझाने के लिए अकबर ने नहर का निर्माण करवाया, लेकिन मां के चमत्कार से ज्योतियां नहीं बुझ पाई। राजा अकबर को अंहकार के वशीभूत होकर सवा मन सोने का छत्र मंदिर में चढ़ाया था, लेकिन, मां ज्वाला ने इस छत्र को अस्वीकार कर खंडित कर दिया था। अकबर का यह छत्र आज भी मंदिर में मौजूद है। इस बाबत, नंगे नंगे पैरी माता अकबर आया, सोने दा छत्र चढ़ाया मेरी माता, भेंट प्रचलित है। ज्वालाजी मंदिर मंडप शैली निर्मित है मां ज्वालादेवी का मंदिर मंडप शैली का है। मुख्य मंदिर के बाहरी छत्र पर सोने का पालिश चढ़ाया गया है। इसे महाराजा रणजीत सिंह ने अपने शासनकाल में चढ़वाया था। उनके पौत्र कुंवर नौनिहाल सिंह ने मंदिर के मुख्य दरवाजों पर चांदी के पतरे चढवाऐ थे जो कि आज भी दर्शनीय हैं।साल में दो बार होतें है ‘गुप्त नवरात्रजनवरी- फरवरी माघ शुक्ल प्रतिपदा में मां ज्वाला देवी के मंदिर में गुप्त नवरात्र का आयोजन विश्व कल्याण के लिए परंपरानुसार किया जाता है। जून-जुलाई आषाढ़ शुक्ल में मां ज्वाला का प्रकटोत्सव मनाया जाता है। कहां जाता है मां ज्वाला इसी समय यहां प्रकट हुई थी। दर्शनीय स्थल टेढा मंदिर, अबिंकेश्वर महादेव, अर्जुननागा मंदिर, गोरख डिब्बी, लाल शिवालय, राधाकृष्ण मंदिर, तारा देवी, भैरव मंदिर, प्राचीन गणेश मंदिर, अष्टभुजी मंदिर ज्वालामुखी में दर्शनीय स्थल हैं। कैसे पहुंचें हिमाचल के मां ज्वाला देवी मंदिर में आने के लिए रेलवे से आने के लिए ज्वालामुखी रोड रेलवे स्टेशन से बस या टैक्सी से पहुंचा जा सकता है। ऊना रेलवे लाइन से सड़क मार्ग से आया जा सकता है। चंडीगढ़ से इस स्थल की दूरी 200 किलोमीटर हैं। हवाई मार्ग से कांगड़ा के गगल एयरपोर्ट तक आया जा सकता है। उसके बाद 40 किलोमीटर सड़क मार्ग से यहां पंहुचा जा सकता है।
अनुराग ठाकुर IPU की स्टेंडिंग कमेटी के सदस्य निर्वाचित:जेनेवा में इंटर पॉर्लियामेंटरी यूनियन मीटिंग में चयन; दुनियाभर के सांसदों का वैश्विक संगठन है IPU
अनुराग ठाकुर IPU की स्टेंडिंग कमेटी के सदस्य निर्वाचित:जेनेवा में इंटर पॉर्लियामेंटरी यूनियन मीटिंग में चयन; दुनियाभर के सांसदों का वैश्विक संगठन है IPU देश के पूर्व केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर से लोकसभा सांसद अनुराग ठाकुर इंटर पॉर्लियामेंटरी यूनियन (IPU) के सदस्य चुने गए। स्विटजरलैंड के जेनेवा में बीते रविवार को IPU की मीटिंग में सभापति ने अनुराग ठाकुर के नाम का प्रस्ताव रखा। जिस पर सभी सदस्यों ने सहमति जताई और अनुराग निर्विरोध IPU के सदस्य चुने गए। बता दें कि अनुराग ठाकुर, 12 अक्तूबर से 18 अक्तूबर तक IPU की विभिन्न बैठकों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए स्विटजरलैंड के जेनेवा दौरे पर हैं। बीते रविवार को IPU के एशिया पैसेफिक ग्रुप की बैठक जेनेवा में हुई जिसमें IPU की स्टेंडिंग कमेटी ऑन UN अफेयर की खाली पड़ी सीट को भरने के लिए सदस्य के नाम पर चर्चा हुई और अनुराग ठाकुर IPU की स्टेंडिंग कमेटी ऑन UN अफेयर के सदस्य चुने गए। दुनियाभर के देशों के सांसदों का वैश्विक संगठन है IPU IPU दुनिया भर के विभिन्न देशों के सांसदों का वैश्विक संगठन है, जिसका प्राथमिक उद्देश्य अपने सदस्यों के बीच लोकतांत्रिक शासन, अंतरराष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर सांसदों के बीच मित्रता, समझ और सहयोग स्थापित करके मंत्रियों, राजदूतों और अन्य राज्य अधिकारियों द्वारा अंतर-सरकारी स्तर पर संचालित अंतरराष्ट्रीय संबंधों को पूरक बनाना है। IPU संगठन की स्थापना 130 साल पहले दुनिया के पहले बहुपक्षीय राजनीतिक संगठन के रूप में की गई थी, जो सभी देशों के बीच सहयोग और संवाद को प्रोत्साहित करता है। आज, IPU में 179 सदस्य संसद और 13 एसोसिएट सदस्य शामिल हैं। यह लोकतंत्र को बढ़ावा देता है और सांसदों को अधिक मजबूत, युवा, लिंग-संतुलित और अधिक विविधतापूर्ण बनाने में मदद करता है। APG ने भी अपनी सिफारिश IPU को भेजी APG ( एशिया पैसेफिक ग्रुप) ने भी अनुराग ठाकुर के इस चयन की अपनी सिफ़ारिश IPU को भेज दी है, जिस पर 17 अक्तूबर को IPU की जनरल असेम्बली की बैठक में IPU इसे अपनी अनुमति प्रदान करेगा।