यमुनानगर में कागजों में मृत महिला आखिर तीन साल बाद फिर से जिंदा हो चुकी है। प्रशासन की टीम शनिवार को महिला के घर पहुंची और वेरिफिकेशन करके फेमिली आईडी में उसका नाम चढ़ाया। इससे महिला को अब रुकी हुई सभी सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा। गांव बुड़िया वासी समीना ने बताया कि बेशक उसे फिर से अपनी पहचान वापिस मिल गई है, लेकिन उसका नकली डेथ सर्टिफिकेट बनाने वाले उसके पति और ससुर के खिलाफ कार्रवाई भी होनी चाहिए। क्योंकि तलाक के बाद उसके पति ने उसकी पहचान मिटाकर उसे सभी लाभों से वंचित कर दिया था। पति ने UP से बनवाया था फर्जी डेथ सर्टिफिकेट समीना ने बताया कि 2016 में उसके पति लियाकत तीन तलाक बोलकर उसे घर से निकाल दिया था, जिसके तुरंत बाद पति ने दूसरी शादी कर ली। इतना ही नही उसके पति लियाकत और ससुर यूसुफ ने गांव के नंबरदार राजकुमार के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर स्थित सरसावा के स्वास्थ्य केंद्र से नकली डेथ सर्टिफिकेट बनवा दिया था। ऐसा उन्होंने इसलिए किया ताकि वह उनकी प्रॉपर्टी में किसी प्रकार की हिस्सेदारी का दावा न कर सके। कागजों में उसे मृत घोषित करने से उसे सरकारी द्वारा दी जानी वाली हर प्रकार की सुविधाओं का लाभ मिलना बंद हो गया। उसे डिपो राशन तक नहीं मिल पा रहा। ऐसे में उसे अपने तीन बच्चों को पालना आसान नहीं है। घर पहुंची प्रशासन की टीम समीना ने शुक्रवार को लघु सचिवालय पहुंच DC के समक्ष खुद काे कागजों जिंदा कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई थी। जिस पर एक्शन लेते हुए शनिवार को DC पार्थी गुप्ता के आदेश पर अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय नागरिक संसाधन सूचना विभाग के अधिकारियों की महिला ने निवास पर पहुंची। यहां टीम ने महिला विस्तृत जांच की और महिला के पुराने डॉक्यूमेंट्स भी देखे। टीम ने महिला को वेरिफाई करके उसका नाम फिर से फैमिली आईडी में चढ़ा दिया। समीना का कहना है कि उसका मकसद सिर्फ खुद को जिंदा दिखाना नहीं है। वह इस षडयंत्र को रचने वाले उसके पति व ससुर के खिलाफ भी कार्रवाई चाहती है। पुलिस कर रही जांच समीना ने इस संदर्भ में एक शिकायत पुलिस थाना बुडिया में भी दी हुई है। थाना प्रभारी नरसिंह ने बताया कि समीना की शिकायत के आधार पर वे अभी जांच कर रहे हैं। मामले में जो भी लोग आरोपी पाए जाएंगे उन सब के ऊपर कार्रवाई की जाएगी। यमुनानगर में कागजों में मृत महिला आखिर तीन साल बाद फिर से जिंदा हो चुकी है। प्रशासन की टीम शनिवार को महिला के घर पहुंची और वेरिफिकेशन करके फेमिली आईडी में उसका नाम चढ़ाया। इससे महिला को अब रुकी हुई सभी सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा। गांव बुड़िया वासी समीना ने बताया कि बेशक उसे फिर से अपनी पहचान वापिस मिल गई है, लेकिन उसका नकली डेथ सर्टिफिकेट बनाने वाले उसके पति और ससुर के खिलाफ कार्रवाई भी होनी चाहिए। क्योंकि तलाक के बाद उसके पति ने उसकी पहचान मिटाकर उसे सभी लाभों से वंचित कर दिया था। पति ने UP से बनवाया था फर्जी डेथ सर्टिफिकेट समीना ने बताया कि 2016 में उसके पति लियाकत तीन तलाक बोलकर उसे घर से निकाल दिया था, जिसके तुरंत बाद पति ने दूसरी शादी कर ली। इतना ही नही उसके पति लियाकत और ससुर यूसुफ ने गांव के नंबरदार राजकुमार के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर स्थित सरसावा के स्वास्थ्य केंद्र से नकली डेथ सर्टिफिकेट बनवा दिया था। ऐसा उन्होंने इसलिए किया ताकि वह उनकी प्रॉपर्टी में किसी प्रकार की हिस्सेदारी का दावा न कर सके। कागजों में उसे मृत घोषित करने से उसे सरकारी द्वारा दी जानी वाली हर प्रकार की सुविधाओं का लाभ मिलना बंद हो गया। उसे डिपो राशन तक नहीं मिल पा रहा। ऐसे में उसे अपने तीन बच्चों को पालना आसान नहीं है। घर पहुंची प्रशासन की टीम समीना ने शुक्रवार को लघु सचिवालय पहुंच DC के समक्ष खुद काे कागजों जिंदा कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई थी। जिस पर एक्शन लेते हुए शनिवार को DC पार्थी गुप्ता के आदेश पर अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय नागरिक संसाधन सूचना विभाग के अधिकारियों की महिला ने निवास पर पहुंची। यहां टीम ने महिला विस्तृत जांच की और महिला के पुराने डॉक्यूमेंट्स भी देखे। टीम ने महिला को वेरिफाई करके उसका नाम फिर से फैमिली आईडी में चढ़ा दिया। समीना का कहना है कि उसका मकसद सिर्फ खुद को जिंदा दिखाना नहीं है। वह इस षडयंत्र को रचने वाले उसके पति व ससुर के खिलाफ भी कार्रवाई चाहती है। पुलिस कर रही जांच समीना ने इस संदर्भ में एक शिकायत पुलिस थाना बुडिया में भी दी हुई है। थाना प्रभारी नरसिंह ने बताया कि समीना की शिकायत के आधार पर वे अभी जांच कर रहे हैं। मामले में जो भी लोग आरोपी पाए जाएंगे उन सब के ऊपर कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
