पीलीभीत में बाघ ने एक किसान को मार डाला। वह खेत पर काम कर रहा था। तभी झाड़ियों में छिपे बाघ ने किसान की गर्दन पर हमला कर दिया। चीख सुनकर आसपास खेतों में काम कर रहे किसान दौड़े। बाघ किसान को करीब 500 मीटर खींच ले गया। जब तक भीड़ मौके पर पहुंची, किसान की मौत हो चुकी थी। मृतक की गर्दन, पीठ और पेट पर गहरे जख्म मिले। इस घटना से लोग गुस्से में थे। 25 लाख मुआवजे की मांग करते हुए वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया। 6 घंटे तक लाश पुलिस को उठाने नहीं दी। बेटा अपने पिता के सीने पर सिर रखकर रोता रहा। पत्नी ने हाथ पकड़ रखा था। वह बार-बार बेसुध हो जा रही थीं। गांव की महिलाओं ने उन्हें संभाला। 4 दिन के भीतर यह दूसरी घटना है। लेकिन, अब तक बाघ पकड़ा नहीं गया। गांव के लोगों का कहना है, पीलीभीत में जंगलराज है। बाघ आए दिन इंसानों को मार रहा है। लेकिन वन विभाग ने कोई व्यवस्था नहीं की है। घटना के 5 घंटे बाद लखीमपुर से वन अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने रटा-रटाया जवाब दिया कि जल्द बाघ को पकड़ लिया जाएगा। रात साढ़े 11 बजे SDM पूरनपुर अजीत प्रताप ने वन विभाग के अधिकारियों से बात करवाकर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। अधिकारियों ने मुआवजा दिलाने का भरोसा दिया है। शव का अंतिम संस्कार सोमवार को होगा। 2 तस्वीरें देखिए… अब पढ़िए पूरा मामला… घटना सेहरामऊ उत्तरी क्षेत्र के गांव चतीपुर की है। यह गांव जंगल से सटा है। गांव निवासी राम प्रसाद खेती किसानी करते थे। घर से दो किलोमीटर की दूरी पर हरिपुर किशनपुर गांव के किनारे उनके खेत हैं। राम प्रसाद रविवार की शाम खेत में पानी लगा रहे थे। शाम 6 बजे के आसपास बाघ पास के खेत से निकला। राम प्रसाद पर हमला कर दिया। बचने के लिए उन्होंने शोर मचाया। चीखने की आवाज सुनकर आसपास के मौजूद लोग घटनास्थल की ओर दौड़े। टाइगर करीब 500 मीटर तक किसान को खींचकर ले गया। पीठ और पेट, गर्दन पर किया हमला
इस दौरान बाघ ने उनकी गर्दन पर हमला कर दिया। इसके बाद पीठ और पेट पर भी हमला किया। तब तक स्थानीय लोग मौके पर आए गए। लोगों ने शोर मचाकर बाघ को भगाया। लेकिन, तब तक रामप्रसाद की मौत हो गई थी। मृतक किसान की पत्नी गंगा देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। किसान के चार बच्चे हैं। बेटा अरुण, करुण, बेटी क्रांति, बेटी गुड्डी की शादी हो गई है। घर पर पांच लोग ही रहते हैं। बड़ा बेटा अरुण भी उनके साथ खेत पर था। लेकिन वह शाम को घर वापस आ गया था। इसके बाद हमला हुआ है। अरुण का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। उसने रोते हुए अपने पिता के सीने पर सिर रख दिया। कहने लगा कि अगर मैं खेत से नहीं आता तो पिता जिंदा होते। मेरे वहां से हटने के बाद बाघ ने हमला किया और उनकी जान ले ली। बाघ के हमले से ग्रामीणों में भारी आक्रोश
बाघ के हमले की सूचना देने के 5 घंटे बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। भाजपा विधायक बाबूराम पासवान, एसडीम अजीत प्रताप सिंह और सीओ पूरनपुर प्रगति चौहान मौके पर पहुंचीं। प्रशासन ने आक्रोशित परिजन और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। स्थानीय ग्रामीण ने बताया- हमारे खेत में बाघ मौजूद है। ऐसे में हम खेत पर काम करने कैसे जाएं, जब भी कोई काम करने जाता है, तो हमला हो जाता है। सूचना देने पर वन विभाग के अधिकारी नहीं आते। मृतक के भतीजे रामनिवास ने बताया- उनके चाचा राम प्रसाद खेत पर पानी लगा रहे थे। इस दौरान गाने के खेत से टाइगर बाहर निकला और मेरे चाचा पर हमला बोल दिया। उन्हें खींच कर ले गया। ग्रामीणों में शोर शराबा करके बमुश्किल उन्हें छुड़ाया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। बेटे ने 25 लाख मुआवजे की मांग की
मृतक के बेटे अरुण ने बताया- इलाके में कई दिन से टाइगर की मौजूदगी देखी जा रही है, लेकिन वन विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। घर से 2 किलोमीटर दूर स्थित खेत पर उनके पिता पानी लगा रहे थे। इस दौरान टाइगर ने उन पर हमला बोल दिया। जिससे उनकी मौत हो गई। अरुण ने 25 लाख रुपए मुआवजा दिए जाने की मांग रखी। SDM पूरनपुर अजीत प्रताप सिंह ने बताया- जल्द ही बाघ को पकड़ा जाएगा। SDM ने विधायक बाबूराम पासवान के साथ मिलकर परिजनों को मनाया। लखीमपुर से आई वन विभाग की टीम से भी एसडीएम ने परिजनों की बात करवाई। एसडीएम का कहना है कि परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा। इसके साथ ही बाघ को पकड़ने की रणनीति बनाई जा रही है। सेहरामऊ उत्तरी थाना अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने बताया- शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जा रहा है। लगातार हो रहे बाघ के हमलों से क्षेत्र के ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। 14 मई को भी बाघ ने एक किसान पर किया था हमला इससे पहले 14 मई को चतीपुर गांव के पास के नजीरगंज में भी बाघ का हमला हुआ था। यहां रहने वाले हंसराज (50) अपने बेटे अजय और दो-चार किसानों के साथ मंगलवार शाम 7 बजे खेत पर पानी देने के लिए गए। खेत गांव से करीब 400 मीटर दूर है। शाम 7 बजे सभी लोग खाना खाने के लिए घर लौट आए। रात 10 बजे करीब हंसराज वापस खेत में चले गए। उन्होंने खेत में पानी लगाया। वहां से लौटते वक्त टाइगर ने उन पर हमला कर दिया। रात होने के चलते आसपास कोई सुनने वाले वाला नहीं था। काफी देर तक हंसराज घर नहीं पहुंचे तो बेटों ने आसपास के कुछ लोगों बुलाया। वह उन्हें तलाशते हुए खेत पहुंचे। वहां आवाज लगाई तो कुछ पता नहीं चल पाया। थोड़ी दूर में हंसराज की टॉर्च और खून से सना रुमाल मिला। इसके बाद गांव में फोन करके और लोगों को बुलाया गया। लोग आसपास तलाश करने लगे। खेत में थोड़ी दूर पर बाघ शव को खा रहा था। ग्रामीणों ने शोर मचाकर बाघ को वहां से भगाया। पीटीआर और खुटार रेंज की खुली सीमा के कारण वन्यजीव खेतों और गांवों के नजदीक आ रहे हैं। पूरनपुर तहसील क्षेत्र के हरिपुर किशनपुर, नजीरगंज और चतीपुर जैसे गांव जंगल से सटे हुए हैं। इस इलाके में जंगल का क्षेत्र हरीपुर रेंज और आबादी वाला इलाका खुटार रेंज के अंतर्गत आता है। एक साल में 5 पर हमले, 4 की मौत
पीलीभीत में टाइगर के पिछले में एक साल में हमले के 5 मामले सामने आ चुके हैं। इसमें चार लोगों की मौत हो चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग सिर्फ कागजों में सक्रिय है। गांवों के पास बाघ खुलेआम घूमते हैं, लेकिन कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए जाते। ———————- ये खबर भी पढ़ें… बागपत में युवक को सांप ने 3 बार डसा, VIDEO:चारपाई पर सोते समय चादर पर चढ़ा, अंगुली-पेट और कंधे पर काटा, तड़पकर मौत बागपत में 18 साल के एक युवक की सांप के काटने से मौत हो गई। वह जिस रेस्टोरेंट में कर्मी था, वहां के एक कमरे में चारपाई पर सो रहा था। चादर ओढ़ रखी थी। तभी एक जहरीला सांप रेंगते हुए उसकी चादर पर काला सांप चढ़ गया। पढे़ं पूरी खबर… पीलीभीत में बाघ ने एक किसान को मार डाला। वह खेत पर काम कर रहा था। तभी झाड़ियों में छिपे बाघ ने किसान की गर्दन पर हमला कर दिया। चीख सुनकर आसपास खेतों में काम कर रहे किसान दौड़े। बाघ किसान को करीब 500 मीटर खींच ले गया। जब तक भीड़ मौके पर पहुंची, किसान की मौत हो चुकी थी। मृतक की गर्दन, पीठ और पेट पर गहरे जख्म मिले। इस घटना से लोग गुस्से में थे। 25 लाख मुआवजे की मांग करते हुए वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया। 6 घंटे तक लाश पुलिस को उठाने नहीं दी। बेटा अपने पिता के सीने पर सिर रखकर रोता रहा। पत्नी ने हाथ पकड़ रखा था। वह बार-बार बेसुध हो जा रही थीं। गांव की महिलाओं ने उन्हें संभाला। 4 दिन के भीतर यह दूसरी घटना है। लेकिन, अब तक बाघ पकड़ा नहीं गया। गांव के लोगों का कहना है, पीलीभीत में जंगलराज है। बाघ आए दिन इंसानों को मार रहा है। लेकिन वन विभाग ने कोई व्यवस्था नहीं की है। घटना के 5 घंटे बाद लखीमपुर से वन अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने रटा-रटाया जवाब दिया कि जल्द बाघ को पकड़ लिया जाएगा। रात साढ़े 11 बजे SDM पूरनपुर अजीत प्रताप ने वन विभाग के अधिकारियों से बात करवाकर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। अधिकारियों ने मुआवजा दिलाने का भरोसा दिया है। शव का अंतिम संस्कार सोमवार को होगा। 2 तस्वीरें देखिए… अब पढ़िए पूरा मामला… घटना सेहरामऊ उत्तरी क्षेत्र के गांव चतीपुर की है। यह गांव जंगल से सटा है। गांव निवासी राम प्रसाद खेती किसानी करते थे। घर से दो किलोमीटर की दूरी पर हरिपुर किशनपुर गांव के किनारे उनके खेत हैं। राम प्रसाद रविवार की शाम खेत में पानी लगा रहे थे। शाम 6 बजे के आसपास बाघ पास के खेत से निकला। राम प्रसाद पर हमला कर दिया। बचने के लिए उन्होंने शोर मचाया। चीखने की आवाज सुनकर आसपास के मौजूद लोग घटनास्थल की ओर दौड़े। टाइगर करीब 500 मीटर तक किसान को खींचकर ले गया। पीठ और पेट, गर्दन पर किया हमला
इस दौरान बाघ ने उनकी गर्दन पर हमला कर दिया। इसके बाद पीठ और पेट पर भी हमला किया। तब तक स्थानीय लोग मौके पर आए गए। लोगों ने शोर मचाकर बाघ को भगाया। लेकिन, तब तक रामप्रसाद की मौत हो गई थी। मृतक किसान की पत्नी गंगा देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। किसान के चार बच्चे हैं। बेटा अरुण, करुण, बेटी क्रांति, बेटी गुड्डी की शादी हो गई है। घर पर पांच लोग ही रहते हैं। बड़ा बेटा अरुण भी उनके साथ खेत पर था। लेकिन वह शाम को घर वापस आ गया था। इसके बाद हमला हुआ है। अरुण का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। उसने रोते हुए अपने पिता के सीने पर सिर रख दिया। कहने लगा कि अगर मैं खेत से नहीं आता तो पिता जिंदा होते। मेरे वहां से हटने के बाद बाघ ने हमला किया और उनकी जान ले ली। बाघ के हमले से ग्रामीणों में भारी आक्रोश
बाघ के हमले की सूचना देने के 5 घंटे बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। भाजपा विधायक बाबूराम पासवान, एसडीम अजीत प्रताप सिंह और सीओ पूरनपुर प्रगति चौहान मौके पर पहुंचीं। प्रशासन ने आक्रोशित परिजन और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। स्थानीय ग्रामीण ने बताया- हमारे खेत में बाघ मौजूद है। ऐसे में हम खेत पर काम करने कैसे जाएं, जब भी कोई काम करने जाता है, तो हमला हो जाता है। सूचना देने पर वन विभाग के अधिकारी नहीं आते। मृतक के भतीजे रामनिवास ने बताया- उनके चाचा राम प्रसाद खेत पर पानी लगा रहे थे। इस दौरान गाने के खेत से टाइगर बाहर निकला और मेरे चाचा पर हमला बोल दिया। उन्हें खींच कर ले गया। ग्रामीणों में शोर शराबा करके बमुश्किल उन्हें छुड़ाया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। बेटे ने 25 लाख मुआवजे की मांग की
मृतक के बेटे अरुण ने बताया- इलाके में कई दिन से टाइगर की मौजूदगी देखी जा रही है, लेकिन वन विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। घर से 2 किलोमीटर दूर स्थित खेत पर उनके पिता पानी लगा रहे थे। इस दौरान टाइगर ने उन पर हमला बोल दिया। जिससे उनकी मौत हो गई। अरुण ने 25 लाख रुपए मुआवजा दिए जाने की मांग रखी। SDM पूरनपुर अजीत प्रताप सिंह ने बताया- जल्द ही बाघ को पकड़ा जाएगा। SDM ने विधायक बाबूराम पासवान के साथ मिलकर परिजनों को मनाया। लखीमपुर से आई वन विभाग की टीम से भी एसडीएम ने परिजनों की बात करवाई। एसडीएम का कहना है कि परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा। इसके साथ ही बाघ को पकड़ने की रणनीति बनाई जा रही है। सेहरामऊ उत्तरी थाना अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने बताया- शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जा रहा है। लगातार हो रहे बाघ के हमलों से क्षेत्र के ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। 14 मई को भी बाघ ने एक किसान पर किया था हमला इससे पहले 14 मई को चतीपुर गांव के पास के नजीरगंज में भी बाघ का हमला हुआ था। यहां रहने वाले हंसराज (50) अपने बेटे अजय और दो-चार किसानों के साथ मंगलवार शाम 7 बजे खेत पर पानी देने के लिए गए। खेत गांव से करीब 400 मीटर दूर है। शाम 7 बजे सभी लोग खाना खाने के लिए घर लौट आए। रात 10 बजे करीब हंसराज वापस खेत में चले गए। उन्होंने खेत में पानी लगाया। वहां से लौटते वक्त टाइगर ने उन पर हमला कर दिया। रात होने के चलते आसपास कोई सुनने वाले वाला नहीं था। काफी देर तक हंसराज घर नहीं पहुंचे तो बेटों ने आसपास के कुछ लोगों बुलाया। वह उन्हें तलाशते हुए खेत पहुंचे। वहां आवाज लगाई तो कुछ पता नहीं चल पाया। थोड़ी दूर में हंसराज की टॉर्च और खून से सना रुमाल मिला। इसके बाद गांव में फोन करके और लोगों को बुलाया गया। लोग आसपास तलाश करने लगे। खेत में थोड़ी दूर पर बाघ शव को खा रहा था। ग्रामीणों ने शोर मचाकर बाघ को वहां से भगाया। पीटीआर और खुटार रेंज की खुली सीमा के कारण वन्यजीव खेतों और गांवों के नजदीक आ रहे हैं। पूरनपुर तहसील क्षेत्र के हरिपुर किशनपुर, नजीरगंज और चतीपुर जैसे गांव जंगल से सटे हुए हैं। इस इलाके में जंगल का क्षेत्र हरीपुर रेंज और आबादी वाला इलाका खुटार रेंज के अंतर्गत आता है। एक साल में 5 पर हमले, 4 की मौत
पीलीभीत में टाइगर के पिछले में एक साल में हमले के 5 मामले सामने आ चुके हैं। इसमें चार लोगों की मौत हो चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग सिर्फ कागजों में सक्रिय है। गांवों के पास बाघ खुलेआम घूमते हैं, लेकिन कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए जाते। ———————- ये खबर भी पढ़ें… बागपत में युवक को सांप ने 3 बार डसा, VIDEO:चारपाई पर सोते समय चादर पर चढ़ा, अंगुली-पेट और कंधे पर काटा, तड़पकर मौत बागपत में 18 साल के एक युवक की सांप के काटने से मौत हो गई। वह जिस रेस्टोरेंट में कर्मी था, वहां के एक कमरे में चारपाई पर सो रहा था। चादर ओढ़ रखी थी। तभी एक जहरीला सांप रेंगते हुए उसकी चादर पर काला सांप चढ़ गया। पढे़ं पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
पीलीभीत में बाघ ने किसान को मार डाला:गर्दन-पीठ और पेट को नोचा; बेटा पिता के सीने पर सिर रखकर रोया, 4 दिन में दूसरी घटना
