<p><strong>Fake degree scam</strong><strong>:</strong> उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने हापुड़ की मोनाड यूनिवर्सिटी में चल रहे फर्जी डिग्री घोटाले का भंडाफोड़ कर बड़ी कार्रवाई की है. इस घोटाले में विश्वविद्यालय के चेयरमैन चौधरी विजेंद्र सिंह उर्फ विजेंद्र हुड्डा, प्रो. चांसलर नितिन कुमार सिंह, वाइस चांसलर, एडमिशन डायरेक्टर इमरान, वेरिफिकेशन हेड गौरव शर्मा सहित कुल 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. यह गिरोह वर्षों से छात्रों से लाखों रुपये वसूलकर फर्जी डिग्रियां और मार्कशीट बेच रहा था.</p>
<p>STF की इस कार्रवाई से यूनिवर्सिटी समेत इस गोरखधंधे में संलिप्त लोगों में हड़कम्प मचा हुआ है.</p>
<p><strong>1372 </strong><strong>फर्जी डिग्रियां बरामद</strong><strong>, </strong><strong>लाखों रुपये नकद जब्त</strong></p>
<p>एसटीएफ ने विश्वविद्यालय परिसर से छापेमारी के दौरान 1372 फर्जी डिग्रियां, 262 प्रोविजनल और माइग्रेशन सर्टिफिकेट, 7 लैपटॉप, 14 मोबाइल फोन, 6.54 लाख नकद, एक सफारी कार और 35 लक्ज़री गाड़ियों की चाबियां बरामद की हैं. यह कार्रवाई दिल्ली-मुरादाबाद हाईवे पर संदीप सेहरावत नामक व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद हुई, जिसने पूछताछ में पूरे नेटवर्क का खुलासा किया.</p>
<p><strong>फर्जीवाड़े का तरीका: लाखों की ठगी</strong></p>
<p>जांच में पता चला कि यह गिरोह बीए, बीएड, बीए-एलएलबी, फार्मेसी, बीटेक जैसे कोर्सों की फर्जी डिग्रियां बनाकर बेचता था. प्रति छात्र 50,000 से 4 लाख तक वसूले जाते थे. यह नेटवर्क दिल्ली, मेरठ, नोएडा, हापुड़ और हरियाणा तक फैला हुआ था. आरोपी बेरोजगार युवाओं की मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें असली डिग्री का झांसा देते थे, जिससे हजारों छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया.</p>
<p><strong>STF </strong><strong>को ऐसे मिला सुराग</strong></p>
<p>एसटीएफ को लंबे समय से मोनाड यूनिवर्सिटी के खिलाफ फर्जी डिग्री बनाने की शिकायतें मिल रही थीं. पुलिस उपाधीक्षक संजीव दीक्षित के नेतृत्व में निरीक्षक ओमशंकर शुक्ला और उनकी टीम ने गोपनीय जांच शुरू की. संदीप सेहरावत को हिरासत में लेकर पूछताछ के बाद इस बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ.</p>
<p><strong>मोनाड यूनिवर्सिटी का विवादित इतिहास</strong></p>
<p>मोनाड यूनिवर्सिटी पहले भी कई बार विवादों में रही है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने 2022 में इसके कई पाठ्यक्रमों पर सवाल उठाए थे और नियमानुसार प्रमाणन की मांग की थी. इसके बावजूद, विश्वविद्यालय में यह फर्जीवाड़ा बेरोकटोक चल रहा था.</p>
<p><strong>बेरोजगारी का फायदा उठाकर ठगी</strong></p>
<p>जांच एजेंसियों के अनुसार, यह गिरोह बेरोजगार युवाओं को निशाना बनाता था. फर्जी डिग्रियों के जरिए न केवल छात्रों का भविष्य बर्बाद किया गया, बल्कि सरकारी और निजी संस्थानों को भी धोखा दिया गया.</p>
<p><strong>STF </strong><strong>की आगे की कार्रवाई</strong></p>
<p>एसटीएफ ने बताया कि इस मामले में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं. बरामद दस्तावेजों की जांच से अन्य संस्थानों और व्यक्तियों की संलिप्तता सामने आ सकती है. केस दर्ज कर विधिक कार्रवाई शुरू हो चुकी है, और जांच जारी है.</p> <p><strong>Fake degree scam</strong><strong>:</strong> उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने हापुड़ की मोनाड यूनिवर्सिटी में चल रहे फर्जी डिग्री घोटाले का भंडाफोड़ कर बड़ी कार्रवाई की है. इस घोटाले में विश्वविद्यालय के चेयरमैन चौधरी विजेंद्र सिंह उर्फ विजेंद्र हुड्डा, प्रो. चांसलर नितिन कुमार सिंह, वाइस चांसलर, एडमिशन डायरेक्टर इमरान, वेरिफिकेशन हेड गौरव शर्मा सहित कुल 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. यह गिरोह वर्षों से छात्रों से लाखों रुपये वसूलकर फर्जी डिग्रियां और मार्कशीट बेच रहा था.</p>
<p>STF की इस कार्रवाई से यूनिवर्सिटी समेत इस गोरखधंधे में संलिप्त लोगों में हड़कम्प मचा हुआ है.</p>
<p><strong>1372 </strong><strong>फर्जी डिग्रियां बरामद</strong><strong>, </strong><strong>लाखों रुपये नकद जब्त</strong></p>
<p>एसटीएफ ने विश्वविद्यालय परिसर से छापेमारी के दौरान 1372 फर्जी डिग्रियां, 262 प्रोविजनल और माइग्रेशन सर्टिफिकेट, 7 लैपटॉप, 14 मोबाइल फोन, 6.54 लाख नकद, एक सफारी कार और 35 लक्ज़री गाड़ियों की चाबियां बरामद की हैं. यह कार्रवाई दिल्ली-मुरादाबाद हाईवे पर संदीप सेहरावत नामक व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद हुई, जिसने पूछताछ में पूरे नेटवर्क का खुलासा किया.</p>
<p><strong>फर्जीवाड़े का तरीका: लाखों की ठगी</strong></p>
<p>जांच में पता चला कि यह गिरोह बीए, बीएड, बीए-एलएलबी, फार्मेसी, बीटेक जैसे कोर्सों की फर्जी डिग्रियां बनाकर बेचता था. प्रति छात्र 50,000 से 4 लाख तक वसूले जाते थे. यह नेटवर्क दिल्ली, मेरठ, नोएडा, हापुड़ और हरियाणा तक फैला हुआ था. आरोपी बेरोजगार युवाओं की मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें असली डिग्री का झांसा देते थे, जिससे हजारों छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया.</p>
<p><strong>STF </strong><strong>को ऐसे मिला सुराग</strong></p>
<p>एसटीएफ को लंबे समय से मोनाड यूनिवर्सिटी के खिलाफ फर्जी डिग्री बनाने की शिकायतें मिल रही थीं. पुलिस उपाधीक्षक संजीव दीक्षित के नेतृत्व में निरीक्षक ओमशंकर शुक्ला और उनकी टीम ने गोपनीय जांच शुरू की. संदीप सेहरावत को हिरासत में लेकर पूछताछ के बाद इस बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ.</p>
<p><strong>मोनाड यूनिवर्सिटी का विवादित इतिहास</strong></p>
<p>मोनाड यूनिवर्सिटी पहले भी कई बार विवादों में रही है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने 2022 में इसके कई पाठ्यक्रमों पर सवाल उठाए थे और नियमानुसार प्रमाणन की मांग की थी. इसके बावजूद, विश्वविद्यालय में यह फर्जीवाड़ा बेरोकटोक चल रहा था.</p>
<p><strong>बेरोजगारी का फायदा उठाकर ठगी</strong></p>
<p>जांच एजेंसियों के अनुसार, यह गिरोह बेरोजगार युवाओं को निशाना बनाता था. फर्जी डिग्रियों के जरिए न केवल छात्रों का भविष्य बर्बाद किया गया, बल्कि सरकारी और निजी संस्थानों को भी धोखा दिया गया.</p>
<p><strong>STF </strong><strong>की आगे की कार्रवाई</strong></p>
<p>एसटीएफ ने बताया कि इस मामले में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं. बरामद दस्तावेजों की जांच से अन्य संस्थानों और व्यक्तियों की संलिप्तता सामने आ सकती है. केस दर्ज कर विधिक कार्रवाई शुरू हो चुकी है, और जांच जारी है.</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड अमृत स्टेशन योजना के तहत बलरामपुर रेलवे स्टेशन की सूरत बदली, यात्रियों के लिए होंगी ये खास सुविधाएं
मोनाड यूनिवर्सिटी फर्जी डिग्री घोटाला: चेयरमैन, प्रो. चांसलर सहित 10 गिरफ्तार, STF की बड़ी कार्रवाई
