सोनीपत सिविल हॉस्पिटल में लिफ्ट में फंसे दो मरीज:गर्मी में हालत बिगड़ी; स्टाफ ने दरवाजा तोड़कर निकाले बाहर

सोनीपत सिविल हॉस्पिटल में लिफ्ट में फंसे दो मरीज:गर्मी में हालत बिगड़ी; स्टाफ ने दरवाजा तोड़कर निकाले बाहर

सोनीपत के गोहाना सिविल हॉस्पिटल में बुधवार को लिफ्ट में दो मरीज फंसने से हड़कंप मच गया। गर्मी और दम घुटने के कारण मरीजों की हालत बिगड़ने लगी। अस्पताल में बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था न होने के चलते यह समस्या सामने आई। गनीमत रही कि समय रहते अस्पताल कर्मियों ने लिफ्ट का दरवाजा खोलकर दोनों मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाला। बुधवार दोपहर करीब 12 बजे एक मरीज आयुष विभाग से उपचार करवाकर एक युवती के साथ लिफ्ट से भूतल पर उतर रहा था। लिफ्ट जैसे ही भूतल पर पहुंची, उसका दरवाजा नहीं खुला। गर्मी में दम घुटने लगा तो दोनों ने मदद के लिए शोर मचाया। करीब 10-12 मिनट तक फंसे रहने के बाद अस्पताल कर्मियों ने पेचकश और डंडे की मदद से दरवाजा खोला और दोनों को बाहर निकाला। तीन मंजिला भवन, 6 माह पहले शुरू हुई लिफ्ट सेवा नागरिक अस्पताल का भवन तीन मंजिला है। भूतल पर ओपीडी, प्रसूति विभाग, एक्स-रे, लैब और डिस्पेंसरी स्थित हैं। पहली मंजिल पर आयुष व होम्योपैथी विभाग और मरीजों के वार्ड हैं। जबकि दूसरी मंजिल पर ऑपरेशन थिएटर, आइसीयू और प्रशासनिक कार्यालय हैं। मरीजों और स्टाफ की सुविधा के लिए छह माह पहले लिफ्ट सेवा शुरू की गई थी। बिजली गुल होते ही रुक जाती है लिफ्ट अस्पताल में हाटलाइन से बिजली सप्लाई तो है, लेकिन वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर जनरेटर की सुविधा उपलब्ध नहीं है। बिजली जाने की स्थिति में लिफ्ट बीच में रुक जाती है, जिससे मरीजों की जान जोखिम में पड़ सकती है। लिफ्ट न इस्तेमाल करने का लगाया गया है पोस्टर लिफ्ट की खराबी और बिजली की अनियमितता को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने लिफ्ट के दरवाजे पर ‘लिफ्ट खराब है, प्रयोग न करें’ का पोस्टर चिपकाया है। बावजूद इसके, लोग अनदेखी करते हुए लिफ्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं। एसएमओ का बयान एसएमओ डॉ. संजय छिक्कारा ने बताया कि लिफ्ट में फंसे मरीजों को स्टाफ ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया। उन्होंने माना कि अस्पताल में जनरेटर की व्यवस्था नहीं है, जिससे बिजली जाने पर ऐसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। सोनीपत के गोहाना सिविल हॉस्पिटल में बुधवार को लिफ्ट में दो मरीज फंसने से हड़कंप मच गया। गर्मी और दम घुटने के कारण मरीजों की हालत बिगड़ने लगी। अस्पताल में बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था न होने के चलते यह समस्या सामने आई। गनीमत रही कि समय रहते अस्पताल कर्मियों ने लिफ्ट का दरवाजा खोलकर दोनों मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाला। बुधवार दोपहर करीब 12 बजे एक मरीज आयुष विभाग से उपचार करवाकर एक युवती के साथ लिफ्ट से भूतल पर उतर रहा था। लिफ्ट जैसे ही भूतल पर पहुंची, उसका दरवाजा नहीं खुला। गर्मी में दम घुटने लगा तो दोनों ने मदद के लिए शोर मचाया। करीब 10-12 मिनट तक फंसे रहने के बाद अस्पताल कर्मियों ने पेचकश और डंडे की मदद से दरवाजा खोला और दोनों को बाहर निकाला। तीन मंजिला भवन, 6 माह पहले शुरू हुई लिफ्ट सेवा नागरिक अस्पताल का भवन तीन मंजिला है। भूतल पर ओपीडी, प्रसूति विभाग, एक्स-रे, लैब और डिस्पेंसरी स्थित हैं। पहली मंजिल पर आयुष व होम्योपैथी विभाग और मरीजों के वार्ड हैं। जबकि दूसरी मंजिल पर ऑपरेशन थिएटर, आइसीयू और प्रशासनिक कार्यालय हैं। मरीजों और स्टाफ की सुविधा के लिए छह माह पहले लिफ्ट सेवा शुरू की गई थी। बिजली गुल होते ही रुक जाती है लिफ्ट अस्पताल में हाटलाइन से बिजली सप्लाई तो है, लेकिन वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर जनरेटर की सुविधा उपलब्ध नहीं है। बिजली जाने की स्थिति में लिफ्ट बीच में रुक जाती है, जिससे मरीजों की जान जोखिम में पड़ सकती है। लिफ्ट न इस्तेमाल करने का लगाया गया है पोस्टर लिफ्ट की खराबी और बिजली की अनियमितता को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने लिफ्ट के दरवाजे पर ‘लिफ्ट खराब है, प्रयोग न करें’ का पोस्टर चिपकाया है। बावजूद इसके, लोग अनदेखी करते हुए लिफ्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं। एसएमओ का बयान एसएमओ डॉ. संजय छिक्कारा ने बताया कि लिफ्ट में फंसे मरीजों को स्टाफ ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया। उन्होंने माना कि अस्पताल में जनरेटर की व्यवस्था नहीं है, जिससे बिजली जाने पर ऐसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर