हरियाणा के 515 गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची वायरल हुई है, जिसमें बाकायदा सभी स्कूलों के नाम दिए हुए हैं। ऐसे में इन स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और पेरेंट्स में खलबली मची है। क्योंकि इन स्कूल के पास मान्यता नहीं है और स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (एसएलसी) भी अवैध माने जाएंगे। ऐसे में इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य पर तलवार लटक गई है। हालांकि, इस लिस्ट की भी आधिकारिक की पुष्टि भी हो गई है। वायरल सूची में जिसमें प्ले स्कूल, प्राइमरी, हाई और एकेडमी सेंटर और 12वीं तक के स्कूल इसके दायरे में आते हैं। यह सूची वायरल होते ही प्राइवेट स्कूलों में अफरा-तफरी का माहौल है। सभी स्कूल मुखिया सूची से नाम हटवाने को जद्दोजहद कर रहे हैं। इस समय शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों को लेकर विभागीय अधिकारियों से अपडेट मांगी हुई है। बोर्ड भी संज्ञान ले सकता है। विभाग ने यह सूची वीरवार शाम को ही जारी की है। प्रत्येक जिले के हर स्कूल के बकायदा नाम दिए हैं। सूची में हिसार-सिरसा का नाम नहीं वायरल सूची में प्रदेश के रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और पलवल में सबसे अधिक गैर मान्यता प्राप्त हैं। साथ ही कैथल, करनाल, फतेहाबाद और यमुनानगर में भी केस हैं। खास बात है कि हिसार और सिरसा के स्कूलों का नाम इस लिस्ट में नाम नहीं है। वैसे हिसार एजुकेशन का हब है और निजी स्कूलों की संख्या भी अधिक है। इसके बावजूद निजी स्कूलों का नाम लिस्ट में न होना चिंताजनक विषय है। मान्यता देने की एवज में हिसार के पूर्व डीईओ पहले ही पकड़े जा चुके हालांकि, हिसार जिले में प्राइवेट स्कूल को मान्यता देने की एवज में रिश्वत मांगने के आरोप में पूर्व डीईओ प्रदीप नरवाल पहले ही पकड़े जा चुके हैं। डीईओ नरवाल पर कई स्कूलों को पैसे लेकर मान्यता देने के आरोप लगे हैं। रिटायरमेंट से दो से तीन दिन पहले ही वह पकड़े गए और पार्टी भी कैंसिल हो गई थी। इसके बाद सिरसा के डीईओ वेदपाल को हिसार डीईओ का चार्ज मिला। सिरसा में भी बिना मान्यता के स्कूलों का नाम सामने नहीं आया है। शिक्षा विभाग ने पिछले सत्र में सूची सार्वजनिक करने के दिए थे आदेश शिक्षा विभाग हेडक्वार्टर की ओर से सत्र 2024-25 से ही गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की लिस्ट बनाने पर काम चल रहा था। कई बार स्कूलों का दौरा किया गया और नोटिस थमाए गए। मगर किसी ने मान्यता को लेकर दस्तावेज पूरे नहीं किए। उस समय पिछले सेशन में विभाग ने जिला स्तर पर डीईओ व डीईईओ को बिना मान्यता वाले स्कूलों का नाम सार्वजनिक तौर पर पोस्टर चस्पा करने के आदेश दिए थे, ताकि पेरेंट्स सचेत रहें और किसी बच्चे के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो। कुछ जिलों में बिना मान्यता वाले स्कूलों की सूची जारी हुई तो कुछ में नहीं। स्कूलों में यह आ रही दिक्कत किसी स्कूल के पास पर्याप्त जगह नहीं है, किसी के पास भवन नहीं है, किसी के पास भवन है, तो उसमें भीड़भाड़ वाली सीढ़ियां बनी है। सबसे ज्यादा मुश्किल जगह की है, क्योंकि स्कूल तो पहले किसी भी भवन में खोल लिए गए। अब उनको जगह नहीं मिल रही। खासकर शहरी एरिया में यह दिक्कत है। सेकेंडरी और मौलिक शिक्षा विभाग से दो अलग-अलग लिस्ट जारी हुई : डीईओ करनाल जिले की डीईओ सुदेश कुमारी ने बताया कि सेकेंडरी और मौलिक शिक्षा विभाग की ओर से दो अलग-अलग लिस्ट जारी हुई है। इसमें प्राइमरी, मिडिल, हाई और सेकेंडरी स्कूल शामिल है, जिनके पास मान्यता नहीं है। कई जिलें के स्कूल शामिल है, जो गैर मान्यता प्राप्त है। हमारे जिले के भी काफी स्कूल है। हमने अपनी रिपोर्ट विभाग को पहले ही भेज दी थी। लिस्ट देखी है, पर अधिकारी पुष्टि का हम पता लगा रहे इस बारे में हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने बताया कि लिस्ट हमने भी देखी है और कई स्कूलों के नाम है। मगर इस अभी अधिकारिक पुष्टि नहीं है। इसका हम पता लगा रहे हैं। बाद में ही पता चल पाएगा। सरकार एवं शिक्षा विभाग कई बार तलब कर चुका रिपोर्ट दरअसल सरकार एवं शिक्षा विभाग हेडक्वार्टर कई बार जिला स्तरीय अधिकारियों से गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की रिपोर्ट तलब कर चुका है। ऐसे में डीईओ व डीईईओ ने भी यह रिपोर्ट भेज दी थी। इन स्कूलों के मापदंड पूरे करने के लिए कहा और समय दिया गया, लेकिन पूरे नहीं किए। अब इन स्कूलों की सूची सार्वजनिक कर दी। हरियाणा के 515 गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची वायरल हुई है, जिसमें बाकायदा सभी स्कूलों के नाम दिए हुए हैं। ऐसे में इन स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और पेरेंट्स में खलबली मची है। क्योंकि इन स्कूल के पास मान्यता नहीं है और स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (एसएलसी) भी अवैध माने जाएंगे। ऐसे में इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य पर तलवार लटक गई है। हालांकि, इस लिस्ट की भी आधिकारिक की पुष्टि भी हो गई है। वायरल सूची में जिसमें प्ले स्कूल, प्राइमरी, हाई और एकेडमी सेंटर और 12वीं तक के स्कूल इसके दायरे में आते हैं। यह सूची वायरल होते ही प्राइवेट स्कूलों में अफरा-तफरी का माहौल है। सभी स्कूल मुखिया सूची से नाम हटवाने को जद्दोजहद कर रहे हैं। इस समय शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों को लेकर विभागीय अधिकारियों से अपडेट मांगी हुई है। बोर्ड भी संज्ञान ले सकता है। विभाग ने यह सूची वीरवार शाम को ही जारी की है। प्रत्येक जिले के हर स्कूल के बकायदा नाम दिए हैं। सूची में हिसार-सिरसा का नाम नहीं वायरल सूची में प्रदेश के रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और पलवल में सबसे अधिक गैर मान्यता प्राप्त हैं। साथ ही कैथल, करनाल, फतेहाबाद और यमुनानगर में भी केस हैं। खास बात है कि हिसार और सिरसा के स्कूलों का नाम इस लिस्ट में नाम नहीं है। वैसे हिसार एजुकेशन का हब है और निजी स्कूलों की संख्या भी अधिक है। इसके बावजूद निजी स्कूलों का नाम लिस्ट में न होना चिंताजनक विषय है। मान्यता देने की एवज में हिसार के पूर्व डीईओ पहले ही पकड़े जा चुके हालांकि, हिसार जिले में प्राइवेट स्कूल को मान्यता देने की एवज में रिश्वत मांगने के आरोप में पूर्व डीईओ प्रदीप नरवाल पहले ही पकड़े जा चुके हैं। डीईओ नरवाल पर कई स्कूलों को पैसे लेकर मान्यता देने के आरोप लगे हैं। रिटायरमेंट से दो से तीन दिन पहले ही वह पकड़े गए और पार्टी भी कैंसिल हो गई थी। इसके बाद सिरसा के डीईओ वेदपाल को हिसार डीईओ का चार्ज मिला। सिरसा में भी बिना मान्यता के स्कूलों का नाम सामने नहीं आया है। शिक्षा विभाग ने पिछले सत्र में सूची सार्वजनिक करने के दिए थे आदेश शिक्षा विभाग हेडक्वार्टर की ओर से सत्र 2024-25 से ही गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की लिस्ट बनाने पर काम चल रहा था। कई बार स्कूलों का दौरा किया गया और नोटिस थमाए गए। मगर किसी ने मान्यता को लेकर दस्तावेज पूरे नहीं किए। उस समय पिछले सेशन में विभाग ने जिला स्तर पर डीईओ व डीईईओ को बिना मान्यता वाले स्कूलों का नाम सार्वजनिक तौर पर पोस्टर चस्पा करने के आदेश दिए थे, ताकि पेरेंट्स सचेत रहें और किसी बच्चे के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो। कुछ जिलों में बिना मान्यता वाले स्कूलों की सूची जारी हुई तो कुछ में नहीं। स्कूलों में यह आ रही दिक्कत किसी स्कूल के पास पर्याप्त जगह नहीं है, किसी के पास भवन नहीं है, किसी के पास भवन है, तो उसमें भीड़भाड़ वाली सीढ़ियां बनी है। सबसे ज्यादा मुश्किल जगह की है, क्योंकि स्कूल तो पहले किसी भी भवन में खोल लिए गए। अब उनको जगह नहीं मिल रही। खासकर शहरी एरिया में यह दिक्कत है। सेकेंडरी और मौलिक शिक्षा विभाग से दो अलग-अलग लिस्ट जारी हुई : डीईओ करनाल जिले की डीईओ सुदेश कुमारी ने बताया कि सेकेंडरी और मौलिक शिक्षा विभाग की ओर से दो अलग-अलग लिस्ट जारी हुई है। इसमें प्राइमरी, मिडिल, हाई और सेकेंडरी स्कूल शामिल है, जिनके पास मान्यता नहीं है। कई जिलें के स्कूल शामिल है, जो गैर मान्यता प्राप्त है। हमारे जिले के भी काफी स्कूल है। हमने अपनी रिपोर्ट विभाग को पहले ही भेज दी थी। लिस्ट देखी है, पर अधिकारी पुष्टि का हम पता लगा रहे इस बारे में हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने बताया कि लिस्ट हमने भी देखी है और कई स्कूलों के नाम है। मगर इस अभी अधिकारिक पुष्टि नहीं है। इसका हम पता लगा रहे हैं। बाद में ही पता चल पाएगा। सरकार एवं शिक्षा विभाग कई बार तलब कर चुका रिपोर्ट दरअसल सरकार एवं शिक्षा विभाग हेडक्वार्टर कई बार जिला स्तरीय अधिकारियों से गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की रिपोर्ट तलब कर चुका है। ऐसे में डीईओ व डीईईओ ने भी यह रिपोर्ट भेज दी थी। इन स्कूलों के मापदंड पूरे करने के लिए कहा और समय दिया गया, लेकिन पूरे नहीं किए। अब इन स्कूलों की सूची सार्वजनिक कर दी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
