पंजाब में अबोहर के आर्य नगर निवासी तीन बच्चों के पिता द्वारा पत्नी की हरकतों से परेशान होकर जहरीला पदार्थ निगलकर आत्महत्या करने के मामला सामने आया है। पुलिस ने मृतक की मां के बयानों के आधार पर मृतक की पत्नी के खिलाफ धारा 306 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस को दिए बयान में वीना पत्नी राजकुमार निवासी आर्य नगरी गली नंबर 7 ने बताया कि उसके बेटे विक्की की शादी कुछ साल पहले गिदडहाबा निवासी शालू से हुई थी, जो अक्सर उसके बेटे से लड़ाई- झगड़ा करती थी। गत दिवस भी उसका पति के साथ किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था, जिसके बाद वह बच्चों को लेकर मायके चली गई। इसके बाद उसके बेटे विक्की ने घर में रखी किसी जहरीली वस्तु का सेवन कर लिया जिससे उसकी मौत हो गई। परिवार का इकलौता सहारा वीना ने बताया कि विक्की के पिता की भी कुछ वर्ष पहले मौत हो चुकी है और विक्की उसका इकलौता सहारा था जो मजदूरी कर पूरे घर का खर्च चलाता था। वह खुद भी थोड़ा बहुत मजदूरी करती है, जबकि शादी के बाद से विक्की और उसकी पत्नी शालू मे अक्सर झगडा रहता था और वह कई बार अपने पति को धमकियां भी देती थी। इसी से आहत होकर उसके बेटे विक्की ने आत्महत्या कर ली। उसने बताया कि शालू अक्सर अपने बच्चों को छोडकर मायके चली जाती थी। उसने ही विक्की के बच्चों को पाला है। इसलिए अब बेटे के जाने के बाद वह ही उसका सहारा हैं इसलिए पुलिस तीनों बच्चों को वापस उसे दिलवाई। पंजाब में अबोहर के आर्य नगर निवासी तीन बच्चों के पिता द्वारा पत्नी की हरकतों से परेशान होकर जहरीला पदार्थ निगलकर आत्महत्या करने के मामला सामने आया है। पुलिस ने मृतक की मां के बयानों के आधार पर मृतक की पत्नी के खिलाफ धारा 306 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस को दिए बयान में वीना पत्नी राजकुमार निवासी आर्य नगरी गली नंबर 7 ने बताया कि उसके बेटे विक्की की शादी कुछ साल पहले गिदडहाबा निवासी शालू से हुई थी, जो अक्सर उसके बेटे से लड़ाई- झगड़ा करती थी। गत दिवस भी उसका पति के साथ किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था, जिसके बाद वह बच्चों को लेकर मायके चली गई। इसके बाद उसके बेटे विक्की ने घर में रखी किसी जहरीली वस्तु का सेवन कर लिया जिससे उसकी मौत हो गई। परिवार का इकलौता सहारा वीना ने बताया कि विक्की के पिता की भी कुछ वर्ष पहले मौत हो चुकी है और विक्की उसका इकलौता सहारा था जो मजदूरी कर पूरे घर का खर्च चलाता था। वह खुद भी थोड़ा बहुत मजदूरी करती है, जबकि शादी के बाद से विक्की और उसकी पत्नी शालू मे अक्सर झगडा रहता था और वह कई बार अपने पति को धमकियां भी देती थी। इसी से आहत होकर उसके बेटे विक्की ने आत्महत्या कर ली। उसने बताया कि शालू अक्सर अपने बच्चों को छोडकर मायके चली जाती थी। उसने ही विक्की के बच्चों को पाला है। इसलिए अब बेटे के जाने के बाद वह ही उसका सहारा हैं इसलिए पुलिस तीनों बच्चों को वापस उसे दिलवाई। पंजाब | दैनिक भास्कर
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शंभू बॉर्डर खोलने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज:पंजाब- हरियाणा सरकारें किसानों के साथ हुई बैठक की रिपोर्ट सौंपेंगे; विफल हुई थी बातचीत शंभू- खनौरी बॉर्डर बंद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में आज (गुरुवार को ) पंजाब और हरियाणा सरकारें किसानों के साथ हुई बैठक की रिपोर्ट सौंपने वाली हैं। बीते दिन (बुधवार को) पटियाला में पंजाब- हरियाणा के पुलिस व प्रशासन और किसानों के बीच हुई बैठक विफल रही है। 10 दिन पहले हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों के बॉर्डर को आंशिक तौर पर खोलने की बात कही थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कड़ी टिप्पणी की थी कि हाईवेज पार्किंग की जगह नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एक हफ्ते के भीतर एंबुलेंस, सीनियर सिटीजंस, महिलाओं, छात्रों आदि के लिए हाईवे की एक लेन खोलने का आदेश दिया था। इसके लिए पंजाब और हरियाणा के DGP के अलावा पटियाला, मोहाली और अंबाला के SP को मीटिंग कर इस पर फैसला लेने को कहा था। पटियाला में एक घंटे चली थी बैठक सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद बुधवार को पटियाला में पंजाब पुलिस और किसानों के वरिष्ठ अधिकारियों की अहम बैठक हुई। जिसमें पटियाला के डीसी शोहकत अहमद पर्रे, पंजाब पुलिस के डीजीपी लॉ एंड ऑर्डर अर्पित शुक्ला, डीसी अंबाला पार्थ गुप्ता व एसपी अंबाला सुरेंद्र सिंह भौरिया समेत दोनों राज्यों के कई अधिकारी मौजूद थे। मीटिंग करीब एक घंटे तक चली। किसानों ने मीटिंग में साफ कहा कि उन्होंने रास्ता नहीं रोका हुआ है। यह रास्ता हरियाणा सरकार व पुलिस की तरफ से रोका गया है। फरवरी से चल रहा संघर्ष फसलों के MSP को लेकर पंजाब के किसान फरवरी-2024 से आंदोलन पर हैं। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। किसानों ने बॉर्डर पर पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इसके चलते अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। जानें अभी तक क्या हुआ किसान आंदोलन में
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