<p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu Kashmir Police:</strong> जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नलिन प्रभात ने शनिवार ( 24 मई) को श्रीनगर के पुलिस नियंत्रण कक्ष में पुलिस, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, यातायात पुलिस, रेलवे और विभिन्न सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों के साथ आगामी अमरनाथ यात्रा-2025 के लिए समग्र सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए एक संयुक्त बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में जोनल आईजीएसपी और केंद्रीय बलों के अधिकारियों ने अमरनाथ यात्रा-2025 के संचालन के लिए प्रस्तावित सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पिछले महीने पहलगाम में हुए बड़े आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बल इस साल यात्रा के शांतिपूर्ण संचालन को सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त प्रयास कर रहे हैं. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी सैयद जावेद मुजतबा गिलानी को विशेष डीजीपी, समन्वय नियुक्त किया है, जो यात्रा के दौरान संयुक्त बलों के तालमेल प्रयासों का नेतृत्व करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चार लाख से ज़ायदा लोग करा चुके है पंजीकरण</strong><br />अमरनाथ यात्रा हर साल दो मार्गों - गांदरबल जिले के बालतल के छोटा मार्ग और दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम से पारम्परिक मार्ग से होती है. इस साल अभ तक चार लाख से ज़ायदा लोग यात्रा के लिए अपना पंजीकरण करा चुके है, जिन में से 97 प्रतिशत पंजीकरण पहलगाम हमले से पहले हो चुके थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसलिए जम्मू कश्मीर सरकार यात्रा को सुरक्षित करने और इसके ज़रिये जम्मू – कश्मीर में बंद होने की कगार पर पहुंचे पर्यटन उद्योग के लिए भी काम कर रही है. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पहले ही सुरक्षित खीर भवानी और अमरनाथ यात्रा को अपनी सरकार की प्राथमिकता बता चुके है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>शनिवार (24 मई) को अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा इन्तिज़ामो को लेकर हुवी बैठक के दौरान, डीजीपी जम्मू-कश्मीर नलिन प्रभात ने मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) को लागू करने के निर्देश जारी किए और जोखिम को कम करने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सक्रिय उपायों के महत्व पर भी जोर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पूरे मार्ग की सुरक्षा सीआरपीएफ द्वारा की जाएगी</strong><br />3 जुलाई को यात्रा शुरू होने से पहले सीआरपीएफ की 30 और कंपनियों सहित अतिरिक्त जवानों को शामिल किया जाएगा, जबकि पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों से पंजाब की सीमा पर स्थित लखनपुर से पवित्र गुफा तक पूरे मार्ग की सुरक्षा सीआरपीएफ द्वारा की जाएगी, जबकि सेना ऊपरी इलाकों और पूरे एनएच-44 राष्ट्रीय राजमार्ग पर तैनात रहेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जम्मू और कश्मीर के अधिकांश इलाकों में नए सिरे से आतंकी हिंसा और हमले देखे गए हैं और यात्रा इन आतंकवाद प्रभावित जिलों से होकर गुजरती है. जम्मू क्षेत्र के कठुआ, जम्मू, रियासी और रामबन जिलों से लेकर कश्मीर क्षेत्र के कुलगाम, अनंतनाग, पुलवामा, श्रीनगर और गांदरबल जिलों में आतंकवादी हिंसा और हमलों की खबरें आई हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बड़ा आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया जाएगा</strong><br />पहलगाम हमले के बाद अमरनाथ यात्रा पर किसी भी तरह के खतरे को समाप्त करने के लिए डीजीपी ने फील्ड अधिकारियों को आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने के लिए अपने प्रयासों को तेज करने का निर्देश दिया है. इस तरह उन्होंने संकेत दिया है कि यात्रा के दौरान गुजरने वाले सभी क्षेत्रों में एक बड़ा आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया जाएगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>जम्मू-कश्मीर सरकार ने अधिकारियों को यात्रा मार्गों पर एंटी-सैबोटेज टीमों को तैनात करके सुरक्षा उपायों को मजबूत करने और संभावित जोखिमों को कम करने, राजमार्ग और यात्रा मार्गों पर ड्रोन और एआई आधारित सीसीटीवी कैमरों का उपयोग करने और किसी भी आतंकवादी हमले को विफल करने के लिए सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पहले ही शुरू कर दी गई है निगरानी </strong><br />यात्रा से पहले उन्नत तकनीकों का उपयोग करके निगरानी और खतरे का पता लगाने की क्षमता बढ़ाई गई है और दोनों तीर्थयात्रा मार्गों की वास्तविक समय की निगरानी पहले ही शुरू कर दी गई है. और यात्रा के दौरान, पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर, यात्रियों को किसी भी खतरे को कम करने के लिए सुरक्षा बलों के उचित सुरक्षा कवर के साथ ही काफिले में जाने की अनुमति दी जाएगी. यात्रा से पहले पंजीकरण अनिवार्य होगा और वास्तविक समय में पता लगाने वाली सैटेलाइट आधारित आरएफआईडी भी शुरू की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि यात्रियों द्वारा अपनाए जाने वाले सुरक्षा उपायों पर अंतिम निर्णय अगले महीने सुरक्षा तैनाती पूरी तरह से लागू होने के बाद घोषित किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a title=”पहलगाम” href=”https://www.abplive.com/topic/pahalgam-terror-attack” data-type=”interlinkingkeywords”>पहलगाम</a> हमले के बाद यात्रा से संबंधित अधिकांश क्षेत्रों को पहले ही आम जनता के लिए सील कर दिया गया है और इन क्षेत्रों में किसी भी नागरिक की आवाजाही की अनुमति नहीं है. जबकि सैनिकों की अंतिम तैनाती यात्रा शुरू होने से एक महीने पहले जून के पहले सप्ताह में शुरू होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस साल की अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई को शुरू होगी और 9 अगस्त को रक्षाबंधन के त्यौहार पर समाप्त होगी जो श्रावण पूर्णिमा के साथ मेल खाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”उमर अब्दुल्ला ने नीति आयोग की बैठक में पेश किया प्रस्ताव, कहा- ‘पीएम मोदी जम्मू कश्मीर में टूरिज्म…'” href=”https://www.abplive.com/states/jammu-and-kashmir/omar-abdullah-urge-pm-modi-promote-tourism-in-jammu-and-kashmir-in-niti-aayog-meeting-2950368″ target=”_self”>उमर अब्दुल्ला ने नीति आयोग की बैठक में पेश किया प्रस्ताव, कहा- ‘पीएम मोदी जम्मू कश्मीर में टूरिज्म…'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu Kashmir Police:</strong> जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नलिन प्रभात ने शनिवार ( 24 मई) को श्रीनगर के पुलिस नियंत्रण कक्ष में पुलिस, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, यातायात पुलिस, रेलवे और विभिन्न सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों के साथ आगामी अमरनाथ यात्रा-2025 के लिए समग्र सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए एक संयुक्त बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में जोनल आईजीएसपी और केंद्रीय बलों के अधिकारियों ने अमरनाथ यात्रा-2025 के संचालन के लिए प्रस्तावित सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पिछले महीने पहलगाम में हुए बड़े आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बल इस साल यात्रा के शांतिपूर्ण संचालन को सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त प्रयास कर रहे हैं. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी सैयद जावेद मुजतबा गिलानी को विशेष डीजीपी, समन्वय नियुक्त किया है, जो यात्रा के दौरान संयुक्त बलों के तालमेल प्रयासों का नेतृत्व करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चार लाख से ज़ायदा लोग करा चुके है पंजीकरण</strong><br />अमरनाथ यात्रा हर साल दो मार्गों - गांदरबल जिले के बालतल के छोटा मार्ग और दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम से पारम्परिक मार्ग से होती है. इस साल अभ तक चार लाख से ज़ायदा लोग यात्रा के लिए अपना पंजीकरण करा चुके है, जिन में से 97 प्रतिशत पंजीकरण पहलगाम हमले से पहले हो चुके थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसलिए जम्मू कश्मीर सरकार यात्रा को सुरक्षित करने और इसके ज़रिये जम्मू – कश्मीर में बंद होने की कगार पर पहुंचे पर्यटन उद्योग के लिए भी काम कर रही है. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पहले ही सुरक्षित खीर भवानी और अमरनाथ यात्रा को अपनी सरकार की प्राथमिकता बता चुके है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>शनिवार (24 मई) को अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा इन्तिज़ामो को लेकर हुवी बैठक के दौरान, डीजीपी जम्मू-कश्मीर नलिन प्रभात ने मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) को लागू करने के निर्देश जारी किए और जोखिम को कम करने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सक्रिय उपायों के महत्व पर भी जोर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पूरे मार्ग की सुरक्षा सीआरपीएफ द्वारा की जाएगी</strong><br />3 जुलाई को यात्रा शुरू होने से पहले सीआरपीएफ की 30 और कंपनियों सहित अतिरिक्त जवानों को शामिल किया जाएगा, जबकि पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों से पंजाब की सीमा पर स्थित लखनपुर से पवित्र गुफा तक पूरे मार्ग की सुरक्षा सीआरपीएफ द्वारा की जाएगी, जबकि सेना ऊपरी इलाकों और पूरे एनएच-44 राष्ट्रीय राजमार्ग पर तैनात रहेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जम्मू और कश्मीर के अधिकांश इलाकों में नए सिरे से आतंकी हिंसा और हमले देखे गए हैं और यात्रा इन आतंकवाद प्रभावित जिलों से होकर गुजरती है. जम्मू क्षेत्र के कठुआ, जम्मू, रियासी और रामबन जिलों से लेकर कश्मीर क्षेत्र के कुलगाम, अनंतनाग, पुलवामा, श्रीनगर और गांदरबल जिलों में आतंकवादी हिंसा और हमलों की खबरें आई हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बड़ा आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया जाएगा</strong><br />पहलगाम हमले के बाद अमरनाथ यात्रा पर किसी भी तरह के खतरे को समाप्त करने के लिए डीजीपी ने फील्ड अधिकारियों को आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने के लिए अपने प्रयासों को तेज करने का निर्देश दिया है. इस तरह उन्होंने संकेत दिया है कि यात्रा के दौरान गुजरने वाले सभी क्षेत्रों में एक बड़ा आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया जाएगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>जम्मू-कश्मीर सरकार ने अधिकारियों को यात्रा मार्गों पर एंटी-सैबोटेज टीमों को तैनात करके सुरक्षा उपायों को मजबूत करने और संभावित जोखिमों को कम करने, राजमार्ग और यात्रा मार्गों पर ड्रोन और एआई आधारित सीसीटीवी कैमरों का उपयोग करने और किसी भी आतंकवादी हमले को विफल करने के लिए सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पहले ही शुरू कर दी गई है निगरानी </strong><br />यात्रा से पहले उन्नत तकनीकों का उपयोग करके निगरानी और खतरे का पता लगाने की क्षमता बढ़ाई गई है और दोनों तीर्थयात्रा मार्गों की वास्तविक समय की निगरानी पहले ही शुरू कर दी गई है. और यात्रा के दौरान, पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर, यात्रियों को किसी भी खतरे को कम करने के लिए सुरक्षा बलों के उचित सुरक्षा कवर के साथ ही काफिले में जाने की अनुमति दी जाएगी. यात्रा से पहले पंजीकरण अनिवार्य होगा और वास्तविक समय में पता लगाने वाली सैटेलाइट आधारित आरएफआईडी भी शुरू की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि यात्रियों द्वारा अपनाए जाने वाले सुरक्षा उपायों पर अंतिम निर्णय अगले महीने सुरक्षा तैनाती पूरी तरह से लागू होने के बाद घोषित किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a title=”पहलगाम” href=”https://www.abplive.com/topic/pahalgam-terror-attack” data-type=”interlinkingkeywords”>पहलगाम</a> हमले के बाद यात्रा से संबंधित अधिकांश क्षेत्रों को पहले ही आम जनता के लिए सील कर दिया गया है और इन क्षेत्रों में किसी भी नागरिक की आवाजाही की अनुमति नहीं है. जबकि सैनिकों की अंतिम तैनाती यात्रा शुरू होने से एक महीने पहले जून के पहले सप्ताह में शुरू होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस साल की अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई को शुरू होगी और 9 अगस्त को रक्षाबंधन के त्यौहार पर समाप्त होगी जो श्रावण पूर्णिमा के साथ मेल खाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”उमर अब्दुल्ला ने नीति आयोग की बैठक में पेश किया प्रस्ताव, कहा- ‘पीएम मोदी जम्मू कश्मीर में टूरिज्म…'” href=”https://www.abplive.com/states/jammu-and-kashmir/omar-abdullah-urge-pm-modi-promote-tourism-in-jammu-and-kashmir-in-niti-aayog-meeting-2950368″ target=”_self”>उमर अब्दुल्ला ने नीति आयोग की बैठक में पेश किया प्रस्ताव, कहा- ‘पीएम मोदी जम्मू कश्मीर में टूरिज्म…'</a></strong></p> जम्मू और कश्मीर लालू यादव ने तेज प्रताप को पार्टी से क्यों निकाला? राबड़ी देवी के भाई ने कर दिया चौंकाने वाला दावा
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