दाहोद में 9000 हॉर्स पावर क्षमता वाले इलेक्ट्रिक मालवाहक इंजन का निर्माण होगा शुरू, जानें क्यों हैं खास?

दाहोद में 9000 हॉर्स पावर क्षमता वाले इलेक्ट्रिक मालवाहक इंजन का निर्माण होगा शुरू, जानें क्यों हैं खास?

<p style=”text-align: justify;”><strong>Gujarat News:</strong> प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात ने सोमवार (26 मई) को दाहोद स्थित रोलिंग स्टॉक वर्कशॉप में लोको निर्माण केंद्र का लोकार्पण किया है. ये रोलिंग स्टॉक वर्कशॉप, लोको निर्माण केंद्र परिवर्तन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगा. क्योंकि यहां 9,000 हॉर्सपावर क्षमता वाले 1,200 अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक मालवाहक इंजनों का निर्माण किया जाएगा. जिससे मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड को इससे बढ़ावा मिलेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस वर्कशॉप में में 9,000 हॉर्स पावर क्षमता वाले 1,200 अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक मालवाहक इंजनों का निर्माण किया जाएगा. इससे मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड को भी बढ़ावा मिलेगा. ये इंजन 4,500 से 5,000 टन तक के भारी माल को तीव्र चढ़ाई पर भी आसानी से ले जाने में सक्षम हैं. जिससे भारी मालवाहन परिवहन में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा. मेक इन इंडिया पहल के तहत निर्मित ये इंजन अत्याधुनिक IGBT-आधारित प्रणोदन तकनीक से सुसज्जित हैं, जो ऊर्जा दक्षता और संचालन प्रदर्शन को नई ऊंचाइयों पर ले जाते हैं. ये विशेषताएं भारतीय रेल को आधुनिक, विश्वसनीय और पर्यावरण अनुकूल मालवाहक लॉजिस्टिक्स के अग्रणी पथ पर ले जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सबसे शक्तिशाली एकल-इकाई इलेक्ट्रिक इंजन है</strong><br />9000 हॉर्स पावर की यह लोकोमोटिव भारतीय रेल की ओर से विकसित सबसे शक्तिशाली एकल-इकाई इलेक्ट्रिक इंजन है. आपको बता दें कि अब तक मालवाहक इंजन आमतौर पर 4500 या 6000 हॉर्स पावर की क्षमता वाले चलते थे. जबकि 12,000 हॉर्स पावर के इंजन भी हैं, वे दो 6000 हॉर्स पावर इकाइयों को जोड़कर बनाए जाते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>लेकिन अब दाहोद में निर्मित यह इंजन एकीकृत उच्च-शक्ति समाधान प्रदान करता है, जो लंबे और भारी माल गाड़ियों को आसानी से खींच सकता है. इस बढ़ी हुई क्षमता का अर्थ है कम ट्रिप्स में अधिक माल परिवहन हो सकेगा. जिससे समय की बचत, भीड़भाड़ में कमी और बेहतर लॉजिस्टिक्स दक्षता सुनिश्चित होती है. इससे रेल यातायात भी अनुकूलित होगा. जिससे व्यस्त मार्गों पर दबाव घटेगा. साथ ही, मानव संसाधन और ऊर्जा खपत में भी कमी आएगी. ये सभी लाभ उद्योगों के लिए लॉजिस्टिक लागत को घटाकर मूल्य प्रतिस्पर्धा और आपूर्ति श्रृंखला को बेहतर बनाएंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वैश्विक रेल निर्माण बाजार में मजबूत स्थिति प्रदान करती है</strong><br />साल 2022 में प्रधानमंत्री मोदी ने इसे रेलवे निर्माण के एक नए केंद्र के रूप में पुनः स्थापित करने का दृष्टिकोण रखा था. आज यह दृष्टिकोण साकार हो रहा है. लोको निर्माण केंद्र भारतीय रेल के लिए ब्रॉड गेज और निर्यात के लिए स्टैंडर्ड गेज दोनों प्रकार के इंजन बनाने में सक्षम है. यह दोहरी क्षमता भारत को वैश्विक रेल निर्माण बाजार में मजबूत स्थिति प्रदान करती है. इस परियोजना में 89% पुर्जे भारत में बनाए गए हैं, जिससे यह &lsquo;मेक इन इंडिया&rsquo; और &lsquo;मेक फॉर वर्ल्ड&rsquo; दोनों अभियानों के अनुरूप है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>9000 हॉर्स पावर इंजन की खासियत ये भी है कि इसका निर्माण हरित ऊर्जा से संचालित फैक्ट्री में होता है, जिसे ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग टैग मिला है. इसके अलावा, इसमें पुनर्योज्य ब्रेकिंग तकनीक भी है, जो ब्रेक लगने पर ऊर्जा को ग्रिड में वापस भेजती है. जिससे कार्बन फुटप्रिंट कम होता है. ये विशेषताएं भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं को भी सशक्त करती हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सभी ओर लगे कैमरे निगरानी और सुरक्षा को और बेहतर बनाते हैं</strong><br />इस इंजन में ‘कवच’ प्रणाली (भारत की स्वदेशी टक्कर-रोधी प्रणाली), वातानुकूलित ड्राइवर केबिन, कम शोर और कंपन जैसी विशेषताएं हैं, जो सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करती हैं. इंजन के सभी ओर लगे कैमरे निगरानी और सुरक्षा को और बेहतर बनाते हैं. इसके शौचालय में इलेक्ट्रॉनिक लॉक होते हैं जो केवल इंजन के स्थिर रहने पर खुलते हैं. जिससे संचालन अनुशासन सुनिश्चित होता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दाहोद सुविधा की एक प्रमुख विशेषता कौशल विकास पर ज़ोर है. एक वर्चुअल डिजिटल मॉडल विकसित किया गया है, जो मैकेनिकों और ड्राइवरों को प्रशिक्षण देने में सहायता करता है. इस परियोजना से जुड़े अवसंरचना विकास के तहत 85% नौकरियां स्थानीय युवाओं को मिलने का दावा भारतीय रेलवे की ओर से किया गया है. कार्यबल की तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल बनाए गए हैं. यह लोको निर्माण केंद्र न केवल रोजगार सृजित करेगा, बल्कि दाहोद क्षेत्र में उद्योगों और आधारभूत संरचना के विकास को भी गति देगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>9000 हॉर्सपावर इंजन मालवाहन परिवहन की एक नई प्रणाली का केंद्र बनने जा रहा है. इसकी शक्ति, दक्षता और डिजाइन भारतीय रेल को अधिक प्रतिस्पर्धी, अधिक टिकाऊ और भविष्य की आवश्यकताओं के लिए बेहतर सुसज्जित बनाएंगे. तकनीक, क्षेत्रीय विकास और वैश्विक दृष्टिकोण के संयोजन से दाहोद में बना यह इंजन न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी मालवाहन परिवहन की दिशा को नया आयाम देगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”PM मोदी से मिले कर्नल सोफिया कुरैशी के पिता ताज मोहम्मद, कहा- ‘ये मेरी जिंदगी का…'” href=”https://www.abplive.com/states/gujarat/colonel-sofiya-qureshi-father-taj-mohammad-met-pm-narendra-modi-in-vadodara-gujarat-2951240″ target=”_self”>PM मोदी से मिले कर्नल सोफिया कुरैशी के पिता ताज मोहम्मद, कहा- ‘ये मेरी जिंदगी का…'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Gujarat News:</strong> प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात ने सोमवार (26 मई) को दाहोद स्थित रोलिंग स्टॉक वर्कशॉप में लोको निर्माण केंद्र का लोकार्पण किया है. ये रोलिंग स्टॉक वर्कशॉप, लोको निर्माण केंद्र परिवर्तन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगा. क्योंकि यहां 9,000 हॉर्सपावर क्षमता वाले 1,200 अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक मालवाहक इंजनों का निर्माण किया जाएगा. जिससे मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड को इससे बढ़ावा मिलेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस वर्कशॉप में में 9,000 हॉर्स पावर क्षमता वाले 1,200 अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक मालवाहक इंजनों का निर्माण किया जाएगा. इससे मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड को भी बढ़ावा मिलेगा. ये इंजन 4,500 से 5,000 टन तक के भारी माल को तीव्र चढ़ाई पर भी आसानी से ले जाने में सक्षम हैं. जिससे भारी मालवाहन परिवहन में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा. मेक इन इंडिया पहल के तहत निर्मित ये इंजन अत्याधुनिक IGBT-आधारित प्रणोदन तकनीक से सुसज्जित हैं, जो ऊर्जा दक्षता और संचालन प्रदर्शन को नई ऊंचाइयों पर ले जाते हैं. ये विशेषताएं भारतीय रेल को आधुनिक, विश्वसनीय और पर्यावरण अनुकूल मालवाहक लॉजिस्टिक्स के अग्रणी पथ पर ले जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सबसे शक्तिशाली एकल-इकाई इलेक्ट्रिक इंजन है</strong><br />9000 हॉर्स पावर की यह लोकोमोटिव भारतीय रेल की ओर से विकसित सबसे शक्तिशाली एकल-इकाई इलेक्ट्रिक इंजन है. आपको बता दें कि अब तक मालवाहक इंजन आमतौर पर 4500 या 6000 हॉर्स पावर की क्षमता वाले चलते थे. जबकि 12,000 हॉर्स पावर के इंजन भी हैं, वे दो 6000 हॉर्स पावर इकाइयों को जोड़कर बनाए जाते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>लेकिन अब दाहोद में निर्मित यह इंजन एकीकृत उच्च-शक्ति समाधान प्रदान करता है, जो लंबे और भारी माल गाड़ियों को आसानी से खींच सकता है. इस बढ़ी हुई क्षमता का अर्थ है कम ट्रिप्स में अधिक माल परिवहन हो सकेगा. जिससे समय की बचत, भीड़भाड़ में कमी और बेहतर लॉजिस्टिक्स दक्षता सुनिश्चित होती है. इससे रेल यातायात भी अनुकूलित होगा. जिससे व्यस्त मार्गों पर दबाव घटेगा. साथ ही, मानव संसाधन और ऊर्जा खपत में भी कमी आएगी. ये सभी लाभ उद्योगों के लिए लॉजिस्टिक लागत को घटाकर मूल्य प्रतिस्पर्धा और आपूर्ति श्रृंखला को बेहतर बनाएंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वैश्विक रेल निर्माण बाजार में मजबूत स्थिति प्रदान करती है</strong><br />साल 2022 में प्रधानमंत्री मोदी ने इसे रेलवे निर्माण के एक नए केंद्र के रूप में पुनः स्थापित करने का दृष्टिकोण रखा था. आज यह दृष्टिकोण साकार हो रहा है. लोको निर्माण केंद्र भारतीय रेल के लिए ब्रॉड गेज और निर्यात के लिए स्टैंडर्ड गेज दोनों प्रकार के इंजन बनाने में सक्षम है. यह दोहरी क्षमता भारत को वैश्विक रेल निर्माण बाजार में मजबूत स्थिति प्रदान करती है. इस परियोजना में 89% पुर्जे भारत में बनाए गए हैं, जिससे यह &lsquo;मेक इन इंडिया&rsquo; और &lsquo;मेक फॉर वर्ल्ड&rsquo; दोनों अभियानों के अनुरूप है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>9000 हॉर्स पावर इंजन की खासियत ये भी है कि इसका निर्माण हरित ऊर्जा से संचालित फैक्ट्री में होता है, जिसे ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग टैग मिला है. इसके अलावा, इसमें पुनर्योज्य ब्रेकिंग तकनीक भी है, जो ब्रेक लगने पर ऊर्जा को ग्रिड में वापस भेजती है. जिससे कार्बन फुटप्रिंट कम होता है. ये विशेषताएं भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं को भी सशक्त करती हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सभी ओर लगे कैमरे निगरानी और सुरक्षा को और बेहतर बनाते हैं</strong><br />इस इंजन में ‘कवच’ प्रणाली (भारत की स्वदेशी टक्कर-रोधी प्रणाली), वातानुकूलित ड्राइवर केबिन, कम शोर और कंपन जैसी विशेषताएं हैं, जो सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करती हैं. इंजन के सभी ओर लगे कैमरे निगरानी और सुरक्षा को और बेहतर बनाते हैं. इसके शौचालय में इलेक्ट्रॉनिक लॉक होते हैं जो केवल इंजन के स्थिर रहने पर खुलते हैं. जिससे संचालन अनुशासन सुनिश्चित होता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दाहोद सुविधा की एक प्रमुख विशेषता कौशल विकास पर ज़ोर है. एक वर्चुअल डिजिटल मॉडल विकसित किया गया है, जो मैकेनिकों और ड्राइवरों को प्रशिक्षण देने में सहायता करता है. इस परियोजना से जुड़े अवसंरचना विकास के तहत 85% नौकरियां स्थानीय युवाओं को मिलने का दावा भारतीय रेलवे की ओर से किया गया है. कार्यबल की तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल बनाए गए हैं. यह लोको निर्माण केंद्र न केवल रोजगार सृजित करेगा, बल्कि दाहोद क्षेत्र में उद्योगों और आधारभूत संरचना के विकास को भी गति देगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>9000 हॉर्सपावर इंजन मालवाहन परिवहन की एक नई प्रणाली का केंद्र बनने जा रहा है. इसकी शक्ति, दक्षता और डिजाइन भारतीय रेल को अधिक प्रतिस्पर्धी, अधिक टिकाऊ और भविष्य की आवश्यकताओं के लिए बेहतर सुसज्जित बनाएंगे. तकनीक, क्षेत्रीय विकास और वैश्विक दृष्टिकोण के संयोजन से दाहोद में बना यह इंजन न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी मालवाहन परिवहन की दिशा को नया आयाम देगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”PM मोदी से मिले कर्नल सोफिया कुरैशी के पिता ताज मोहम्मद, कहा- ‘ये मेरी जिंदगी का…'” href=”https://www.abplive.com/states/gujarat/colonel-sofiya-qureshi-father-taj-mohammad-met-pm-narendra-modi-in-vadodara-gujarat-2951240″ target=”_self”>PM मोदी से मिले कर्नल सोफिया कुरैशी के पिता ताज मोहम्मद, कहा- ‘ये मेरी जिंदगी का…'</a></strong></p>  गुजरात Patna Fire: पटना में वाहन से भरे ट्रक में लगी आग, 24 नई TVS बाइक जलकर राख