अंबाला छावनी में बर्फखाना की बेशकीमती जमीन पर लगे नगर परिषद (एनपी) के बोर्ड के गायब होने के मामले में अब प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ने एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। मंत्री अनिल विज ने आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए खुद यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि बर्फखाना रोड पर एक बेशकीमती जमीन को लेकर नगर परिषद ने दो बोर्ड लगाए थे, जिसमें इस जमीन को सरकारी जमीन बताया गया था। लेकिन, हैरानी की बात यह है कि यहां से एक बोर्ड रातों-रात गायब हो गया। उन्होंने कहा कि इस मामले में अब एफआईआर से पता चलेगा कि यह बोर्ड किसने हटाया है। विज ने बताया कि गुरुवार को उन्होंने विकास कार्यों को लेकर रेस्ट हाउस में नगर परिषद अधिकारियों की बैठक ली थी। बैठक में एसडीएम को एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा गया है। एफआईआर दर्ज होने के बाद जांच की जाएगी कि यह बोर्ड किसने हटाया है। हालांकि इस जमीन के दूसरी तरफ बोर्ड लगा हुआ है, लेकिन बैंक रोड की तरफ बर्फखाना की जमीन पर लगे बोर्ड के हटने के बाद मामला प्रकाश में आया है। फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है, लेकिन बोर्ड हटाए जाने को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। फिलहाल एफआईआर दर्ज होने के बाद जांच में पता चलेगा कि यह बोर्ड कब और किसने हटाया। यह था पूरा मामला बर्फखाना की करीब पांच एकड़ जमीन पर की ढाई-ढाई एकड़ की दो रजिस्ट्रियां हैं। बताया जाता है कि इस जमीन को लेकर सौ करोड़ रुपये का सौदा हुआ है। हालांकि यह अभी चर्चाओं में हैं, जबकि इन चर्चाओं के बीच यह बेशकीमती जमीन विवादों में आ चुकी है। मामला उस समय सुर्खियों में आया, जब इस जमीन पर जेसीबी चलाकर सफाई करने की कोशिश की। एक पक्ष द्वारा इसका विरोध करने पर मामला अंबाला कैंट थाना पहुंचा, जहां दोनों ने पक्षों ने अपनी बात तो रखी, लेकिन एक दूसरे के खिलाफ शिकायत नहीं दी थी। इसके बाद नगर परिषद की टीम ने मौके पर पहुंचकर 14 मई को यहां बोर्ड लगा दिया था। इसमें बताया गया था कि यह जमीन सरकार की है। इस जमीन की खरीद फरोख्त नहीं हो सकती और न ही इस पर प्लाटिंग हो सकती है। सेटलमेंट के साथ खाली करवाए गए प्रापर्टी इस जमीन पर कई लोगों के रिहायशी मकान थे। इन सभी को खाली करवाने की प्रक्रिया करीब तीन साल से चल रही है। इन सभी को सेटलमेंट के साथ मकान खाली करवाए गए। इसी तरह कुछ प्रोपर्टी को कोर्ट केस के माध्यम से भी खाली कराया गया है। हालांकि अभी भी काफी कामर्शियल इकाइयां हैं। अंबाला छावनी में बर्फखाना की बेशकीमती जमीन पर लगे नगर परिषद (एनपी) के बोर्ड के गायब होने के मामले में अब प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ने एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। मंत्री अनिल विज ने आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए खुद यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि बर्फखाना रोड पर एक बेशकीमती जमीन को लेकर नगर परिषद ने दो बोर्ड लगाए थे, जिसमें इस जमीन को सरकारी जमीन बताया गया था। लेकिन, हैरानी की बात यह है कि यहां से एक बोर्ड रातों-रात गायब हो गया। उन्होंने कहा कि इस मामले में अब एफआईआर से पता चलेगा कि यह बोर्ड किसने हटाया है। विज ने बताया कि गुरुवार को उन्होंने विकास कार्यों को लेकर रेस्ट हाउस में नगर परिषद अधिकारियों की बैठक ली थी। बैठक में एसडीएम को एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा गया है। एफआईआर दर्ज होने के बाद जांच की जाएगी कि यह बोर्ड किसने हटाया है। हालांकि इस जमीन के दूसरी तरफ बोर्ड लगा हुआ है, लेकिन बैंक रोड की तरफ बर्फखाना की जमीन पर लगे बोर्ड के हटने के बाद मामला प्रकाश में आया है। फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है, लेकिन बोर्ड हटाए जाने को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। फिलहाल एफआईआर दर्ज होने के बाद जांच में पता चलेगा कि यह बोर्ड कब और किसने हटाया। यह था पूरा मामला बर्फखाना की करीब पांच एकड़ जमीन पर की ढाई-ढाई एकड़ की दो रजिस्ट्रियां हैं। बताया जाता है कि इस जमीन को लेकर सौ करोड़ रुपये का सौदा हुआ है। हालांकि यह अभी चर्चाओं में हैं, जबकि इन चर्चाओं के बीच यह बेशकीमती जमीन विवादों में आ चुकी है। मामला उस समय सुर्खियों में आया, जब इस जमीन पर जेसीबी चलाकर सफाई करने की कोशिश की। एक पक्ष द्वारा इसका विरोध करने पर मामला अंबाला कैंट थाना पहुंचा, जहां दोनों ने पक्षों ने अपनी बात तो रखी, लेकिन एक दूसरे के खिलाफ शिकायत नहीं दी थी। इसके बाद नगर परिषद की टीम ने मौके पर पहुंचकर 14 मई को यहां बोर्ड लगा दिया था। इसमें बताया गया था कि यह जमीन सरकार की है। इस जमीन की खरीद फरोख्त नहीं हो सकती और न ही इस पर प्लाटिंग हो सकती है। सेटलमेंट के साथ खाली करवाए गए प्रापर्टी इस जमीन पर कई लोगों के रिहायशी मकान थे। इन सभी को खाली करवाने की प्रक्रिया करीब तीन साल से चल रही है। इन सभी को सेटलमेंट के साथ मकान खाली करवाए गए। इसी तरह कुछ प्रोपर्टी को कोर्ट केस के माध्यम से भी खाली कराया गया है। हालांकि अभी भी काफी कामर्शियल इकाइयां हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
