हरियाणा में ग्रुप सी और डी के 24 हजार पदों का रिजल्ट जारी होने के बाद चयनित युवाओं को ज्वाइनिंग कराने का काम शुरू हो गया है। ज्वाइनिंग रोकने के लिए शनिवार को दाखिल याचिका को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पहली सुनवाई पर ही खारिज कर दिया। चयनित युवाओं की ज्वाइनिंग रोकने के लिए विपिन सागर ने हरियाणा सरकार एवं अन्य के विरुद्ध अधिवक्ता केडीएस हुड्डा के माध्यम से याचिका दाखिल की थी। हाई कोर्ट में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने अपना मजबूती से पक्ष रखा। पहले भी सक्रिय रह चुका है भर्ती रोको गैंग बीजेपी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी प्रवक्ता राजबीर रोहिता ने बताया कि भर्ती रोको गैंग इस तरह के कार्यों में पहले भी सक्रिय रहा है। भाजपा सरकार भर्ती रोको गैंग के मंसूबों को कभी पूरा नहीं होने देगी। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने भर्ती रोको गैंग की याचिका खारिज करके युवाओं के हित में फैसला लिया है।भविष्य में भी बिना खर्ची और बिना पर्ची के नीति के साथ ही भाजपा सरकार काम करेगी और युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने का काम किया जाएगा। भर्ती रोको गैंग चाहता था कि युवाओं की ज्वाइनिंग में रोड़े अटका कर भर्ती को रोका जाए लेकिन पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज कर उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया है। 24 हजार पदों पर घोषित हुआ परिणाम दरअसल, 17 अक्टूबर को हरियाणा की नई सरकार ने शपथ के बाद 24 हजार युवाओं को नौकरियों का रिजल्ट जारी किया। ये परिणाम तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के लिए घोषित हुए। विधानसभा चुनाव के चलते प्रदेश में आचार संहिता लगी हुई थी। जिसके कारण रिजल्ट घोषित नहीं किया गया। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) द्वारा रिजल्ट के एलान के बाद अब जल्द ही चयनित कर्मचारियों की नियुक्तियां की जाएंगी। हरियाणा कर्मचारी आयोग के चेयरमैन हिम्मत सिंह ने बताया कि ग्रुप सी के कुल 25 हजार 500 पद व ग्रुप डी के 2600 पदों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। सीएम बोले- विपक्षी दल हो जाते हैं सक्रिय हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ग्रुप सी और डी का रिजल्ट जारी होने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि ने कहा कि कुछ युवाओं के रिजल्ट एचएसएससी की तरफ से तैयार हो चुके थे। जैसे ही आयोग रिजल्ट जारी करने लगा तो विपक्षी दल चुनाव आयोग के पास पहुंच गए। जिसके बाद यह परिणाम हाईकोर्ट के पास पहुंच गया। हरियाणा में ग्रुप सी और डी के 24 हजार पदों का रिजल्ट जारी होने के बाद चयनित युवाओं को ज्वाइनिंग कराने का काम शुरू हो गया है। ज्वाइनिंग रोकने के लिए शनिवार को दाखिल याचिका को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पहली सुनवाई पर ही खारिज कर दिया। चयनित युवाओं की ज्वाइनिंग रोकने के लिए विपिन सागर ने हरियाणा सरकार एवं अन्य के विरुद्ध अधिवक्ता केडीएस हुड्डा के माध्यम से याचिका दाखिल की थी। हाई कोर्ट में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने अपना मजबूती से पक्ष रखा। पहले भी सक्रिय रह चुका है भर्ती रोको गैंग बीजेपी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी प्रवक्ता राजबीर रोहिता ने बताया कि भर्ती रोको गैंग इस तरह के कार्यों में पहले भी सक्रिय रहा है। भाजपा सरकार भर्ती रोको गैंग के मंसूबों को कभी पूरा नहीं होने देगी। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने भर्ती रोको गैंग की याचिका खारिज करके युवाओं के हित में फैसला लिया है।भविष्य में भी बिना खर्ची और बिना पर्ची के नीति के साथ ही भाजपा सरकार काम करेगी और युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने का काम किया जाएगा। भर्ती रोको गैंग चाहता था कि युवाओं की ज्वाइनिंग में रोड़े अटका कर भर्ती को रोका जाए लेकिन पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज कर उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया है। 24 हजार पदों पर घोषित हुआ परिणाम दरअसल, 17 अक्टूबर को हरियाणा की नई सरकार ने शपथ के बाद 24 हजार युवाओं को नौकरियों का रिजल्ट जारी किया। ये परिणाम तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के लिए घोषित हुए। विधानसभा चुनाव के चलते प्रदेश में आचार संहिता लगी हुई थी। जिसके कारण रिजल्ट घोषित नहीं किया गया। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) द्वारा रिजल्ट के एलान के बाद अब जल्द ही चयनित कर्मचारियों की नियुक्तियां की जाएंगी। हरियाणा कर्मचारी आयोग के चेयरमैन हिम्मत सिंह ने बताया कि ग्रुप सी के कुल 25 हजार 500 पद व ग्रुप डी के 2600 पदों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। सीएम बोले- विपक्षी दल हो जाते हैं सक्रिय हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ग्रुप सी और डी का रिजल्ट जारी होने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि ने कहा कि कुछ युवाओं के रिजल्ट एचएसएससी की तरफ से तैयार हो चुके थे। जैसे ही आयोग रिजल्ट जारी करने लगा तो विपक्षी दल चुनाव आयोग के पास पहुंच गए। जिसके बाद यह परिणाम हाईकोर्ट के पास पहुंच गया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हार पर सैलजा से सहमत पूर्व मंत्री:बीरेंद्र सिंह बोले- सिर्फ टिकट वाले कार्यकर्ता हो गए, जिसे नहीं मिला, वह गुट बन गया
हार पर सैलजा से सहमत पूर्व मंत्री:बीरेंद्र सिंह बोले- सिर्फ टिकट वाले कार्यकर्ता हो गए, जिसे नहीं मिला, वह गुट बन गया हरियाणा में कांग्रेस की हार के कारणों पर चल रहा घमासान थम नहीं रहा है। अब पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने हार का ठीकरा संगठन न होने पर फोड़ दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में ऐसे कार्यकर्ता हो गए जो सिर्फ टिकट चाहते थे। अगर संगठन होता तो पदाधिकारी और कार्यकर्ता पार्टी से बाहर नहीं जाते। इससे पहले कुमारी सैलजा भी संगठन न होने को लेकर सवाल खड़े कर चुकी हैं। हालांकि पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने हार का ठीकरा EVM पर फोड़ा है। हुड्डा ने तो इसकी जांच न होने पर कोर्ट तक जाने की बात कही है। कांग्रेस की हार पर बीरेंद्र सिंह की 3 अहम बातें 1. संगठन होता तो गुटबाजी कमजोर पड़ जाती
बीरेंद्र सिंह ने कहा कि हरियाणा में संगठन नहीं था। संगठन हो तो गुटबाजी की सोच भी ढीली पड़ जाती है। संगठन का पदाधिकारी या कार्यकर्ता हो तो वह पार्टी से बाहर जाने के बारे में 10 बार सोचेगा कि जाऊं या न जाऊं। 2. सिर्फ टिकट वाले कार्यकर्ता गुट में बदल जाते हैं
जब कोई यह सोचे कि मैं सिर्फ कार्यकर्ता हूं, बस टिकट मिल जाए। टिकट मिले तो आप कार्यकर्ता हो और न मिले तो आपका कांग्रेस की कार्यशैली और अनुशासन से कोई ताल्लुक नहीं। फिर वह गुट में बदल जाता है। 3. कांग्रेस की हवा थी, वोट परसेंट में सिर्फ 0.9% का अंतर
बीरेंद्र सिंह ने सीएम नायब सैनी के कांग्रेस पर किए कटाक्ष हवा में रहने वालों के हवा में रह जाने पर कहा कि जो रिजल्ट आया है, उससे तो वे यही कहेंगे। मगर, ऐसा है नहीं। वोट % में 0.9% का फर्क है। BJP छोड़कर कांग्रेस में आए बीरेंद्र सिंह के बेटे भी चुनाव हार गए
बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह 2019 के चुनाव में हिसार से BJP की टिकट पर सांसद चुने गए थे। हालांकि इस बार हरियाणा में कांग्रेस का माहौल देख लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने पार्टी बदल ली। इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें लोकसभा टिकट नहीं दी। हालांकि वह उचाना सीट से विधानसभा टिकट पाने में कामयाब रहे। यहां उनका मुकाबला भाजपा के देवेंद्र अत्री से था। हालांकि मतगणना के बाद बृजेंद्र महज 32 वोटों से भाजपा उम्मीदवार से चुनाव हार गए। हार पर कांग्रेस में अलग-अलग बातें राहुल गांधी ने कहा- नेताओं के इंटरेस्ट पार्टी से ऊपर हो गए
हरियाणा चुनाव में माहौल के बावजूद हार हुई तो राहुल गांधी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ समीक्षा बैठक की। इसमें राहुल गांधी ने हार की वजह पर कहा कि हमारे नेताओं के इंटरेस्ट पार्टी के इंटरेस्ट से ऊपर हो गए। सैलजा ने कहा था- संगठन बहुत जरूरी
चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद सैलजा रोहतक आईं थी। उनसे पूछा गया कि भूपेंद्र हुड्डा कहते थे कि संगठन की जरूरत नहीं, कार्यकर्ता ही सब कुछ है। इस पर सैलजा ने कह कि मैंने पहले से ही कहा है कि संगठन होना बहुत जरूरी है। कार्यकर्ता को पहचान संगठन से मिलती है। चाहे मेरा कार्यकाल रहा हो या उसके बाद, संगठन नहीं बन पाया। स्टेट लेवल से लेकर जिला और ब्लॉक लेवल तक भी संगठन नहीं बना। सबसे महत्वपूर्ण है कि हमारे ब्लॉक और बूथ तक मजबूत हों, यह बहुत जरूरी था। जिले और राज्य में हमारे कार्यक्रम होते हैं। यह एक कमी है। जिसका मुझे भी मलाल रहा। हमारे सभी उम्मीदवारों को भी इसकी कमी खली होगी। हुड्डा ने कहा- कहीं मानव मशीन से न हार जाए
भूपेंद्र हुड्डा और उनके ही करीबी प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने प्रदेश की 20 सीटों की मतगणना में EVM में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि 99% चार्ज EVM से भाजपा जीती और 60-70% वाली से कांग्रेस को लीड मिली। उन्होंने इसकी शिकायत चुनाव आयोग कर जांच की मांग की थी। इसको लेकर हुड्डा ने कहा कि आयोग के जवाब का इंतजार कर रहे हैं। फिर हम कोर्ट जाएंगे। ऐसा न हो कि मानव मशीन से हार जाए। कांग्रेस की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी में गुटबाजी-भीतरघात आई
चुनाव में हार को लेकर कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल और राजस्थान के विधायक हरीश चौधरी की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई थी। जिन्होंने प्रदेश में हारे 52 कांग्रेस नेताओं और एक CPM उम्मीदवार से अकेले-अकेले बात की। इसमें ज्यादा उम्मीदवारों ने हार की वजह गुटबाजी बताई। उन्होंने ये भी कहा कि जिन्हें टिकट नहीं मिला, उन्होंने अंदरखाते वोट विरोधियों को डलवाए या फिर हमें वोट न देने के लिए कहा। कुछ उम्मीदवारों ने EVM पर भी जरूर शक जाहिर किया था।
हरियाणा में हैट्रिक के लिए BJP की मेगा प्लानिंग:21% दलित वोटर टारगेट, खट्टर को सौंपी जिम्मेदारी, महासम्मेलन में पकड़ेंगे ‘संकल्प का लोटा’
हरियाणा में हैट्रिक के लिए BJP की मेगा प्लानिंग:21% दलित वोटर टारगेट, खट्टर को सौंपी जिम्मेदारी, महासम्मेलन में पकड़ेंगे ‘संकल्प का लोटा’ हरियाणा विधानसभा चुनाव में सरकार की हैट्रिक के लिए BJP ने दलित वोटरों को रिझाने की मेगा प्लानिंग की है। इसके लिए BJP इसी महीने कुरूक्षेत्र में दलित महासम्मेलन करने जा रही है। इसकी जिम्मेदारी पूर्व CM और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर को दी गई है। खट्टर इस महासम्मेलन में मुख्य मेहमान होंगे। लोकसभा चुनाव में 21% दलित वोटरों ने भाजपा को बड़ा झटका दिया था। जिस वजह से भाजपा राज्य की 10 में से 2 रिजर्व सीट सिरसा और अंबाला हार गई। कुछ सीटों पर दलित वोटरों के जाट वोटरों संग जुड़ने से भाजपा मामूली अंतर से लोकसभा चुनाव हार गई। भाजपा को डर है कि अगर यही स्थिति विधानसभा में भी रही तो फिर तीसरी बार सरकार बननी मुश्किल हो जाएगी। सबसे पहले 2 हिस्सों में BJP की प्लानिंग जानिए 1. 17 रिजर्व सीटों पर फोकस, जिला-विधानसभा स्तर के सम्मेलन हो चुके
भाजपा ने इसके लिए 17 रिजर्व सीटों से शुरुआत की। जहां जिला और विधानसभा स्तर पर सम्मेलन किए जा चुके हैं। जिसमें दलितों को केंद्र-राज्य की स्कीमें बता उनके सुझाव लेकर नई राज्य सरकार से लागू कराने का भरोसा दिया जा रहा है। चूंकि इसकी अगुआई खट्टर कर रहे हैं, इसलिए उनके करीबी चीफ मीडिया कोऑर्डिनेटर सुदेश कटारिया को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। कटारिया खुद भी दलित वर्ग से ही संबंधित हैं। उनकी अगुआई में खट्टर की टीम को दलितों के प्रभाव वाली सीटों पर काम करने का टास्क दिया गया है। 2. 15 हजार लोग बुला दलित सम्मेलन, खट्टर को संकल्प लोटा देंगी
भाजपा कुरुक्षेत्र के दलित महासम्मेलन को बड़े स्तर पर करने जा रही है। इसमें 15 हजार से ज्यादा दलित समुदाय के लोग बुलाए जाएंगे। जिनमें 10 हजार पुरुष और 5 हजार महिलाओं को लाने का टारगेट रखा गया है। दलित समुदाय से सीधे कनेक्ट के लिए इसमें महिलाएं लोटा लेकर आएंगी। यह संकल्प लोटा महिलाएं महासम्मेलन के चीफ गेस्ट मनोहर लाल खट्टर को देंगी। भाजपा ने इस मुहिम को ‘मनोहर लाल का परिवार’ नाम दिया है। जिसे चुनाव में भी भुनाया जाएगा। भाजपा को दलितों की याद क्यों आई, 3 पॉइंट में समझें 1. लोकसभा में दोनों रिजर्व सीट हारे
हरियाणा में लोकसभा की 10 सीटें हैं। इनमें 2 सीटें रिजर्व हैं। कुछ महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा दोनों सीटें हार गई। सिरसा में कांग्रेस की कुमारी सैलजा ने भाजपा के अशोक तंवर को 2 लाख 68 हजार 497 वोटों से हरा दिया। अंबाला में भाजपा की बंतो कटारिया को कांग्रेस के MLA वरूण चौधरी से 49 हजार 36 वोटों हार मिली। 2. कांग्रेस 11 रिजर्व विधानसभा सीटें जीत गई, 2 पर AAP ने चौंकाया
राज्य की 10 लोकसभा सीटों के अधीन आती 90 विधानसभा सीटों में 17 SC वर्ग के लिए रिजर्व हैं। इसी साल के लोकसभा रिजल्ट को विधानसभा वाइज देखें तो इन 17 में भाजपा सिर्फ 4 ही जीत सकी। 11 पर कांग्रेस जीती तो 2 पर आम आदमी पार्टी (AAP) ने भाजपा से बढ़त बनाकर चौंका दिया। 3. वोट शेयर में 5 साल में बड़ी गिरावट
मई में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को 46.06% वोट शेयर मिला। 2019 के लोकसभा चुनाव में वोट शेयर 58% था। 5 साल में वोट परसेंट में यह 11.06% की गिरावट रही। वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर 2019 में 28.42% के मुकाबले बढ़कर 43.73% हो गया। 5 साल में कांग्रेस का वोट शेयर 15.31% बढ़ा। दलित महासम्मेलन से भाजपा का मकसद क्या? दलित महासम्मेलन के जरिए भाजपा 3 बड़े मकसद को पाना चाहती है। पहला.. प्रदेश में 21% दलित वोटर है। राज्य में 17 सीटें दलित वर्ग के लिए रिजर्व हैं। ऐसे में भाजपा का सीधा निशाना यही सीटें हैं। इसके अलावा 35 सीटें ऐसी हैं, जहां दलित वोटरों का प्रभाव है। अगर वे किसी एक पार्टी के हक में हो जाएं तो फिर उनकी सीट जीतनी तय है। भाजपा इन्हें अपने पक्ष में या फिर एकजुटता को भी तोड़ना चाहती है। दूसरा.. कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में आरक्षण छीनने और संविधान बदलने का प्रचार किया। जिसका हरियाणा के दलित वोटरों पर बड़ा असर पड़ा। यही वजह है कि वे भाजपा से दूर हो गए। सम्मेलन के जरिए भाजपा कोशिश करेगी कि कांग्रेस की बातों को झूठा साबित करे। तीसरा.. लोकसभा चुनाव में 10 में से 5 सीटें हारने के बाद भाजपा की समीक्षा बैठक में सामने आया कि जाट और दलित वोटर उनके खिलाफ एकजुट हो गए। जिस वजह से वह रोहतक और सिरसा जैसी सीटों ढ़ाई से साढ़े 3 लाख वोटों से एकतरफा हार मिली। सोनीपत सीट महज 22 हजार से हार गए। कुरूक्षेत्र, गुरुग्राम और भिवानी-महेंद्रगढ़ हारते-हारते बचे। भाजपा इस एकजुटता को तोड़ना चाहती है। हरियाणा में 10 साल से सत्ता में भाजपा
हरियाणा में भाजपा लगातार 2 टर्म से सरकार चला रही है। 2014 में भाजपा ने विधानसभा की 90 में से 47 सीटें जीतकर अकेले बहुमत की सरकार बनाई। 2019 में भाजपा 40 सीटों पर सिमट गई लेकिन JJP के 10 विधायकों का साथ लेकर फिर सरकार बना ली। इस बार भाजपा के पास हैट्रिक लगाने का मौका है। केंद्रीय मंत्री खट्टर को ही जिम्मेदारी क्यों?
दलितों को मनाने का जिम्मा खट्टर को ही क्यों, इसकी वजह ये है कि खट्टर साढ़े 9 साल हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। लगातार 2 टर्म में भाजपा की सरकार ने उनकी अगुआई में कामकाज किया। हालांकि मई महीने में लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने उन्हें सीएम कुर्सी से हटाकर लोकसभा चुनाव लड़ाया। करनाल से पहली बार सांसद बनकर वह केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिए गए। वहीं उनकी जगह ओबीसी वर्ग से नायब सैनी को सीएम बनाया गया लेकिन वह कार्यकाल के अंत में ज्यादा कुछ नहीं कर पाए। यही वजह है कि चुनाव भले ही भाजपा सैनी की अगुआई में लड़ रही लेकिन सरकार की हैट्रिक में खट्टर को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इनलो-बसपा की जनसभा में डांसर के ठुमके:नूंह में आकाश आनंद बोले- भाजपा-कांग्रेस दलित विरोधी, गठबंधन से डरे राजनीतिक दल
इनलो-बसपा की जनसभा में डांसर के ठुमके:नूंह में आकाश आनंद बोले- भाजपा-कांग्रेस दलित विरोधी, गठबंधन से डरे राजनीतिक दल नूंह जिले के तावडू सिटी की नई अनाज मंडी में रविवार को सोहना विधानसभा क्षेत्र से इंडियन नेशनल लोकदल एवं बहुजन समाज पार्टी गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी सुंदर भड़ाना की जनसभा का आयोजन हुआ। जिसमें बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय को-ऑर्डिनेटर आकाश आनंद मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे। इस दौरान डांसर असमीना के ठुमके भी देखने को मिले। जनसभा संबोधन के दौरान आकाश आनंद ने भाजपा और कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि दोनों राजनीतिक दल देश के भाईचारे को बिगाड़ रहे हैं। आरक्षण के नाम पर दलितों को गुमराह किया। हरियाणा विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी और इंडियन नेशनल लोकदल के गठबंधन से दोनों बड़े राजनीतिक दल डरे हुए हैं। सभा के दौरान उन्होंने बेरोजगारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि इंडियन नेशनल लोकदल और बसपा गठबंधन को जीतने पर युवाओं को रोजगार मिलेगा। डांसर का डांस देखने पहुंचे युवा सभा स्थल पर कई महिला डांसरों को भी बुलाया गया। जिनमें मुख्य रूप से मेवाती महिला डांसर असमीना पहुंची। यहां डांसर असमीना की झलक पाने और डांस देखने के लिए भारी संख्या में युवा पहुंचे। जिन्हें नियंत्रित करने के लिए सभा स्थल पर बाउंसरों को बड़ी मशक्कत करनी पड़ी। युवाओं के शोर के चलते मुख्य अतिथि को दो बार अपना भाषण बीच में ही रोकना पड़। महिला डांसर की झलक पाने के लिए कई युवक अनाज मंडी के टीन शेड में लगे लोहे की एंगल के सहारे ऊपर चढ़ गए। जैसे ही महिला डांसर सभा स्थल से निकली तो युवाओं की भीड़ भी उनके पीछे निकल गई। यहां शुरुआत में मेवाती गानों पर असमीना ने ठुमके लगाए इसके बाद उन्हें रोक दिया गया। वहीं, आकाश आनंद का भाषण होने तक असमीना को स्टेज पर बैठाए रखा गया।