सोनीपत में सिंचाई के पानी को लेकर विवाद:रिंढ़ाना के लोगों ने काटी 35 पाइप लाइन; 2 गांवों की 2000 एकड़ फसल को खतरा

सोनीपत में सिंचाई के पानी को लेकर विवाद:रिंढ़ाना के लोगों ने काटी 35 पाइप लाइन; 2 गांवों की 2000 एकड़ फसल को खतरा

सोनीपत जिले में पानी के बंटवारे को लेकर तीन गांवों के बीच पुराना विवाद एक बार फिर सामने पर आ गया है। रिंढ़ाना गांव के कुछ लोगों द्वारा छपरा और बनवावा गांव की सिंचाई पाइप लाइन को कथित तौर पर काट दिए जाने से तनाव की स्थिति बन गई है। इस कार्रवाई से दोनों गांवों की करीब 2000 एकड़ फसल पर संकट गहरा रहा है। किसानों का कहना है कि वर्ष 2007 में उन्होंने रिंढ़ाना के पास सैकड़ों एकड़ जमीन खरीदी थी। इसके बाद खेतों में सिंचाई के लिए ट्यूबवेल लगाए और करीब 6 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन 3.5 फीट की गहराई में बिछाई गई थी। यह व्यवस्था पिछले 15 वर्षों से सुचारू रूप से चल रही थी। लेकिन पिछले 15 दिनों से रिंढ़ाना गांव के कुछ लोगों ने आपसी रंजिश के चलते लगभग 35 पाइप लाइन के कनेक्शन काट दिए हैं, जिससे पूरी सिंचाई व्यवस्था ठप हो गई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से मिले ग्रामीण मामले को लेकर शनिवार को छपरा और बनवासा के दर्जनों किसान गोहाना पहुंचे और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली से मिलकर अपनी व्यथा सुनाई। किसानों ने बताया कि धान की रोपाई का समय नजदीक है और पानी की कमी से फसलों के बर्बाद होने का खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने तत्काल कार्रवाई की मांग की। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बडौली ने किसानों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। उनके आदेश पर बरोदा थाना क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। साथ ही पाइपलाइन की मरम्मत के लिए सुरक्षा व्यवस्था की गई है। बड़ौली ने आश्वासन दिया है कि काटी गई सभी पाइपलाइन कनेक्शन जल्द जोड़े जाएंगे और किसानों की समस्या का स्थायी समाधान किया जाएगा। कई बार मौके का दौरा कर चुके एसडीएम गोहाना गोहाना की एसडीएम ने भी कई बार मौके का दौरा किया है और संबंधित अधिकारियों को जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन ने सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, दोनों गांवों के बीच पानी के बंटवारे को लेकर पहले भी विवाद हुए हैं, लेकिन इस बार मामला अधिक गंभीर हो गया है। किसानों का कहना है कि यदि जल्द ही पाइपलाइन की मरम्मत नहीं की गई तो न केवल मौजूदा फसलें बर्बाद हो जाएंगी, बल्कि आगामी धान की फसल भी प्रभावित होगी। वहीं प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि मामले को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों से बातचीत की जा रही है और जल्द ही कोई समाधान निकाला जाएगा। सोनीपत जिले में पानी के बंटवारे को लेकर तीन गांवों के बीच पुराना विवाद एक बार फिर सामने पर आ गया है। रिंढ़ाना गांव के कुछ लोगों द्वारा छपरा और बनवावा गांव की सिंचाई पाइप लाइन को कथित तौर पर काट दिए जाने से तनाव की स्थिति बन गई है। इस कार्रवाई से दोनों गांवों की करीब 2000 एकड़ फसल पर संकट गहरा रहा है। किसानों का कहना है कि वर्ष 2007 में उन्होंने रिंढ़ाना के पास सैकड़ों एकड़ जमीन खरीदी थी। इसके बाद खेतों में सिंचाई के लिए ट्यूबवेल लगाए और करीब 6 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन 3.5 फीट की गहराई में बिछाई गई थी। यह व्यवस्था पिछले 15 वर्षों से सुचारू रूप से चल रही थी। लेकिन पिछले 15 दिनों से रिंढ़ाना गांव के कुछ लोगों ने आपसी रंजिश के चलते लगभग 35 पाइप लाइन के कनेक्शन काट दिए हैं, जिससे पूरी सिंचाई व्यवस्था ठप हो गई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से मिले ग्रामीण मामले को लेकर शनिवार को छपरा और बनवासा के दर्जनों किसान गोहाना पहुंचे और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली से मिलकर अपनी व्यथा सुनाई। किसानों ने बताया कि धान की रोपाई का समय नजदीक है और पानी की कमी से फसलों के बर्बाद होने का खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने तत्काल कार्रवाई की मांग की। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बडौली ने किसानों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। उनके आदेश पर बरोदा थाना क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। साथ ही पाइपलाइन की मरम्मत के लिए सुरक्षा व्यवस्था की गई है। बड़ौली ने आश्वासन दिया है कि काटी गई सभी पाइपलाइन कनेक्शन जल्द जोड़े जाएंगे और किसानों की समस्या का स्थायी समाधान किया जाएगा। कई बार मौके का दौरा कर चुके एसडीएम गोहाना गोहाना की एसडीएम ने भी कई बार मौके का दौरा किया है और संबंधित अधिकारियों को जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन ने सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, दोनों गांवों के बीच पानी के बंटवारे को लेकर पहले भी विवाद हुए हैं, लेकिन इस बार मामला अधिक गंभीर हो गया है। किसानों का कहना है कि यदि जल्द ही पाइपलाइन की मरम्मत नहीं की गई तो न केवल मौजूदा फसलें बर्बाद हो जाएंगी, बल्कि आगामी धान की फसल भी प्रभावित होगी। वहीं प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि मामले को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों से बातचीत की जा रही है और जल्द ही कोई समाधान निकाला जाएगा।   हरियाणा | दैनिक भास्कर