हरियाणा में करनाल के असंध पहुंचे पूर्व सीएम एंव केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने आधी रात को कांग्रेस की लिस्ट जारी होने के सवाल पर कहा कि हैरानी का विषय है। कांग्रेस रात को एक बड़ी लिस्ट जारी करती है। कांग्रेस को या तो अपने आप पर विश्वास नहीं या फिर अपने प्रत्याशियों पर विश्वास नहीं। इसके अलावा कांग्रेस को डर यह भी है कि अन्य दावेदार क्या करेंगे। अब आगे उनका दौर शुरू होगा, उसमें हम भी देखेंगे और आप भी देखेंगे। एजेंटों के कपड़े उतारकर खूंटी पर टांगे मनोहर लाल ने कहा कि कांग्रेस ने दुकानदारों से हफ्ते लेने के लिए दलाल छोड़े हुए थे। धोले कपड़ों में घूमने वाले दलालों के हमने कपड़े उतरवाकर खूंटी पर टांगने का काम किया और वे सफेद पोश बेरोजगार होकर अपने घर बैठ गए। कांग्रेस के एजेंटों के लिए बेरोजगारी हो चुकी है। राहुल गांधी के बयानों को बताया बचकाना राहुल गांधी के बयान के सवाल पर मनोहर लाल ने कहा कि राहुल गांधी बचकाना बयानबाजी करते हैं और इन बयानों से हैरानी होती है कि वे ऐसे बयान दे कैसे देते है। उन्होंने सिख समाज के बारे में बोला, अनुसूचित जाति के बारे में बोला यहां तक कि संविधान के बारे में बोलते है और आरक्षण के बारे में बोलते है, और वह भी विदेश की धरती पर जाकर बोल रहे हैं। इस तरह के बयान देना देश को कमजोर करने की साजिश लगती है और इस साजिश में वे बेनकाब हो चुके हैं और इसका खामियाजा कांग्रेस पार्टी को भुगतना पड़ेगा। जहां जहां चुनाव है वहां वहां तो अभी भुगतना पड़ेगा। हरियाणा में करनाल के असंध पहुंचे पूर्व सीएम एंव केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने आधी रात को कांग्रेस की लिस्ट जारी होने के सवाल पर कहा कि हैरानी का विषय है। कांग्रेस रात को एक बड़ी लिस्ट जारी करती है। कांग्रेस को या तो अपने आप पर विश्वास नहीं या फिर अपने प्रत्याशियों पर विश्वास नहीं। इसके अलावा कांग्रेस को डर यह भी है कि अन्य दावेदार क्या करेंगे। अब आगे उनका दौर शुरू होगा, उसमें हम भी देखेंगे और आप भी देखेंगे। एजेंटों के कपड़े उतारकर खूंटी पर टांगे मनोहर लाल ने कहा कि कांग्रेस ने दुकानदारों से हफ्ते लेने के लिए दलाल छोड़े हुए थे। धोले कपड़ों में घूमने वाले दलालों के हमने कपड़े उतरवाकर खूंटी पर टांगने का काम किया और वे सफेद पोश बेरोजगार होकर अपने घर बैठ गए। कांग्रेस के एजेंटों के लिए बेरोजगारी हो चुकी है। राहुल गांधी के बयानों को बताया बचकाना राहुल गांधी के बयान के सवाल पर मनोहर लाल ने कहा कि राहुल गांधी बचकाना बयानबाजी करते हैं और इन बयानों से हैरानी होती है कि वे ऐसे बयान दे कैसे देते है। उन्होंने सिख समाज के बारे में बोला, अनुसूचित जाति के बारे में बोला यहां तक कि संविधान के बारे में बोलते है और आरक्षण के बारे में बोलते है, और वह भी विदेश की धरती पर जाकर बोल रहे हैं। इस तरह के बयान देना देश को कमजोर करने की साजिश लगती है और इस साजिश में वे बेनकाब हो चुके हैं और इसका खामियाजा कांग्रेस पार्टी को भुगतना पड़ेगा। जहां जहां चुनाव है वहां वहां तो अभी भुगतना पड़ेगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में नए मंत्रिमंडल के लिए 15 MLA शॉर्टलिस्ट:केंद्रीय नेतृत्व ने प्रोफाइल मंगाई; इनमें 7 मंत्री और एक डिप्टी स्पीकर रह चुके
हरियाणा में नए मंत्रिमंडल के लिए 15 MLA शॉर्टलिस्ट:केंद्रीय नेतृत्व ने प्रोफाइल मंगाई; इनमें 7 मंत्री और एक डिप्टी स्पीकर रह चुके हरियाणा में नई सरकार के लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने कवायद शुरू कर दी है। मंत्रिमंडल के लिए 15 विधायकों के नाम शॉर्ट लिस्ट किए गए हैं। इनमें 7 मंत्री और एक डिप्टी स्पीकर रह चुके हैं। केंद्रीय नेतृत्व ने नाम फाइनल करने से पहले विधायकों की प्रोफाइल मंगाई है। जो चेहरे शॉर्ट लिस्ट किए गए हैं, उनमें नायब सैनी, अनिल विज, राव नरबीर सिंह, विपुल गोयल, मूलचंद शर्मा, कृष्णा गहलावत, कृष्णलाल पंवार, हरविंदर कल्याण, रणबीर गंगवा, महिपाल ढांडा, बिमला चौधरी, लक्ष्मण यादव, घनश्याम सर्राफ, आरती राव और श्रुति चौधरी शामिल हैं। 8 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आया था। भाजपा ने 48, कांग्रेस ने 37, इनेलो ने 2 और 3 निर्दलीयों ने जीत दर्ज की। तीनों निर्दलीय विधायक भाजपा को समर्थन दे चुके हैं। जिसके बाद भाजपा के पास विधायकों की संख्या 51 हो गई है। कल पंचकूला में विधायक दल की मीटिंग होगी। मीटिंग में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ऑब्जर्वर के तौर पर मौजूद रहेंगे। सिलसिलेवार ढंग से जानिए, किसकी दावेदारी क्यों मजबूत…. 1. राव नरबीर सिंह : बादशाहपुर सीट से चुनाव जीते राव नरबीर सिंह अहीरवाल बेल्ट के बड़े नेता कहे जाने वाले राव इंद्रजीत सिंह के धुर विरोधी रहे हैं। पूरे इलाके में राव नरबीर ही इकलौते ऐसे नेता हैं, जिन्होंने अपने दम पर न केवल हाईकमान से सीधे टिकट हासिल की, बल्कि इस इलाके में सबसे बड़ी जीत भी दर्ज की है। नरबीर सिंह 2014 में मनोहर लाल खट्टर की सरकार में पावरफुल कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। उनके सीधे हाईकमान से अच्छे संबंध है। उनकी कैबिनेट मंत्री के पद पर दावेदारी काफी मजबूत है। इसकी दूसरी वजह उनका राव इंद्रजीत सिंह का विरोधी होना भी है। 10 विधायकों में राव इंद्रजीत सिंह के धुर विरोधी में इकलौते राव नरबीर ही है। भाजपा नरबीर को मंत्री बनाकर इलाके में राव इंद्रजीत सिंह के बराबर नेता खड़ा कर सकती है। 2. बिमला चौधरी : बिमला चौधरी ने पटौदी विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है। वह 2014 में भी इसी सीट से विधायक बनी थीं। 2019 में भाजपा ने उनका टिकट काट दिया था। वह राव इंद्रजीत सिंह की करीबी हैं। बिमला चौधरी की दावेदारी इसलिए भी मजबूत है, क्योंकि वह जातीय संतुलन के हिसाब से राव इंद्रजीत सिंह के कोटे में वह फिट बैठती हैं। इसके अलावा उन्हें विधायक रहते हुए प्रशासनिक अनुभव भी है। 3. लक्ष्मण यादव : वह रेवाड़ी सीट से चुनाव जीते है। वह 2019 में कोसली से विधायक चुने गए थे। राव इंद्रजीत सिंह और संगठन दोनों की पसंद की वजह से उन्हें टिकट मिला। अहीरवाल इलाके में यादवों की वोट एक तरह से एक तरफा भाजपा के पक्ष में पड़ा। 2019 में भले ही रेवाड़ी सीट पर भाजपा जीत दर्ज नहीं कर पाई, लेकिन 2014 में यहां पहली बार कमल खिला था।अहीरवाल बेल्ट की राजधानी कहे जाने वाले रेवाड़ी को पिछले 10 सालों में मंत्रीपद नहीं मिल पाया। ऐसे में लक्ष्मण सिंह यादव के नाम पर राव इंद्रजीत सिंह भी सहमति जता सकते हैं। 4. आरती राव : राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव ने अटेली से चुनाव जीता है। पिछले 3 चुनाव में अटेली में भाजपा उम्मीदवार ही चुनाव जीतते आ रहे हैं। इलाके में खुद के प्रभाव के चलते ही राव इंद्रजीत सिंह ने बेटी को टिकट दिलाया। ऐसे में आरती राव को मंत्रिमंडल में शामिल कराकर राव इंद्रजीत सिंह महेंद्रगढ़ जिले को मजबूत करने की कोशिश कर सकते हैं। 5. विपुल गोयल : यह वैश्य समुदाय से आते हैं। 2014 में चुनाव जीतकर कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। हालांकि फरीदाबाद सांसद कृष्ण पाल गुर्जर के मतभेदों के कारण टिकट काट दिया गया था। इस बार सीधी हाईकमान में पकड़ होने के कारण इनको टिकट मिला, इसके साथ ही नए मंत्रिमंडल में इसी कारण से कैबिनेट मंत्री के रूप में मजबूत दावेदार बने हुए हैं। 6 मूलचंद शर्मा: भाजपा में ब्राह्मणों के सबसे बड़े चेहरे के रूप में पंडित रामबिलास शर्मा का नाम आता था, लेकिन 2019 में उनके चुनाव हारने के बाद उनके ही रिश्तेदार बल्लभगढ़ से विधायक मूलचंद शर्मा को मनोहर लाल के दूसरे टर्म में परिवहन मंत्री बनाया गया। मूलचंद शर्मा लगातार तीसरी बार इस सीट से विधायक चुने गए हैं। 5 साल मंत्री रहने के दौरान उनकी परफॉर्मेंस ठीक रही, जिसकी वजह से वह इस बार भी कैबिनेट मंत्री पद के दावेदार हैं। उनकी दावेदारी की दूसरी बड़ी वजह इस बार के चुनाव में ब्राह्मण वोटर्स का एकतरफा झुकाव भाजपा की तरफ रहना भी है। 7. महिपाल ढांडा: पानीपत ग्रामीण से विधायक बने हैं। पार्टी का बड़ा जाट चेहरा बनकर उभरे हैं। नायब सैनी के सीएम बनाए जाने के बाद ढांडा को राज्यमंत्री बनाया गया था। अपने छोटे से कार्यकाल में काफी एक्टिव दिखाई दिए थे। जिसके बाद भाजपा ने इन्हें तीसरी बार फिर टिकट दिया। ढांडा की सबसे बड़ी बात यह भी है कि उनके ऊपर अभी तक कोई भी भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे हैं। 8. कृष्णा गहलावत: राई विधानसभा सीट पर कृष्णा गहलावत ने जीत दर्ज की है। ये सीट पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ मानी जाती है। जाट समुदाय से आने वाली कृष्णा गहलावत 1996 में बंसीलाल सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। भाजपा सोनीपत, रोहतक और झज्जर की जाट बेल्ट में अपना आधार बढ़ाने के लिए उन्हें कैबिनेट में जगह दे सकती है। 9. श्रुति चौधरी: तोशाम विधानसभा सीट पर भाजपा से श्रुति चौधरी ने जीत दर्ज की है। इस सीट पर उनका मुकाबला अपने चचेरे भाई अनिरुद्ध चौधरी से था। भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से सांसद रही श्रुति चौधरी को लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट नहीं मिला था। इसके बाद वे अपनी मां किरण चौधरी के साथ बीजेपी में शामिल हो गईं। तोशाम पर बंसीलाल परिवार का खासा प्रभाव रहा है। इससे पहले किरण चौधरी इस सीट से लगातार जीत हासिल करती रही हैं। उन्हें अब राज्यसभा भेज दिया गया है। ऐसे में श्रुति चौधरी कैबिनेट में मंत्रीपद के मजबूत दावेदारी मानी जा रही है। 10. हरविंदर कल्याण: ये रोड़ समाज से आते हैं। प्रदेश की घरौंडा सीट से इन्होंने जीत दर्ज की है। 2019 में भी चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे, लेकिन मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था। मनोहर लाल खट्टर के बाद नायब सैनी के कार्यकाल में भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हो पाए थे, इस बार इस समाज को बीजेपी नई सरकार में प्रतिनिधित्व देना चाहती है, इसलिए दावेदारी मजबूत है। ये पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के करीबी माने जाते हैं। 11. कृष्ण लाल पंवार: बतौर राज्यसभा सांसद रहते हुए इसराना से विधानसभा चुनाव लड़ा। अब तक 6 बार के विधायक रह चुके हैं। सीनियोरिटी के हिसाब से बीजेपी में दूसरे नंबर पर आते हैं। इनसे पहले अनिल विज सात बार के विधायक बन चुके हैं। दलित समाज से आते हैं। इस चुनाव में दलितों के समर्थन मिलने के बाद बीजेपी में पंवार की मजबूत दावेदारी है। इसके साथ ही पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के भी काफी करीबी हैं। 12. रणबीर गंगवा: संसदीय मामलों के अच्छे जानकार हैं। मनोहर लाल खट्टर और नायब सैनी की सरकार में डिप्टी स्पीकर रह चुके हैं। गंगवा इस बार बरवाला सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचेंगे। इस नई सरकार में उन्हें स्पीकर या डिप्टी स्पीकर की जिम्मेदारी दी जा सकती है। 13. घनश्याम सर्राफ: भिवानी से लगातार चार बार विधायक हैं। 2014 में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में राज्य मंत्री रह चुके हैं। वैश्य समाज से आते हैं। बीजेपी ने इस चुनाव में 36 बिरादरी को साथ लेकर चलने का वादा किया है, ऐसे में उनके अनुभव को देखते हुए केंद्रीय नेतृत्व उन्हें राज्य मंत्री पद की जिम्मेदारी दे सकता है। 14. अनिल विज: हरियाणा में इस बार विधानसभा में सबसे सीनियर अनिल विज होंगे। इसकी वजह यह है कि यह ऐसे पहले विधायक बने हैं, जिन्होंने सात बार लगातार विधानसभा चुनाव जीता है। मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में सेकेंड पोजीशन पर रहे। हालांकि नायब सैनी के कार्यकाल में उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था, लेकिन इस बार वह फिर से कैबिनेट में अहम विभागों की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। पार्टी यदि डिप्टी सीएम फॉर्मूला लाती है तो विज को डिप्टी सीएम भी बनाया जा सकता है। अनिल विज पंजाबी समुदाय से आते हैं।
हरियाणा BJP विधायक पर बिश्नोई सभा के प्रधान के आरोप:देवेंद्र बुढ़िया ने कहा, रणधीर पनिहार ने मेरे साथ बुरा बर्ताव किया, आज खुलासा करूंगा
हरियाणा BJP विधायक पर बिश्नोई सभा के प्रधान के आरोप:देवेंद्र बुढ़िया ने कहा, रणधीर पनिहार ने मेरे साथ बुरा बर्ताव किया, आज खुलासा करूंगा अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुढ़िया ने हरियाणा में BJP के विधायक पर बुरा बर्ताव करने के आरोप लगाया है। देवेंद्र बुढ़िया ने फेसबुक पर लाइव आकर खुद पर हुई घटना के बारे में बताना चाह मगर उन्होंने कहा कि वह कल इस मामले में खुलासा करेंगे। देवेंद्र बुढ़िया ने अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक कुलदीप बिश्नोई के करीबी हरियाणा की नलवा विधानसभा से विधायक रणधीर पनिहार पर यह आरोप लगाए हैं। देवेंद्र बुढ़िया ने यह भी कहा कि जो कुछ उनके साथ हुआ है यह सब सीसीटीवी कैमरे में है। देवेंद्र बुढ़िया के इस तरह फेसबुक पर आकर लाइव बोलने से बिश्नोई समाज के लोग भी हैरान हैं और देवेंद्र बुढिया का हर कदम पर साथ देने की बात कही। वहीं रणधीर पनिहार की तरफ से अभी तक इसको लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। देवेंद्र बुढ़िया ने फेसबुक पर आकर क्या कहा…
” मुझे दो दिन से रणधीर पनिहार दिल्ली बुला रहे हैं। मैं आज आया मेरे साथ ट्रेजडी की और मेरे साथ बहुत की बुरा बर्ताव किया। ये सारी चीजें मैं समाज को दिन में 11 बजे बताउंगा। मैं आज नहीं बताउंगा, क्योंकि यह बहुत बड़ी घटना है और बहुत बड़ी मेरे साथ ट्रेडजी है। यह सब चीजें कैमरे में हैं। अब मैं आप लोगों को इतना ही बता पाउंगा मैं माफी चाहता हूं। कल मैं आपको सारी चीजें बता दूंगा। ये रणधीर पनिहार पता नहीं मुझसे क्या मांगता है”। अभी हुए हरियाणा चुनाव में विधायक बने है रणधीर पनिहार
रणधीर पनिहार पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई के दोस्त हैं। कुलदीप बिश्नोई ने ही लॉबिंग कर रणधीर पनिहार को भाजपा का टिकट दिलवाया था। इतना ही नहीं रणधीर के लिए प्रचार भी किया। इस विधानसभा चुनाव में रणधीर पनिहार की जीत हुई मगर आदमपुर से कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई अपनी पैतृक सीट हार गए। इतना ही नहीं कुलदीप बिश्नोई के भाई दुड़ाराम बिश्नोई भी फतेहाबाद से चुनाव हार गए। हालांकि रणधीर पनिहार कह चुके हैं वह कुलदीप बिश्नोई के लिए विधायक पद भी छोड़ने के लिए तैयार हैं। वह चाहे तो उनके बेटे को मेरी जगह पर चुनाव लड़वा सकते हैं।
हुड्डा पर जमकर बरसे मुख्यमंत्री:नायब सैनी बोले- भ्रष्टाचार के दलदल में फंसे पूर्व सीएम, आजकल मेकअप करके ईमानदारी का चोला पहनकर निकल रहे
हुड्डा पर जमकर बरसे मुख्यमंत्री:नायब सैनी बोले- भ्रष्टाचार के दलदल में फंसे पूर्व सीएम, आजकल मेकअप करके ईमानदारी का चोला पहनकर निकल रहे हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी रविवार रात को रोहतक स्थित भाजपा के प्रदेश कार्यालय में पहुंचे। इस दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली व अन्य पदाधिकारियों के साथ बैठक की। वहीं इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर जमकर बरसे। नायब सिंह सैनी ने कहा कि पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा भ्रष्टाचार के दलदल में फंसे हुए हैं। लेकिन आजकल वे मेकअप करके व ईमानदारी का चोला पहनकर निकल रहे हैं। सीएम नायब सैनी ने कांग्रेस के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हिसाब मांगे जाने पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की जब सरकार थी तब कोई काम नहीं किया। भूपेंद्र हुड्डा किसान हितैषी बन रहा है, इनकी सरकार में किसानों को दो-दो रुपए के चेक मिलते थे। किसानों के लिए बनाई कमेटी में हुड्डा ही अध्यक्ष ।थे जब क्यों नहीं स्वामीनाथन रिपोर्ट की सिफारिश की। 6 हजार बुढ़ापा पेंशन देने का दावा करने वाले के राज में थी 500 रुपए
सीएम नायब सैनी ने कहा कि हुड्डा अब कह रहे बुढ़ापा पेंशन 6 हजार देंगे उस समय क्यों नहीं दी जब इनकी सरकार थी। इनकी 10 साल की सरकार में 500 रुपए बुढ़ापा पेंशन थी, आखिरी साल में एक हजार रुपए कर गए थे वह भी नहीं मिली। आज हमने दो हजार बढ़ाने का काम किया है। सीएम सैनी ने कहा कि उन्होंने हुड्डा से सवाल किए थे, लेकिन आज तक उनका जवाब नहीं दिया। हुड्डा राज में पर्ची-खर्ची से मिलती थी नौकरी
हुड्डा के राज में नौकरियां खर्ची-पर्ची से मिलती थी हमारी सरकार में बिना खर्ची-पर्ची से नौकरी देने का काम किया। हुड्डा हिसाब मांग रहे है पहले आप हिसाब दो मिर्चपुर कांड का, गोहाना कांड का कैसे दलितों के घर ओर जिंदा जला दिया था। कांग्रेस अब कह रहे हैं कि 100-100 गज का प्लाट देंगे, इनकी सरकार में 100-100 गज के प्लाट गरीब लोगों को जो घोषणा की थी, वह घोषणा थी प्लाट के लिए लोग दर-दर भटकते रहे मगर हमारी सरकार ने रोहतक में ही 1500 से ज्यादा शहरी और ग्रामीण इलाकों में प्लाटों दिए उनकी रजिस्ट्री कब्जे दिए। जजपा पर साधा निशाना
जननायक जनता पार्टी के नेताओं द्वारा पार्टी छोड़ने पर सीएम नायब सिंह सैनी ने तंज कसा। उन्होंने कहा कि जेजेपी पार्टी में विधायक चुनाव आचार संहिता का इंतजार कर रहे थे। कब चुनाव आचार संहिता लगे और कब वे पार्टी को अलविदा कहें। दुष्यंत के कारण उनके नेता पार्टी छोड़ रहे है। वे भी प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं सबको साथ लेकर चलना होता है, नहीं तो जनता ना जाने कब उतार दे। सीएम नायब सैनी ने तीसरी बार बीजेपी की प्रदेश में सरकार बनने का भी दावा किया। उन्होंने कहा कि 4 जून को जब नतीजे आएंगे, उससे तीसरी बार प्रदेश में फिर से बीजेपी की सरकार बनेगी।