करनाल में किसानों ने माइनिंग कंपनी पर बिना परमिशन रेत का स्टॉक करने के लिए जमीन पर जबरन कब्जा करने का आरोप लगाया है। किसानों का आरोप है कि कंपनी प्रशासन के साथ मिलकर जबरन हमारी भूमि पर रेत डालना चाहती है, जबकि हमारे साथ किसी भी तरह का कोई एग्रीमेंट नहीं हुआ है। आज प्रशासन की टीम का सभी किसानों ने विरोध जताया है, जिसका वीडियो भी रिकॉर्ड किया गया है। किसानों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ भाकियू भी खड़ी हो गई है। भाकियू ने चेताया कि बिना किसी परमिशन के किसान की जमीन पर कब्जा नहीं होने दिया जाएगा। कोई भी किसान जमीन देने को नहीं तैयार
पीड़ित किसान सुमित कुमार, राम सिंह, राजपाल ने बताया कि मुस्ताफाबाद गांव में सरकार द्वारा माइनिंग की परमिशन दी गई है। जिस कंपनी को माइनिंग की परमिशन मिली है, वह धक्काशाही से हमारे खेतों में रेत का स्टॉक करने जा रहे है, जिसमें हमारी तरफ से कोई लिखित में एग्रीमेंट नहीं हुआ। किसान ने आरोप लगाया कि यह सब प्रशासन के साथ मिलकर हो रहा है। हालांकि यह रेत का स्टॉक 24 से 25 एकड़ जमीन पर होना है, जिसमें से सिर्फ एक किसान ने ही अपनी जमीन पर रेत का स्टॉक करने की परमिशन दी है, जबकि अन्य कोई भी किसान अपनी जमीन नहीं देना चाहता। इसको लेकर हमने एसडीएम को लिखित में शिकायत दी है। जिसके बाद काम रोक दिया गया है। इससे पहले भी हमने लिखित एसडीएम को लिखित में दिया था कि हम किसी भी कीमत पर अपनी जमीन नहीं देना चाहते। किसानों की एक इंच जमीन पर भी नहीं होने देंगे कब्जा
भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने कहा कि मुस्तफाबाद के किसान अपनी जमीन पर हो रहे कब्जे को लेकर आवाज उठा रहे हैं। जिला के अधिकारी तहसीलदार, माइनिंग अफसर भारी पुलिस बल के साथ किसानों के खेतों में घुस गए और जबरन खेतों में रेत डालना शुरू कर दिया। इसका मतलब यही है कि किसानों के खेत भी सुरक्षित नहीं है। किसान सुरक्षित नहीं है। किसानों के खेतों पर जबरदस्ती कब्जा किया जा रहा है। मान ने कहा कि किसानों की मर्जी के बिना एक इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं होने दिया जाएगा। 6 जून को भाकियू की पूरी टीम मुस्तफाबाद में पहुंचेगी। किसानों के साथ किसी भी तरफ का अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हालांकि एसडीएम को शिकायत के बाद काम रोक दिया गया है। एसडीएम ने किसानों की आपत्ति सुनी है। करनाल में किसानों ने माइनिंग कंपनी पर बिना परमिशन रेत का स्टॉक करने के लिए जमीन पर जबरन कब्जा करने का आरोप लगाया है। किसानों का आरोप है कि कंपनी प्रशासन के साथ मिलकर जबरन हमारी भूमि पर रेत डालना चाहती है, जबकि हमारे साथ किसी भी तरह का कोई एग्रीमेंट नहीं हुआ है। आज प्रशासन की टीम का सभी किसानों ने विरोध जताया है, जिसका वीडियो भी रिकॉर्ड किया गया है। किसानों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ भाकियू भी खड़ी हो गई है। भाकियू ने चेताया कि बिना किसी परमिशन के किसान की जमीन पर कब्जा नहीं होने दिया जाएगा। कोई भी किसान जमीन देने को नहीं तैयार
पीड़ित किसान सुमित कुमार, राम सिंह, राजपाल ने बताया कि मुस्ताफाबाद गांव में सरकार द्वारा माइनिंग की परमिशन दी गई है। जिस कंपनी को माइनिंग की परमिशन मिली है, वह धक्काशाही से हमारे खेतों में रेत का स्टॉक करने जा रहे है, जिसमें हमारी तरफ से कोई लिखित में एग्रीमेंट नहीं हुआ। किसान ने आरोप लगाया कि यह सब प्रशासन के साथ मिलकर हो रहा है। हालांकि यह रेत का स्टॉक 24 से 25 एकड़ जमीन पर होना है, जिसमें से सिर्फ एक किसान ने ही अपनी जमीन पर रेत का स्टॉक करने की परमिशन दी है, जबकि अन्य कोई भी किसान अपनी जमीन नहीं देना चाहता। इसको लेकर हमने एसडीएम को लिखित में शिकायत दी है। जिसके बाद काम रोक दिया गया है। इससे पहले भी हमने लिखित एसडीएम को लिखित में दिया था कि हम किसी भी कीमत पर अपनी जमीन नहीं देना चाहते। किसानों की एक इंच जमीन पर भी नहीं होने देंगे कब्जा
भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने कहा कि मुस्तफाबाद के किसान अपनी जमीन पर हो रहे कब्जे को लेकर आवाज उठा रहे हैं। जिला के अधिकारी तहसीलदार, माइनिंग अफसर भारी पुलिस बल के साथ किसानों के खेतों में घुस गए और जबरन खेतों में रेत डालना शुरू कर दिया। इसका मतलब यही है कि किसानों के खेत भी सुरक्षित नहीं है। किसान सुरक्षित नहीं है। किसानों के खेतों पर जबरदस्ती कब्जा किया जा रहा है। मान ने कहा कि किसानों की मर्जी के बिना एक इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं होने दिया जाएगा। 6 जून को भाकियू की पूरी टीम मुस्तफाबाद में पहुंचेगी। किसानों के साथ किसी भी तरफ का अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हालांकि एसडीएम को शिकायत के बाद काम रोक दिया गया है। एसडीएम ने किसानों की आपत्ति सुनी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
