सोनीपत में ATM से ठगी का नया तरीका:कैश निकलने वाली जगह पर लगाई प्लेट; ट्रांजैक्शन के बाद नहीं निकलते रुपए

सोनीपत में ATM से ठगी का नया तरीका:कैश निकलने वाली जगह पर लगाई प्लेट; ट्रांजैक्शन के बाद नहीं निकलते रुपए

सोनीपत में एटीएम से पैसे चोरी करने का एक नया तरीका ठगो ने अपना लिया है। जहां एटीएम में पैसे निकलवाने के लिए जैसे ही कस्टमर जाता है तो पेमेंट सक्सेसफुल हो जाती है। लेकिन एटीएम से पैसे बाहर नहीं निकलते और खाते से पैसे कट जाते हैं। इस ठगी के काफी लोग शिकार हो हो रहे हैं और सोनीपत जिले में एसबीआई के एटीएम को ही निशाना बना रहे हैं। सोनीपत में एक नया ठग गिरोह लोगों के खून पसीने की गाढ़ी कमाई को लूटने के लिए नया हथकंडा अपना रहा है। एटीएम मशीनों में तकनीकी छेड़छाड़ कर लोगों की मेहनत की कमाई पर हाथ साफ कर रहे हैं। ताजा मामला ओल्ड डीसी रोड स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम का है। जहां मशीन में ‘प्लेट’ लगाकर पैसे फंसा दिए गए और बाद में ठग उन्हें निकाल ले गए। सिलसिले वार पढ़िए पूरा ठगी का खेल… सोनीपत में ओल्ड डीसी रोड पर स्थित एसबीआई एटीएम में ठगों ने ऐसी प्लेट फिट कर दी, जिससे उपभोक्ताओं के खाते से रुपए तो कट जाते हैं। लेकिन एटीएम से बाहर नहीं निकलते हैं। ठग बाद में मौका देखकर प्लेट हटाकर सारे रुपए निकाल लेते थे। यह ठगी का नया तरीका है, जिसने सभी को चौंका दिया है। महाराष्ट्र से जीवन नगर में अपने रिश्तेदार के घर पर रहने वाले सुखबीर सिंह मारवाह सुबह के वक्त एक करीबन ने 9:00 बजे एटीएम से घरेलू सामान खरीदने के लिए पैसा निकलवाने के लिए गए।
जीवन नगर की गली के सामने एसबीआई के दो एटीएम लगे हुए हैं। सुखबीर ने 7 हजार निकलवाने के लिए अपनी प्रक्रिया शुरू की। इस दौरान ₹7000 सक्सेसफुल ट्रांजैक्शन दिखा दी गई और पैसे निकालने की भी आवाज साफ सुनाई दी। लेकिन एटीएम से 7 हजार बाहर नहीं निकाल पाए। वहीं पहले एटीएम मशीन से पैसे नहीं निकले तो उसी के साथ में लगी हुई दूसरी एटीएम से उन्होंने 2 हजार रुपए ट्रायल के तौर पर निकालने की कोशिश की, तो वहां भी पैसे नहीं निकाल पाए। इस प्रकार 9 हजार का नुकसान उठाकर घर वापस लौट गए। दूसरा मामला
जीवन नगर निवासी मनीष रेलन ने सुबह करीबन 8 बजे एसबीआई एटीएम से 9 हजार रुपए निकालने पहुंचे थे। ट्रांजैक्शन सफल रहा, रुपए खाते से कट भी गए, लेकिन एटीएम से बाहर नहीं निकले। गार्ड के फोन नंबर पर संपर्क कर मनीष ने स्थिति बताई। उसके बाद एटीएम में पैसे डालने वाले लोगों से बातचीत की गई और उन्होंने वीडियो बनाकर भेजने को कहा। वीडियो बनाकर भेजी तो खुलासा हुआ कि एटीएम में जहां से कैश निकलता है, वहां पर कोई प्लेट फंसाई गई। जिसके बाद पेचकस की मदद से एटीएम को खोलकर देखा गया तो काले रंग की एक प्लेट अंदर लगी मिली, जिसे हटाने पर पैसे मिले। कैसी दिखती है यह प्लेट मौके पर जाकर चेक किया गया तो दुकानदार ने वह प्लेट दिखाई और वह एक प्लास्टिक के फाइबर की कटिंग किया हुआ टुकड़ा था। ठगों द्वारा फाइबर की बनाई हुई प्लेट को एक तरफ से काली लेमिनेशन से कवर किया गया है। पेमेंट सक्सेसफुल होने के बावजूद इसी प्लेट के नीचे सारा कैश दबा रह जाता है। मौका मिलते ही आगे प्लेट को हटाकर कैश निकाल कर ले जाते हैं। हजारों का प्रतिदिन हो रहा खेल स्थानीय लोगों का कहना है कि इस एटीएम का शटर कभी बंद नहीं होता और रात के समय यह पूरी तरह असुरक्षित रहता है। आशंका है कि ठग रात के समय मशीन में प्लेट लगाते हैं और सुबह मौका देखकर रुपए निकाल ले जाते हैं। कई लोगों के साथ ठगी हो चुकी है , लेकिन उन्हें इसका पता भी नहीं चल पाता है। ठग कई हजार रुपए एक एटीएम से इसी प्रकार से निकाल कर ठगी कर रहे हैं। ठग को है एटीएम की तकनीकी जानकारी इस तरह की ठगी से साफ है कि आरोपी को एटीएम मशीन की पूरी तकनीकी जानकारी है। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि ठग या तो किसी बैंक या एटीएम में काम कर चुका है या फिर एजेंसी से जुड़ा रहा है। उसे पता है कि इस तकनीक से उपभोक्ता का पैसा खाते से कटेगा लेकिन एटीएम में वापस नहीं जाएगा। बिना सुरक्षा गार्ड के चल रहे एटीएम बने खतरा शहर में कई एटीएम ऐसे हैं, जहां सुरक्षा गार्ड नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, कई जगहों पर गार्ड का ठेका समाप्त हो चुका है और गार्ड केवल सुबह-शाम एटीएम खोलने व बंद करने ही आते हैं। ऐसे में ये एटीएम ठगों के लिए आसान टारगेट बनते जा रहे हैं। बैंक प्रबंधन की ओर से कार्रवाई का भरोसा लीड बैंक मैनेजर हरीश वर्मा ने बताया कि अब तक इस तरह की कोई औपचारिक शिकायत नहीं आई है। लेकिन यदि ऐसा मामला सामने आता है तो संबंधित बैंक को सूचना दी जाएगी। इसके साथ ही उन एटीएम को चिह्नित कर उनकी सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाएगी, जिनकी सुरक्षा कमजोर है। जिले में अलग-अलग वारदात मामले का खुलासा करने वाले दुकानदार प्रवीण चावला का कहना है कि उन्होंने एक पड़ोसी के पैसे एटीएम में फंसे होने के बाद मौके पर जाकर चेक किया था, तो इस दौरान वहां एक प्लेट नजर आई थी। इस प्लेट के बारे में एटीएम में पैसा डालने वाले लोगों से बातचीत की गई तो उन्होंने पेचकस के माध्यम से उसे बाहर निकालने के लिए कहा था। इस दौरान खुलासा हुआ और मनीष रेलन के 9 हजार रु बचा लिए। वहीं स्थानीय लोगों ने कहा है कि किसी भी एटीएम पर कोई सुरक्षा के इंतजाम नहीं है। एसबीआई को बार-बार शिकायत करने के बाद भी कोई हल नहीं होता। एसबीआई के एटीएम राम भरोसे चल रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि अन्य कई जगह से इस प्रकार की वारदात सामने आ चुकी है। लेकिन अभी तक कोई भी नहीं पकड़ा गया है। डीसीपी का कहना
डीसीपी कुशल सिंह का कहना है कि पुलिस की कुछ टीम लगाई गई हैं। जो ऐसे एटीएम को आईडेंटिफाई करेगी जहां पर किसी भी प्रकार का कोई सुरक्षा के इंतजाम नहीं है और वहां पर कोई गार्ड नहीं है। ऐसे एटीएम को लेकर संबंधित बैंक मैनेजर को भी सुरक्षा मजबूत करने निर्देश दिए जाएंगे। पुलिस प्रशासन पहले भी कई बार सुरक्षा को लेकर अलग-अलग बैंक मैनेजर को गार्ड रखने के लिए कह चुका है। सुखबीर बोले- महाराष्ट्र में जाकर बताएंगे हरियाणा में ऐसा होता है
सुखबीर सिंह मारवाह का कहना है कि उनके दो अलग-अलग ट्रांजैक्शन सक्सेसफुल हुई थी। जिसमें 7 हजार और 2 हजार की ट्रांजैक्शन थी और वह पैसे उन्हें वापस नहीं मिल पाए हैं और इसी को लेकर उन्होंने बैंक मैनेजर को भी शिकायत दी है। उन्होंने दावा किया है कि जल्द ही उनके पैसे वापस हो जाएंगे। लेकिन अभी तक कोई भी पैसा वापस नहीं आया है। एसबीआई की तरफ से केवल उन्हें आश्वासन मिल रहा है लेकिन अभी तक के कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने कहा है कि जो गरीब लोग हैं उनके साथ इस प्रकार की अगर ठगी होती है तो उनके लिए बहुत बड़ा दुख होता है। उन्होंने यह भी कहा है कि दिन रात शटर खुला रहता है और कोई भी व्यवस्था नहीं है, ना वहां पर कोई गार्ड है। उन्होंने कहा है कि वह महाराष्ट्र के रहने वाले हैं और यहां की घटना को महाराष्ट्र में जाकर जरूर बताएंगे कि सोनीपत हरियाणा में इस प्रकार के कारनामे होते हैं। सोनीपत में एटीएम से पैसे चोरी करने का एक नया तरीका ठगो ने अपना लिया है। जहां एटीएम में पैसे निकलवाने के लिए जैसे ही कस्टमर जाता है तो पेमेंट सक्सेसफुल हो जाती है। लेकिन एटीएम से पैसे बाहर नहीं निकलते और खाते से पैसे कट जाते हैं। इस ठगी के काफी लोग शिकार हो हो रहे हैं और सोनीपत जिले में एसबीआई के एटीएम को ही निशाना बना रहे हैं। सोनीपत में एक नया ठग गिरोह लोगों के खून पसीने की गाढ़ी कमाई को लूटने के लिए नया हथकंडा अपना रहा है। एटीएम मशीनों में तकनीकी छेड़छाड़ कर लोगों की मेहनत की कमाई पर हाथ साफ कर रहे हैं। ताजा मामला ओल्ड डीसी रोड स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम का है। जहां मशीन में ‘प्लेट’ लगाकर पैसे फंसा दिए गए और बाद में ठग उन्हें निकाल ले गए। सिलसिले वार पढ़िए पूरा ठगी का खेल… सोनीपत में ओल्ड डीसी रोड पर स्थित एसबीआई एटीएम में ठगों ने ऐसी प्लेट फिट कर दी, जिससे उपभोक्ताओं के खाते से रुपए तो कट जाते हैं। लेकिन एटीएम से बाहर नहीं निकलते हैं। ठग बाद में मौका देखकर प्लेट हटाकर सारे रुपए निकाल लेते थे। यह ठगी का नया तरीका है, जिसने सभी को चौंका दिया है। महाराष्ट्र से जीवन नगर में अपने रिश्तेदार के घर पर रहने वाले सुखबीर सिंह मारवाह सुबह के वक्त एक करीबन ने 9:00 बजे एटीएम से घरेलू सामान खरीदने के लिए पैसा निकलवाने के लिए गए।
जीवन नगर की गली के सामने एसबीआई के दो एटीएम लगे हुए हैं। सुखबीर ने 7 हजार निकलवाने के लिए अपनी प्रक्रिया शुरू की। इस दौरान ₹7000 सक्सेसफुल ट्रांजैक्शन दिखा दी गई और पैसे निकालने की भी आवाज साफ सुनाई दी। लेकिन एटीएम से 7 हजार बाहर नहीं निकाल पाए। वहीं पहले एटीएम मशीन से पैसे नहीं निकले तो उसी के साथ में लगी हुई दूसरी एटीएम से उन्होंने 2 हजार रुपए ट्रायल के तौर पर निकालने की कोशिश की, तो वहां भी पैसे नहीं निकाल पाए। इस प्रकार 9 हजार का नुकसान उठाकर घर वापस लौट गए। दूसरा मामला
जीवन नगर निवासी मनीष रेलन ने सुबह करीबन 8 बजे एसबीआई एटीएम से 9 हजार रुपए निकालने पहुंचे थे। ट्रांजैक्शन सफल रहा, रुपए खाते से कट भी गए, लेकिन एटीएम से बाहर नहीं निकले। गार्ड के फोन नंबर पर संपर्क कर मनीष ने स्थिति बताई। उसके बाद एटीएम में पैसे डालने वाले लोगों से बातचीत की गई और उन्होंने वीडियो बनाकर भेजने को कहा। वीडियो बनाकर भेजी तो खुलासा हुआ कि एटीएम में जहां से कैश निकलता है, वहां पर कोई प्लेट फंसाई गई। जिसके बाद पेचकस की मदद से एटीएम को खोलकर देखा गया तो काले रंग की एक प्लेट अंदर लगी मिली, जिसे हटाने पर पैसे मिले। कैसी दिखती है यह प्लेट मौके पर जाकर चेक किया गया तो दुकानदार ने वह प्लेट दिखाई और वह एक प्लास्टिक के फाइबर की कटिंग किया हुआ टुकड़ा था। ठगों द्वारा फाइबर की बनाई हुई प्लेट को एक तरफ से काली लेमिनेशन से कवर किया गया है। पेमेंट सक्सेसफुल होने के बावजूद इसी प्लेट के नीचे सारा कैश दबा रह जाता है। मौका मिलते ही आगे प्लेट को हटाकर कैश निकाल कर ले जाते हैं। हजारों का प्रतिदिन हो रहा खेल स्थानीय लोगों का कहना है कि इस एटीएम का शटर कभी बंद नहीं होता और रात के समय यह पूरी तरह असुरक्षित रहता है। आशंका है कि ठग रात के समय मशीन में प्लेट लगाते हैं और सुबह मौका देखकर रुपए निकाल ले जाते हैं। कई लोगों के साथ ठगी हो चुकी है , लेकिन उन्हें इसका पता भी नहीं चल पाता है। ठग कई हजार रुपए एक एटीएम से इसी प्रकार से निकाल कर ठगी कर रहे हैं। ठग को है एटीएम की तकनीकी जानकारी इस तरह की ठगी से साफ है कि आरोपी को एटीएम मशीन की पूरी तकनीकी जानकारी है। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि ठग या तो किसी बैंक या एटीएम में काम कर चुका है या फिर एजेंसी से जुड़ा रहा है। उसे पता है कि इस तकनीक से उपभोक्ता का पैसा खाते से कटेगा लेकिन एटीएम में वापस नहीं जाएगा। बिना सुरक्षा गार्ड के चल रहे एटीएम बने खतरा शहर में कई एटीएम ऐसे हैं, जहां सुरक्षा गार्ड नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, कई जगहों पर गार्ड का ठेका समाप्त हो चुका है और गार्ड केवल सुबह-शाम एटीएम खोलने व बंद करने ही आते हैं। ऐसे में ये एटीएम ठगों के लिए आसान टारगेट बनते जा रहे हैं। बैंक प्रबंधन की ओर से कार्रवाई का भरोसा लीड बैंक मैनेजर हरीश वर्मा ने बताया कि अब तक इस तरह की कोई औपचारिक शिकायत नहीं आई है। लेकिन यदि ऐसा मामला सामने आता है तो संबंधित बैंक को सूचना दी जाएगी। इसके साथ ही उन एटीएम को चिह्नित कर उनकी सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाएगी, जिनकी सुरक्षा कमजोर है। जिले में अलग-अलग वारदात मामले का खुलासा करने वाले दुकानदार प्रवीण चावला का कहना है कि उन्होंने एक पड़ोसी के पैसे एटीएम में फंसे होने के बाद मौके पर जाकर चेक किया था, तो इस दौरान वहां एक प्लेट नजर आई थी। इस प्लेट के बारे में एटीएम में पैसा डालने वाले लोगों से बातचीत की गई तो उन्होंने पेचकस के माध्यम से उसे बाहर निकालने के लिए कहा था। इस दौरान खुलासा हुआ और मनीष रेलन के 9 हजार रु बचा लिए। वहीं स्थानीय लोगों ने कहा है कि किसी भी एटीएम पर कोई सुरक्षा के इंतजाम नहीं है। एसबीआई को बार-बार शिकायत करने के बाद भी कोई हल नहीं होता। एसबीआई के एटीएम राम भरोसे चल रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि अन्य कई जगह से इस प्रकार की वारदात सामने आ चुकी है। लेकिन अभी तक कोई भी नहीं पकड़ा गया है। डीसीपी का कहना
डीसीपी कुशल सिंह का कहना है कि पुलिस की कुछ टीम लगाई गई हैं। जो ऐसे एटीएम को आईडेंटिफाई करेगी जहां पर किसी भी प्रकार का कोई सुरक्षा के इंतजाम नहीं है और वहां पर कोई गार्ड नहीं है। ऐसे एटीएम को लेकर संबंधित बैंक मैनेजर को भी सुरक्षा मजबूत करने निर्देश दिए जाएंगे। पुलिस प्रशासन पहले भी कई बार सुरक्षा को लेकर अलग-अलग बैंक मैनेजर को गार्ड रखने के लिए कह चुका है। सुखबीर बोले- महाराष्ट्र में जाकर बताएंगे हरियाणा में ऐसा होता है
सुखबीर सिंह मारवाह का कहना है कि उनके दो अलग-अलग ट्रांजैक्शन सक्सेसफुल हुई थी। जिसमें 7 हजार और 2 हजार की ट्रांजैक्शन थी और वह पैसे उन्हें वापस नहीं मिल पाए हैं और इसी को लेकर उन्होंने बैंक मैनेजर को भी शिकायत दी है। उन्होंने दावा किया है कि जल्द ही उनके पैसे वापस हो जाएंगे। लेकिन अभी तक कोई भी पैसा वापस नहीं आया है। एसबीआई की तरफ से केवल उन्हें आश्वासन मिल रहा है लेकिन अभी तक के कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने कहा है कि जो गरीब लोग हैं उनके साथ इस प्रकार की अगर ठगी होती है तो उनके लिए बहुत बड़ा दुख होता है। उन्होंने यह भी कहा है कि दिन रात शटर खुला रहता है और कोई भी व्यवस्था नहीं है, ना वहां पर कोई गार्ड है। उन्होंने कहा है कि वह महाराष्ट्र के रहने वाले हैं और यहां की घटना को महाराष्ट्र में जाकर जरूर बताएंगे कि सोनीपत हरियाणा में इस प्रकार के कारनामे होते हैं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर