<p><strong>Ghaziabad News: </strong>गाजियाबाद में नाबालिग बच्चे से काम के नाम पर घिनौना कृत्य करवाए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. जहां पशु कटान को लेकर की एक कंपनी में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने गाजियाबाद पुलिस के साथ छापा मारकर 57 नाबालिक बच्चों का रेस्क्यू किया है. इन बच्चों से मरे हुए जानवरों के शव से मांस और चमड़ी अलग करवाने का काम किया जा रहा था. जिसकी शिकायत लगातार राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को मिल रही थी.</p>
<p>पूरा मामला गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र के इंटरनेशनल एग्रो फूड कंपनी का है. गाजियाबाद के एडीसीपी सच्चिदानंद के मुताबिक बिहार और झारखंड से 40 नाबालिक बच्चों को इस फैक्ट्री में लाया गया था. उनसे लगातार अमानवीय काम कराया जा रहे थे. यह घिनौना कृत्य नाबालिक बच्चों को मात्र ₹300 दिहाड़ी देकर करवाया जा रहा था. जिसकी शिकायत राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को लगी और उन्होंने एनजीओ और गाजियाबाद पुलिस के साथ मिलकर मसूरी के इंटरनेशनल एग्रो फूड कंपनी में छापा मार कर 57 नाबालिक बच्चों को मुक्त कराया गया है.</p>
<p><strong>स्लाटर हाउस में नाबालिग बच्चों से कराया जा रहा था काम </strong><br />अब ऐसे में सबसे बड़ा सवाल गाजियाबाद पुलिस पर भी खड़ा हो रहा है. कि आखिरकार इतने बड़े पैमाने पर नाबालिग बच्चों से इतने दिनों से मानवीय काम कराया जा रहा था और पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी थी. ऐसे में गाजियाबाद पुलिस की कार्य प्रणाली पर भी सवालिया निशान खड़े होते हैं. बहरहाल गाजियाबाद पुलिस और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के चलते नाबालिक बच्चों की जिंदगी में एक बार फिर मुस्कान दिखाई दे रही है.</p>
<p>वहीं सच्चिदानंद एडीसीपी क्राइम ने बताया कि राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग नई दिल्ली को एक शिकायत प्राप्त हुई थी कि पश्चिम बंगाल से लाकर 40 बच्चों को गाजियाबाद के एक स्लॉटर हाउस में अमानवीय तरीके से कार्य लिया जा रहा है, इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कमिश्नरेट गाजियाबाद द्वारा टीम का गठन किया गया और इंटरनेशनल एग्रो फूड्स जो डासना मसूरी थाना क्षेत्र में स्थित है.</p>
<p><strong>57 नाबालिग बच्चों को कराया गया मुक्त</strong><br />रेस्क्यू ऑपरेशन में राष्ट्रीय बाल सुरक्षा आयोग की सदस्य भी थीं. इसके अलावा सहायक पुलिस मसूरी, मुक्ति फाउंडेशन, संबंधित एसडीएम भी थे और मेरे नेतृत्व में ये रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, इस दौरान इंटरनेशनल एग्रो फूड्स में स्लॉटर का काम चल रहा था, बहुत ही अमानवीय तरीके से नाबालिग बच्चे काम कर रहे थें जिसमें लड़कियां भी थीं, कुल 31 नाबालिग लड़कियां और इसके अलावा 26 नाबालिग लड़के बरामद हुए हैं, कुल 57 नाबालिग बच्चों को इस दौरान वहां कार्य करते हुए बरामद किया गया है, साथ ही इस मामले में समुचित धाराओं में अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है.</p>
<p>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/bulandshahr-encounter-between-police-and-cow-slaughterers-3-miscreants-arrested-ann-2703659″><strong>बुलंदशहर में पुलिस और गोकशी करने वालों में मुठभेड़, जवाबी फायरिंग के बाद 3 बदमाश गिरफ्तार</strong></a></p> <p><strong>Ghaziabad News: </strong>गाजियाबाद में नाबालिग बच्चे से काम के नाम पर घिनौना कृत्य करवाए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. जहां पशु कटान को लेकर की एक कंपनी में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने गाजियाबाद पुलिस के साथ छापा मारकर 57 नाबालिक बच्चों का रेस्क्यू किया है. इन बच्चों से मरे हुए जानवरों के शव से मांस और चमड़ी अलग करवाने का काम किया जा रहा था. जिसकी शिकायत लगातार राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को मिल रही थी.</p>
<p>पूरा मामला गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र के इंटरनेशनल एग्रो फूड कंपनी का है. गाजियाबाद के एडीसीपी सच्चिदानंद के मुताबिक बिहार और झारखंड से 40 नाबालिक बच्चों को इस फैक्ट्री में लाया गया था. उनसे लगातार अमानवीय काम कराया जा रहे थे. यह घिनौना कृत्य नाबालिक बच्चों को मात्र ₹300 दिहाड़ी देकर करवाया जा रहा था. जिसकी शिकायत राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को लगी और उन्होंने एनजीओ और गाजियाबाद पुलिस के साथ मिलकर मसूरी के इंटरनेशनल एग्रो फूड कंपनी में छापा मार कर 57 नाबालिक बच्चों को मुक्त कराया गया है.</p>
<p><strong>स्लाटर हाउस में नाबालिग बच्चों से कराया जा रहा था काम </strong><br />अब ऐसे में सबसे बड़ा सवाल गाजियाबाद पुलिस पर भी खड़ा हो रहा है. कि आखिरकार इतने बड़े पैमाने पर नाबालिग बच्चों से इतने दिनों से मानवीय काम कराया जा रहा था और पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी थी. ऐसे में गाजियाबाद पुलिस की कार्य प्रणाली पर भी सवालिया निशान खड़े होते हैं. बहरहाल गाजियाबाद पुलिस और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के चलते नाबालिक बच्चों की जिंदगी में एक बार फिर मुस्कान दिखाई दे रही है.</p>
<p>वहीं सच्चिदानंद एडीसीपी क्राइम ने बताया कि राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग नई दिल्ली को एक शिकायत प्राप्त हुई थी कि पश्चिम बंगाल से लाकर 40 बच्चों को गाजियाबाद के एक स्लॉटर हाउस में अमानवीय तरीके से कार्य लिया जा रहा है, इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कमिश्नरेट गाजियाबाद द्वारा टीम का गठन किया गया और इंटरनेशनल एग्रो फूड्स जो डासना मसूरी थाना क्षेत्र में स्थित है.</p>
<p><strong>57 नाबालिग बच्चों को कराया गया मुक्त</strong><br />रेस्क्यू ऑपरेशन में राष्ट्रीय बाल सुरक्षा आयोग की सदस्य भी थीं. इसके अलावा सहायक पुलिस मसूरी, मुक्ति फाउंडेशन, संबंधित एसडीएम भी थे और मेरे नेतृत्व में ये रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, इस दौरान इंटरनेशनल एग्रो फूड्स में स्लॉटर का काम चल रहा था, बहुत ही अमानवीय तरीके से नाबालिग बच्चे काम कर रहे थें जिसमें लड़कियां भी थीं, कुल 31 नाबालिग लड़कियां और इसके अलावा 26 नाबालिग लड़के बरामद हुए हैं, कुल 57 नाबालिग बच्चों को इस दौरान वहां कार्य करते हुए बरामद किया गया है, साथ ही इस मामले में समुचित धाराओं में अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है.</p>
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