हरियाणा की पूर्व सांसद श्रुति चौधरी ने भाजपा के टिकट पर मां किरण चौधरी की विधानसभा सीट तोशाम पर दावा ठोक दिया है। श्रुति चौधरी ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, मैं तोशाम से चुनाव लड़ना चाहती हूं। मैं पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की सोच को आगे ले जाना चाहती हूं। लोगों को काम करना मेरा मकसद है। लोकसभा चुनाव के सर्वे में मेरा नाम सबसे ऊपर था, लेकिन भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मेरा टिकट कटवा दिया। मुख्यमंत्री रहते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा को कई बैनिफिट्स से वंचित रखा। मुझे सर्वे में 56% लोगों ने सपोर्ट किया था, लेकिन मेरे साथ राजनीति हुई और पार्टी को अपनी बपौती समझने वाले कुछ लोगों ने मेरा टिकट कटवा दिया। हमें मालूम चल गया है, कि इस पार्टी का कोई भविष्य नहीं हैं। कांग्रेस हरियाणा में एक परिवार की पार्टी बन के रह गई है। कांग्रेस अब सत्ता में नहीं आ सकती है। हरियाणा के लोगों को यह बात मालूम हो चुकी है कि कांग्रेस के पास कोई नीति नहीं है। हरियाणा में पार्टी का एक गुट का कब्जा होने के कारण पार्टी के दूसरे बड़े नेता हाशिए पर आ गए हैं।’ दरअसल, 19 जून को तत्कालीन कांग्रेस विधायक किरण चौधरी अपनी बेटी श्रुति चौधरी के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई थीं। किरण बेटी की भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से टिकट कटने से नाराज थीं। उन्होंने भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर टिकट कटवाने के आरोप लगाए थे। किरण चौधरी राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा की उम्मीदवार हैं। किरण राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर चुकीं 21 सितंबर को किरण चौधरी ने राज्यसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया था। इससे पहले उन्होंने अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया था। चूंकि विपक्ष ने किरण चौधरी के खिलाफ कोई भी प्रत्याशी नहीं उतारा है, इसलिए वोटिंग की 3 सितंबर से पहले 27 अगस्त को नाम वापसी के दिन ही रिटर्निंग ऑफिसर साकेत कुमार उन्हें राज्यसभा उपचुनाव में जीत का प्रमाण पत्र दे देंगे। 2009 में सांसद बनी थीं श्रुति, फिर 2 चुनाव हारीं भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा वह सीट है, जहां से श्रुति चौधरी के दादा बंसीलाल को 3 बार और पिता चौधरी सुरेंद्र सिंह को 2 बार जीत मिली। 2009 में श्रुति चौधरी यहां से सांसद चुनी गई थीं। 2014 में वह लोकसभा चुनाव हार गईं। इसके बाद 2019 में उन्होंने दोबारा लोकसभा चुनाव लड़ा। इस दौरान भाजपा उम्मीदवार चौधरी धर्मबीर सिंह को 7,36,699 वोट मिले। श्रुति चौधरी 2,92,236 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं थीं। श्रुति चौधरी को भिवानी-महेंद्रगढ़ के अंतर्गत आने वाले सभी विधानसभा क्षेत्रों में हार मिली थी। इसके लिए उन्होंने कांग्रेस नेता राव दान सिंह को जिम्मेदार ठहराया गया था। इसके बाद विधानसभा चुनाव में राव दान सिंह तत्कालीन शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा को हराकर महेंद्रगढ़ से विधायक बने थे। हरियाणा की पूर्व सांसद श्रुति चौधरी ने भाजपा के टिकट पर मां किरण चौधरी की विधानसभा सीट तोशाम पर दावा ठोक दिया है। श्रुति चौधरी ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, मैं तोशाम से चुनाव लड़ना चाहती हूं। मैं पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की सोच को आगे ले जाना चाहती हूं। लोगों को काम करना मेरा मकसद है। लोकसभा चुनाव के सर्वे में मेरा नाम सबसे ऊपर था, लेकिन भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मेरा टिकट कटवा दिया। मुख्यमंत्री रहते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा को कई बैनिफिट्स से वंचित रखा। मुझे सर्वे में 56% लोगों ने सपोर्ट किया था, लेकिन मेरे साथ राजनीति हुई और पार्टी को अपनी बपौती समझने वाले कुछ लोगों ने मेरा टिकट कटवा दिया। हमें मालूम चल गया है, कि इस पार्टी का कोई भविष्य नहीं हैं। कांग्रेस हरियाणा में एक परिवार की पार्टी बन के रह गई है। कांग्रेस अब सत्ता में नहीं आ सकती है। हरियाणा के लोगों को यह बात मालूम हो चुकी है कि कांग्रेस के पास कोई नीति नहीं है। हरियाणा में पार्टी का एक गुट का कब्जा होने के कारण पार्टी के दूसरे बड़े नेता हाशिए पर आ गए हैं।’ दरअसल, 19 जून को तत्कालीन कांग्रेस विधायक किरण चौधरी अपनी बेटी श्रुति चौधरी के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई थीं। किरण बेटी की भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से टिकट कटने से नाराज थीं। उन्होंने भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर टिकट कटवाने के आरोप लगाए थे। किरण चौधरी राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा की उम्मीदवार हैं। किरण राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर चुकीं 21 सितंबर को किरण चौधरी ने राज्यसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया था। इससे पहले उन्होंने अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया था। चूंकि विपक्ष ने किरण चौधरी के खिलाफ कोई भी प्रत्याशी नहीं उतारा है, इसलिए वोटिंग की 3 सितंबर से पहले 27 अगस्त को नाम वापसी के दिन ही रिटर्निंग ऑफिसर साकेत कुमार उन्हें राज्यसभा उपचुनाव में जीत का प्रमाण पत्र दे देंगे। 2009 में सांसद बनी थीं श्रुति, फिर 2 चुनाव हारीं भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा वह सीट है, जहां से श्रुति चौधरी के दादा बंसीलाल को 3 बार और पिता चौधरी सुरेंद्र सिंह को 2 बार जीत मिली। 2009 में श्रुति चौधरी यहां से सांसद चुनी गई थीं। 2014 में वह लोकसभा चुनाव हार गईं। इसके बाद 2019 में उन्होंने दोबारा लोकसभा चुनाव लड़ा। इस दौरान भाजपा उम्मीदवार चौधरी धर्मबीर सिंह को 7,36,699 वोट मिले। श्रुति चौधरी 2,92,236 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं थीं। श्रुति चौधरी को भिवानी-महेंद्रगढ़ के अंतर्गत आने वाले सभी विधानसभा क्षेत्रों में हार मिली थी। इसके लिए उन्होंने कांग्रेस नेता राव दान सिंह को जिम्मेदार ठहराया गया था। इसके बाद विधानसभा चुनाव में राव दान सिंह तत्कालीन शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा को हराकर महेंद्रगढ़ से विधायक बने थे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हुड्डा के सामने जिप चेयरपर्सन की दावेदारी:2 साल पहले राजनीति में आई, पहली बार में पार्षद व चेयरपर्सन बनी, भाजपा नहीं कर पाई सेंधमारी पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सामने रोहतक जिला परिषद की चेयरपर्सन मंजू हुड्डा ने भाजपा से गढ़ी सांपला किलोई विधानसभा की टिकट के लिए दावेदारी ठोकी है। मंजू हुड्डा ने 2 साल पहले राजनीति में कदम रखा था। पहला चुनाव जिला पार्षद का वार्ड नंबर 5 से लड़ा। मंजू हुड्डा ने चुनाव में जीत हासिल की और इसके बाद सर्वसम्मति से चेयरपर्सन भी चुनी गई। वहीं इसके बाद उन्होंने भाजपा पार्टी ज्वाइन कर ली। गढ़ी सांपला किलोई पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का हलका हैं। जहां से भूपेंद्र सिंह हुड्डा 5 बार विधायक बन चुके हैं। वहीं इस बार भी कांग्रेस ने उम्मीदवारों से आवेदन मांगे थे। गढ़ी सांपला किलोई हलके से अकेले भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ही आवेदन किया है। इसलिए इस बार भी उन्हें ही उम्मीदवार माना जा रहा है। लगातार जीत हासिल करने के चलते गढ़ी सांपला किलोई हलके को भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ कहा जाता है। वहीं इस गढ़ में भाजपा सेंधमारी नहीं कर पाई है। जातिय समीकरण को भी साधती नजर आ रही मंजू हुड्डा
जिला चेयरपर्सन मंजू हुड्डा ने 2022 में जिला पार्षद का चुनवा लड़ा। जिसमें उन्हें 9333 वोट मिले और नजदीकी प्रतिद्वंद्वी अंजली को 6052 वोट मिले। इसलिए वे 3281 वोट से जीत गई। गढ़ी सांपला किलोई हलका जाट बहुल्य क्षेत्र है। वहीं जाट समाज के मतदाता ही विजेता निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। मंजू हुड्डा जातिय समीकरण को भी साधती नजर आती हैं। मंजू हुड्डा ने डबल एमए व बीएड तक पढ़ाई की है। वहीं पीएचडी की पढ़ाई फिलहाल जारी है। रोहतक जिला परिषद की चेयरपर्सन मंजू हुड्डा से बातचीत
सवाल : विधानसभा चुनाव को लेकर क्या तैयारियां हैं।
जवाब : विधानसभा चुनाव को लेकर तो तैयारियां नियमित हैं। जबसे मैं चेयरपर्सन बनी हूं, तभी से जनता के बीच में ही रही हूं। एक दिन भी ऐसा नहीं जाता कि किसी के सुख-दुख में ना शामिल हुई हो। लोगों का साथ व प्यार भी मिल रहा है।
सवाल : करीब 2 साल पहले राजनीति में आई। पहली बार में ही पार्षद बनी और फिर चेयरपर्सन। आगे का क्या लक्ष्य है।
जवाब : मेरा जिला पार्षद का पहला चुनाव था। करीब 20 दिन का यह चुनाव था। इससे पहले मेरी कोई इच्छा थी और ना ही मैंने कभी आगे के लिए चुनाव का सोचा था। लेकिन जैसे-जैसे गांव व भाईचारे ने इसके लिए तैयार किया और बताया। जनसेवा तो पहले भी करती थी, लेकिन राजनीति में नहीं थी। राजनीति एक ऐसी जगह है, जहां खुलकर जनता की सेवा कर सकते हैं। इसलिए चुनाव लड़ने का फैसला लिया और उस चुनाव में जीती भी। चेयरमैन के चुनाव में भी सर्वसम्मति से जीत हासिल की। आगे का तो यही है कि जनता व पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी उस पर खरा उतरूंगी।
सवाल : किस विधानसभा से चुनाव की तैयारी है।
जवाब : मैं जब से चेयरपर्सन बनी हूं, तब से पूरे जिले में जा रही हूं और लोगों के काम कर रहीं हूं। बाकी तो यह पार्टी तय करेगी कि वे मुझे कहां से टिकट के लिए योग्य समझते हैं कि मैं वहां से चुनाव लडूं। पार्टी जहां से भी कहेगी, वहां से चुनाव लडूंगी। सवाल : गांव व वार्ड गढ़ी सांपला किलोई विधानसभा में आता है। वहां से ही दावेदारी अधिक मानी जाती है। आप क्या मानते हैं।
जवाब : मेरी विधानसभा गढ़ी सांपला किलोई है। पार्टी कहेगी और जनता व बड़े बुजुर्ग आशीर्वाद देंगे तो वहां से चुनाव लडूंगी और कोशिश करूंगी की वहां से जीत हासिल करूं।
सवाल : गढ़ी सांपला किलोई से कांग्रेस से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा कई चुनाव जीत चुके हैं। क्या चुनौती मानते हैं।
जवाब : जनता जो है वह काम मांगती है। मुझे राजनीति में आए करीब डेढ़-दो साल हुआ है। जनता के काम करवा रही हूं। जनता के लिए अपने आप से ऊपर काम को चुनती हूं। अगर लोग मुझे चुनते हैं तो मैं उनके विश्वास पर खरी उतरूंगी। इसको चुनौती तो नहीं मान सकती। भाग्य भी होता है। समय हमेशा एक जैसा नहीं रहता। समय परिवर्तनशील है। कभी कुछ भी हो सता है। यह नहीं कि कोई एक बार या लगातार जीता है तो वही रहेगा। क्या पता मेरा भाग्य काम कर जाए, मैं जरूर लड़ना चाहुंगी।
सवाल : गढ़ी सांपला किलोई सीट पर अब तक भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। ऐसे में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कैसे टक्कर दे पाएंगी।
जवाब : मेरे पास तो सिर्फ काम ही है। अब तक का जितना अनुभव है, उसमें लोगों ने साथ दिया और विश्वास किया है। कोशिश जरूर करना चाहूंगी कि इस चुनाव में पार्टी व लोगों का आशीर्वाद मिला तो।
सवाल : लोगों के बीच जा रही हैं तो कैसा रुझान मिल रहा है। लोग क्या कह रहे हैं।
जवाब : लोग तो डवलेपमेंट की ही कहते हैं। जनता जिसे चुनती है, उससे विकास की ही उम्मीद करती है। जनता के बीच में कोई भी प्रतिनिधि जाए, तो वह लोगों के विश्वास पर खरा उतरे। डेढ़-दो साल में जितना काम किया है, उसमें जनता खुश है।
सवाल : पहली बार में ही पार्षद व चेयरपर्सन बने। क्या-क्या चुनौती आई।
जवाब : चुनौती तो बहुत सारी थी, लेकिन अभी कोई चुनौती नहीं है। मैं पहली बार आई थी और राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं था। बहुत-सी ऐसी चीज थी, जो मेरे लिए नई थी, जिनका कुछ पता नहीं था। वो चाहे काम करने का या समन्वय का मान लें। कुछ समय के लिए चुनौतीपूर्ण था।
भिवानी में मोबाइल टावर से कूद कर आत्महत्या की:भाई बोला- पत्नी टॉर्चर कर रही थी; दो बच्चों का पिता था
भिवानी में मोबाइल टावर से कूद कर आत्महत्या की:भाई बोला- पत्नी टॉर्चर कर रही थी; दो बच्चों का पिता था हरियाणा के भिवानी में एक व्यक्ति ने मोबाइ टावर से कूद कर आत्महत्या कर ली। परिजनों का कहना है कि उसे पत्नी तंग कर रही थी। पत्नी व उसके परिजनों ने उसके व पिता के साथ मारपीट की थी। इसको लेकर दर्ज केस वापस लेने का दबाव पत्नी व उसके मायके वालों की तरफ से डाला जा रहा था। तोशाम थाना पुलिस मामले में जांच कर रही है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए नागरिक अस्पताल पहुंचाया गया है। भिवानी के गांव दिनोद निवासी प्रवीण ने बताया कि उसके बड़े भाई 35 वर्षीय नरेन्द्र और उसकी शादी 15 साल पहले गांव देवसर में हुई थी। दोनों भाइयों की पत्नी सगी बहन हैं। प्रवीण ने बताया कि उसके भाई नरेन्द्र की पत्नी दर्शना अक्सर झगड़ा करती रहती थी। वह उसे गालियां देती और टॉर्चर करती थी। अपने मां-बाप व मायके वालों को बुलाकर मारपीट करवाती थी। नरेंद्र व पिता पर किया था हमला
प्रवीण ने बताया कि पहले भाई की पत्नी दर्शना और उसके परिवार के लोगों ने गांव दिनोद आकर नरेंद्र व पिता मुकेश पर हमला कर घायल कर दिया था। हमने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था। अब यह मामला वापस लेने के लिए दबाव डाला जा रहा था। नरेंद्र को जान से मारने की धमकी दे रहे थे। गांव में टावर पर चढ़ा
उसने बताया कि पत्नी व मायके वालों से तंग आकर उसका भाई नरेन्द्र मंगलवार दोपहर को गांव में घर के सामने लगे मोबाइल टावर पर चढ़ गया। उसने टावर पर चढ़ कर कहा कि वह पत्नी दर्शना देवी व ससुराल वालों से तंग आकर आत्महत्या कर रहा है। हम कुछ कर पाते इससे पहले ही उसने टावर से छलांग लगा दी। नरेंद्र को गंभीर हालत में भिवानी के नागरिक अस्पताल लेकर आए। वहां पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। तोशाम थाना पुलिस द्वारा पूरे मामले की कार्रवाई की जा रही है। दो बच्चों का पिता था नरेंद्र
नरेंद्र के दो बच्चे हैं। 4 साल का बेटा विवेक व दूसरा बेटा दो साल का है। उसकी मौत से परिवार में मातम पसरा है।
फरीदाबाद में दुष्कर्मी को 20 साल की जेल:नाबालिग लड़की का अपहरण किया था; कमरे पर बंधक बना किया था बार-बार रेप
फरीदाबाद में दुष्कर्मी को 20 साल की जेल:नाबालिग लड़की का अपहरण किया था; कमरे पर बंधक बना किया था बार-बार रेप हरियाणा के फरीदाबाद में 16 वर्षीय नाबालिग लड़की का अपहरण कर, बंधक बनाकर उसके साथ बार-बार दुष्कर्म करने के केस में दोषी मिले युवक को कोर्ट ने 20 साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने उस पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी किया। इसके बाद युवक को जेल भेज दिया गया। जानकारी अनुसार नाबालिग लड़की से दुष्कर्म की ये वारदात 16 मार्च 2022 की है। लड़की किसी काम से अपनी गली से दूसरी गली में दुकान पर गई थी। इसी दौरान युवक जुगनू ने उसे घर छोडने के बहाने अपने टैंपो में बैठा लिया। इसके बाद वहलड़की को अपने साथ सुभाष कॉलोनी बल्लबगढ़ में अपने कमरे पर ले गया। वहां उसने लड़की को बंधक बनाकर उसके साथ बार-बार दुष्कर्म किया। लड़की के लापता हाेने के बाद महिला थाना बल्लबगढ़ में उसके परिजनों ने शिकायत दर्ज कराई थी। परिजनों ने बताया कि उनकी दोपहर के समय में दुकान से कुछ सामान लेने गई थी। गली में पानी देने आने वाला लडका जुगनू दूसरी गली में पानी सप्लाई कर रहा था। तभी उसने कहा कि वह उसकी गली में ही जा रहा है। इसके बाद वह लड़की को टैंपो में बैठा कर ले गया। इसके बाद नाबालिग लड़की को शाम के समय उसकी गली के बाहर छोड़ गया था। महिला थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी जुगनू निवासी गांव पारसोली जिला मथुरा, हाल सुभाष कॉलोनी बल्लबगढ़ को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया था। कोर्ट ने आज जुगनू को इस मामले में 20 साल की जेल व 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।