मां किरण जा रहीं राज्यसभा,बेटी ने तोशाम पर दावा ठोका:श्रुति बोलीं- लोकसभा चुनाव सर्वे में 56% सपोर्ट था, भूपेंद्र हुड्‌डा ने टिकट कटाई

मां किरण जा रहीं राज्यसभा,बेटी ने तोशाम पर दावा ठोका:श्रुति बोलीं- लोकसभा चुनाव सर्वे में 56% सपोर्ट था, भूपेंद्र हुड्‌डा ने टिकट कटाई

हरियाणा की पूर्व सांसद श्रुति चौधरी ने भाजपा के टिकट पर मां किरण चौधरी की विधानसभा सीट तोशाम पर दावा ठोक दिया है। श्रुति चौधरी ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, मैं तोशाम से चुनाव लड़ना चाहती हूं। मैं पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की सोच को आगे ले जाना चाहती हूं। लोगों को काम करना मेरा मकसद है। लोकसभा चुनाव के सर्वे में मेरा नाम सबसे ऊपर था, लेकिन भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने मेरा टिकट कटवा दिया। मुख्यमंत्री रहते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा को कई बैनिफिट्स से वंचित रखा। मुझे सर्वे में 56% लोगों ने सपोर्ट किया था, लेकिन मेरे साथ राजनीति हुई और पार्टी को अपनी बपौती समझने वाले कुछ लोगों ने मेरा टिकट कटवा दिया। हमें मालूम चल गया है, कि इस पार्टी का कोई भविष्य नहीं हैं। कांग्रेस हरियाणा में एक परिवार की पार्टी बन के रह गई है। कांग्रेस अब सत्ता में नहीं आ सकती है। हरियाणा के लोगों को यह बात मालूम हो चुकी है कि कांग्रेस के पास कोई नीति नहीं है। हरियाणा में पार्टी का एक गुट का कब्जा होने के कारण पार्टी के दूसरे बड़े नेता हाशिए पर आ गए हैं।’ दरअसल, 19 जून को तत्कालीन कांग्रेस विधायक किरण चौधरी अपनी बेटी श्रुति चौधरी के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई थीं। किरण बेटी की भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से टिकट कटने से नाराज थीं। उन्होंने भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा पर टिकट कटवाने के आरोप लगाए थे। किरण चौधरी राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा की उम्मीदवार हैं। किरण राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर चुकीं 21 सितंबर को किरण चौधरी ने राज्यसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया था। इससे पहले उन्होंने अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया था। चूंकि विपक्ष ने किरण चौधरी के खिलाफ कोई भी प्रत्याशी नहीं उतारा है, इसलिए वोटिंग की 3 सितंबर से पहले 27 अगस्त को नाम वापसी के दिन ही रिटर्निंग ऑफिसर साकेत कुमार उन्हें राज्यसभा उपचुनाव में जीत का प्रमाण पत्र दे देंगे। 2009 में सांसद बनी थीं श्रुति, फिर 2 चुनाव हारीं भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा वह सीट है, जहां से श्रुति चौधरी के दादा बंसीलाल को 3 बार और पिता चौधरी सुरेंद्र सिंह को 2 बार जीत मिली। 2009 में श्रुति चौधरी यहां से सांसद चुनी गई थीं। 2014 में वह लोकसभा चुनाव हार गईं। इसके बाद 2019 में उन्होंने दोबारा लोकसभा चुनाव लड़ा। इस दौरान भाजपा उम्मीदवार चौधरी धर्मबीर सिंह को 7,36,699 वोट मिले। श्रुति चौधरी 2,92,236 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं थीं। श्रुति चौधरी को भिवानी-महेंद्रगढ़ के अंतर्गत आने वाले सभी विधानसभा क्षेत्रों में हार मिली थी। इसके लिए उन्होंने कांग्रेस नेता राव दान सिंह को जिम्मेदार ठहराया गया था। इसके बाद विधानसभा चुनाव में राव दान सिंह तत्कालीन शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा को हराकर महेंद्रगढ़ से विधायक बने थे। हरियाणा की पूर्व सांसद श्रुति चौधरी ने भाजपा के टिकट पर मां किरण चौधरी की विधानसभा सीट तोशाम पर दावा ठोक दिया है। श्रुति चौधरी ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, मैं तोशाम से चुनाव लड़ना चाहती हूं। मैं पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की सोच को आगे ले जाना चाहती हूं। लोगों को काम करना मेरा मकसद है। लोकसभा चुनाव के सर्वे में मेरा नाम सबसे ऊपर था, लेकिन भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने मेरा टिकट कटवा दिया। मुख्यमंत्री रहते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा को कई बैनिफिट्स से वंचित रखा। मुझे सर्वे में 56% लोगों ने सपोर्ट किया था, लेकिन मेरे साथ राजनीति हुई और पार्टी को अपनी बपौती समझने वाले कुछ लोगों ने मेरा टिकट कटवा दिया। हमें मालूम चल गया है, कि इस पार्टी का कोई भविष्य नहीं हैं। कांग्रेस हरियाणा में एक परिवार की पार्टी बन के रह गई है। कांग्रेस अब सत्ता में नहीं आ सकती है। हरियाणा के लोगों को यह बात मालूम हो चुकी है कि कांग्रेस के पास कोई नीति नहीं है। हरियाणा में पार्टी का एक गुट का कब्जा होने के कारण पार्टी के दूसरे बड़े नेता हाशिए पर आ गए हैं।’ दरअसल, 19 जून को तत्कालीन कांग्रेस विधायक किरण चौधरी अपनी बेटी श्रुति चौधरी के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई थीं। किरण बेटी की भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से टिकट कटने से नाराज थीं। उन्होंने भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा पर टिकट कटवाने के आरोप लगाए थे। किरण चौधरी राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा की उम्मीदवार हैं। किरण राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर चुकीं 21 सितंबर को किरण चौधरी ने राज्यसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया था। इससे पहले उन्होंने अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया था। चूंकि विपक्ष ने किरण चौधरी के खिलाफ कोई भी प्रत्याशी नहीं उतारा है, इसलिए वोटिंग की 3 सितंबर से पहले 27 अगस्त को नाम वापसी के दिन ही रिटर्निंग ऑफिसर साकेत कुमार उन्हें राज्यसभा उपचुनाव में जीत का प्रमाण पत्र दे देंगे। 2009 में सांसद बनी थीं श्रुति, फिर 2 चुनाव हारीं भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा वह सीट है, जहां से श्रुति चौधरी के दादा बंसीलाल को 3 बार और पिता चौधरी सुरेंद्र सिंह को 2 बार जीत मिली। 2009 में श्रुति चौधरी यहां से सांसद चुनी गई थीं। 2014 में वह लोकसभा चुनाव हार गईं। इसके बाद 2019 में उन्होंने दोबारा लोकसभा चुनाव लड़ा। इस दौरान भाजपा उम्मीदवार चौधरी धर्मबीर सिंह को 7,36,699 वोट मिले। श्रुति चौधरी 2,92,236 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं थीं। श्रुति चौधरी को भिवानी-महेंद्रगढ़ के अंतर्गत आने वाले सभी विधानसभा क्षेत्रों में हार मिली थी। इसके लिए उन्होंने कांग्रेस नेता राव दान सिंह को जिम्मेदार ठहराया गया था। इसके बाद विधानसभा चुनाव में राव दान सिंह तत्कालीन शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा को हराकर महेंद्रगढ़ से विधायक बने थे।   हरियाणा | दैनिक भास्कर