पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में पंचायत समितियों, जिला परिषदों और ग्राम पंचायतों को लेकर जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है। याचिका में पंजाब सरकार की तरफ से तत्काल चुनाव करवाने की मांग की गई है। PIL में 10 अगस्त 2023 की पूर्व अधिसूचना के बावजूद राज्य की तरफ से कोई प्रयास ना किए जाने को चुनौती दी गई है। 10 अगस्त 2023 की पूर्व अधिसूचना के अनुसार 25 नवंबर, 2023 तक पंचायत समितियां व जिला परिषद और 31 दिसंबर, 2023 तक ग्राम पंचायतों के चुनाव होने थे। याचिकाकर्ता रुलदा सिंह ने वकील दिनेश कुमार और शिखा सिंगला के माध्यम से दलील दी है कि जनवरी में ग्राम पंचायतों के भंग होने के बाद भी चुनाव नहीं कराए गए हैं। हाईकोर्ट की तरफ से PIL पर सुनवाई का फैसला किया गया है। इस मामले में कोर्ट सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई करेगा। भारत के संविधान का उल्लंघन याचिकाकर्ता के अनुसार, चुनाव ना करवाना भारत के संविधान के अनुच्छेद 243-ई का उल्लंघन है। इसमें पंचायत के कार्यकाल की समाप्ति से पहले चुनाव कराने का आदेश है। याचिका में तर्क दिया गया है कि चुनाव कराने में राज्य की विफलता पंजाब पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 15 और संवैधानिक आवश्यकताओं दोनों का उल्लंघन है। जनहित याचिका में शीघ्र चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उच्च न्यायालय से निर्देश देने की मांग की गई है। 13 हजार से ज्यादा पंचायतें राज्य में बीते साल दिसंबर के अंत में पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो गया था। इसके बाद सभी डीसी को पंचायतों का प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त किया गया। लेकिन इसी बीच लोकसभा चुनाव आ गए। जिसके चलते चुनाव कराने का जोखिम नहीं उठाया गया। राज्य में कुल 13241 पंचायतें हैं। जबकि 153 ब्लॉक समितियां और 23 जिला परिषदें हैं। इनका कार्यकाल 31 दिसंबर 2023 को पूरा हो गया। राज्य में सबसे ज्यादा 1405 पंचायतें होशियारपुर जिले में हैं, जबकि पटियाला में 1022 पंचायतें हैं। समय से पहले पंचायतें भंग करने को लेकर हुआ था विवाद पंजाब सरकार ने गत साल पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने से पहले ही इन्हें 11 अगस्त 2023 को भंग कर दिया था। जिस वजह से विवाद खड़ा हो गया था। अधिकतर सरपंच इसके विरोध में आ गए थे। उनकी दलील थी कि छह महीने रहते हुए सरकार उन्हें हटाकर उनके अधिकारों का हनन कर रही है। वह सरकार की तरफ से नियुक्त नहीं किए गए हैं। जबकि लोगों द्वारा चुन कर भेजे गए हैं। इसके बाद यह मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया था। जिसके बाद पंचायतों को दोबारा बहाल किया गया था। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में पंचायत समितियों, जिला परिषदों और ग्राम पंचायतों को लेकर जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है। याचिका में पंजाब सरकार की तरफ से तत्काल चुनाव करवाने की मांग की गई है। PIL में 10 अगस्त 2023 की पूर्व अधिसूचना के बावजूद राज्य की तरफ से कोई प्रयास ना किए जाने को चुनौती दी गई है। 10 अगस्त 2023 की पूर्व अधिसूचना के अनुसार 25 नवंबर, 2023 तक पंचायत समितियां व जिला परिषद और 31 दिसंबर, 2023 तक ग्राम पंचायतों के चुनाव होने थे। याचिकाकर्ता रुलदा सिंह ने वकील दिनेश कुमार और शिखा सिंगला के माध्यम से दलील दी है कि जनवरी में ग्राम पंचायतों के भंग होने के बाद भी चुनाव नहीं कराए गए हैं। हाईकोर्ट की तरफ से PIL पर सुनवाई का फैसला किया गया है। इस मामले में कोर्ट सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई करेगा। भारत के संविधान का उल्लंघन याचिकाकर्ता के अनुसार, चुनाव ना करवाना भारत के संविधान के अनुच्छेद 243-ई का उल्लंघन है। इसमें पंचायत के कार्यकाल की समाप्ति से पहले चुनाव कराने का आदेश है। याचिका में तर्क दिया गया है कि चुनाव कराने में राज्य की विफलता पंजाब पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 15 और संवैधानिक आवश्यकताओं दोनों का उल्लंघन है। जनहित याचिका में शीघ्र चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उच्च न्यायालय से निर्देश देने की मांग की गई है। 13 हजार से ज्यादा पंचायतें राज्य में बीते साल दिसंबर के अंत में पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो गया था। इसके बाद सभी डीसी को पंचायतों का प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त किया गया। लेकिन इसी बीच लोकसभा चुनाव आ गए। जिसके चलते चुनाव कराने का जोखिम नहीं उठाया गया। राज्य में कुल 13241 पंचायतें हैं। जबकि 153 ब्लॉक समितियां और 23 जिला परिषदें हैं। इनका कार्यकाल 31 दिसंबर 2023 को पूरा हो गया। राज्य में सबसे ज्यादा 1405 पंचायतें होशियारपुर जिले में हैं, जबकि पटियाला में 1022 पंचायतें हैं। समय से पहले पंचायतें भंग करने को लेकर हुआ था विवाद पंजाब सरकार ने गत साल पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने से पहले ही इन्हें 11 अगस्त 2023 को भंग कर दिया था। जिस वजह से विवाद खड़ा हो गया था। अधिकतर सरपंच इसके विरोध में आ गए थे। उनकी दलील थी कि छह महीने रहते हुए सरकार उन्हें हटाकर उनके अधिकारों का हनन कर रही है। वह सरकार की तरफ से नियुक्त नहीं किए गए हैं। जबकि लोगों द्वारा चुन कर भेजे गए हैं। इसके बाद यह मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया था। जिसके बाद पंचायतों को दोबारा बहाल किया गया था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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हरियाणा-पंजाब के 12 खिलाड़ियों को खेल पुरस्कार:बॉक्सर से शूटर बनीं मनु भाकर; कबड्डी ट्रायल के लिए गईं स्वीटी बूरा ने बॉक्सर हराए
हरियाणा-पंजाब के 12 खिलाड़ियों को खेल पुरस्कार:बॉक्सर से शूटर बनीं मनु भाकर; कबड्डी ट्रायल के लिए गईं स्वीटी बूरा ने बॉक्सर हराए भारत सरकार की ओर से खेल पुरस्कार पाने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट जारी कर दी गई है। इनमें हरियाणा के 4 और पंजाब का एक खिलाड़ी शामिल है। हरियाणा में सबसे ऊपर शूटर मनु भाकर का नाम है, जिन्होंने पेरिस ओलिंपिक में देश को 2 ब्रॉन्ज मेडल दिलाए। इस प्रदर्शन के लिए उन्हें मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड दिया जाएगा। वहीं, हरियाणा की बॉक्सर स्वीटी बूरा, हॉकी प्लेयर संजय कालीरावण, रेसलर अमन सहरावत, हॉकी प्लेयर अभिषेक नैन, पैरा-एथलीट धर्मबीर नैन, पैरा-एथलीट प्रणव सूरमा ,पैरा-एथलीट नवदीप सिंह, शूटर सरबजोत सिंह और पंजाब के हॉकी खिलाड़ी जरमनप्रीत सिंह व सुखजीत सिंह को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा इंडियन हॉकी टीम के कप्तान पंजाब के हरनमप्रीत सिंह को भी मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। वहीं, हॉकी कोच संदीप सांगवान को भी द्रोणाचार्य अवॉर्ड दिया जाना है। इनमें मनु भाकर ऐसी खिलाड़ी हैं, जिन्होंने करीब आधा दर्जन खेलों में हाथ आजमाने के बाद शूटिंग चुनी। वहीं, स्वीटी कबड्डी की ट्रेनिंग के लिए गईं, लेकिन बॉक्सर बन गईं। हरमनप्रीत ने खेतों में काम करते हुए अपने हुनर को तराशा था। वहीं, अमन ने 11 साल की उम्र में अपने माता-पिता को खो दिया था। इसके बाद भी वह ओलिंपियन रेसलर बने। 17 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में होने वाली अवॉर्ड सेरेमनी में इन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों पुरस्कृत किया जाएगा। अब पढ़िए इन खिलाड़ियों की उपलब्धियां और सफर… मनु को बॉक्सर बनाना चाहते थे पिता
मनु भाकर हरियाणा के झज्जर की रहने वाली हैं। पिछले साल हुए पेरिस ओलिंपिक में शूटिंग में 2 मेडल जीतने वाली हरियाणा की मनु भाकर हमेशा से शूटर नहीं थीं। मनु के पिता रामकिशन और उनके बड़े भाई उन्हें बॉक्सर बनाना चाहते थे। मनु ने बॉक्सिंग शुरू भी की थी और नेशनल इवेंट में मेडल भी जीते, लेकिन प्रैक्टिस के दौरान मनु की आंख पर पंच लगने से वह घायल हो गई थीं। इसके बाद उन्होंने बॉक्सिंग छोड़ने का मन बना लिया। मनु की मां सुमेधा ने भी बेटी के फैसले का समर्थन किया। मनु ने बॉक्सिंग छोड़कर मार्शल आर्ट्स में हाथ आजमाया, लेकिन यहां भी मन नहीं लगा। आर्चरी, टेनिस, स्केटिंग की प्रैक्टिस शुरू की, मेडल भी जीते, लेकिन किसी में मन नहीं लगा। आखिर में वह शूटिंग करने लगीं और मजा आने लगा। फिर इसी को उन्होंने अपनी स्पेशलिटी बना लिया। मनु हरियाणा के झज्जर की रहने वाली हैं। उन्होंने पेरिस में इंडिविजुअल और मिक्स्ड टीम इवेंट में ब्रॉन्ज जीता था। इसी के साथ एक ओलिंपिक में 2 मेडल जीतने वाली वह पहली भारतीय खिलाड़ी बन गईं। मां ने छिपा दी मनु की पिस्टल
2021 में हुए टोक्यो ओलिंपिक में मनु भाकर शूटिंग के क्वालिफाइंग राउंड में थीं। मनु को 55 मिनट में 44 शॉट लेने थे। तभी उनकी पिस्टल खराब हो गई। 20 मिनट तक वह निशाना नहीं लगा पाईं। पिस्टल ठीक हुई, तब भी मनु सिर्फ 14 शॉट लगा पाईं और फाइनल की रेस से बाहर हो गईं। इसके बाद मनु जब भारत लौटीं तो इतनी उदास थीं कि मां को फिक्र होने लगी। उन्होंने मनु की पिस्टल छिपा दी, ताकि उस पर नजर न पड़े और मनु दुखी न हो। मां ने बताया कि मैं मनु का मैच नहीं देख पाई थी। बाद में उसका वीडियो देखा तो बहुत दुख हुआ। मुझे लगा कि जब मैं दुखी हो रही हूं, तो मनु की क्या हालत हो रही होगी। 15 दिन की प्रैक्टिस में स्टेट कॉम्पिटिशन में जीता गोल्ड
मनु ने सिर्फ 15 दिन प्रैक्टिस की और महेंद्रगढ़ में हुए स्टेट कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेने चली गईं। पहले ही कॉम्पिटिशन में गोल्ड जीतकर लौटीं। प्राइज में 4500 रुपए मिले। मनु काफी खुश थीं। पेरेंट्स को भी लगा कि वह शूटिंग में अच्छा कर सकती हैं। शूटिंग शुरू करने के सिर्फ 3 साल बाद 2017 में मनु नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में उतरीं। उन्होंने ओलिंपियन और पूर्व वर्ल्ड नंबर-1 हीना सिद्धू को हरा दिया। साथ ही 10 मीटर एयर पिस्टल में 242.3 का स्कोर कर नया रिकॉर्ड भी बना दिया। मनु ने चैंपियनशिप में 9 गोल्ड जीते, जो नेशनल रिकॉर्ड है। पेरिस ओलिंपिक में जीते 2 मेडल
इधर, पेरिस ओलिंपिक के दूसरे ही दिन भारतीय शूटर मनु भाकर ने भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाया था। उन्होंने विमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में 221.7 पॉइंट्स के साथ मेडल जीता। ओलिंपिक के इतिहास में शूटिंग में मेडल दिलाने वाली मनु पहली भारतीय महिला हैं। मनु ने अपना दूसरा मेडल अंबाला शूटर सरबजोत के साथ 10 मीटर पिस्टल मिक्स्ड इवेंट में जीता। दोनों की जोड़ी ने कोरियाई टीम को 16-10 से हराया। मनु एक ओलिंपिक में 2 मेडल जीतने पहली भारतीय बनीं। चीन की खिलाड़ी को हराकर वर्ल्ड चैंपियन बनी थीं स्वीटी बूरा…
हरियाणा में BJP की टिकट पर रोहतक की महम सीट से चुनाव लड़ने वाले भारतीय कबड्डी कैप्टन दीपक हुड्डा की पत्नी बॉक्सर स्वीटी बूरा को अर्जुन पुरस्कार दिया जाएगा। स्वीटी बूरा 23 मार्च 2023 को लाइट हैवीवेट कैटेगरी में चीन की वांग लीना को 3-4 से हराकर वर्ल्ड चैंपियन बनी थीं। ऐसा करने वाली वह 7वीं भारतीय बॉक्सर थीं। उनकी इसी उपलब्धियों को देखते हुए उनका नाम शॉर्ट लिस्ट किया गया है। कबड्डी ट्रायल के लिए गईं, बन गई बॉक्सर
स्वीटी के पिता महेंद्र सिंह बताते हैं, ‘स्वीटी पहले गांव में कबड्डी खेलती थी। हम उसे ट्रायल के लिए SAI (स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया), हिसार के STC (स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर) में ले गए, लेकिन वहां कबड्डी नहीं होती थी। स्वीटी की फिजीक देख कोच ने कहा कि बॉक्सिंग का ट्रायल दे दो। स्वीटी राजी थी। कोच ने उसे बॉक्सिंग के नियम बताए और डिफेंड करना सिखाया। स्वीटी का बॉक्सिंग ट्रायल हुआ। उसने उन लड़कियों को हरा दिया, जो 2 साल से ट्रेनिंग कर रही थीं। कोच ने हमसे पूछा भी कि यह पहले से बॉक्सिंग करती थी? हमने कहा, नहीं, बस कबड्डी खेलती है। 2009 में SAI, हिसार में उसका एडमिशन बॉक्सिंग में हो गया।’ बरवाला से चुनाव लड़ना चाहती थी स्वीटी
हरियाणा की पंच क्वीन स्वीटी बूरा हिसार की बरवाला विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती थीं। स्वीटी ने BJP की टिकट पर बरवाला से विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान भी किया था। स्वीटी बूरा ने इसकी घोषणा बरवाला के गांव सरसौद में अपने ननिहाल से की थी। हालांकि उन्हें टिकट नहीं मिली। स्वीटी बूरा हिसार की रहने वाली हैं, उनकी शादी रोहतक के गांव चमारिया में कबड्डी खिलाड़ी दीपक हुड्डा से हुई थी। स्वीटी बूरा ने जनवरी 2024 में भाजपा का दामन थामा था। रोहतक में पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर की मौजूदगी में पति के साथ स्वीटी ने भाजपा जॉइन की थी। स्वीटी बूरा को भीम अवॉर्ड मिल चुका
10 जनवरी 1993 को हरियाणा के हिसार में एक किसान परिवार में स्वीटी बूरा का जन्म हुआ था। स्वीटी बूरा का शुरुआत से ही रुझान कबड्डी की तरफ था। वह हरियाणा से कबड्डी की स्टेट लेवल प्लेयर भी बनीं। हालांकि, साल 2009 में उनके जीवन ने करवट ली। पिता महेंद्र सिंह बूरा के आग्रह पर स्वीटी ने कबड्डी छोड़ बॉक्सिंग शुरू की। इसके बाद स्वीटी ने एशियन चैम्पियनशिप 2015 में सिल्वर, 2022 में ब्रॉन्ज और 2023 में गोल्ड मेडल जीता। 2017 में हरियाणा सरकार ने उन्हें भीम अवॉर्ड से सम्मानित किया था। संजय ने 7 साल की उम्र में हॉकी थामी…
हॉकी प्लेयर संजय कालीरावण को भारत सरकार ने अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित करने का फैसला लिया है। वह पेरिस ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थे। संजय परिवार के साथ हिसार के गांव डाबड़ा में रहते हैं। संजय कालीरावण ने 7 साल की उम्र में हॉकी थामी थी। आर्थिक तंगी के कारण वह हॉकी नहीं खरीद सके थे। एक माह तक अपने सीनियर्स की हॉकी लेकर उन्होंने प्रैक्टिस की। इसके बाद कोच राजेंद्र सिहाग ने हॉकी दिलाई तो संजय ने हॉकी में नाम चमका दिया। पिता किसान, चचेरे भाई के साथ गए तो हॉकी सीखने की ठानी
संजय के पिता नेकीराम खेतीबाड़ी कर परिवार का पालन पोषण करते हैं। वर्ष 2008 में जब संजय के चाचा के बेटे ने हॉकी का प्रशिक्षण लेना शुरू किया तो वह भी उसके साथ दो-तीन दिन गए। मैदान में खिलाड़ियों के हाथ में हॉकी देख उसने हॉकी सीखने की ठानी। वह स्कूली इंडिया टीम के कैप्टन रह चुके हैं। इसके अलावा जूनियर, सब-जूनियर चंडीगढ़ टीम की कप्तानी की है। उन्होंने नेशनल से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 30 से अधिक मेडल हासिल किए हैं। अमन सहरावत को अर्जुन पुरस्कार… हरियाणा में झज्जर जिले के गांव बिरोहर में रहने वाले 21 वर्षीय अमन सहरावत ने पेरिस ओलिंपिक में देश को कुश्ती में मेडल दिलाया। उन्होंने 57 किग्रा कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। अमन रवि दहिया को अपनी इंस्पिरेशन मानते हैं। दहिया को ही हराकर अमन ने ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई भी किया। दहिया ने टोक्यो ओलिंपिक में भारत को सिल्वर मेडल दिलाया था। दहिया से ही इंस्पिरेशन लेकर अमन ने अपने कमरे में गोल्ड मेडल की फोटो टांगी। उन्होंने अपने कमरे में लिखा है, ‘आसान होता तो हर कोई कर लेता।’ अमन सहरावत ने 11 साल की उम्र में माता-पिता को खोया
अमन सहरावत की मौसी सुमन ने बताया कि अमन 11 साल का था, जब उसकी मां दुनिया छोड़कर चली गई। बेटा डिप्रेशन में न चला जाए, इसलिए पिता ने कुश्ती में डाल दिया, लेकिन 6 महीने बाद पिता का भी देहांत हो गया। अमन के पिता का सपना था कि घर में कोई न कोई पहलवानी करे और भारत के लिए मेडल जीते। अमन ने कहा था पिता का सपना जरूर पूरा करूंगा। अमन ने देश को पेरिस ओलिंपिक में रेसलिंग का पहला मेडल दिलाया था। अमन ने प्यूर्टो रिको के डरियन टोई क्रूज को 13-5 से हराकर मेडल जीता। उन्होंने शुरुआती 2 मैच जीतकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन जापान के रेसलर से हारकर उन्हें ब्रॉन्ज मेडल मैच खेलना पड़ा। जापानी रेसलर ने गोल्ड मेडल जीता। हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह को खेल रत्न भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह को अपने दमदार खेल और असाधारण प्रतिभा के बल पर मेजर ध्यान चंद खेल रत्न अवार्ड मिलने जा रहा है। उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में टोक्यो 2020 ओलिंपिक में कांस्य पदक, 2023 एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक और पेरिस ओलिंपिक 2024 में ब्रॉन्ज मेडल शामिल है। हरमनप्रीत सिंह का जन्म 6 जनवरी 1996 को पंजाब के अमृतसर जिले के जंडियाला गुरु बस्ती में एक किसान परिवार में हुआ। बचपन में हरमनप्रीत खेतों में परिवार का हाथ बंटाते थे और ट्रैक्टर चलाते थे। खेतों में काम करते हुए उनके हाथों ने ड्रैग-फ्लिक के हुनर को तराशा। 2011 में हरमनप्रीत ने जालंधर के सुरजीत अकादमी में दाखिला लिया, जहां स्पेशलिस्ट गगनप्रीत सिंह और सुखजीत सिंह उनकी पेनल्टी कॉर्नर की कला में और सुधार लाए। जूनियर स्तर पर हरमनप्रीत का प्रदर्शन
हरमनप्रीत ने 2011 में सुल्तान जोहोर कप के जरिए भारतीय जूनियर टीम में डेब्यू किया। 2014 में इसी टूर्नामेंट में उन्होंने 9 गोल किए और ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ का खिताब जीता। इसके बाद 2016 में जूनियर विश्व कप जीतने में अहम भूमिका निभाई। सीनियर टीम में डेब्यू और ओलिंपिक सफर
हरमनप्रीत ने 2015 में जापान के खिलाफ सीनियर टीम के लिए डेब्यू किया। 2016 में रियो ओलिंपिक के लिए चुने जाने के बाद वह टीम का हिस्सा बने। हालांकि, रियो में भारत का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा, लेकिन हरमनप्रीत ने 2020 के टोक्यो ओलिंपिक में शानदार वापसी की। टोक्यो 2020 में हरमनप्रीत ने 6 गोल कर भारत को 41 वर्षों बाद ओलिंपिक पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
रेडक्रॉस की जमीन के आरोप लगाने वालों पर कार्रवाई:पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन प्रधान बोले- मुझे बदनाम करने की साजिश
रेडक्रॉस की जमीन के आरोप लगाने वालों पर कार्रवाई:पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन प्रधान बोले- मुझे बदनाम करने की साजिश रेड क्रॉस की जमीन को लेकर पिछले कुछ दिनों से लगाए जा रहे आरोपों को खारिज करते हुए पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के प्रधान अमरजीत मेहता ने कहा कि यह सब उन्हें बदनाम करने की साजिश है। आरोप लगाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि रेडक्रॉस द्वारा जमीन को लीज पर देने का आरोप निराधार है। क्योंकि आज तक इस जमीन का लीज डीड हमारे नाम पर नहीं हुई। अखबार में दिया था विज्ञापन अमरजीत मेहता ने बताया कि रेड क्रॉस ने इस जमीन को लीज पर देने के लिए अखबार में बोली का विज्ञापन दिया था। जिस बाबत उनके बेटे पदमजीत सिंह मेहता ने प्रपोजल दी थी। उन्होंने कहा कि वह पिछले कई सालों से नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाकर पंजाब के बच्चों के लिए अच्छे प्रयास कर रहे हैं, और अब भी उनके बेटे ने इसे आगे बढ़ाने के उद्देश्य से ही यह प्रपोजल रेड क्रॉस सोसाइटी को अखबार में प्रकाशित हुई बोली के अनुसार दी है। उन्होंने कहा कि इस जमीन को लीज पर लेकर खिलाड़ियों और युवाओं की भलाई के लिए काम किया जाना था। जिसका फायदा बठिंडा के युवाओं और खिलाड़ियों को ही होना था। लीज का दिया हिसाब यहां यह भी बताना जरूरी है कि साल 2014 से यह जमीन 11 हजार से 30 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से लीज पर दी जाती रही है, और रेड क्रॉस ने साल 2014 से लेकर अब तक इस जमीन का किराया 24 लाख 60 हजार 700 रुपए ही वसूला है। साल 2022-23 में 2.83 लाख रुपए और 2023-24 में 3.36 लाख रुपए वार्षिक बोली की गई। लेकिन मेरे बेटे ने इस जमीन की प्रपोजल 10,12,500 रुपए प्रति वर्ष के हिसाब से दी है। जो अब तक की बोली से तीन गुना से भी ज्यादा बनती है। पीसीए प्रधान ने रेड क्रॉस द्वारा 2014 से 2024 तक लीज पर दी गई इस जमीन की लीज आय का ब्योरा भी दिया है। जिसमें रेड क्रॉस की इस जमीन की आखिरी बोली 3.36 लाख रुपए से भी कम है। आरोपों को बताया गलत अमरजीत मेहता ने कहा कि इस जमीन को लेकर मेरे ऊपर कई आरोप लगाए जा रहे हैं, लेकिन ये सभी आरोप गलत हैं। उन्होंने कहा, ”मेरे खिलाफ कोई विजिलेंस जांच नहीं चल रही है और न ही मुझ पर किसी बैंक का कोई पैसा बकाया है।” आरोप लगाने वालों ने मद्रास हाई कोर्ट के जो कागजात दिखाए, वे भी गलत हैं। क्योंकि उसमें मेरे खिलाफ कुछ भी नहीं है और हमारे पास जमीन के कागजात सहित नो-ड्यूज सर्टिफिकेट भी है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई अन्य व्यक्ति इस जमीन को लीज पर लेना चाहता है, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर रेडक्रॉस को फायदा होता है, तो यह अच्छी बात है। जिससे उनके परिवार के सदस्यों और खुद उनके लिए खतरा पैदा हो सकता है। उन्होंने कहा कि वह इस खतरे को देखते हुए प्रपोजल को आगे नहीं बढ़ाना चाहते और अपनी प्रपोजल को वापस लेंगे। मेरे पास नहीं है AAP का कोई पद- मेहता अमरजीत मेहता ने कहा कि ‘मुझे आम आदमी पार्टी का पदाधिकारी बताया जा रहा है। लेकिन मेरे पास आम आदमी पार्टी का कोई पद नहीं है। उन्होंने कहा कि पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन एक गैर सरकारी संस्था है और इसका पंजाब सरकार से कोई लेना-देना नहीं है। श्री मेहता ने कहा कि जबसे उन्होंने पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के प्रधान का पद संभाला है। तब से पंजाब और बठिंडा के हित में कई अहम फैसले लिए गए हैं और ये भविष्य में भी जारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को बठिंडा के कल्याण के लिए किए जा रहे अच्छे कार्यों का एहसास नहीं हो रहा है और वह इसमें बाधा उत्पन्न करने के लिए इस तरह के झूठे आरोप लगा रहे हैं। अमरजीत मेहता ने कहा कि बिना तथ्यों के आरोप लगाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है और इस संबंधी वह मानहानि का मामला मानयोग अदालत में दायर करेंगे। उनको यह डर है कि उनकी प्रपोजल को लेकर आर्थिक व जिस्मानी नुकसान पहुंचाने के लिए विरोधी किसी भी हद तक जा सकते हैं।
पंजाब-चंडीगढ़ में गर्मी, सामान्य से अधिक तापमान:कम बारिश को बताया जा रहा कारण; 300 पार पहुंचा AQI, अमृतसर में 344
पंजाब-चंडीगढ़ में गर्मी, सामान्य से अधिक तापमान:कम बारिश को बताया जा रहा कारण; 300 पार पहुंचा AQI, अमृतसर में 344 गर्मियों के सीजन में भीषण गर्मी के बाद अक्टूबर में ठंडे मौसम की उम्मीद करने वालों को इस बार निराशा हाथ लगी है। पिछले एक सप्ताह से चंडीगढ़ सहित पंजाब का औसतन न्यूनतम व अधिकतम तापमान सामान्य से 3 से 6 डिग्री तक अधिक बना हुआ है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में बारिश और बर्फबारी लाने वाले पश्चिमी विक्षोभ की कमी इस अक्टूबर की गर्मी का मुख्य कारण है। विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले सप्ताह में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा, जो सामान्य से तकरीबन 5 डिग्री अधिक है। सामान्य अधिकतम तापमान भी 30 डिग्री से अधिक बना हुआ है, जो सामान्य से तकरीबन 2 से 3 डिग्री तक अधिक है। IMD के वैज्ञानिक आरके जेनमणि ने बताया कि तापमान सामान्य से 3 से 6 डिग्री अधिक है और इसका कारण पश्चिमी विक्षोभ का न होना है। ना बारिश, ना बर्फबारी के आसार उत्तर भारत में वर्षा और हिमपात का एकमात्र स्रोत पश्चिमी विक्षोभ है। उत्तरी भारत में बादल नहीं हैं, उत्तर-पश्चिमी हवाएं भी नहीं आ रही हैं, जिससे उत्तर-पश्चिम भारत में तापमान ऊंचा बना हुआ है। पूर्वी हवाएं इंडो-गैंगेटिक मैदानों पर हावी हैं, जो तापमान को कम नहीं होने दे रही हैं। साथ ही, पश्चिमी विक्षोभ के न होने से न तो बर्फबारी हो रही है और न ही बारिश, जिससे तापमान में गिरावट नहीं आ रही है। प्रदूषण बढ़ा रहा चिंता पंजाब-चंडीगढ़ सहित पूरे भारत में दिवाली को लेकर असमंजस बना हुआ है। कोई 31 अक्टूबर तो कोई 1 नवंबर को दिवाली मना रहा है। ऐसे में बुधवार रात से पटाखों का प्रयोग बढ़ने लगा। जिसके बाद पर्यावरण में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगा है। चंडीगढ़ सहित पंजाब के अमृतसर, जालंधर, मंडी गोबिंदगढ़ और पटियाला में रात 9 से 12 बजे तक प्रदूषण 300 पार चला गया। हालांकि ऐवरेज एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 से कम था। चंडीगढ़ के सेक्टर 53 में रात 9 बजे एक्यूआई 349 दर्ज किया गया। वहीं अमृतसर में रात 11 बजे एक्यूआई 344, जालंधर में रात 11 बजे एक्यूआई 329, मंडी गोबिंदगढ़ में रात 11 बजे एक्यूआई 336 और पटियाला में रात 10 बजे 350 एक्यूआई दर्ज किया गया। इसके साथ ही पटियाला का ऐवरेज एक्यूआई 210 दर्ज किया गया। चंडीगढ़ सहित पंजाब के शहरों का तापमान अमृतसर – बुधवार को अधिकतम तापमान 32.6 डिग्री दर्ज किया गया। आज तापमान 20 से 31 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। जालंधर- बुधवार शाम तापमान 33.3 डिग्री दर्ज किया गया। आज तापमान 19 से 34 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। लुधियाना- बीती शाम अधिकतम तापमान 32.8 डिग्री दर्ज किया गया। आज तापमान 19 से 33 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। पटियाला- बुधवार का तापमान 34 डिग्री दर्ज किया गया। आज तापमान 19 से 33 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। मोहाली- बुधवार को तापमान 33.4 डिग्री दर्ज किया गया। आज तापमान 20 से 34 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। चंडीगढ़- बुधवार अधिकतम तापमान 33.3 डिग्री दर्ज किया गया। आज तापमान 19 से 33 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है।