मधुमक्खी कांड- निरीक्षण करने या पिकनिक मनाने गए थे अफसर?:ललितपुर में कर्मचारियों ने कहा- जंगल में 150 छत्ते, मत जाइए; जानिए पूरी सच्चाई

मधुमक्खी कांड- निरीक्षण करने या पिकनिक मनाने गए थे अफसर?:ललितपुर में कर्मचारियों ने कहा- जंगल में 150 छत्ते, मत जाइए; जानिए पूरी सच्चाई

तारीख- 25 मई 2025, दिन- रविवार। 40-50 अफसर और कर्मचारियों की टीम ललितपुर से करीब 35 किलोमीटर दूर देवगढ़ गांव पहुंची। अचानक मधुमक्खियों ने हमला बोल दिया। ADM नमामि गंगे राजेश श्रीवास्तव को 500 से ज्यादा डंक मारे। CDO कमलाकांत ने भागकर अपना मुंह मिट्टी में दबा लिया। अफसरों की चीख-पुकार सुनकर गांव वाले न पहुंचते, तो शायद जान भी चली जाती। ADM को आईसीयू में एडमिट कराना पड़ा। करीब 30 लोगों पर मधुमक्खियों ने हमला किया। ये कौन-सा इलाका है, जहां अफसरों की टीम पर मधुमक्खियों ने जानलेवा हमला किया? अफसरों की टीम वहां करने क्या गई थी? अफसरों पर मधुमक्खियों का हमला किसी की साजिश तो नहीं? यह सब इन्वेस्टिगेट करने दैनिक भास्कर की टीम ललितपुर में उस जगह पहुंची, जहां हमला हुआ। हमने जल जीवन मिशन से जुड़े कर्मचारियों से भी बात की। जहां पूरी टीम के नाश्ते-खाने का प्रबंध था, उस गेस्ट हाउस के कर्मचारियों से भी बात की। जो निकलकर आया, बहुत ही दिलचस्प है। पढ़िए सिलसिलेवार भास्कर इन्वेस्टिगेशन… सबसे पहले उस इलाके के बारे में जानते हैं, जहां हमला हुआ यूपी की राजधानी लखनऊ से करीब 475 किलोमीटर दूर है ललितपुर जिला। यहां से 35 किलोमीटर दूर देवगढ़ है, जहां प्राचीन जैन और दशावतार मंदिर है। प्राचीन बौद्ध गुफाएं हैं, जहां तक जाने के लिए पक्का रास्ता भी नहीं बना है। घने जंगल के बीच ऊबड़-खाबड़ रास्ता है। जहां कोई जल्दी नहीं जाता, क्योंकि जंगली जानवरों का डर हमेशा बना रहता है। हम सबसे पहले घटनास्थल से 10 किलोमीटर पहले देवगढ़ रोड पहुंचे। यहां जल जीवन मिशन का काम चल रहा था। हमारी मुलाकात मिशन में काम कर रहे एक कर्मचारी से हुई। उसने चौंकाने वाला खुलासा किया। देवगढ़ रोड पर चल रहे जल जीवन मिशन के काम देखने के बाद हम 1 KM आगे प्राचीन दशावतार मंदिर पहुंचे। ये विष्णु मंदिर छठी शताब्दी का बना है। वहां पर तैनात मंदिर ट्रस्ट के कर्मचारियों से हमने जानने की कोशिश कि क्या अधिकारी रुके थे? अभी तक की इन्वेस्टिगेशन में ये सामने आ चुका था कि मुख्य विकास अधिकारी (CDO) कमलाकांत पांडेय, अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे राजेश श्रीवास्तव, खंड विकास अधिकारी बिरधा, अधिशासी अभियंता जल निगम अवनीश, सचिव शैलेंद्र समेत तमाम अधिकारी निरीक्षण के नाम पर घूमने पहुंचे थे। उनका पिकनिक का प्रोग्राम था। लेकिन, हम फिर भी इसे और पुख्ता करना चाहते थे। इसके लिए हम उस जगह पहुंचे, जहां इन अफसरों के नाश्ते-खाने का इंतजाम था। जैन गेस्ट हाउस में था नाश्ते-खाने का इंतजाम
दशावतार मंदिर से 1 किलोमीटर आगे जैन समाज का गेस्ट हाउस है। उस दिन अधिकारियों के लिए नाश्ते-खाने का इंतजाम यहीं था। हमें वहीं के कर्मचारियों से पता चला कि अधिकारियों पर जब मधुमक्खियों ने हमला बोला तो उन लोगों ने मदद की। गेस्ट हाउस से कंबल भेजे गए थे, जिनकी वजह से अफसरों की जान बची। पढ़िए गेस्टहाउस कर्मचारी से बातचीत के अंश… मना करने के बावजूद उस ओर गए अधिकारी…
सीडीओ के साथ गए जैन कमेटी के कर्मचारी इंदल सिंह ने हमें उस दिन की पूरी घटना बताई। इंदल ने बताया- अधिकारियों के आने का प्लान पहले से बना था। तभी जैन गेस्ट हाउस में खाने-पीने की पूरी व्यवस्था की गई थी। कर्मचारियों के बार-बार मना करने के बावजूद अधिकारियों ने एक नहीं सुनी और उस ओर चले गए। क्या इत्र की खुशबू है हमले की वजह?
मधुमक्खियों के हमले के बाद वन विभाग की ओर से बयान आया कि इत्र की खुशबू की वजह से ऐसा हमला हो सकता है। हमने इसकी हकीकत जानने के लिए लखनऊ यूनिवर्सिटी की वाइल्डलाइफ साइंस की प्रोफेसर से बात की। प्रोफेसर अमिता कनौजिया का कहना है मधुमक्खियां किसी भी सुगंधित चीज की ओर आकर्षित होती हैं। खासकर उन्हें फूलों की सुगंध पसंद होती है। कोई भी सुगंधित चीज जैसे चमेली का तेल, परफ्यूम आपने लगाया और मधुमक्खियों के छत्ते के पास से गुजरते हैं, तो वो हमला कर देंगी। ऐसे कई केस हुए हैं। बड़े अफसर ही क्यों घायल हुए?
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, जिस जगह मधुमक्खियों का हमला हुआ, वहां करीब 150 छत्ते हैं। हमले में बड़े अफसरों के घायल होने की वजह ये थी कि वो आगे चल रहे थे। पीछे वालों को भागने का मौका मिल गया, इसलिए बच गए। ‘प्रोजेक्ट के बारे में नमामि गंगे वाले जानें, मैं तो पीछे चल रहा था’
पूरे मामले की हकीकत जानने के लिए हमने मधुमक्खियों के हमले में घायल सीडीओ कमलाकांत पांडेय से भी बात की। उन्होंने बताया- 200-250 डंक लगे थे। हमारी तो लोकेशन ही नहीं मिल पा रही थी। काफी देर तक बेहोश पड़ा रहा। गनर की लोकेशन से सबसे बाद में मैं ट्रेस हुआ। जब उनसे पूछा गया कि जहां आप लोग निरीक्षण करने गए थे, वहां जल जीवन मिशन की कोई योजना तो चल नहीं रही? ऐसी चर्चा है कि अधिकारी घूमने के पर्पज से आए थे? इस पर कहा- पाइप लाइन पड़नी है, अभी संचालित नहीं है। एडीएम नमामि गंगे पूरे प्रोजेक्ट को देखते हैं, इसलिए मुझे ज्यादा जानकारी नहीं। क्या पूरा प्लान है, ये तो नमामि गंगे वाले जानें। विशेष सचिव सर को आना था। उनके साथ मुझे रहना था, गोशाला दिखाना था। कहां-कहां जाना था, मुझे डिटेल जानकारी नहीं थी। मैं तो पीछे चल रहा था। आखिर में जानिए पूरा मामला ललितपुर के देवगढ़ में 25 मई को मुख्य विकास अधिकारी (CDO) केके पांडे, अपर जिलाधिकारी (ADM) नमामि गंगे राजेश श्रीवास्तव, खंड विकास अधिकारी बिरधा, अधिशासी अभियंता जल निगम अवनीश, सचिव शैलेंद्र, नोडल अधिकारी रेशम समेत कई अफसर बौद्ध गुफा की ओर गए। जैसे ही अफसर बौद्ध गुफा के पास पहुंचे, मधुमक्खियों ने हमला कर दिया। अफसर जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। नोडल अधिकारी रेशम, COD और ADM ज्यादा दौड़ नहीं पाए। इसके चलते उन पर मधुमक्खियां टूट पड़ीं। ———————- ये खबर भी पढ़ें… यूपी DGP राजीव कृष्ण और IRS मीनाक्षी सिंह की लवस्टोरी, बरेली में पहली बार मिले, एक जैसी सोच ने बनाया हमसफर वो साल 1991 था, जब 22 साल की उम्र में राजीव कृष्ण ने UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) की कठिन परीक्षा को पहली बार में ही पास कर लिया और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में चयनित हो गए। उन्हें उत्तर प्रदेश कैडर मिला। उनकी यात्रा शुरू हुई, मुरादाबाद पुलिस ट्रेनिंग सेंटर से, जहां उन्होंने अपनी प्रारंभिक ट्रेनिंग पूरी की। पढ़ें पूरी खबर तारीख- 25 मई 2025, दिन- रविवार। 40-50 अफसर और कर्मचारियों की टीम ललितपुर से करीब 35 किलोमीटर दूर देवगढ़ गांव पहुंची। अचानक मधुमक्खियों ने हमला बोल दिया। ADM नमामि गंगे राजेश श्रीवास्तव को 500 से ज्यादा डंक मारे। CDO कमलाकांत ने भागकर अपना मुंह मिट्टी में दबा लिया। अफसरों की चीख-पुकार सुनकर गांव वाले न पहुंचते, तो शायद जान भी चली जाती। ADM को आईसीयू में एडमिट कराना पड़ा। करीब 30 लोगों पर मधुमक्खियों ने हमला किया। ये कौन-सा इलाका है, जहां अफसरों की टीम पर मधुमक्खियों ने जानलेवा हमला किया? अफसरों की टीम वहां करने क्या गई थी? अफसरों पर मधुमक्खियों का हमला किसी की साजिश तो नहीं? यह सब इन्वेस्टिगेट करने दैनिक भास्कर की टीम ललितपुर में उस जगह पहुंची, जहां हमला हुआ। हमने जल जीवन मिशन से जुड़े कर्मचारियों से भी बात की। जहां पूरी टीम के नाश्ते-खाने का प्रबंध था, उस गेस्ट हाउस के कर्मचारियों से भी बात की। जो निकलकर आया, बहुत ही दिलचस्प है। पढ़िए सिलसिलेवार भास्कर इन्वेस्टिगेशन… सबसे पहले उस इलाके के बारे में जानते हैं, जहां हमला हुआ यूपी की राजधानी लखनऊ से करीब 475 किलोमीटर दूर है ललितपुर जिला। यहां से 35 किलोमीटर दूर देवगढ़ है, जहां प्राचीन जैन और दशावतार मंदिर है। प्राचीन बौद्ध गुफाएं हैं, जहां तक जाने के लिए पक्का रास्ता भी नहीं बना है। घने जंगल के बीच ऊबड़-खाबड़ रास्ता है। जहां कोई जल्दी नहीं जाता, क्योंकि जंगली जानवरों का डर हमेशा बना रहता है। हम सबसे पहले घटनास्थल से 10 किलोमीटर पहले देवगढ़ रोड पहुंचे। यहां जल जीवन मिशन का काम चल रहा था। हमारी मुलाकात मिशन में काम कर रहे एक कर्मचारी से हुई। उसने चौंकाने वाला खुलासा किया। देवगढ़ रोड पर चल रहे जल जीवन मिशन के काम देखने के बाद हम 1 KM आगे प्राचीन दशावतार मंदिर पहुंचे। ये विष्णु मंदिर छठी शताब्दी का बना है। वहां पर तैनात मंदिर ट्रस्ट के कर्मचारियों से हमने जानने की कोशिश कि क्या अधिकारी रुके थे? अभी तक की इन्वेस्टिगेशन में ये सामने आ चुका था कि मुख्य विकास अधिकारी (CDO) कमलाकांत पांडेय, अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे राजेश श्रीवास्तव, खंड विकास अधिकारी बिरधा, अधिशासी अभियंता जल निगम अवनीश, सचिव शैलेंद्र समेत तमाम अधिकारी निरीक्षण के नाम पर घूमने पहुंचे थे। उनका पिकनिक का प्रोग्राम था। लेकिन, हम फिर भी इसे और पुख्ता करना चाहते थे। इसके लिए हम उस जगह पहुंचे, जहां इन अफसरों के नाश्ते-खाने का इंतजाम था। जैन गेस्ट हाउस में था नाश्ते-खाने का इंतजाम
दशावतार मंदिर से 1 किलोमीटर आगे जैन समाज का गेस्ट हाउस है। उस दिन अधिकारियों के लिए नाश्ते-खाने का इंतजाम यहीं था। हमें वहीं के कर्मचारियों से पता चला कि अधिकारियों पर जब मधुमक्खियों ने हमला बोला तो उन लोगों ने मदद की। गेस्ट हाउस से कंबल भेजे गए थे, जिनकी वजह से अफसरों की जान बची। पढ़िए गेस्टहाउस कर्मचारी से बातचीत के अंश… मना करने के बावजूद उस ओर गए अधिकारी…
सीडीओ के साथ गए जैन कमेटी के कर्मचारी इंदल सिंह ने हमें उस दिन की पूरी घटना बताई। इंदल ने बताया- अधिकारियों के आने का प्लान पहले से बना था। तभी जैन गेस्ट हाउस में खाने-पीने की पूरी व्यवस्था की गई थी। कर्मचारियों के बार-बार मना करने के बावजूद अधिकारियों ने एक नहीं सुनी और उस ओर चले गए। क्या इत्र की खुशबू है हमले की वजह?
मधुमक्खियों के हमले के बाद वन विभाग की ओर से बयान आया कि इत्र की खुशबू की वजह से ऐसा हमला हो सकता है। हमने इसकी हकीकत जानने के लिए लखनऊ यूनिवर्सिटी की वाइल्डलाइफ साइंस की प्रोफेसर से बात की। प्रोफेसर अमिता कनौजिया का कहना है मधुमक्खियां किसी भी सुगंधित चीज की ओर आकर्षित होती हैं। खासकर उन्हें फूलों की सुगंध पसंद होती है। कोई भी सुगंधित चीज जैसे चमेली का तेल, परफ्यूम आपने लगाया और मधुमक्खियों के छत्ते के पास से गुजरते हैं, तो वो हमला कर देंगी। ऐसे कई केस हुए हैं। बड़े अफसर ही क्यों घायल हुए?
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, जिस जगह मधुमक्खियों का हमला हुआ, वहां करीब 150 छत्ते हैं। हमले में बड़े अफसरों के घायल होने की वजह ये थी कि वो आगे चल रहे थे। पीछे वालों को भागने का मौका मिल गया, इसलिए बच गए। ‘प्रोजेक्ट के बारे में नमामि गंगे वाले जानें, मैं तो पीछे चल रहा था’
पूरे मामले की हकीकत जानने के लिए हमने मधुमक्खियों के हमले में घायल सीडीओ कमलाकांत पांडेय से भी बात की। उन्होंने बताया- 200-250 डंक लगे थे। हमारी तो लोकेशन ही नहीं मिल पा रही थी। काफी देर तक बेहोश पड़ा रहा। गनर की लोकेशन से सबसे बाद में मैं ट्रेस हुआ। जब उनसे पूछा गया कि जहां आप लोग निरीक्षण करने गए थे, वहां जल जीवन मिशन की कोई योजना तो चल नहीं रही? ऐसी चर्चा है कि अधिकारी घूमने के पर्पज से आए थे? इस पर कहा- पाइप लाइन पड़नी है, अभी संचालित नहीं है। एडीएम नमामि गंगे पूरे प्रोजेक्ट को देखते हैं, इसलिए मुझे ज्यादा जानकारी नहीं। क्या पूरा प्लान है, ये तो नमामि गंगे वाले जानें। विशेष सचिव सर को आना था। उनके साथ मुझे रहना था, गोशाला दिखाना था। कहां-कहां जाना था, मुझे डिटेल जानकारी नहीं थी। मैं तो पीछे चल रहा था। आखिर में जानिए पूरा मामला ललितपुर के देवगढ़ में 25 मई को मुख्य विकास अधिकारी (CDO) केके पांडे, अपर जिलाधिकारी (ADM) नमामि गंगे राजेश श्रीवास्तव, खंड विकास अधिकारी बिरधा, अधिशासी अभियंता जल निगम अवनीश, सचिव शैलेंद्र, नोडल अधिकारी रेशम समेत कई अफसर बौद्ध गुफा की ओर गए। जैसे ही अफसर बौद्ध गुफा के पास पहुंचे, मधुमक्खियों ने हमला कर दिया। अफसर जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। नोडल अधिकारी रेशम, COD और ADM ज्यादा दौड़ नहीं पाए। इसके चलते उन पर मधुमक्खियां टूट पड़ीं। ———————- ये खबर भी पढ़ें… यूपी DGP राजीव कृष्ण और IRS मीनाक्षी सिंह की लवस्टोरी, बरेली में पहली बार मिले, एक जैसी सोच ने बनाया हमसफर वो साल 1991 था, जब 22 साल की उम्र में राजीव कृष्ण ने UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) की कठिन परीक्षा को पहली बार में ही पास कर लिया और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में चयनित हो गए। उन्हें उत्तर प्रदेश कैडर मिला। उनकी यात्रा शुरू हुई, मुरादाबाद पुलिस ट्रेनिंग सेंटर से, जहां उन्होंने अपनी प्रारंभिक ट्रेनिंग पूरी की। पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर