मेरठ ऑनर किलिंग मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ। बेटी की हत्या करने के बाद मां-बेटा लाश के साथ 13 घंटे तक कमरे में बैठे रहे। बुधवार, 4 जून की सुबह 9.30 बजे मां-बेटे ने गला घोंट दिया। रात 11 बजे मामा का बेटा और मौसेरा भाई गौरव कार लेकर आए। बॉडी को चादर में लपेट कर कार से महरौली के जंगल के पास अपने खेत पर पहुंचे। जहां पर मामा ने दरांती (हंसिया) से लड़की की गर्दन काटकर अलग कर दी। सिर और धड़ अलग-अलग प्लास्टिक की बोरी में भरा। मामा ने घर से 13 किमी दूर बहादुरपुर नहर में धड़ और वहां से 10 किमी दूर जानी नहर में सिर फेंक दिया। इस खौफनाक हत्या की पूरी कहानी मां राकेश देवी ने पुलिस कस्टडी में सुनाई। पढ़िए कबूलनामा… मां ने कहा- बेटी जल्दी शादी करवाने के लिए अड़ी, गुस्से में मुझे गाली दी
पुलिस कस्टडी में मां राकेश देवी से 2.30 घंटे पूछताछ हुई। उन्होंने कहा- बुधवार सुबह 9:30 बजे थे। आस्था उर्फ तनिष्का (17) और मेरी नॉर्मल बातचीत चल रही थी। अचानक उसने मुझसे कहा, ‘मैं अमन से ही शादी करूंगी, जल्दी करवा दो।’ उसके मुंह से ये बात सुनकर गुस्सा आ गया, मगर खुद को संभाला। कुछ देर शांत रही। फिर मैंने आस्था को समझाया। कहा, ‘तुम्हारे पापा घर पर नहीं हैं, ये हो नहीं सकता।’ इसके बाद आस्था नाराज हो जाती है, बहस करने लगती है। कुछ देर में वह बड़बड़ करते हुए मुझे ही गाली दे देती है। अंदर कमरे में बैठा मेरा 14 साल का बेटा सब कुछ सुन रहा था। वो बाहर आता है, और मेरी तरफ से आस्था को डांटने लगता है। अब आस्था भड़क जाती है, अपने भाई की पिटाई कर देती है। तब मेरा गुस्सा भड़क उठता है। मैंने और बेटे ने मिलकर आस्था को पीटा, मगर वह बराबर चिल्लाती रहती है कि मैं अमन से ही शादी करूंगी, चाहे कुछ भी कर लो। गुस्से में आकर बेटे ने आस्था के हाथ पकड़े और मैंने गला…। हमने ये नहीं सोचा था कि उसकी सांस रुक जाएगी। हम तो बस डराना चाहते थे। 2 मिनट में उसका शरीर ठंडा पड़ गया, हम रोने लगे, एक-दूसरे से कहने लगे कि अब क्या करेंगे। बेटे ने कहा- अब जेल जाना होगा। हम घबरा गए। मामा ने कहा, रात तक इंतजार करो, फिर कुछ करते हैं
राकेश देवती कहती है, मैंने सबसे पहले छत्तीसगढ़ में तैनात अपने पति रमेश को फोन किया। उन्हें बताया कि मुझसे बहुत बड़ा गुनाह हो गया है। मेरे हाथों से आस्था की हत्या हो गई है। रमेश चौंक जाते हैं, कहते हैं- अरे…ये क्या कर डाला। मैं उनको पूरी कहानी सुनाई। वो कहते हैं- मैं परिवार के लोगों से बात करता हूं कि क्या करना है। तब तक कहीं मत जाना, वहीं लाश के पास रहो। पति से बात होने के बाद मैंने अपने भाई कमल और समर को फोन किया। उन्हें भी पूरी कहानी सुनाई। अब पति रमेश, दोनों भाई ये सोचने लगे कि बेटी तो जा चुकी है, अब मुझे और बेटे को कैसे बचाएं। 4 घंटे बाद करीब 2 बजे कमल और समर ने मुझे फोन किया। कहा- रात 11 बजे तक इंतजार करो, अंधेरा होने का वेट करो। हम कुछ इंतजाम करते हैं। रात के 11 बजे तक मैं और बेटा आस्था की लाश के साथ वहीं रहे। प्लानिंग के तहत रात को 11 बजे कमल का बेटा मंजीत उर्फ मोनू और मेरी मौसी का बेटा गौरव हमारे घर पहुंचे। 10 मिनट तक आपस में बात की कि क्या करना है? कैसे करना है? फिर आस्था की लाश को चादर में बांधकर कार में रखकर वह लोग चले जाते हैं। गंगनहर का बहाव तेज , इसलिए सिर वहां फेंका
इसके आगे की कहानी लड़की के मामला कमल ने पुलिस को सुनाई। कमल के मुताबिक, मंजीत और गौरव दादरी गांव से 13 किलोमीटर दूर महरौली के जंगल में बॉडी लेकर पहुंचे। यहां पर मैं और भाई समर अपने खेत पर पहले से मौजूद थे। खेत में लाश को रखकर मैंने और समर ने दरांती से गर्दन को काटकर अलग कर दिया। हमने धड़ को उसी चादर में बांधकर कार की डिग्गी में रख दिया। वहीं पास में बहने वाली छोटी नहर में ले जाकर फेंक दिया। मैंने सिर को एक प्लास्टिक के बोरे में रख लिया था। उसे गंगनहर में फेंका। क्योंकि वहां बहाव तेज होता है, मुझे मालूम था कि सिर पुलिस को इतनी आसानी से नहीं मिलेगा। परिवार के लोगों ने मिलकर आस्था की लाश को छिपाने की प्लानिंग 2 वजह से बनाई- पहली- उन्होंने अखबारों में पढ़ा था कि सिर कटी लाश की पहचान मुश्किल होती है। पुलिस कुछ समय ऐसे केस को ट्रेस करती है, फिर फाइलें बंद कर दी जाती हैं। दूसरी- अगर बाद में आस्था के गुम होने की तहरीर भी दी जाती है तो सबका शक उसके प्रेमी अमन पर जाएगा। इस तरह से अमन भी अरेस्ट होकर जेल चला जाएगा। 20 रुपए के नोटों के बीच पर्ची से बिगाड़ी प्लानिंग
आस्था की लाश को ठिकाने लगाने के लिए फुलप्रूफ प्लानिंग की गई थी। लेकिन आस्था ने जो सलवार पहनी हुई थी, उसमें जेब थी। जेब में 20-20 के तीन नोट थे। उन नोटों के बीच में एक कागज लिपटा हुआ था। इस कागज में आस्था ने अपने प्रेमी अमन के पिता और उसकी बहन का मोबाइल नंबर लिख रखा था। अगर ये नंबर पुलिस को नहीं मिलता तो आस्था की सिर कटी लाश एक पहेली बनकर रह जाती। सिर क्योंकि गंगनहर में फेंका गया है, तो उसका मिल आसान नहीं है। थाने में अमन रोया, कहा- इन लोगों को सजा मिलनी चाहिए
तकरीबन 9 महीने पहले आस्था और अमन की दोस्ती स्नेपचैट से शुरू हुई थी। आस्था 12वीं की छात्रा थी, जबकि अमन बीए का छात्र है। दोनों गुर्जर बिरादरी से थे। धीरे-धीरे दोनों एक-दूसरे के करीब आ गए। शादी की कसमें खा ली। इस लव स्टोरी का अंत इतना भयानक होगा दोनों ने सोचा भी नहीं था। अमन थाने में पुलिस के सामने रोकर कह रहा था कि इन लोगों को इनके किए की सजा मिलनी चाहिए। परतापुर थाने पहुंचे लोग भी पूरी घटना से अवाक थे। दबी जुबान कुछ लोग कह रहे थे कि दोनों गुर्जर बिरादरी से ही थे, ऐसे में शादी कर देते तो आज इतने घर बर्बाद नहीं होते। दो मामा, मां, छोटा भाई और ममेरे व मौसेरे भाई नामजद
SSP विपिन ताडा कहते हैं- इस मामले में आस्था की मां राकेश देवी, उनके 14 साल के नाबालिग बेटे पर हत्या की धारा में केस दर्ज हुआ है। मामा कमल, समर, ममेरे भाई मोनू उर्फ मंजीत और मौसेरे भाई गौरव के खिलाफ साजिश एवं साक्ष्य मिटाने का मामला दर्ज हुआ है। गौरव की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग लोकेशन पर दबिश दी जा रही है। बाकी आरोपियों को कोर्ट में पेश कर दिया गया है। चारों आरोपियों को कोर्ट ने जेल भेज दिया है। नाबालिग किशोर को बाल सुधार गृह भेजा गया है। गांव के लोग कहते हैं- बेहद दबंग थी आस्था
12वीं कक्षा में पढ़ने वाली आस्था बेहद दबंग थी। गांव के लोगों ने भले ही कैमरे पर बात नहीं की, मगर उन्होंने बताया कि आस्था ने कई बार घर के लोगो से मारपीट तक की थी। गांव में कोई कुछ बोल देता था तो वह गाली देकर धमका देती थी। किसी से दबती नहीं थी। पड़ोसियों ने बताया- 28 मई को आस्था की मां राकेश देवी घर से बाहर थी। आस्था का प्रेमी अमन उससे मिलने घर पहुंचा। दोनों को आस्था के नौ साल के भाई ने साथ देख लिया। मां के घर आने पर सारी बात बता दी। राकेश देवी और आस्था का खूब झगड़ा हुआ। आस्था से उसका मोबाइल छीन लिया। इसके बाद से ही रोजाना घर में कलह हो रही थी। आस्था अमन के साथ शादी की जिद पर अड़ी हुई थी। वो कुछ नहीं सुनना चाह रही थी। गंग नहर में खोजा रहा सिर
SSP डा. विपिन ताडा ने बताया, कि चार आरोपियों को जेल और एक को बाल सुधार गृह भेज दिया गया है। 1 फरार आरोपी की तलाश में दबिश दी जा रही है। आस्था के कटे हुए सिर की गंगनहर में तलाश की जा रही है। प्रेम प्रसंग से नाराज होकर घटना को अंजाम दिया गया है। पुलिस ठोस सबूत के साथ चार्जशीट दाखिल करेगी। पुलिस को लाश कैसे मिली, ये भी जानिए
गुरुवार सुबह करीब 8 बजे परतापुर इलाके के बहादरपुर गांव से होकर बहने वाली छोटी नहर में लोगों ने कपड़े में बंधी लाश देखी। परतापुर पुलिस मौके पर पहुंची। सफेद चादर में एक लड़की की सिर कटी लाश थी। लड़की के कपड़ों की तलाशी ली गई तो सलवार की जेब में 20-20 के नोटों के बीच एक कागज मिला। कागज पर दो नंबर लिखे थे, एक नंबर पर कॉल करके पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी जानकारी होने से इनकार कर दिया। दूसरे नंबर पर फोन उठाने वाला दौराला के नंगली गांव का अमन था। उसने बताया कि वो दादरी गांव की आस्था से प्यार करता है। पुलिस ने उसको लाश का फोटो भेजा तो उसने पहचान कर ली। बताया कि ये लाश आस्था की है। इसके बाद पुलिस आस्था के घर पहुंची तो उसकी मां राकेश देवी ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। पुलिस ने राकेश देवी को लाश दिखाकर पूछा कि क्या ये तुम्हारी बेटी की है तो उन्होंने मना कर दिया। इसके बाद पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की ताे उन्होंने अपना जुर्म कुबूल कर लिया। जिसके बाद पुलिस ने आस्था के मामा कमल और उनके बेटे मंजीत को हिरासत में लेकर पूछताछ की। जिसके बाद पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया। शुक्रवार को पुलिस ने पूरे मामले में आस्था के दूसरे मामा समर को भी नामजद कर लिया। लाश बहादरपुर की छोटी नहर में लाश मिली तो पुलिस ने पंचनामे की कार्रवाई ग्राम प्रधान से कराई। इस मामले में क्योंकि परिवार के लोग ही हत्या में शामिल हैं, इसलिए वादी ग्राम प्रधान को ही बनाया गया है। इस केस में अब पुलिस ही मुख्य गवाह के रूप में रहेगी। पुलिस ने साक्ष्य के तौर पर जहां पर गर्दन काटी गई, वहां खून से सनी मिट्टी, दरांती, जिस कार में लाश ले जाई गई, उसमें लगा खून, इन सभी को सबूत के तौर पर एकत्र किया है। पोस्टमॉर्टम होने के बाद पुलिस ने लाश को आस्था के ताऊ के सुपुर्द कर दिया। देर शाम गांव के श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। …… यह भी पढ़ें : मां-भाई ने गला दबाया, मामा ने गला काटा:मेरठ में धड़ और सिर अलग-अलग नहर में फेंके; सलवार की जेब से मिला बॉयफ्रेंड का नंबर मेरठ में ऑनर किलिंग की खौफनाक वारदात हुई है। यहां प्रेमी से बात करने पर नाराज मां ने नाबालिग बेटे के साथ मिलकर बेटी की गला दबाकर हत्या कर दी। लाश को ठिकाने लगाने के लिए मायके से लड़की के मामा, उसके बेटे और मौसी के बेटे को बुला लिया। मामा और ममेरे-मौसेरे भाई शव को चादर में लपेट कर कार से महरौली के जंगल ले गए। जहां पर मामा ने दरांती (हंसिया) से लड़की की गर्दन काटकर अलग कर दी। सिर और धड़ अलग-अलग प्लास्टिक की बोरी में भरा। पढ़िए पूरी खबर… मेरठ ऑनर किलिंग मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ। बेटी की हत्या करने के बाद मां-बेटा लाश के साथ 13 घंटे तक कमरे में बैठे रहे। बुधवार, 4 जून की सुबह 9.30 बजे मां-बेटे ने गला घोंट दिया। रात 11 बजे मामा का बेटा और मौसेरा भाई गौरव कार लेकर आए। बॉडी को चादर में लपेट कर कार से महरौली के जंगल के पास अपने खेत पर पहुंचे। जहां पर मामा ने दरांती (हंसिया) से लड़की की गर्दन काटकर अलग कर दी। सिर और धड़ अलग-अलग प्लास्टिक की बोरी में भरा। मामा ने घर से 13 किमी दूर बहादुरपुर नहर में धड़ और वहां से 10 किमी दूर जानी नहर में सिर फेंक दिया। इस खौफनाक हत्या की पूरी कहानी मां राकेश देवी ने पुलिस कस्टडी में सुनाई। पढ़िए कबूलनामा… मां ने कहा- बेटी जल्दी शादी करवाने के लिए अड़ी, गुस्से में मुझे गाली दी
पुलिस कस्टडी में मां राकेश देवी से 2.30 घंटे पूछताछ हुई। उन्होंने कहा- बुधवार सुबह 9:30 बजे थे। आस्था उर्फ तनिष्का (17) और मेरी नॉर्मल बातचीत चल रही थी। अचानक उसने मुझसे कहा, ‘मैं अमन से ही शादी करूंगी, जल्दी करवा दो।’ उसके मुंह से ये बात सुनकर गुस्सा आ गया, मगर खुद को संभाला। कुछ देर शांत रही। फिर मैंने आस्था को समझाया। कहा, ‘तुम्हारे पापा घर पर नहीं हैं, ये हो नहीं सकता।’ इसके बाद आस्था नाराज हो जाती है, बहस करने लगती है। कुछ देर में वह बड़बड़ करते हुए मुझे ही गाली दे देती है। अंदर कमरे में बैठा मेरा 14 साल का बेटा सब कुछ सुन रहा था। वो बाहर आता है, और मेरी तरफ से आस्था को डांटने लगता है। अब आस्था भड़क जाती है, अपने भाई की पिटाई कर देती है। तब मेरा गुस्सा भड़क उठता है। मैंने और बेटे ने मिलकर आस्था को पीटा, मगर वह बराबर चिल्लाती रहती है कि मैं अमन से ही शादी करूंगी, चाहे कुछ भी कर लो। गुस्से में आकर बेटे ने आस्था के हाथ पकड़े और मैंने गला…। हमने ये नहीं सोचा था कि उसकी सांस रुक जाएगी। हम तो बस डराना चाहते थे। 2 मिनट में उसका शरीर ठंडा पड़ गया, हम रोने लगे, एक-दूसरे से कहने लगे कि अब क्या करेंगे। बेटे ने कहा- अब जेल जाना होगा। हम घबरा गए। मामा ने कहा, रात तक इंतजार करो, फिर कुछ करते हैं
राकेश देवती कहती है, मैंने सबसे पहले छत्तीसगढ़ में तैनात अपने पति रमेश को फोन किया। उन्हें बताया कि मुझसे बहुत बड़ा गुनाह हो गया है। मेरे हाथों से आस्था की हत्या हो गई है। रमेश चौंक जाते हैं, कहते हैं- अरे…ये क्या कर डाला। मैं उनको पूरी कहानी सुनाई। वो कहते हैं- मैं परिवार के लोगों से बात करता हूं कि क्या करना है। तब तक कहीं मत जाना, वहीं लाश के पास रहो। पति से बात होने के बाद मैंने अपने भाई कमल और समर को फोन किया। उन्हें भी पूरी कहानी सुनाई। अब पति रमेश, दोनों भाई ये सोचने लगे कि बेटी तो जा चुकी है, अब मुझे और बेटे को कैसे बचाएं। 4 घंटे बाद करीब 2 बजे कमल और समर ने मुझे फोन किया। कहा- रात 11 बजे तक इंतजार करो, अंधेरा होने का वेट करो। हम कुछ इंतजाम करते हैं। रात के 11 बजे तक मैं और बेटा आस्था की लाश के साथ वहीं रहे। प्लानिंग के तहत रात को 11 बजे कमल का बेटा मंजीत उर्फ मोनू और मेरी मौसी का बेटा गौरव हमारे घर पहुंचे। 10 मिनट तक आपस में बात की कि क्या करना है? कैसे करना है? फिर आस्था की लाश को चादर में बांधकर कार में रखकर वह लोग चले जाते हैं। गंगनहर का बहाव तेज , इसलिए सिर वहां फेंका
इसके आगे की कहानी लड़की के मामला कमल ने पुलिस को सुनाई। कमल के मुताबिक, मंजीत और गौरव दादरी गांव से 13 किलोमीटर दूर महरौली के जंगल में बॉडी लेकर पहुंचे। यहां पर मैं और भाई समर अपने खेत पर पहले से मौजूद थे। खेत में लाश को रखकर मैंने और समर ने दरांती से गर्दन को काटकर अलग कर दिया। हमने धड़ को उसी चादर में बांधकर कार की डिग्गी में रख दिया। वहीं पास में बहने वाली छोटी नहर में ले जाकर फेंक दिया। मैंने सिर को एक प्लास्टिक के बोरे में रख लिया था। उसे गंगनहर में फेंका। क्योंकि वहां बहाव तेज होता है, मुझे मालूम था कि सिर पुलिस को इतनी आसानी से नहीं मिलेगा। परिवार के लोगों ने मिलकर आस्था की लाश को छिपाने की प्लानिंग 2 वजह से बनाई- पहली- उन्होंने अखबारों में पढ़ा था कि सिर कटी लाश की पहचान मुश्किल होती है। पुलिस कुछ समय ऐसे केस को ट्रेस करती है, फिर फाइलें बंद कर दी जाती हैं। दूसरी- अगर बाद में आस्था के गुम होने की तहरीर भी दी जाती है तो सबका शक उसके प्रेमी अमन पर जाएगा। इस तरह से अमन भी अरेस्ट होकर जेल चला जाएगा। 20 रुपए के नोटों के बीच पर्ची से बिगाड़ी प्लानिंग
आस्था की लाश को ठिकाने लगाने के लिए फुलप्रूफ प्लानिंग की गई थी। लेकिन आस्था ने जो सलवार पहनी हुई थी, उसमें जेब थी। जेब में 20-20 के तीन नोट थे। उन नोटों के बीच में एक कागज लिपटा हुआ था। इस कागज में आस्था ने अपने प्रेमी अमन के पिता और उसकी बहन का मोबाइल नंबर लिख रखा था। अगर ये नंबर पुलिस को नहीं मिलता तो आस्था की सिर कटी लाश एक पहेली बनकर रह जाती। सिर क्योंकि गंगनहर में फेंका गया है, तो उसका मिल आसान नहीं है। थाने में अमन रोया, कहा- इन लोगों को सजा मिलनी चाहिए
तकरीबन 9 महीने पहले आस्था और अमन की दोस्ती स्नेपचैट से शुरू हुई थी। आस्था 12वीं की छात्रा थी, जबकि अमन बीए का छात्र है। दोनों गुर्जर बिरादरी से थे। धीरे-धीरे दोनों एक-दूसरे के करीब आ गए। शादी की कसमें खा ली। इस लव स्टोरी का अंत इतना भयानक होगा दोनों ने सोचा भी नहीं था। अमन थाने में पुलिस के सामने रोकर कह रहा था कि इन लोगों को इनके किए की सजा मिलनी चाहिए। परतापुर थाने पहुंचे लोग भी पूरी घटना से अवाक थे। दबी जुबान कुछ लोग कह रहे थे कि दोनों गुर्जर बिरादरी से ही थे, ऐसे में शादी कर देते तो आज इतने घर बर्बाद नहीं होते। दो मामा, मां, छोटा भाई और ममेरे व मौसेरे भाई नामजद
SSP विपिन ताडा कहते हैं- इस मामले में आस्था की मां राकेश देवी, उनके 14 साल के नाबालिग बेटे पर हत्या की धारा में केस दर्ज हुआ है। मामा कमल, समर, ममेरे भाई मोनू उर्फ मंजीत और मौसेरे भाई गौरव के खिलाफ साजिश एवं साक्ष्य मिटाने का मामला दर्ज हुआ है। गौरव की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग लोकेशन पर दबिश दी जा रही है। बाकी आरोपियों को कोर्ट में पेश कर दिया गया है। चारों आरोपियों को कोर्ट ने जेल भेज दिया है। नाबालिग किशोर को बाल सुधार गृह भेजा गया है। गांव के लोग कहते हैं- बेहद दबंग थी आस्था
12वीं कक्षा में पढ़ने वाली आस्था बेहद दबंग थी। गांव के लोगों ने भले ही कैमरे पर बात नहीं की, मगर उन्होंने बताया कि आस्था ने कई बार घर के लोगो से मारपीट तक की थी। गांव में कोई कुछ बोल देता था तो वह गाली देकर धमका देती थी। किसी से दबती नहीं थी। पड़ोसियों ने बताया- 28 मई को आस्था की मां राकेश देवी घर से बाहर थी। आस्था का प्रेमी अमन उससे मिलने घर पहुंचा। दोनों को आस्था के नौ साल के भाई ने साथ देख लिया। मां के घर आने पर सारी बात बता दी। राकेश देवी और आस्था का खूब झगड़ा हुआ। आस्था से उसका मोबाइल छीन लिया। इसके बाद से ही रोजाना घर में कलह हो रही थी। आस्था अमन के साथ शादी की जिद पर अड़ी हुई थी। वो कुछ नहीं सुनना चाह रही थी। गंग नहर में खोजा रहा सिर
SSP डा. विपिन ताडा ने बताया, कि चार आरोपियों को जेल और एक को बाल सुधार गृह भेज दिया गया है। 1 फरार आरोपी की तलाश में दबिश दी जा रही है। आस्था के कटे हुए सिर की गंगनहर में तलाश की जा रही है। प्रेम प्रसंग से नाराज होकर घटना को अंजाम दिया गया है। पुलिस ठोस सबूत के साथ चार्जशीट दाखिल करेगी। पुलिस को लाश कैसे मिली, ये भी जानिए
गुरुवार सुबह करीब 8 बजे परतापुर इलाके के बहादरपुर गांव से होकर बहने वाली छोटी नहर में लोगों ने कपड़े में बंधी लाश देखी। परतापुर पुलिस मौके पर पहुंची। सफेद चादर में एक लड़की की सिर कटी लाश थी। लड़की के कपड़ों की तलाशी ली गई तो सलवार की जेब में 20-20 के नोटों के बीच एक कागज मिला। कागज पर दो नंबर लिखे थे, एक नंबर पर कॉल करके पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी जानकारी होने से इनकार कर दिया। दूसरे नंबर पर फोन उठाने वाला दौराला के नंगली गांव का अमन था। उसने बताया कि वो दादरी गांव की आस्था से प्यार करता है। पुलिस ने उसको लाश का फोटो भेजा तो उसने पहचान कर ली। बताया कि ये लाश आस्था की है। इसके बाद पुलिस आस्था के घर पहुंची तो उसकी मां राकेश देवी ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। पुलिस ने राकेश देवी को लाश दिखाकर पूछा कि क्या ये तुम्हारी बेटी की है तो उन्होंने मना कर दिया। इसके बाद पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की ताे उन्होंने अपना जुर्म कुबूल कर लिया। जिसके बाद पुलिस ने आस्था के मामा कमल और उनके बेटे मंजीत को हिरासत में लेकर पूछताछ की। जिसके बाद पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया। शुक्रवार को पुलिस ने पूरे मामले में आस्था के दूसरे मामा समर को भी नामजद कर लिया। लाश बहादरपुर की छोटी नहर में लाश मिली तो पुलिस ने पंचनामे की कार्रवाई ग्राम प्रधान से कराई। इस मामले में क्योंकि परिवार के लोग ही हत्या में शामिल हैं, इसलिए वादी ग्राम प्रधान को ही बनाया गया है। इस केस में अब पुलिस ही मुख्य गवाह के रूप में रहेगी। पुलिस ने साक्ष्य के तौर पर जहां पर गर्दन काटी गई, वहां खून से सनी मिट्टी, दरांती, जिस कार में लाश ले जाई गई, उसमें लगा खून, इन सभी को सबूत के तौर पर एकत्र किया है। पोस्टमॉर्टम होने के बाद पुलिस ने लाश को आस्था के ताऊ के सुपुर्द कर दिया। देर शाम गांव के श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। …… यह भी पढ़ें : मां-भाई ने गला दबाया, मामा ने गला काटा:मेरठ में धड़ और सिर अलग-अलग नहर में फेंके; सलवार की जेब से मिला बॉयफ्रेंड का नंबर मेरठ में ऑनर किलिंग की खौफनाक वारदात हुई है। यहां प्रेमी से बात करने पर नाराज मां ने नाबालिग बेटे के साथ मिलकर बेटी की गला दबाकर हत्या कर दी। लाश को ठिकाने लगाने के लिए मायके से लड़की के मामा, उसके बेटे और मौसी के बेटे को बुला लिया। मामा और ममेरे-मौसेरे भाई शव को चादर में लपेट कर कार से महरौली के जंगल ले गए। जहां पर मामा ने दरांती (हंसिया) से लड़की की गर्दन काटकर अलग कर दी। सिर और धड़ अलग-अलग प्लास्टिक की बोरी में भरा। पढ़िए पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
मेरठ ऑनर किलिंग- लाश के साथ 13 घंटे रहे मां-भाई:बॉयफ्रेंड से शादी करना चाहती थी, मना किया तो गाली दी; कातिल मां का कबूलनामा
