गुरुग्राम का परिवार 100 साल से सेना में:6 युद्धों में हिस्सा लिया, तीनों सेनाओं में सेवाएं दी, अब पांचवीं पीढ़ी की एंट्री

गुरुग्राम का परिवार 100 साल से सेना में:6 युद्धों में हिस्सा लिया, तीनों सेनाओं में सेवाएं दी, अब पांचवीं पीढ़ी की एंट्री

गुरुग्राम में एक परिवार के सदस्य 100 साल से सेना में काम कर रहे हैं। उन्हें कोई और नौकरी पसंद नहीं है। अब 31 मई 2025 को 5वीं पीढ़ी के लवनीत सिंह यादव को नौसेना में कमीशन मिला है। इसके लिए परिवार ने रविवार को अपने पैतृक गांव झटोला में ग्रामीणों को भोजन कराया। झटोला गांव में सूबेदार धर्म सिंह यादव का परिवार तीनों सेनाओं- थल सेना, जल सेना और वायु सेना में सेवा दे चुका है। यह सफर 1934 में शुरू हुआ था। परिवार के प्रभाती राम यादव ब्रिटिश भारतीय सेना में शामिल होने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध लड़ा था। यादव परिवार की सैन्य विरासत: पांच पीढ़ियों का सफर 5वीं पीढ़ी के लवनीत बोले- परिवार की विरासत को आगे बढ़ाना मेरे लिए गर्व की बात है। यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं इस परंपरा को और आगे ले जाऊं। मेरी पीढ़ियां भी इसे फॉलो करें। इन युद्धों में हिस्सा ले चुके हैं परिवार के लोग
यादव परिवार ने 1948, 1962, 1965, 1971, 1999 और 2025 में पड़ोसी देशों के साथ हुए युद्धों में हिस्सा लिया। सूबेदार (रिटायर) धर्म सिंह यादव ने बताया कि हमारे लिए देशसेवा कर्तव्य नहीं बल्कि एक ऐसी विरासत है जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी हमारे खून में बसी है। लवनीत का नौसेना में कमीशन होना केवल हमारी पारिवारिक परंपरा का विस्तार नहीं है बल्कि राष्ट्रीय जिम्मेदारी को निभाने का प्रतीक भी है। उन्होंने बताया कि परिवार के प्रत्येक सदस्य ने चाहे वह सेना, नौसेना या वायुसेना में हो, ने देश के लिए हर चुनौती का डटकर सामना किया है। रक्षा विशेषज्ञों ने की सराहना गुरुग्राम के यादव परिवार की इस अनूठी विरासत की सराहना न केवल ग्रामीणों ने, बल्कि सैन्य अधिकारियों और रक्षा विशेषज्ञों ने भी की है। कार्यक्रम में पहुंचे रक्षा विश्लेषक मेजर (सेवानिवृत्त) बीरेंद्र सिंह ने कहा इस परिवार की सैन्य परंपरा न केवल उनकी देशभक्ति को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे एक परिवार ने पीढ़ी-दर-पीढ़ी अपनी जिम्मेदारियों को निभाया। यह परिवार एक प्रेरणास्रोत है, जो युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित कर सकता है। गुरुग्राम में एक परिवार के सदस्य 100 साल से सेना में काम कर रहे हैं। उन्हें कोई और नौकरी पसंद नहीं है। अब 31 मई 2025 को 5वीं पीढ़ी के लवनीत सिंह यादव को नौसेना में कमीशन मिला है। इसके लिए परिवार ने रविवार को अपने पैतृक गांव झटोला में ग्रामीणों को भोजन कराया। झटोला गांव में सूबेदार धर्म सिंह यादव का परिवार तीनों सेनाओं- थल सेना, जल सेना और वायु सेना में सेवा दे चुका है। यह सफर 1934 में शुरू हुआ था। परिवार के प्रभाती राम यादव ब्रिटिश भारतीय सेना में शामिल होने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध लड़ा था। यादव परिवार की सैन्य विरासत: पांच पीढ़ियों का सफर 5वीं पीढ़ी के लवनीत बोले- परिवार की विरासत को आगे बढ़ाना मेरे लिए गर्व की बात है। यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं इस परंपरा को और आगे ले जाऊं। मेरी पीढ़ियां भी इसे फॉलो करें। इन युद्धों में हिस्सा ले चुके हैं परिवार के लोग
यादव परिवार ने 1948, 1962, 1965, 1971, 1999 और 2025 में पड़ोसी देशों के साथ हुए युद्धों में हिस्सा लिया। सूबेदार (रिटायर) धर्म सिंह यादव ने बताया कि हमारे लिए देशसेवा कर्तव्य नहीं बल्कि एक ऐसी विरासत है जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी हमारे खून में बसी है। लवनीत का नौसेना में कमीशन होना केवल हमारी पारिवारिक परंपरा का विस्तार नहीं है बल्कि राष्ट्रीय जिम्मेदारी को निभाने का प्रतीक भी है। उन्होंने बताया कि परिवार के प्रत्येक सदस्य ने चाहे वह सेना, नौसेना या वायुसेना में हो, ने देश के लिए हर चुनौती का डटकर सामना किया है। रक्षा विशेषज्ञों ने की सराहना गुरुग्राम के यादव परिवार की इस अनूठी विरासत की सराहना न केवल ग्रामीणों ने, बल्कि सैन्य अधिकारियों और रक्षा विशेषज्ञों ने भी की है। कार्यक्रम में पहुंचे रक्षा विश्लेषक मेजर (सेवानिवृत्त) बीरेंद्र सिंह ने कहा इस परिवार की सैन्य परंपरा न केवल उनकी देशभक्ति को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे एक परिवार ने पीढ़ी-दर-पीढ़ी अपनी जिम्मेदारियों को निभाया। यह परिवार एक प्रेरणास्रोत है, जो युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित कर सकता है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर