हरियाणा में आंगनबाड़ियों को मिले आउटडेटेड फोन:​​​​​​​प्रेग्नेंट लेडी का अपडेट नहीं हो पा रहा डेटा; 3G होने के कारण नहीं मिल रहा OTP

हरियाणा में आंगनबाड़ियों को मिले आउटडेटेड फोन:​​​​​​​प्रेग्नेंट लेडी का अपडेट नहीं हो पा रहा डेटा; 3G होने के कारण नहीं मिल रहा OTP

हरियाणा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण ट्रैकर ऐप पर बच्चों और गर्भवती महिलाओं का डेटा अपलोड करने में दिक्कत आ रही है। साथ ही ई-केवाईसी अपडेट करना भी मुश्किल हो रहा है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें जो मोबाइल फोन दिए गए हैं, वो सिर्फ 3G नेटवर्क पर चलते हैं। इससे जरूरी ओटीपी (OTP) समय पर नहीं आता और ऐप में काम करना रुक जाता है। इसी वजह से डाटा अपलोड करना अधूरा रह जाता है और उन्हें बार-बार परेशानी उठानी पड़ती है। फोन की बैटरी लाइफ टाइम कम कर्मचारियों के अनुसार, फोन की बैटरी लाइफ़ कम है और हार्डवेयर क्षमताएं सीमित हैं, केवल 4GB स्टोरेज है, जो कार्य के लिए अपर्याप्त है। उनके अनुसार, सीमित स्टोरेज के कारण लाभार्थियों के लिए डेटा अपडेट करते समय फ़ोन में जगह खत्म हो जाती है, जिससे कर्मचारियों को नई एंट्री करने से पहले पहले से संग्रहीत डेटा को हटाना पड़ता है। अपग्रेड होने चाहिए फोन आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन की राज्य अध्यक्ष रूपा राणा ने कहा, “या तो मोबाइल को अधिक स्टोरेज क्षमता के साथ अपग्रेड किया जाना चाहिए, या हमें अलग से स्टोरेज कार्ड दिए जाने चाहिए।” उन्होंने यह भी बताया कि सरकार का पोषण ट्रैकर ऐप, जो पोषण डेटा को रिकॉर्ड करने और ट्रैक करने के लिए महत्वपूर्ण है, को सुचारू संचालन के लिए 5G फोन की आवश्यकता है, ऐसा कुछ जो ये पुराने डिवाइस सपोर्ट नहीं कर सकते। क्या बोले अधिकारी इसके जवाब में, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने फोन में स्टोरेज की क्षमता कम होने की बात को स्वीकार किया। अधिकारियों ने सुझाव दिया कि कार्यकर्ता निर्देशानुसार पुराने डेटा को हटाकर स्थान का प्रबंधन कर सकते हैं।अधिकारियों ने कहा कि कर्मचारी घर पर ही अपने फोन को नया सॉफ्टवेयर संस्करण में अपडेट कर सकते हैं, तथा इस प्रक्रिया में सहायता के लिए पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया गया है। हरियाणा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण ट्रैकर ऐप पर बच्चों और गर्भवती महिलाओं का डेटा अपलोड करने में दिक्कत आ रही है। साथ ही ई-केवाईसी अपडेट करना भी मुश्किल हो रहा है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें जो मोबाइल फोन दिए गए हैं, वो सिर्फ 3G नेटवर्क पर चलते हैं। इससे जरूरी ओटीपी (OTP) समय पर नहीं आता और ऐप में काम करना रुक जाता है। इसी वजह से डाटा अपलोड करना अधूरा रह जाता है और उन्हें बार-बार परेशानी उठानी पड़ती है। फोन की बैटरी लाइफ टाइम कम कर्मचारियों के अनुसार, फोन की बैटरी लाइफ़ कम है और हार्डवेयर क्षमताएं सीमित हैं, केवल 4GB स्टोरेज है, जो कार्य के लिए अपर्याप्त है। उनके अनुसार, सीमित स्टोरेज के कारण लाभार्थियों के लिए डेटा अपडेट करते समय फ़ोन में जगह खत्म हो जाती है, जिससे कर्मचारियों को नई एंट्री करने से पहले पहले से संग्रहीत डेटा को हटाना पड़ता है। अपग्रेड होने चाहिए फोन आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन की राज्य अध्यक्ष रूपा राणा ने कहा, “या तो मोबाइल को अधिक स्टोरेज क्षमता के साथ अपग्रेड किया जाना चाहिए, या हमें अलग से स्टोरेज कार्ड दिए जाने चाहिए।” उन्होंने यह भी बताया कि सरकार का पोषण ट्रैकर ऐप, जो पोषण डेटा को रिकॉर्ड करने और ट्रैक करने के लिए महत्वपूर्ण है, को सुचारू संचालन के लिए 5G फोन की आवश्यकता है, ऐसा कुछ जो ये पुराने डिवाइस सपोर्ट नहीं कर सकते। क्या बोले अधिकारी इसके जवाब में, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने फोन में स्टोरेज की क्षमता कम होने की बात को स्वीकार किया। अधिकारियों ने सुझाव दिया कि कार्यकर्ता निर्देशानुसार पुराने डेटा को हटाकर स्थान का प्रबंधन कर सकते हैं।अधिकारियों ने कहा कि कर्मचारी घर पर ही अपने फोन को नया सॉफ्टवेयर संस्करण में अपडेट कर सकते हैं, तथा इस प्रक्रिया में सहायता के लिए पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया गया है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर