यूपी के कुशीनगर के CRPF जवान सत्यवान ओडिशा में नक्सल ऑपरेशन के दौरान शहीद हो गए। रविवार सुबह उनका पार्थिव शरीर एयर बस से गोरखपुर एयरपोर्ट लाया गया। एयरपोर्ट से दोपहर 1.30 बजे पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव रामपुर सोहरौना पहुंचा। इस दौरान करीब 1500 लोग बाइक रैली के रूप में भारत माता के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। वहीं, पति का शव देखते ही पत्नी प्रियंका फूट-फूटकर रोने लगीं। उनको घरवाले संभालने लगे, तो झल्ला गईं। सबको धक्का देते हुए चिल्ला कर बोलीं- सबने पागल कर दिया है मुझे, आखिरी बार तो ठीक से मिलने दो। इससे पहले अंतिम संस्कार में शामिल होने सीआरपीएफ के IG लखनऊ परिक्षेत्र मनोज ध्यानी भी करीब 1 बजे शहीद के घर पहुंचे। IG को देखते ही सत्यवान की मां गीता देवी उनसे लिपटकर रोने लगीं। डीआईजी ने उन्हें ढांढस बंधाया। पिता प्रेम सिंह को गले लगाकर सांत्वना दी, सत्यवान के 8 साल के बेटे सभ्य सिंह के सिर पर हाथ फेरा। इसके बाद करीब साढ़े 3 बजे शहीद का अंतिम संस्कार कर दिया गया। 8 साल के बेटे सभ्य सिंह ने पिता को मुखाग्नि दी, तो घाट पर मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं। देखें 4 तस्वीरें… गोरखपुर से कुशीनगर तक तिरंगा यात्रा निकली
सेना की निगरानी में शव पहले गोरखपुर एयरपोर्ट पहुंचा। वहां से पार्थिव देह वाहन से गांव के लिए रवाना हुई। रास्ते में लोगों ने तिरंगा यात्रा निकाली। जवान का पार्थिव देह दोपहर 1:15 बजे उसके घर पहुंचा। हजारों लोगों ने सत्यवान के अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान ‘सत्यवान अमर रहें’, ‘भारतीय सेना जिंदाबाद’, ‘भारत माता की जय’ के नारे लगते रहे। इसके बाद शाम करीब साढ़े 3 बजे शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। 8 साल के बेटे सभ्य ने पिता को मुखाग्नि दी। जवान के श्रद्धांजलि में मौके पर नहीं थे मजिस्ट्रेट, DM-SP नहीं आए कुशीनगर के शहीद सीआरपी जवान सत्यवान को सीआरपीएफ के लखनऊ जोन आईजी मनोज ध्यानी और सीआरपीएफ अयोध्या के कमांडेंट ऑफिसर सतीश कुमार दुबे ने श्रद्धांजलि दी। मजिस्ट्रेट की तलाश की गई, लेकिन वे मौके पर थे ही नहीं। उनकी मौजूदगी नहीं होने पर क्षेत्रीय विधायक मोहन वर्मा और हाटा के नगर अध्यक्ष के साथ ब्लाक प्रमुख ने सलामी दी। हालांकि अंतिम संस्कार के लिए जाते समय एडीएम वैभव मिश्रा और एसडीएम हाटा शामिल हुए। मुखाग्नि के बाद वे चले गए। वहां मौजूद लोगों ने काफी नाराजगी जताई कि शहीद के अंतिम यात्रा में जिले के डीएम और एसपी को भी आना चाहिए था। इस मामले पर क्षेत्रीय विधायक मोहन वर्मा ने कहा- उनकी मौजूदगी तो होनी चाहिए थी पर अगर वह नहीं आए हैं तो मैं ऊपर तक यह बात पहुंचाऊंगा। उनसे पूछा जाएगा कि वह क्यों नहीं आए? इस संबंध में जब कुशीनगर डीएम महेंद्र सिंह तंवर से बात करने की कोशिश की गई तो उनका नंबर स्विच ऑफ आ रहा था। वहीं एसपी संतोष मिश्रा के सीयूजी को उठाने के बाद पीआरओ ने मामले को सुनने के बाद फोन ही काट दिया। अब पढ़िए पूरा मामला… रामपुर सोहरौना गांव के रहने वाले सत्यवान सिंह सीआरपीएफ 134 बटालियन ओडिशा में तैनात थे। 13 जून की शाम जंगल में CRPF और एसओजी की ओर से नक्सलियों का सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा था। इसी दौरान IED ब्लास्ट हो गया। इसकी चपेट में आने से सत्यवान घायल हो गए। उन्हें राउरकेला अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां शनिवार रात मौत हो गई। शहीद की पत्नी प्रियंका को सबसे पहले फोन पर इस हादसे की जानकारी दी गई। सूचना मिलते ही परिवार वाले रोने लगे। पहले घायल होने की बात बताई गई, लेकिन 1 घंटे के भीतर ही शहादत की खबर आ गई। सत्यवान का बचपन से ही फोर्स में जाने का था सपना
सत्यवान 4 भाइयों में दूसरे नंबर पर थे। पिता प्रेम सिंह किसान हैं। बड़े पापा टीचर थे। उन्हीं के साथ रहकर सत्यवान ने पढ़ाई की थी। बचपन से ही सुरक्षा बलों में जाने की चाह थी। 2010 में केरल से ट्रेनिंग लेकर उनकी सीआरपीएफ में नियुक्ति हुई थी। 2015 में हुई थी शादी
2015 में देवरिया जिले की प्रियंका से शादी हुई थी। उनका 8 साल का बेटा सभ्य सिंह गांव में रहकर पढ़ाई कर रहा है। दो दिन पहले ही सत्यवान ने पत्नी को अगले महीने छुट्टी लेकर घर आने की बात कही थी। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल, बेसुध पड़ी है पत्नी
सत्यवान के पिता प्रेम सिंह ने कहा, “मुझे नहीं पता था कि ऐसा दिन भी देखना पड़ेगा। मेरे दो बेटे फोर्स में हैं। एक की शहादत की खबर मिली, दूसरा बेटा शत्रुघ्न आईटीबीपी में उत्तराखंड में तैनात है। उसे भी सूचना दे दी गई है।” बहू बेसुध पड़ी है, सत्यवान की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने कहा- बेटे के घायल होने के बाद इलाज समय पर मिला होता, तो वह आज जिंदा होता। काश उसे हेलिकॉप्टर से एयरलिफ्ट कर अस्पताल पहुंचा देते तो बच जाता। शरीर का ज्यादा खून रास्ते में गिरा, जिसके चलते हमने सत्यवान को खो दिया। बड़े पापा बोले- हमेशा देश सेवा की बात करता था
सत्यवान के बड़े पापा ने बताया, “बचपन से ही बंदूक और देश सेवा की बातें करता था। जब भी गांव आता था, सभी से मिलकर हालचाल लेता था। बच्चों को प्रेरणा देता था।” जनप्रतिनिधियों ने दी श्रद्धांजलि
ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि महेंद्र पासवान और मंडल अध्यक्ष ज्ञान विक्रम सिंह ने कहा- सत्यवान मिलनसार और प्रेरणादायक व्यक्तित्व के थे। जब भी गांव आते थे, बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी से आत्मीयता से मिलते थे। हाटा विधायक ने भी शहीद के घर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। ———————— ये खबर भी पढ़ेंः- प्रयागराज में बिजली गिरने से पति-पत्नी, 2 बेटियां जिंदा जलीं, घर में सो रहे थे, शव कंकाल बन गए; बिजली-हीटस्ट्रोक से 22 की जान गई प्रयागराज में बिजली गिरने से पति-पत्नी और उनकी दो बेटियों की जिंदा जलकर मौत हो गई। बच्चियों की उम्र 5 और 3 साल थी। घटना उस वक्त हुई, जब पूरा परिवार घर में सो रहा था। शव इस कदर जल चुके थे कि सिर्फ कंकाल बचे। पूरे प्रदेश की बात करें तो पिछले 24 घंटे में बिजली गिरने से 17 लोगों की जान जा चुकी है। ललितपुर-प्रयागराज में 4-4, औरैया में 3, हमीरपुर में 2, जालौन, संभल, बिजनौर और महोबा में 1-1 लोगों की जान गई है। इसके अलावा, हीटस्ट्रोक से 24 घंटे में 7 लोगों की मौत हुई है। वाराणसी में 4, सोनभद्र, गाजीपुर और मिर्जापुर में 1-1 लोगों की जान गई। पढ़ें पूरी खबर… यूपी के कुशीनगर के CRPF जवान सत्यवान ओडिशा में नक्सल ऑपरेशन के दौरान शहीद हो गए। रविवार सुबह उनका पार्थिव शरीर एयर बस से गोरखपुर एयरपोर्ट लाया गया। एयरपोर्ट से दोपहर 1.30 बजे पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव रामपुर सोहरौना पहुंचा। इस दौरान करीब 1500 लोग बाइक रैली के रूप में भारत माता के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। वहीं, पति का शव देखते ही पत्नी प्रियंका फूट-फूटकर रोने लगीं। उनको घरवाले संभालने लगे, तो झल्ला गईं। सबको धक्का देते हुए चिल्ला कर बोलीं- सबने पागल कर दिया है मुझे, आखिरी बार तो ठीक से मिलने दो। इससे पहले अंतिम संस्कार में शामिल होने सीआरपीएफ के IG लखनऊ परिक्षेत्र मनोज ध्यानी भी करीब 1 बजे शहीद के घर पहुंचे। IG को देखते ही सत्यवान की मां गीता देवी उनसे लिपटकर रोने लगीं। डीआईजी ने उन्हें ढांढस बंधाया। पिता प्रेम सिंह को गले लगाकर सांत्वना दी, सत्यवान के 8 साल के बेटे सभ्य सिंह के सिर पर हाथ फेरा। इसके बाद करीब साढ़े 3 बजे शहीद का अंतिम संस्कार कर दिया गया। 8 साल के बेटे सभ्य सिंह ने पिता को मुखाग्नि दी, तो घाट पर मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं। देखें 4 तस्वीरें… गोरखपुर से कुशीनगर तक तिरंगा यात्रा निकली
सेना की निगरानी में शव पहले गोरखपुर एयरपोर्ट पहुंचा। वहां से पार्थिव देह वाहन से गांव के लिए रवाना हुई। रास्ते में लोगों ने तिरंगा यात्रा निकाली। जवान का पार्थिव देह दोपहर 1:15 बजे उसके घर पहुंचा। हजारों लोगों ने सत्यवान के अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान ‘सत्यवान अमर रहें’, ‘भारतीय सेना जिंदाबाद’, ‘भारत माता की जय’ के नारे लगते रहे। इसके बाद शाम करीब साढ़े 3 बजे शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। 8 साल के बेटे सभ्य ने पिता को मुखाग्नि दी। जवान के श्रद्धांजलि में मौके पर नहीं थे मजिस्ट्रेट, DM-SP नहीं आए कुशीनगर के शहीद सीआरपी जवान सत्यवान को सीआरपीएफ के लखनऊ जोन आईजी मनोज ध्यानी और सीआरपीएफ अयोध्या के कमांडेंट ऑफिसर सतीश कुमार दुबे ने श्रद्धांजलि दी। मजिस्ट्रेट की तलाश की गई, लेकिन वे मौके पर थे ही नहीं। उनकी मौजूदगी नहीं होने पर क्षेत्रीय विधायक मोहन वर्मा और हाटा के नगर अध्यक्ष के साथ ब्लाक प्रमुख ने सलामी दी। हालांकि अंतिम संस्कार के लिए जाते समय एडीएम वैभव मिश्रा और एसडीएम हाटा शामिल हुए। मुखाग्नि के बाद वे चले गए। वहां मौजूद लोगों ने काफी नाराजगी जताई कि शहीद के अंतिम यात्रा में जिले के डीएम और एसपी को भी आना चाहिए था। इस मामले पर क्षेत्रीय विधायक मोहन वर्मा ने कहा- उनकी मौजूदगी तो होनी चाहिए थी पर अगर वह नहीं आए हैं तो मैं ऊपर तक यह बात पहुंचाऊंगा। उनसे पूछा जाएगा कि वह क्यों नहीं आए? इस संबंध में जब कुशीनगर डीएम महेंद्र सिंह तंवर से बात करने की कोशिश की गई तो उनका नंबर स्विच ऑफ आ रहा था। वहीं एसपी संतोष मिश्रा के सीयूजी को उठाने के बाद पीआरओ ने मामले को सुनने के बाद फोन ही काट दिया। अब पढ़िए पूरा मामला… रामपुर सोहरौना गांव के रहने वाले सत्यवान सिंह सीआरपीएफ 134 बटालियन ओडिशा में तैनात थे। 13 जून की शाम जंगल में CRPF और एसओजी की ओर से नक्सलियों का सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा था। इसी दौरान IED ब्लास्ट हो गया। इसकी चपेट में आने से सत्यवान घायल हो गए। उन्हें राउरकेला अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां शनिवार रात मौत हो गई। शहीद की पत्नी प्रियंका को सबसे पहले फोन पर इस हादसे की जानकारी दी गई। सूचना मिलते ही परिवार वाले रोने लगे। पहले घायल होने की बात बताई गई, लेकिन 1 घंटे के भीतर ही शहादत की खबर आ गई। सत्यवान का बचपन से ही फोर्स में जाने का था सपना
सत्यवान 4 भाइयों में दूसरे नंबर पर थे। पिता प्रेम सिंह किसान हैं। बड़े पापा टीचर थे। उन्हीं के साथ रहकर सत्यवान ने पढ़ाई की थी। बचपन से ही सुरक्षा बलों में जाने की चाह थी। 2010 में केरल से ट्रेनिंग लेकर उनकी सीआरपीएफ में नियुक्ति हुई थी। 2015 में हुई थी शादी
2015 में देवरिया जिले की प्रियंका से शादी हुई थी। उनका 8 साल का बेटा सभ्य सिंह गांव में रहकर पढ़ाई कर रहा है। दो दिन पहले ही सत्यवान ने पत्नी को अगले महीने छुट्टी लेकर घर आने की बात कही थी। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल, बेसुध पड़ी है पत्नी
सत्यवान के पिता प्रेम सिंह ने कहा, “मुझे नहीं पता था कि ऐसा दिन भी देखना पड़ेगा। मेरे दो बेटे फोर्स में हैं। एक की शहादत की खबर मिली, दूसरा बेटा शत्रुघ्न आईटीबीपी में उत्तराखंड में तैनात है। उसे भी सूचना दे दी गई है।” बहू बेसुध पड़ी है, सत्यवान की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने कहा- बेटे के घायल होने के बाद इलाज समय पर मिला होता, तो वह आज जिंदा होता। काश उसे हेलिकॉप्टर से एयरलिफ्ट कर अस्पताल पहुंचा देते तो बच जाता। शरीर का ज्यादा खून रास्ते में गिरा, जिसके चलते हमने सत्यवान को खो दिया। बड़े पापा बोले- हमेशा देश सेवा की बात करता था
सत्यवान के बड़े पापा ने बताया, “बचपन से ही बंदूक और देश सेवा की बातें करता था। जब भी गांव आता था, सभी से मिलकर हालचाल लेता था। बच्चों को प्रेरणा देता था।” जनप्रतिनिधियों ने दी श्रद्धांजलि
ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि महेंद्र पासवान और मंडल अध्यक्ष ज्ञान विक्रम सिंह ने कहा- सत्यवान मिलनसार और प्रेरणादायक व्यक्तित्व के थे। जब भी गांव आते थे, बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी से आत्मीयता से मिलते थे। हाटा विधायक ने भी शहीद के घर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। ———————— ये खबर भी पढ़ेंः- प्रयागराज में बिजली गिरने से पति-पत्नी, 2 बेटियां जिंदा जलीं, घर में सो रहे थे, शव कंकाल बन गए; बिजली-हीटस्ट्रोक से 22 की जान गई प्रयागराज में बिजली गिरने से पति-पत्नी और उनकी दो बेटियों की जिंदा जलकर मौत हो गई। बच्चियों की उम्र 5 और 3 साल थी। घटना उस वक्त हुई, जब पूरा परिवार घर में सो रहा था। शव इस कदर जल चुके थे कि सिर्फ कंकाल बचे। पूरे प्रदेश की बात करें तो पिछले 24 घंटे में बिजली गिरने से 17 लोगों की जान जा चुकी है। ललितपुर-प्रयागराज में 4-4, औरैया में 3, हमीरपुर में 2, जालौन, संभल, बिजनौर और महोबा में 1-1 लोगों की जान गई है। इसके अलावा, हीटस्ट्रोक से 24 घंटे में 7 लोगों की मौत हुई है। वाराणसी में 4, सोनभद्र, गाजीपुर और मिर्जापुर में 1-1 लोगों की जान गई। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
IG से लिपटकर रोई शहीद की मां:कुशीनगर में पत्नी चीखकर बोली-अंतिम बार तो ठीक से देख लेने दो; ओडिशा में गई थी जान
