मथुरा के गोविंद नगर इलाके में रविवार दोपहर करीब 12 बजे एक साथ 6 मकान भरभराकर गिर गए। हादसे के बाद 4 लोगों को मलबे से निकाला गया। इनमें से 3 की मौत हो गई। जबकि एक का इलाज चल रहा है।
SDRF, NDRF, नगर निगम और सिविल डिफेंस की टीम ने दिन भर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। लेकिन रात में रेस्क्यू रोक दिया गया। अब तक जिनके शव निकले हैं उनकी पहचान तोताराम (38), दो सगी बहनें यशोदा (6) और काव्या (3) के तौर पर हुई है। सभी 6 मकान जो ढहे हैं, वो मिट्टी के टीले पर बने हुए थे। लोगों ने बताया कि यहां बाड़े (खुली भूमि) में JCB से खुदाई चल रही थी। तभी अचानक मिट्टी धसकी और एक के बाद एक सभी मकान मलबे में तब्दील हो गए। रात 10 बजे के बाद रोका रेस्क्यू सीओ सिटी भूषण वर्मा ने बताया कि धराशायी हुए मकान और मलवे का रेस्क्यू किया जा रहा है उन्होंने बताया कि यहां पर लाइटिंग की व्यवस्था की गई है। गाजियाबाद से आई एनडीआरएफ टीम के द्वारा लगातार रेस्क्यू किया गया। अब तक मलबे से तीन लोग निकाले गए हैं। उन्होंने कहा कि जो ऊपर के मकान है वह गिरासू अवस्था में है, जिसकी वजह से अधिक गहराई तक खुदाई नहीं की जा सकती है। एनडीआरएफ की टीम तकनीकी रूप से इसका रेस्क्यू करेगी। सीओ सिटी ने कहा कि यहां पर कार्य करने वाले मजदूर और ठेकेदार को मौके पर बुलाया जा रहा है उनकी पहचान के अनुसार ही रेस्क्यू की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। फिलहाल रेस्क्यू को रोका गया है। वही रिपोर्ट दर्ज करने को लेकर उन्होंने कहा कि कानूनी प्रक्रिया भी चल रही है दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है गोविंद नगर के कच्ची सड़क पर माया टीला के पास ही एक बड़ी भूमि के हिस्से में वाहनों की पार्किंग चलाई जा रही थी। साथ ही इस भूमि की चारों तरफ से बाउंड्रीवाल भी कराई जा रही थी। इसके लिए टीले की मिट्टी को मजदूरों से खोदवाया जा रहा था।
रविवार दोपहर को मजदूर टीले के नीचे से बाउंड्रीवाल की चिनाई का कार्य कर रहे थे। दोपहर 12 बजे टीला धंसने से विनोद हलवाई, बजरंग सैनी, सूरज न्यारिया, राधामुन्नी, मधु पुजारी, मानसिंह, पन्नालाल और विजय के मकान गिर गए। मलबे में बजरंग सैनी का बेटा तोताराम और विनोद हलवाई के साले की दो बेटियां यशोदा और काव्या दब गईं। मलबे में नीचे काम करने वाले आधा दर्जन से अधिक मजदूरों के भी दबने की आशंका जताई गई। हादसे को देख लोगों की चीख-पुकार मच गई। आसपास के लोग मौके पर दौड़े। जिला प्रशासन और पुलिस को सूचना दी गई। जिलाधिकारी सीपी सिंह, एसएसपी श्लोक कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट राकेश यादव, एसपी ट्रैफिक मनोज यादव, सीओ सिटी भूषण वर्मा कई थानों की पुलिस, नगर निगम, सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ, डाग स्क्वायड, स्वास्थ्य विभागों की टीम के साथ मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू अभियान चलाया। करीब पौन घंटे बाद टीम ने तोताराम और दो सगी बहनों को मलबे से बाहर निकाल लिया तीनों को एंबुलेंस जिला अस्पताल भेजा गया, जहां चिकित्सकों ने उनको मृत घोषित कर दिया। इधर मजदूरों की तलाश में शाम चार बजे तक आठ जेसीबी की मदद से मलबे को हटाने का रेस्क्यू चलाया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद गाजियाबाद से एनडीआरएफ टीम को बुलाया गया। देर शाम तक एनडीआरएफ टीमें मलबे के नीचे दबे मजदूरों की तलाश में जुटी रही। रात में 10 बजे एक बार फिर काम रोकना पड़ा। बताया जा रहा है कि पार्किंग की भूमि का सिविल में मुकदमा भी चल रहा है। वादी पदम सिंह ने स्टे भी ले रखा है, लेकिन इसके बाद भी भूमाफिया द्वारा निर्माण कार्य कराया जा रहा था। जिलाधिकारी सीपी सिंह ने बताया कि हादसे की मजिस्ट्रेट जांच कराई जाएगी। भूमाफिया द्वारा मिट्टी खोद वाने की नगर निगम से अनुमति ली गई या नहीं। किसकी अनुमति से निर्माण कराया जा रहा था। इन सबकी जांच की जाएगी। मथुरा के गोविंद नगर इलाके में रविवार दोपहर करीब 12 बजे एक साथ 6 मकान भरभराकर गिर गए। हादसे के बाद 4 लोगों को मलबे से निकाला गया। इनमें से 3 की मौत हो गई। जबकि एक का इलाज चल रहा है।
SDRF, NDRF, नगर निगम और सिविल डिफेंस की टीम ने दिन भर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। लेकिन रात में रेस्क्यू रोक दिया गया। अब तक जिनके शव निकले हैं उनकी पहचान तोताराम (38), दो सगी बहनें यशोदा (6) और काव्या (3) के तौर पर हुई है। सभी 6 मकान जो ढहे हैं, वो मिट्टी के टीले पर बने हुए थे। लोगों ने बताया कि यहां बाड़े (खुली भूमि) में JCB से खुदाई चल रही थी। तभी अचानक मिट्टी धसकी और एक के बाद एक सभी मकान मलबे में तब्दील हो गए। रात 10 बजे के बाद रोका रेस्क्यू सीओ सिटी भूषण वर्मा ने बताया कि धराशायी हुए मकान और मलवे का रेस्क्यू किया जा रहा है उन्होंने बताया कि यहां पर लाइटिंग की व्यवस्था की गई है। गाजियाबाद से आई एनडीआरएफ टीम के द्वारा लगातार रेस्क्यू किया गया। अब तक मलबे से तीन लोग निकाले गए हैं। उन्होंने कहा कि जो ऊपर के मकान है वह गिरासू अवस्था में है, जिसकी वजह से अधिक गहराई तक खुदाई नहीं की जा सकती है। एनडीआरएफ की टीम तकनीकी रूप से इसका रेस्क्यू करेगी। सीओ सिटी ने कहा कि यहां पर कार्य करने वाले मजदूर और ठेकेदार को मौके पर बुलाया जा रहा है उनकी पहचान के अनुसार ही रेस्क्यू की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। फिलहाल रेस्क्यू को रोका गया है। वही रिपोर्ट दर्ज करने को लेकर उन्होंने कहा कि कानूनी प्रक्रिया भी चल रही है दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है गोविंद नगर के कच्ची सड़क पर माया टीला के पास ही एक बड़ी भूमि के हिस्से में वाहनों की पार्किंग चलाई जा रही थी। साथ ही इस भूमि की चारों तरफ से बाउंड्रीवाल भी कराई जा रही थी। इसके लिए टीले की मिट्टी को मजदूरों से खोदवाया जा रहा था।
रविवार दोपहर को मजदूर टीले के नीचे से बाउंड्रीवाल की चिनाई का कार्य कर रहे थे। दोपहर 12 बजे टीला धंसने से विनोद हलवाई, बजरंग सैनी, सूरज न्यारिया, राधामुन्नी, मधु पुजारी, मानसिंह, पन्नालाल और विजय के मकान गिर गए। मलबे में बजरंग सैनी का बेटा तोताराम और विनोद हलवाई के साले की दो बेटियां यशोदा और काव्या दब गईं। मलबे में नीचे काम करने वाले आधा दर्जन से अधिक मजदूरों के भी दबने की आशंका जताई गई। हादसे को देख लोगों की चीख-पुकार मच गई। आसपास के लोग मौके पर दौड़े। जिला प्रशासन और पुलिस को सूचना दी गई। जिलाधिकारी सीपी सिंह, एसएसपी श्लोक कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट राकेश यादव, एसपी ट्रैफिक मनोज यादव, सीओ सिटी भूषण वर्मा कई थानों की पुलिस, नगर निगम, सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ, डाग स्क्वायड, स्वास्थ्य विभागों की टीम के साथ मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू अभियान चलाया। करीब पौन घंटे बाद टीम ने तोताराम और दो सगी बहनों को मलबे से बाहर निकाल लिया तीनों को एंबुलेंस जिला अस्पताल भेजा गया, जहां चिकित्सकों ने उनको मृत घोषित कर दिया। इधर मजदूरों की तलाश में शाम चार बजे तक आठ जेसीबी की मदद से मलबे को हटाने का रेस्क्यू चलाया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद गाजियाबाद से एनडीआरएफ टीम को बुलाया गया। देर शाम तक एनडीआरएफ टीमें मलबे के नीचे दबे मजदूरों की तलाश में जुटी रही। रात में 10 बजे एक बार फिर काम रोकना पड़ा। बताया जा रहा है कि पार्किंग की भूमि का सिविल में मुकदमा भी चल रहा है। वादी पदम सिंह ने स्टे भी ले रखा है, लेकिन इसके बाद भी भूमाफिया द्वारा निर्माण कार्य कराया जा रहा था। जिलाधिकारी सीपी सिंह ने बताया कि हादसे की मजिस्ट्रेट जांच कराई जाएगी। भूमाफिया द्वारा मिट्टी खोद वाने की नगर निगम से अनुमति ली गई या नहीं। किसकी अनुमति से निर्माण कराया जा रहा था। इन सबकी जांच की जाएगी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
मथुरा में मिट्टी का टीला धंसा, छह मकान गिरे:दो सगी बहनों समेत 3 की मौत, देर रात बगल का मकान गिरने की आशंका से रुका रेस्क्यू
