सब-कमेटियां बनने से लोगों की तरफ से आने वाली शिकायतों के निपटारे तेज हो जाएंगे। मृतक आश्रितों को नौकरी दिलाने के लिए 6 मेंबरी कमेटी बीते 20 मई को गठित की गई थी। जिसके महज 22 दिनों में ही 24 केसों पर कमेटी ने 16 केसों का निपटारा करा दिया। बाकी अंडर प्रोसेस चल रहे हैं। जनवरी-2023 में पिछले निगम हाउस का कार्यकाल खत्म हो चुका था, जिसके बाद से मृतक आश्रित नौकरी के लिए भटकने को मजबूर थे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कमेटियां बनने से निगम के कामों में क्या सुधार होगा। भास्कर न्यूज|अमृतसर निगम हाउस की मीटिंग के 75 दिन बाद भी सब-कमेटियां का गठन मेयर नहीं कर पाए हैं। वहीं डवलपमेंट मुद्दों पर चर्चा करने के लिए हाउस की दूसरी मीटिंग भी नहीं बुलाई जा सकी है। जबकि हर माह मीटिंग बुलाने का नियम है। अंदरखाते जो हालात चल रहे भगवान भरोसे ही है। सब-कमेटियां गठन को लेकर वजह यह सामने आ रही कि निगम हाउस की मीटिंग के 31 दिन के बाद बीते 1 मई को 6 मेंबरी फाइनांस एंड कांट्रेक्ट कमेटी (एफएंडसीसी) का गठन करने के लिए ईस्ट हलका से ही 2 पार्षदों को शामिल किया था। जिसके बाद आप पार्टी के पार्षदों में अंदरखाते मतभेद उभरकर सामने आया था। सब-कमेटियां बनने के बाद अंदरखाते अफसरों की तरफ से जो भी गड़बड़ियां की जा रही उस पर नकेल कसी जाएगी। अफसरों के कामों में सीधे तौर पर चेयरमैन का हस्तक्षेप होने पर गलत काम करने से डरेंगे। लेकिन इस तरफ ध्यान नहीं जा रहा है। कमेटी गठित करें तो महज 24 घंटे में ही फैसला लिया जा सकता है। लेकिन जो हालात अंदरखाते बने हैं, ऐसा ही चलता रहा तो सिर्फ आश्वासन-वादों के अलावा कुछ नजर नहीं आ रहा। अफसरों की तरफ से अंदरखाते की जाने वाली गड़बड़ियों पर रोक लगाने में सब-कमेटियों का रोल अहम होगा। विभागों के कोई भी एजेंडा इनकी मंजूरी के बाद ही पास होंगी। एफएंडसीसी कमेटी बनने के बाद डिप्टी मेयर अनीता, सीनियर डिप्टी मेयर प्रियंका शर्मा ने खुलकर विरोध जताया था कि ईस्ट हलका से ही 2 पार्षदों को शामिल करना किसी को ऑब्लाइज करने जैसा है। इसी के बाद अंदरखाते कई पार्षदों में मेयर के फैसले को लेकर मनमुटाव देखने को मिला। एफएंडसीसी बनने के बाद निगम के प्रॉपर्टी टैक्स-ओएंड एम, हेल्थ, वाटर सप्लाई व दूसरे विभागों की सब-कमेटियां गठित होने से पहले चेयरमैन बनाए जाने को लेकर पार्षदों की मेयर दफ्तर में आवाजाही बढ़ी थी। लेकिन अब पार्षदों की हलचल मेयर दफ्तर में कम हो गई है। सब-कमेटियां बनने के बाद अंदरखाते अफसरों की तरफ से जो भी गड़बड़ियां की जा रही उस पर नकेल कसी जाएगी ^सब-कमेटियां गठित करने पर फैसला लुधियाना में चुनाव के बाद ले लिया जाएगा। हाईकमान से भी इस पर बात करेंगे। जल्द ही सब-कमेटियां गठित कर चेयरमैन लगा दिए जाएंगे और हाउस की मीटिंग भी बुलाई जाएगी। आप पार्षदों में कहीं कोई मतभेद नहीं है। सब आपस में एकजुट होकर काम कर रहे हैं। यदि कोई गड़बड़ी कर रहा तो उनकी नोटिस में लाएं किसी को बख्शा नहीं जाएगा। -जतिंदर मोती भाटिया, मेयर सब-कमेटियां बनने से लोगों की तरफ से आने वाली शिकायतों के निपटारे तेज हो जाएंगे। मृतक आश्रितों को नौकरी दिलाने के लिए 6 मेंबरी कमेटी बीते 20 मई को गठित की गई थी। जिसके महज 22 दिनों में ही 24 केसों पर कमेटी ने 16 केसों का निपटारा करा दिया। बाकी अंडर प्रोसेस चल रहे हैं। जनवरी-2023 में पिछले निगम हाउस का कार्यकाल खत्म हो चुका था, जिसके बाद से मृतक आश्रित नौकरी के लिए भटकने को मजबूर थे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कमेटियां बनने से निगम के कामों में क्या सुधार होगा। भास्कर न्यूज|अमृतसर निगम हाउस की मीटिंग के 75 दिन बाद भी सब-कमेटियां का गठन मेयर नहीं कर पाए हैं। वहीं डवलपमेंट मुद्दों पर चर्चा करने के लिए हाउस की दूसरी मीटिंग भी नहीं बुलाई जा सकी है। जबकि हर माह मीटिंग बुलाने का नियम है। अंदरखाते जो हालात चल रहे भगवान भरोसे ही है। सब-कमेटियां गठन को लेकर वजह यह सामने आ रही कि निगम हाउस की मीटिंग के 31 दिन के बाद बीते 1 मई को 6 मेंबरी फाइनांस एंड कांट्रेक्ट कमेटी (एफएंडसीसी) का गठन करने के लिए ईस्ट हलका से ही 2 पार्षदों को शामिल किया था। जिसके बाद आप पार्टी के पार्षदों में अंदरखाते मतभेद उभरकर सामने आया था। सब-कमेटियां बनने के बाद अंदरखाते अफसरों की तरफ से जो भी गड़बड़ियां की जा रही उस पर नकेल कसी जाएगी। अफसरों के कामों में सीधे तौर पर चेयरमैन का हस्तक्षेप होने पर गलत काम करने से डरेंगे। लेकिन इस तरफ ध्यान नहीं जा रहा है। कमेटी गठित करें तो महज 24 घंटे में ही फैसला लिया जा सकता है। लेकिन जो हालात अंदरखाते बने हैं, ऐसा ही चलता रहा तो सिर्फ आश्वासन-वादों के अलावा कुछ नजर नहीं आ रहा। अफसरों की तरफ से अंदरखाते की जाने वाली गड़बड़ियों पर रोक लगाने में सब-कमेटियों का रोल अहम होगा। विभागों के कोई भी एजेंडा इनकी मंजूरी के बाद ही पास होंगी। एफएंडसीसी कमेटी बनने के बाद डिप्टी मेयर अनीता, सीनियर डिप्टी मेयर प्रियंका शर्मा ने खुलकर विरोध जताया था कि ईस्ट हलका से ही 2 पार्षदों को शामिल करना किसी को ऑब्लाइज करने जैसा है। इसी के बाद अंदरखाते कई पार्षदों में मेयर के फैसले को लेकर मनमुटाव देखने को मिला। एफएंडसीसी बनने के बाद निगम के प्रॉपर्टी टैक्स-ओएंड एम, हेल्थ, वाटर सप्लाई व दूसरे विभागों की सब-कमेटियां गठित होने से पहले चेयरमैन बनाए जाने को लेकर पार्षदों की मेयर दफ्तर में आवाजाही बढ़ी थी। लेकिन अब पार्षदों की हलचल मेयर दफ्तर में कम हो गई है। सब-कमेटियां बनने के बाद अंदरखाते अफसरों की तरफ से जो भी गड़बड़ियां की जा रही उस पर नकेल कसी जाएगी ^सब-कमेटियां गठित करने पर फैसला लुधियाना में चुनाव के बाद ले लिया जाएगा। हाईकमान से भी इस पर बात करेंगे। जल्द ही सब-कमेटियां गठित कर चेयरमैन लगा दिए जाएंगे और हाउस की मीटिंग भी बुलाई जाएगी। आप पार्षदों में कहीं कोई मतभेद नहीं है। सब आपस में एकजुट होकर काम कर रहे हैं। यदि कोई गड़बड़ी कर रहा तो उनकी नोटिस में लाएं किसी को बख्शा नहीं जाएगा। -जतिंदर मोती भाटिया, मेयर पंजाब | दैनिक भास्कर
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खनौरी बॉर्डर पर किसान महापंचायत, डल्लेवाल को स्ट्रेचर पर लाए:बोले- जीतकर जाएंगे; पंजाब सरकार की कृषि मंत्री को चिट्ठी- वार्ता शुरू करें
खनौरी बॉर्डर पर किसान महापंचायत, डल्लेवाल को स्ट्रेचर पर लाए:बोले- जीतकर जाएंगे; पंजाब सरकार की कृषि मंत्री को चिट्ठी- वार्ता शुरू करें हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर आज किसानों की महापंचायत हुई। जहां 40 दिन से आमरण अनशन पर बैठे जगजीत डल्लेवाल को स्ट्रेचर से मंच पर लाया गया। जिसके बाद उन्होंने 9 मिनट किसानों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सरकार जितना मर्जी जोर लगा ले, हम ये लड़ाई जीतकर जाएंगे। वहीं किसान नेताओं का दावा है कि इस महापंचायत में 80 से 90 हजार लोग पहुंचे थे। इस दौरान पंजाब की तरफ महापंचायत के मंच से करीब 7 किलोमीटर तक रोड पर जाम लगा रहा। खनौरी बॉर्डर के हरियाणा साइड पर पुलिस की कड़ी सुरक्षा रही। यहां पुलिस और अर्धसैनिक बलों की 21 कंपनियां तैनात थीं। जींद जिले में BNS की धारा 163 लागू कर रोडवेज और पुलिस की करीब 20 बसें, 5 एंबुलेंस और व्रज वाहन भी तैनात थे। इससे हरियाणा की तरफ से कोई किसान महापंचायत में शामिल नहीं हो सका। वहीं इसी बीच केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह के पास पंजाब सरकार की चिट्ठी पहुंची है। जिसमें उन्हें आंदोलन में हस्तक्षेप कर इसे खत्म कराने की मांग की गई है। हालांकि चौहान पहले ही कह चुके हैं कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, वहां से जो फैसला आएगा, उस पर अमल करेंगे। महापंचायत में डल्लेवाल के संबोधन की 3 अहम बातें… 1. यह सब भगवान की मर्जी से हो रहा है
किसान नेता डल्लेवाल ने राम-राम कहकर संबोधन शुरू किया। उन्होंने कहा- जो मैं लड़ाई लड़ रहा हूं, यह लड़ाई मैं नहीं लड़ रहा, यह सिर्फ एक शरीर दिख रहा है लड़ाई लड़ते। यह ऊपर वाले की मर्जी है। जिसे भगवान चाहता है, उसे ही मनुष्य का शरीर देता है। उसी की मर्जी से हो रहा है, जो हो रहा है। 2. मोर्चा तो हम ही जीतेंगे
पुलिस ने मुझे यहां से उठाने का प्रयास किया। जब लोगों को पता चला तो पंजाब-हरियाणा से सैकड़ों नौजवान हमारे पास पहुंचे और मोर्चा संभाला। आज जो लोग मोर्चे पर पहुंचे हैं, यह सिर्फ ऊपर वाले की कृपा है। सरकार जितना मर्जी जोर लगा ले, हम मोर्चा जीत कर ही रहेंगे। 3. किसानों की आत्महत्या पर अंकुश जरूरी
किसानों की सुसाइड की घटनाओं पर अंकुश लगना जरूरी है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि करीब 4 लाख किसानों ने आत्महत्या की है, लेकिन असल आंकड़ों में अब तक 7 लाख से ज्यादा किसान दम तोड़ चुके हैं। मेरी किसानों से अपील है कि बड़ी संख्या में आगे आएं, जिससे आंदोलन को बल मिल सके। पंजाब सरकार ने केंद्र को लेटर लिखा
इधर, पंजाब सरकार की ओर से केंद्र को एक लेटर लिखा गया। इसमें केंद्र सरकार से अपील की गई है कि किसानों का आंदोलन और डल्लेवाल का अनशन खत्म कराएं। 19 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिए थे कि डल्लेवाल को चिकित्सा सुविधा दी जाए। जरूरत पड़े तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कराएं। इसके बाद 20 दिसंबर 2024 को पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को चिट्ठी लिखी। उसमें कहा गया कि केंद्र सरकार पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में हस्तक्षेप करे और आंदोलन खत्म कराए। इसमें डल्लेवाल की भूख हड़ताल का भी जिक्र किया गया। यह लेटर इस सप्ताह केंद्रीय कृषि मंत्रालय को मिला। हालांकि, कृषि मंत्री ने इसका अब तक कोई जवाब नहीं दिया। जबकि, बीते बुधवार को हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वह कह चुके हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार मंत्रालय एक्शन लेगा। महापंचायत की पल-पल की अपडेट के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए…

मोदी सरकार में हरियाणा का कद बढ़ा:खट्टर समेत 3 मंत्री; पंजाब से चुनाव हारे बिट्टू राज्यमंत्री; हिमाचल से अनुराग की जगह नड्डा
मोदी सरकार में हरियाणा का कद बढ़ा:खट्टर समेत 3 मंत्री; पंजाब से चुनाव हारे बिट्टू राज्यमंत्री; हिमाचल से अनुराग की जगह नड्डा केंद्र की मोदी कैबिनेट में हरियाणा से 3 मंत्री बनाए गए हैं। इनमें पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। वह करनाल सीट से सांसद बने हैं। वे साढ़े 9 साल हरियाणा के CM रहे। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने उनसे इस्तीफा दिलाकर चुनाव लड़वाया। गुरुग्राम से सांसद राव इंद्रजीत को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। राव लगातार छठी बार सांसद बने हैं। वह मोदी सरकार की पिछली टर्म में भी मंत्री थे। उनके जरिए भाजपा ने दक्षिण हरियाणा और खासकर अहीरवाल बेल्ट को साधने की कोशिश की है। फरीदाबाद से कृष्णपाल गुर्जर को तीसरी बार मंत्री बनाया गया है। उन्हें राज्य मंत्री की शपथ दिलाई गई। कृष्णपाल गुर्जर फरीदाबाद से सांसद हैं। फरीदाबाद और उससे सटे यूपी व राजस्थान के गुर्जर बाहुल्य इलाकों को देखते हुए उनकी कैबिनेट में एंट्री हुई है। पंजाब से सबको चौंकाते हुए मोदी कैबिनेट में रवनीत बिट्टू को शामिल किया गया है। बिट्टू लुधियाना से कांग्रेस के सांसद थे। लोकसभा चुनाव से पहले वे भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद लुधियाना से फिर चुनाव लड़े लेकिन हार गए। पंजाब से भाजपा 13 में से कोई सीट नहीं जीती, इसलिए पूर्व CM बेअंत सिंह के पोते बिट्टू को राज्यमंत्री का पद मिल गया। इसके अलावा सिख चेहरे के तौर पर हरदीप पुरी को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। बिट्टू के जरिए भाजपा ने पंजाब की सियासत को साधने की कोशिश की है। भाजपा को यहां एक प्रभावी सिख चेहरे की तलाश थी, जिसके लिए रवनीत बिट्टू पर दांव लगाया जा सकता है। हिमाचल प्रदेश से भाजपा ने पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल के बेटे अनुराग ठाकुर को कैबिनेट से ड्रॉप कर दिया। हिमाचल से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। नड्डा अभी गुजरात से राज्यसभा के सांसद हैं। मोदी कैबिनेट में हरियाणा,पंजाब और हिमाचल के मंत्रियों की शपथ से जुड़े अपडेट्स पढ़ें…

पंजाब में अगस्त में मानसून सुस्त:9 जिलों में नहीं गिरी एक भी बूंद बारिश, 29% कम बरसात; 10 को फिर अलर्ट
पंजाब में अगस्त में मानसून सुस्त:9 जिलों में नहीं गिरी एक भी बूंद बारिश, 29% कम बरसात; 10 को फिर अलर्ट अगस्त माह में पंजाब में मानसून के सक्रिय होने की उम्मीद थी। इसके बावजूद राज्य में 29 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। पंजाब के 9 जिले ऐसे हैं, जहां एक बूंद भी बारिश नहीं हुई। पहले सप्ताह में 3 दिन भारी अलर्ट के बावजूद कुछ ही जिलों में बारिश सक्रिय देखी गई। इन दिनों में पंजाब में औसतन 46.1 मिमी बारिश होती है, लेकिन पहले सात दिनों में अब तक सिर्फ 32.9 मिमी बारिश हुई है। पंजाब के तरनतारन, कपूरथला, फाजिल्का, मुक्तसर, फरीदकोट, बठिंडा, बरनाला, मानसा और संगरूर ऐसे जिले हैं, जहां 7 अगस्त को सुबह 8.30 बजे तक एक बूंद भी बारिश नहीं हुई, जबकि पठानकोट में 99 फीसदी, फिरोजपुर में 91 फीसदी, मोगा में 93 फीसदी, लुधियाना में 98 फीसदी, रूपनगर में 80 फीसदी और पटियाला में 75 फीसदी कम बारिश हुई। जबकि गुरदासपुर और एसएएस नगर ही ऐसे दो जिले हैं जहां सामान्य और सामान्य से अधिक बारिश हुई है। पंजाब में बारिश का अलर्ट व पूर्वानुमान- 10 अगस्त को कुछ जिलों में बारिश की संभावना आज, गुरुवार और शुक्रवार को पंजाब में बारिश को लेकर कोई अलर्ट नहीं है। लेकिन 10 अगस्त को येलो अलर्ट जारी किया गया है। लेकिन बारिश की संभावना सिर्फ 5 जिलों पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर, नवांशहर और रूपनगर तक ही सीमित है। अन्य जिलों में बारिश की संभावना बहुत कम रहने वाली है। तापमान में मामूली गिरावट दर्ज की गई बुधवार को पंजाब के कुछ जिलों में हल्की बारिश के बाद तापमान में गिरावट देखी गई है। पिछले 24 घंटों में राज्य के औसत तापमान में 2.5 डिग्री की कमी आई है, जिससे तापमान सामान्य पर पहुंच गया है। शहरों का अधिकतम तापमान भी 30 से 36 डिग्री के बीच दर्ज किया गया। आज राज्य में बठिंडा सबसे गर्म रहा, जहां तापमान 35.4 डिग्री रहा। यहां भी बारिश दर्ज की गई है।