<p style=”text-align: justify;”><strong>Tejashwi Yadav News</strong>: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन और एनडीए दोनों शह मात का खेल, खेल रहे हैं. किस मुद्दे से किसको पछाड़ा जाए, इसकी राजनीति हो रही है. बीजेपी जहां लालू यादव के जरिए अंबेडकर के अपमान का मुद्दा उठाए हुई है और इसे बड़ा आंदोलन बनाने कि फिराक में है, तो वहीं तेजस्वी यादव रिश्तों की राजनीति पर एनडीए को मात देने में जुट गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तेजस्वी यादव का एनडीए राजनेताओं पर हमला</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>एनडीए राजनेताओं के जरिए पहले जमाई को आयोग में जगह देने पर तेजस्वी यादव ने हमला किया तो अब अब नेताओं की बेटियां और अधिकारियों के पत्नी पर भी राजनीतिक प्रभाव देने का आरोप लगा रहे हैं. तेजस्वी यादव ने एनडीए के जेडीयू, लोजपा, हम के नेताओं के दामाद को आयोग में भेजने का पहले आरोप लगाया तो अब उन्होंने नेताओं की बेटियों और अधिकारियों की पत्नी को भी घसीटा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>तेजस्वी यादव ने कहा है कि जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा की दोनों पुत्रियों को बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड बनाया है, जो कि एक अत्यंत अनुभवी अधिवक्ताओं का पद होता है. तेजस्वी ने आरोप लगाया कि संजय झा ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर दोनों बेटियों को महत्वपूर्ण पद दिलवाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार का भी जिक्र किया और कहा कि उनकी पत्नी को महिला आयोग का सदस्य बना दिया गया है. उन्होंने तंज कसा कि “अब अधिकारी भी मलाई खा रहे हैं और अपनी पत्नियों को आयोगों में एडजस्ट करवा रहे हैं.” तेजस्वी ने यह भी सवाल उठाया कि क्या नीतीश कुमार वाकई अब निर्णय लेने की स्थिति में नहीं हैं, या यह सब कुछ उनकी सहमति से हो रहा है?</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के सचिव रिटायर्ड होने के बाद भी पद पर बने हुए हैं और उनकी पत्नी को भी महिला आयोग में एडजस्ट कर दिया. तेजस्वी यादव ने चुनाव के पहले रिश्तो को लेकर एक बड़ा मुद्दा उठाया है. हालांकि यह मुद्दा कोई नया नहीं बल्कि उलट पुलट हुआ है. इससे पहले एनडीए लगातार लालू परिवार पर परिवारवाद का मुद्दा उठाते रहे हैं और इस मुद्दे से एनडीए को फायदा भी होता रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसी मुद्दे को लेकर 2024 में महागठबंधन को छोड़कर एनडीए में बीजेपी के साथ शामिल हुए थे. फरवरी 2024 में कर्पूरी जयंती के अवसर पर नीतीश कुमार ने कहा था कि कर्पूरी जी परिवारवाद के खिलाफ थे, लेकिन कुछ लोग तो अपने बेटा-बेटी सबको राजनीति में ला रहे हैं. इसका फायदा भी उन्हें मिलाओ लोकसभा में एनडीए 30 सीटों पर जीत दर्ज की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अब तेजस्वी यादव इस मुद्दे को फिर से दोहरा रहे हैं और दामाद, बेटी, पत्नी के नाम से इस मुद्दे को जिंदा करके एनडीए पर हमला करने में जुट गए हैं. अब देखना होगा कि क्या विधानसभा चुनाव तक यह मुद्दा कायम रहता है और इससे तेजस्वी यादव को कितना फायदा मिलता है. हालांकि बीजेपी ने इस लालू यादव के दलित के मुद्दे से लोगों को भटकाने का आरोप लगाया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तेजस्वी यादव पर क्या बोले बीजेपी के प्रवक्ता</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश ने कहा कि तेजस्वी यादव मुद्दे से जनता को भटका रहे हैं. लालू प्रसाद यादव के जन्मदिन के मौके पर उनके कार्यकर्ता लालू यादव के पैर के नीचे बाबा अंबेडकर साहब की तस्वीर को रखें, यह अपमान पूरे देश के दलित, पिछड़े शोषित लोगों का अपमान किया गया. यह अपमान बिहार के लोग नहीं भूलेंगे. अब इस मुद्दे को भटकाने के लिए तेजस्वी यादव फालतू मुद्दे को लेकर बहस कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/bihar-elections-2025-bjp-eyes-on-votes-of-pasmanda-muslims-rjd-raised-questions-2964032″>चुनावी वर्ष में महागठबंधन के लिए खतरे की घंटी? RJD के मुस्लिम वोट बैंक में BJP करेगी सेंधमारी!</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Tejashwi Yadav News</strong>: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन और एनडीए दोनों शह मात का खेल, खेल रहे हैं. किस मुद्दे से किसको पछाड़ा जाए, इसकी राजनीति हो रही है. बीजेपी जहां लालू यादव के जरिए अंबेडकर के अपमान का मुद्दा उठाए हुई है और इसे बड़ा आंदोलन बनाने कि फिराक में है, तो वहीं तेजस्वी यादव रिश्तों की राजनीति पर एनडीए को मात देने में जुट गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तेजस्वी यादव का एनडीए राजनेताओं पर हमला</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>एनडीए राजनेताओं के जरिए पहले जमाई को आयोग में जगह देने पर तेजस्वी यादव ने हमला किया तो अब अब नेताओं की बेटियां और अधिकारियों के पत्नी पर भी राजनीतिक प्रभाव देने का आरोप लगा रहे हैं. तेजस्वी यादव ने एनडीए के जेडीयू, लोजपा, हम के नेताओं के दामाद को आयोग में भेजने का पहले आरोप लगाया तो अब उन्होंने नेताओं की बेटियों और अधिकारियों की पत्नी को भी घसीटा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>तेजस्वी यादव ने कहा है कि जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा की दोनों पुत्रियों को बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड बनाया है, जो कि एक अत्यंत अनुभवी अधिवक्ताओं का पद होता है. तेजस्वी ने आरोप लगाया कि संजय झा ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर दोनों बेटियों को महत्वपूर्ण पद दिलवाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार का भी जिक्र किया और कहा कि उनकी पत्नी को महिला आयोग का सदस्य बना दिया गया है. उन्होंने तंज कसा कि “अब अधिकारी भी मलाई खा रहे हैं और अपनी पत्नियों को आयोगों में एडजस्ट करवा रहे हैं.” तेजस्वी ने यह भी सवाल उठाया कि क्या नीतीश कुमार वाकई अब निर्णय लेने की स्थिति में नहीं हैं, या यह सब कुछ उनकी सहमति से हो रहा है?</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के सचिव रिटायर्ड होने के बाद भी पद पर बने हुए हैं और उनकी पत्नी को भी महिला आयोग में एडजस्ट कर दिया. तेजस्वी यादव ने चुनाव के पहले रिश्तो को लेकर एक बड़ा मुद्दा उठाया है. हालांकि यह मुद्दा कोई नया नहीं बल्कि उलट पुलट हुआ है. इससे पहले एनडीए लगातार लालू परिवार पर परिवारवाद का मुद्दा उठाते रहे हैं और इस मुद्दे से एनडीए को फायदा भी होता रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसी मुद्दे को लेकर 2024 में महागठबंधन को छोड़कर एनडीए में बीजेपी के साथ शामिल हुए थे. फरवरी 2024 में कर्पूरी जयंती के अवसर पर नीतीश कुमार ने कहा था कि कर्पूरी जी परिवारवाद के खिलाफ थे, लेकिन कुछ लोग तो अपने बेटा-बेटी सबको राजनीति में ला रहे हैं. इसका फायदा भी उन्हें मिलाओ लोकसभा में एनडीए 30 सीटों पर जीत दर्ज की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अब तेजस्वी यादव इस मुद्दे को फिर से दोहरा रहे हैं और दामाद, बेटी, पत्नी के नाम से इस मुद्दे को जिंदा करके एनडीए पर हमला करने में जुट गए हैं. अब देखना होगा कि क्या विधानसभा चुनाव तक यह मुद्दा कायम रहता है और इससे तेजस्वी यादव को कितना फायदा मिलता है. हालांकि बीजेपी ने इस लालू यादव के दलित के मुद्दे से लोगों को भटकाने का आरोप लगाया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तेजस्वी यादव पर क्या बोले बीजेपी के प्रवक्ता</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश ने कहा कि तेजस्वी यादव मुद्दे से जनता को भटका रहे हैं. लालू प्रसाद यादव के जन्मदिन के मौके पर उनके कार्यकर्ता लालू यादव के पैर के नीचे बाबा अंबेडकर साहब की तस्वीर को रखें, यह अपमान पूरे देश के दलित, पिछड़े शोषित लोगों का अपमान किया गया. यह अपमान बिहार के लोग नहीं भूलेंगे. अब इस मुद्दे को भटकाने के लिए तेजस्वी यादव फालतू मुद्दे को लेकर बहस कर रहे हैं.</p>
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