करनाल में कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ रहे युवा कांग्रेस अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा ने चुनाव ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी सर्टिफिकेट (ईडीसी) जारी न करने का मुद्दा उठाया है। दिव्यांशु बुद्धिराजा ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि करनाल लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव में तैनात कर्मचारियों के इस अधिकार का हनन किया गया है। बुद्धिराजा ने चुनाव आयोग में अवर सचिव केपी सिंह के हस्ताक्षर वाले 26 अप्रैल के पत्र का हवाला देते हुए मुख्य चुनाव आयोग को दिए गए प्रेजेंटेशन में लिखा है कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी (हरियाणा) को आदेश देकर चुनाव ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी सर्टिफिकेट (ईडीसी) जारी करने से रोका गया और उन्हें पोस्टल बैलेट से मतदान करने के लिए मजबूर किया गया। कर्मचारियों को EDC नहीं किया जारी दिव्यांशु ने शिकायत पत्र में दावा किया कि राजस्थान के बांसवाड़ा लोकसभा व बागीदौरा विधानसभा उपचुनाव एक साथ हुए, वहां चुनाव की जिम्मेदारी संभाल रहे कर्मचारियों को EDC जारी हुए। लेकिन करनाल लोकसभा व करनाल विधानसभा उपचुनाव भी एक साथ हुए,वहा मतदान में शामिल कर्मचारियों को EDC जारी नहीं किया गया। कर्मचारियों के अधिकार के खिलाफ दिव्यांशु बुद्धिराजा ने कहा कि चुनाव ड्यूटी में लगे हजारों कर्मचारी जैसे कि पोलिंग ऑफिसर, पुलिस , ड्राईवर, सफाई कर्मी , वीडियो ग्राफर आदि को चुनाव ड्यूटी सर्टिफिकेट (ईडीसी) जारी करने की जगह उन्हें बैलेट पेपर के माध्यम से चुनाव में अपना मत गिराने को लेकर बाध्य किया गया है, जो उनके अधिकार के खिलाफ है। EDC के माध्यम से कर सकते है वोट उन्होंने कहा कि अगर एक ही चुनाव क्षेत्र के रहने वाले कर्मचारी व अधिकारी किसी अन्य पोलिंग स्टेशन पर तैनात होते है तो वो ईडीसी के माध्यम से वहां वोट कर सकते है, पोस्टल बैलेट की व्यवस्था केवल अन्यत्र तैनात कर्मचारियों के लिए है। लेकिन करनाल लोकसभा व विधानसभा उपचुनाव में तैनात कर्मचारियों के इस अधिकार का हनन हुआ। करनाल में कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ रहे युवा कांग्रेस अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा ने चुनाव ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी सर्टिफिकेट (ईडीसी) जारी न करने का मुद्दा उठाया है। दिव्यांशु बुद्धिराजा ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि करनाल लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव में तैनात कर्मचारियों के इस अधिकार का हनन किया गया है। बुद्धिराजा ने चुनाव आयोग में अवर सचिव केपी सिंह के हस्ताक्षर वाले 26 अप्रैल के पत्र का हवाला देते हुए मुख्य चुनाव आयोग को दिए गए प्रेजेंटेशन में लिखा है कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी (हरियाणा) को आदेश देकर चुनाव ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी सर्टिफिकेट (ईडीसी) जारी करने से रोका गया और उन्हें पोस्टल बैलेट से मतदान करने के लिए मजबूर किया गया। कर्मचारियों को EDC नहीं किया जारी दिव्यांशु ने शिकायत पत्र में दावा किया कि राजस्थान के बांसवाड़ा लोकसभा व बागीदौरा विधानसभा उपचुनाव एक साथ हुए, वहां चुनाव की जिम्मेदारी संभाल रहे कर्मचारियों को EDC जारी हुए। लेकिन करनाल लोकसभा व करनाल विधानसभा उपचुनाव भी एक साथ हुए,वहा मतदान में शामिल कर्मचारियों को EDC जारी नहीं किया गया। कर्मचारियों के अधिकार के खिलाफ दिव्यांशु बुद्धिराजा ने कहा कि चुनाव ड्यूटी में लगे हजारों कर्मचारी जैसे कि पोलिंग ऑफिसर, पुलिस , ड्राईवर, सफाई कर्मी , वीडियो ग्राफर आदि को चुनाव ड्यूटी सर्टिफिकेट (ईडीसी) जारी करने की जगह उन्हें बैलेट पेपर के माध्यम से चुनाव में अपना मत गिराने को लेकर बाध्य किया गया है, जो उनके अधिकार के खिलाफ है। EDC के माध्यम से कर सकते है वोट उन्होंने कहा कि अगर एक ही चुनाव क्षेत्र के रहने वाले कर्मचारी व अधिकारी किसी अन्य पोलिंग स्टेशन पर तैनात होते है तो वो ईडीसी के माध्यम से वहां वोट कर सकते है, पोस्टल बैलेट की व्यवस्था केवल अन्यत्र तैनात कर्मचारियों के लिए है। लेकिन करनाल लोकसभा व विधानसभा उपचुनाव में तैनात कर्मचारियों के इस अधिकार का हनन हुआ। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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दीपेंद्र हुड्डा की जनसभा में शहीद का अपमान:हिसार में प्रतिमा पर कांग्रेस के पोस्टर लगाए; भड़के परिजनों-ग्रामीणों ने उम्मीदवार को घेरा
दीपेंद्र हुड्डा की जनसभा में शहीद का अपमान:हिसार में प्रतिमा पर कांग्रेस के पोस्टर लगाए; भड़के परिजनों-ग्रामीणों ने उम्मीदवार को घेरा हरियाणा में हिसार जिले की बरवाला विधानसभा में आज सांसद दीपेंद्र हुड्डा के कार्यक्रम से पहले ग्रामीणों ने जमकर बवाल किया। उनका आरोप था कि इस जनसभा में शहीद का अपमान किया गया है। ग्रामीणों ने सभा करवाने वाले कांग्रेस प्रत्याशी राम निवास घोड़ेला को घेर लिया। उन्होंने नारेबाजी कर घोड़ेला खूब खरी-खरी सुनाई। घोड़ेला ने गांव सरसौद में दीपेंद्र की जनसभा रखवाई थी। स्टेडियम में रखी थी जनसभा
इस जनसभा का स्थान गांव के स्टेडियम को बनाया गया। जहां शहीद की प्रतिमा लगी थी, मगर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्टेडियम में लगी शहीद अजीत सिंह की प्रतिमा पर पोस्टर लगा दिए। जब इस बारे में शहीद के परिजनों को पता चला तो वह भड़क गए। इसी दौरान जब कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास घोड़ेला जनसभा स्थल पर पहुंचे तो शहीद के परिजनों और ग्रामीणों ने घोड़ेला को घेर लिया और नारेबाजी शुरू कर दी। शहीद की मां बोली- पोस्टर लगाकर अपमान कर रहे
शहीद की मां ने रामनिवास घोड़ेला से कहा कि मेरा बेटा देश के लिए शहीद हो गया। तुम उसका सम्मान करने के बजाय उसकी प्रतिमा पर पोस्टर लगाकर अपमान कर रहे हो। इसके बाद बाकी ग्रामीण भी शहीद की मां के साथ विरोध में उतर आए। बाद में दीपेंद्र हुड्डा के आने से पहले शहीद की प्रतिमा से पोस्टर हटा लिए गए ताकि कार्यक्रम में किसी तरह का बवाल ना हो जाए। शहीद की प्रतिमा पर पोस्टर लगाना गलत : पूर्व सरपंच
गांव के पूर्व सरपंच दिलबाग भयाणा ने बताया कि 12 बजे दीपेंद्र हुड्डा का गांव में कार्यक्रम था। मगर कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास घोड़ेला के समर्थकों और कांग्रेस वर्करों ने शहीद अजीत सिंह की प्रतिमा पर पोस्टर लगा दिए जिससे शहीद का अपमान हुआ है। शहीद की मां को जब इसका पता चला तो उसने घोड़ेला से सवाल-जवाब किए। ग्रामीणों ने घोड़ेला को घेर लिया कि ऐसा नहीं होना चाहिए। सबको शहीदों का मान सम्मान करना चाहिए। 2020 में शहीद हुए थे अजीत सिंह
सरसौद गांव के अजीत सिंह भारतीय सेना में थे और 2020 को वह शहीद हो गए थे। उनका जब पार्थिव शरीर गांव पहुंचा था तो पूरा गांव एकत्रित हुआ था। शहीद के परिवार में उनके पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है। बेटा विदेश में है और बेटी पढ़ाई कर रही है। उनके परिवार में अजीत सिंह के पिता दलेल सिंह हैं। इनके अलावा 2 भाई हैं। जिनमें एक बीएसएफ में हैं और दूसरे भाई खेती करते हैं। सरंपच किताब सिंह बोले- जो हुआ गलत हुआ
वहीं इस मामले में सरपंच किताब सिंह का कहना है कि शहीद की प्रतिमा पर पोस्टर लगाना गलत है। शहीद की प्रतिमा उस जगह बनी है, जहां उनका अंतिम संस्कार हुआ था। ऐसे में परिवार की भावनाएं प्रतिमाएं और स्थान दोनों से जुड़ी हुई है। जब अजीत सिंह शहीद हुए तो पंचायत ने ही 6 महीने बाद प्रतिमा लगवाई थी।
हरियाणा में पंजाब की युवती से गैंगरेप:अनजान युवकों से लिफ्ट ली, किन्नुओं के बाग में ले गए; शराब-नशा खिलाया, नग्न हालत में भागी
हरियाणा में पंजाब की युवती से गैंगरेप:अनजान युवकों से लिफ्ट ली, किन्नुओं के बाग में ले गए; शराब-नशा खिलाया, नग्न हालत में भागी हरियाणा में पंजाबी की युवती को मानसा जाने के लिए अनजान युवकों से कार से लिफ्ट लेनी महंगी पड़ गई। कार सवार 28 साल की युवती को मानसा ले जाने के बजाय हिसार के आदमपुर में किन्नुओं के आग में ले गए। जहां 4 लोगों ने पहले उसे शराब पिलाई। फिर उसे नशीला पदार्थ भी पिलाया। इसके बाद उसके साथ गैंगरेप किया। इसके बाद वह नग्न हालत में ही वहां से किसी तरह भाग निकली। पुलिस के मुताबिक 28 साल की युवती फतेहाबाद के रतिया में बुआ के पास रहती है। वह मानसा में बहन से मिलने के लिए जा रही थी। इस बारे में उसने मानसा पुलिस के पास जाकर शिकायत की। मानसा पुलिस ने जीरो FIR दर्ज की। जिसे हिसार की आदमपुर पुलिस को भेज दिया गया। यहां पुलिस ने रेप करने वाले 4 आरोपियों सागर, शेर सिंह, सलीम खान और एक अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस आज युवती की मेडिकल जांच कराएगी। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिए हैं। ऑटो का इंतजार कर रही थी, कार ने मानसा का रास्ता पूछा, फिर लिफ्ट दी
पंजाब के मानसा जिले के बरेटा थाने में पुलिस को दिए बयान में मानसा जिले की 28 वर्षीय युवती ने बताया कि वह 2-3 महीने से रतिया में अपनी बुआ के पास रह रही है। 28 जून को शाम करीब साढ़े छह बजे वह अपनी बहन से मिलने के लिए रतिया बस स्टैंड पर मानसा जाने के लिए ऑटो का इंतजार कर रही थी। उसी समय एक कार उसके पास आकर रुकी। उसमें बैठे युवकों ने शीशा नीचे कर उससे मानसा जाने का रास्ता पूछा। उसने रास्ता बताया और जब वे जाने लगे तो उन्होंने उससे पूछा कि वह कहां जा रही है। जब उसने बताया कि वह अपनी बहन के पास मानसा जा रही है तो उन्होंने उसे यह कहकर कार में बैठा लिया कि वे उसे वहीं छोड़ देंगे। वह हिचक रही थी तो उन्होंने दबाव डालकर कार में बिठा लिया। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि कार में 4 लोग बैठे हुए थे। उन्होंने सीट एडजस्ट करने के बहाने उसे बीच में बैठा लिया। इसके बाद उसे मानसा की जगह किसी दूसरे रास्ते पर ले जाने लगे। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी
लड़की ने बताया कि जब उसने विरोध करने की कोशिश की तो उन्होंने उसकी एक न सुनी और उसे बंधक बनाकर आदमपुर ले गए और सागर व उसके साथियों ने उसे घर के एक कमरे में बंद करके उसके साथ रेप किया। वह चिल्लाती रह गई। जब उसने विरोध किया तो उन्होंने उसे जान से मारने की धमकी दी। रेप करने के कारण वह बेहोश हो गई। अगले दिन किन्नुओं के बाग में ले जाकर गैंगरेप किया
अगले दिन शाम को वे उसे जबरन बड़ी गाड़ी में बैठाकर भादरा-नोहर राजस्थान में किन्नू के बाग में ले गए। उसे वहां उतारकर पहले जबरन शराब पिलाई गई और बाद में कोई नशीला पदार्थ खिला दिया। जिससे वह बेहोश हो गई। बाद में सागर, शेर सिंह और सलीम खान ने भी शराब पी और नशीला पदार्थ खाया। इसके बाद उसके साथ बारी-बारी से रेप किया। इस दौरान सागर का नाना भी मौके पर उनके साथ था और उसने भी उसके साथ रेप किया। नग्न हालत में भागी, जानकार ने बुआ के घर छोड़ा
पीड़िता ने आगे बताया कि आरोपियों ने उसे शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी। वह नग्न हालत में ही किसी तरह वहां से भाग निकली। उसने बुआ के लड़के को कॉल करनी चाही लेकिन उसका फोन नहीं लगा। इसलिए अपने भीखी मानसा में रहने वाले परिचित को कॉल किया। इसके बाद परिचित एक अन्य साथी के साथ आया और गाड़ी में उसे बुआ के घर छोड़ गया। उसके बाद उसने बुआ को पूरी बात बताई। उसके फाड़े कपड़े भी उसके पास ही थे। जिसके बाद उन्होंने पुलिस को शिकायत दे दी।
करनाल में 57 साल पुराने कार्यकर्ता हुए बागी:अशोक सुखीजा ने खट्टर और सैनी पर लगाए आरोप, कहा- अब झोला उठाकर चल दिए दोनों सीएम
करनाल में 57 साल पुराने कार्यकर्ता हुए बागी:अशोक सुखीजा ने खट्टर और सैनी पर लगाए आरोप, कहा- अब झोला उठाकर चल दिए दोनों सीएम लगातार 10 साल से CM सिटी रही करनाल में इस बार भाजपा की मुश्किले बढ़ती हुई नजर आ रही है। जब से भाजपा हाईकमान ने टिकट की पहली लिस्ट जारी की है, तब से करनाल में टिकट कटने से नाराज नेताओं के स्वर पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। करनाल विधानसभा में पूर्व मेयर रेणु बाला गुप्ता के बाद अब भाजपा के 57 साल के कार्यकर्ता एवं पूर्व जिला अध्यक्ष अशोक सुखीजा ने खुले तौर पर पार्टी नेतृत्व और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर सवाल खड़े करते हुए गंभीर आरोप लगाए है। जिसके चलते उन्होंने आज अपने समर्थकों के साथ बैठक की बुलाई है। इस बैठक में वह आजाद चुनाव लड़ने की घोषणा भी कर सकते है। बता दें कि अशोक सुखीजा भाजपा के वरिष्ठ नेता और एक बड़ा पंजाबी चेहरा है। अगर वह चुनाव लड़ने की घोषणा करते है तो भाजपा के लिए मुश्किलें बढ़ सकती है। मनोहर लाल और नायब सैनी पर तीखा हमला सुखीजा ने पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि मनोहर लाल को करनाल ने विधायक बनाया और फिर मुख्यमंत्री। लेकिन उन्होंने करनाल के लिए कुछ खास नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी अब वैसी नहीं रही जैसी पहले थी। उन्होंने सीएम नायब सैनी पर नैतिकता की हदें पार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सीएम ने सार्वजनिक तौर पर विरोध करने वालों के घर तो दौरा किया। लेकिन पार्टी से जुड़े कर्मठ कार्यकर्ताओं से मिलने की जहमत तक नहीं उठाई। दोनों CM झोला उठाकर आए थे और अब झोला उठाकर चल दिए है। उन्होंने करनाल की जनता के साथ विश्वासघात किया है। भाजपा में परिवारवाद और वंशवाद का आरोप अशोक सुखीजा ने भाजपा पर परिवारवाद और वंशवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा पहले परिवारवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ थी। लेकिन अब उसके नेता विपक्ष की तरह इन चीजों का अनुसरण कर रहे हैं। भाजपा ने अन्य पार्टियों की संस्कृति को अपना लिया है। अब कांग्रेस और भाजपा में कोई फर्क नहीं रहा है। कर्मठ कार्यकर्ताओं की अनदेखी का आरोप सुखीजा ने पार्टी पर कर्मठ और निष्ठावान कार्यकर्ताओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पार्टी अब बाहरी नेताओं को तवज्जो दे रही है। जबकि कर्मठ कार्यकर्ताओं को नजर अंदाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी में इस बार टिकट बंटवारे का विरोध अभूतपूर्व स्तर पर है और यह सिर्फ नेताओं तक सीमित नहीं है, बल्कि आम जनता भी इससे नाराज है। अशोक सुखीजा का टिकट पर पहला हक सुखीजा ने कहा कि मुख्यमंत्री के ओएसडी अमरेंद्र सिंह ने खुद कहा था कि वरिष्ठता के हिसाब से उनका टिकट बनता था। पूर्व मेयर रेणु बाला गुप्ता ने भी इसी बात पर जोर दिया कि अशोक सुखीजा या अन्य वरिष्ठ नेता ही टिकट के असली दावेदार थे। उन्होंने कहा कि भाजपा ने कांग्रेस से आए नेताओं को तवज्जो दी, जबकि सच्चे भाजपा कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई।