लखनऊ में चोरी का अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। चोरी करने पहुंचे चोर ने पूरे घर को खंगाल डाला और टुल्लू पंप तक खोल दिए लेकिन जब वह बैटरी निकालने लगा, तभी ज्यादा नशे की वजह से वहीं सो गया। सुबह जब उसकी आंख खुली तो पुलिस सामने थी। मामला गाजीपुर थाना क्षेत्र के इंदिरा नगर सेक्टर-20 का है। लखनऊ के इंदिरा नगर सेक्टर-20 में डॉ. सुनील पांडे का आवास है। वे बलरामपुर अस्पताल में काम कर चुके हैं। मौजूदा समय में वे वाराणसी में तैनात है। पड़ोसियों ने बताया कि सुबह जब उनकी नींद खुली तो पड़ोसी डॉ. सुनील पांडेय के घर का दरवाजा खुला दिखाई दिया। पड़ोसियों को शक हो गया तो उन्होंने RWA पदाधिकारियों को बुलाया। इसके बाद कुछ लोग जब अंदर पहुंचे, तो देखा कि घर का सारा सामान अस्त-व्यस्त है। आलमारियां टूटी हुई हैं। नगदी-कैश सब कुछ निकाल लिया गया है। चोर ने वॉश बेसिन, गैस सिलेंडर और टुल्लू पंप तक निकाल लिया था। लोग कुछ और आगे बढ़े तो देखा कि एक व्यक्ति नशे में धुत वहीं सो रहा है। उसे देखकर लगा, मानों वह बैटरी निकालते समय ज्यादा नशे की वजह से वहीं लेट गया और सो गया। पड़ोसियों को यह समझते देर नहीं लगी कि यही चोर है, जो चोरी करने के बाद भाग नहीं पाया और सो गया क्योंकि सारा सामान भी वहीं ड्राइंग रूम में पड़ा मिला। तुरंत मामले की जानकारी पुलिस को दी गई और मौके पर पहुंची गाजीपुर पुलिस ने आरोपी चोर को गिरफ्तार कर लिया। उसकी पहचान कपिल के तौर पर हुई है। पुलिस अधिकारियों ने बताया, आगे की कार्रवाई की जा रही है। यह खबर भी पढ़े… लखनऊ में फर्जी कंपनी बनाकर ठगी करने वाला गिरफ्तार: इन्वेस्टमेंट के नाम पर ऐंठे 47 लाख, पुलिस को देख बैरिकेडिंग तोड़कर भाग रहा था जालसाज लखनऊ की गाजीपुर पुलिस ने इन्वेस्टमेंट के नाम ज्यादा मुनाफे का लालच देकर ठगी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया। आरोपी करीब 47 लाख की ठगी कर चुका है। फर्जी कंपनी बनाकर उसमें इन्वेस्टमेंट कराकर ज्यादा मुनाफे का झांसा देकर ठगी करता था। पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया है। पढ़े पूरी खबर… लखनऊ में चोरी का अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। चोरी करने पहुंचे चोर ने पूरे घर को खंगाल डाला और टुल्लू पंप तक खोल दिए लेकिन जब वह बैटरी निकालने लगा, तभी ज्यादा नशे की वजह से वहीं सो गया। सुबह जब उसकी आंख खुली तो पुलिस सामने थी। मामला गाजीपुर थाना क्षेत्र के इंदिरा नगर सेक्टर-20 का है। लखनऊ के इंदिरा नगर सेक्टर-20 में डॉ. सुनील पांडे का आवास है। वे बलरामपुर अस्पताल में काम कर चुके हैं। मौजूदा समय में वे वाराणसी में तैनात है। पड़ोसियों ने बताया कि सुबह जब उनकी नींद खुली तो पड़ोसी डॉ. सुनील पांडेय के घर का दरवाजा खुला दिखाई दिया। पड़ोसियों को शक हो गया तो उन्होंने RWA पदाधिकारियों को बुलाया। इसके बाद कुछ लोग जब अंदर पहुंचे, तो देखा कि घर का सारा सामान अस्त-व्यस्त है। आलमारियां टूटी हुई हैं। नगदी-कैश सब कुछ निकाल लिया गया है। चोर ने वॉश बेसिन, गैस सिलेंडर और टुल्लू पंप तक निकाल लिया था। लोग कुछ और आगे बढ़े तो देखा कि एक व्यक्ति नशे में धुत वहीं सो रहा है। उसे देखकर लगा, मानों वह बैटरी निकालते समय ज्यादा नशे की वजह से वहीं लेट गया और सो गया। पड़ोसियों को यह समझते देर नहीं लगी कि यही चोर है, जो चोरी करने के बाद भाग नहीं पाया और सो गया क्योंकि सारा सामान भी वहीं ड्राइंग रूम में पड़ा मिला। तुरंत मामले की जानकारी पुलिस को दी गई और मौके पर पहुंची गाजीपुर पुलिस ने आरोपी चोर को गिरफ्तार कर लिया। उसकी पहचान कपिल के तौर पर हुई है। पुलिस अधिकारियों ने बताया, आगे की कार्रवाई की जा रही है। यह खबर भी पढ़े… लखनऊ में फर्जी कंपनी बनाकर ठगी करने वाला गिरफ्तार: इन्वेस्टमेंट के नाम पर ऐंठे 47 लाख, पुलिस को देख बैरिकेडिंग तोड़कर भाग रहा था जालसाज लखनऊ की गाजीपुर पुलिस ने इन्वेस्टमेंट के नाम ज्यादा मुनाफे का लालच देकर ठगी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया। आरोपी करीब 47 लाख की ठगी कर चुका है। फर्जी कंपनी बनाकर उसमें इन्वेस्टमेंट कराकर ज्यादा मुनाफे का झांसा देकर ठगी करता था। पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया है। पढ़े पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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हरियाणा चुनाव से जुड़ी याचिका SC में खारिज:कांग्रेस ने जल्दी सुनवाई की मांग की थी; CJI बोले– क्या नई सरकार का शपथग्रहण रोकना चाहते हैं
हरियाणा चुनाव से जुड़ी याचिका SC में खारिज:कांग्रेस ने जल्दी सुनवाई की मांग की थी; CJI बोले– क्या नई सरकार का शपथग्रहण रोकना चाहते हैं हरियाणा विधानसभा चुनाव से जुड़ी याचिका पर आज (17अक्टूबर) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। यह याचिका कांग्रेस की ओर से दायर की गई थी। जिसमें वोटिंग-काउंटिंग के दौरान EVM में गड़बड़ी का आरोप लगाकर 20 विधानसभा सीटों पर दोबारा चुनाव कराने की मांग की गई थी। कांग्रेस ने इस याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई करने की गुहार लगाई थी। इस पर आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा, ‘ऐसी याचिका दायर करने पर आप पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। आप कागजात सौंपिए, हम देखेंगे।’ मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए पूछा, ‘क्या आप चाहते हैं कि हम चुनी हुई नई सरकार का शपथग्रहण रोक दें?’ बता दें कि हरियाणा में लगातार तीसरी बार भाजपा सरकार बनने पर आज नई सरकार के मुख्यमंत्री और 13 मंत्रियों ने शपथ ले ली है। 16 अक्टूबर को दी गई याचिका
गौरतलब है कि 16 अक्टूबर को कांग्रेस की ओर से प्रिया मिश्रा और विकास बंसल ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान 20 सीटों पर वोटिंग-काउंटिंग में गड़बड़ी के आरोप लगाकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। एडवोकेट नरेंद्र मिश्रा के माध्यम से दी गई याचिका में कहा गया था कि चुनाव आयोग ने EVM से हरियाणा में चुनाव कराए हैं। उसी के आधार पर रिजल्ट भी घोषित किए हैं। मगर, कुछ EVM 99 प्रतिशत बैटरी क्षमता पर काम कर रही थीं, जबकि कुछ 60-70 और 80 प्रतिशत से कम बैटरी क्षमता पर काम कर रही थीं। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि कुछ EVM में काउंटिंग वाले दिन भी 99 प्रतिशत बैटरी थी। वोटिंग के दौरान ही पकड़ी थी EVM की गड़बड़ी
याचिका में कहा गया कि कुछ पोलिंग स्टेशन पर वोटिंग और काउंटिंग के दौरान ही EVM की गड़बड़ी पकड़ ली गई थी। मौके पर मौजूद कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने EVM की गड़बड़ी को वहां मौजूद चुनाव अधिकारी को बताया भी था, लेकिन कांग्रेस के लोग ज्यादा नहीं थे, इसलिए उनकी सुनवाई नहीं हुई। याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि हरियाणा की 20 सीटों पर EVM में गड़बड़ी की संभावना है। उन पर दोबारा चुनाव कराए जाएं। चुनाव आयोग ने वोटिंग के बाद काउंटिंग के एक दिन पहले तक वोटिंग प्रतिशत को लगातार अपडेट किया था। इसकी जांच की जाए। याचिका में कहा गया कि मामले में सुनवाई जल्द की जाए। इसी पर आज कोर्ट में सुनवाई हुई है। मुख्य चुनाव आयुक्त कह चुके- EVM में कोई गड़बड़ी नहीं
इससे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार झारखंड और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के लिए आयोजित की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कह चुके हैं कि EVM में कोई गड़बड़ी नहीं है। उन्होंने कहा कि EVM की बैटरी कैलकुलेटर बैटरी की तरह सिंगल यूज बैटरी होती है। यह मोबाइल बैटरी की तरह नहीं है। आयुक्त ने ये भी कहा था कि EVM में एक प्रावधान है कि मशीनों को कम वोल्टेज की आवश्यकता होती है। कमिशनिंग के बाद जब मॉक पोल होता है तो शुरू में 99% बैटरी दिखती है। इसके साथ ही जब यह 7.4% से कम वोल्टेज होता है तो यह कम बैटरी दिखाता है। चुनाव आयोग को शिकायत कर कांग्रेस नेताओं ने लगाए थे आरोप… प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था- खास EVM , जिनकी बैटरी 99% चार्ज थी
हरियाणा चुनाव रिजल्ट के बाद कांग्रेस शिकायत करने दिल्ली में चुनाव आयोग के दफ्तर में पहुंची थी। जिसके बाद हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने कहा था कि हमारे पास 20 शिकायतें आईं। जिनमें 7 लिखित हैं। मतगणना के दिन कुछ खास EVM थीं, जिनकी बैटरी 99% चार्ज दिखा रही थी। इनसे BJP को ज्यादा वोट मिले। मतगणना के बाद बैटरी इतनी चार्ज नहीं रह सकती। हमारे संदेह का यह सबसे बड़ा कारण है। उन्होंने कहा था कि बाकी जो सामान्य EVM थी, उनकी बैटरी 60 से 70% थी। उसमें BJP नहीं जीत रही थी। इस बारे में हमने आयोग को बता दिया है। उन्होंने जांच पूरी होने तक EVM सील करने की मांग की थी। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा- 20 सीटों पर गड़बड़ी हुई
दिल्ली में चुनाव आयोग से शिकायत के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा भी शामिल थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि हमारे उम्मीदवारों ने EVM की बैटरी की शिकायत की। हमने चुनाव आयोग से मांग की है कि इसकी जांच करके बताइए। इस बारे में कैंडिडेट्स ने रिटर्निंग अफसर को काउंटिंग सेंटर में ही लिखित शिकायत भी दी है।
इंदौर में कांग्रेस का जंगी प्रदर्शन, नगर निगम मुख्यालय में होगा विरोध, जानें क्यों?
इंदौर में कांग्रेस का जंगी प्रदर्शन, नगर निगम मुख्यालय में होगा विरोध, जानें क्यों? <p style=”text-align: justify;”><strong>Indore Congress Protest:</strong> मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी के नेतृत्व में 6 अगस्त को नगर निगम मुख्यालय इंदौर में जंगी प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा. यह प्रदर्शन नगर निगम में चल रहे भ्रष्टाचार और घोटालों के विरोध में किया जाएगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>कांग्रेस नेता अरुण यादव, सज्जन सिंह वर्मा, सत्य नारायण पटेल भी इस प्रदर्शन में शामिल होंगे. प्रदर्शन 6 अगस्त को सुबह 10:00 बजे नगर निगम मुख्यालय में आयोजित किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसलिए हो रहा प्रदर्शन</strong><br />मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी के नेतृत्व में 6 अगस्त को नगर निगम मुख्यालय में जंगी प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा. यह प्रदर्शन नगर निगम में चल रहे भ्रष्टाचार और घोटालों के विरोध में किया जाएगा, जिसमें फर्जी फाइल का घोटाला, सड़क का घोटाला, नक्शे का घोटाला, पेंशन का घोटाला, जलकर-सम्पत्ति कर की वृद्धि, नर्सिंग व निट का घोटाला और निगम के अन्य घोटाले शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये हैं प्रदर्शन के मुख्य मुद्दे और आरोप</strong><br /><strong>फर्जी फाइल का घोटाला:</strong> नगर निगम द्वारा फर्जी फाइलों के माध्यम से धन की हेराफेरी की जा रही है.<br /><strong>सड़क का घोटाला:</strong> सड़कों के निर्माण में घोटाले किए जा रहे हैं, जिससे जनता को परेशानी हो रही है.<br /><strong>नक्शे का घोटाला:</strong> नक्शों में बदलाव करके भूमाफिया और नेताओं को फायदा पहुंचाया जा रहा है.<br /><strong>पेंशन का घोटाला:</strong> पेंशनधारियों को उनकी पेंशन नहीं मिल पा रही है, जिससे उन्हें आर्थिक परेशानी हो रही है.<br /><strong>जलकर-सम्पत्ति कर की वृद्धि:</strong> जलकर और संपत्ति कर में वृद्धि की गई है, जिससे जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है.<br /><strong>नर्सिंग व नीट का घोटाला:</strong> नर्सिंग कॉलेजों और नीट में घोटाले किए जा रहे हैं, जिससे छात्रों को परेशानी हो रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये नेता होंगे शामिल</strong><br />कांग्रेस नेता अरुण यादव, सज्जन सिंह वर्मा, सत्य नारायण पटेल इस प्रदर्शन में शामिल होंगे. प्रदर्शन सुबह 10:00 बजे नगर निगम मुख्यालय में आयोजित किया जाएगा. इंदौर नगर अध्यक्ष सुरजीत चड्ढा ने कहा कि पार्टी नगर निगम में चल रहे भ्रष्टाचार और घोटालों के विरोध में आवाज उठा रही है और जनता के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है. पार्टी के नेताओं ने कहा कि वे जनता के साथ मिलकर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ेंगे और नगर निगम में पारदर्शिता लाने के लिए प्रयास करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”‘बम भोले’ के जयकारों से गूंज रही नागद्वारी की गुफा, दुर्गम रास्ते पार करते हुए दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालु” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/sawan-somwar-celebration-in-nagdwari-gufa-devotees-came-for-darshan-ann-2753901″ target=”_blank” rel=”noopener”>’बम भोले’ के जयकारों से गूंज रही नागद्वारी की गुफा, दुर्गम रास्ते पार करते हुए दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालु</a></strong></p>
यूपी में सिपाहियों को जनवरी में मिलेगी नौकरी..ट्रेनिंग में देरी:प्रशिक्षण के लिए ढाई गुना की गई क्षमता; फिर भी करनी पड़ेगी अलग से व्यवस्था
यूपी में सिपाहियों को जनवरी में मिलेगी नौकरी..ट्रेनिंग में देरी:प्रशिक्षण के लिए ढाई गुना की गई क्षमता; फिर भी करनी पड़ेगी अलग से व्यवस्था उत्तर प्रदेश में चल रही 60,244 सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा का रिजल्ट अक्टूबर तक आ सकता है। दो से ढाई महीने में फिजिकल टेस्ट और उसके बाद कटऑफ जारी होने की उम्मीद है। यानी जनवरी तक भर्ती प्रक्रिया पूरी हो सकती है। लेकिन सबसे बड़ी चुनौती ट्रेनिंग की है। सिपाहियों की ट्रेनिंग कब शुरू होगी और फील्ड में तैनाती कब मिलेगी? कहां दिक्कत आ रही? सरकार की क्या तैयारी है? पढ़िए सिलसिलेवार… उत्तर प्रदेश में पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण के लिए सीमित संसाधन हैं। प्रदेश में पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण के लिए कुल 11 संस्थान हैं। इसके अलावा 31 रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर और 62 अस्थाई इकाइयां हैं, जहां ट्रेनिंग होती हैं। सभी को मिलाकर 13,220 पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग देने की क्षमता है। इनकी क्षमता बढ़ाकर ढाई गुना की जा रही है। फिर भी बड़ी संख्या में प्रशिक्षण के लिए दूसरे ट्रेनिंग सेंटर और अस्थाई ट्रेनिंग सेंटर की मदद लेनी पड़ेगी। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण के लिए उसी अनुपात में अन्य संसाधनों की भी जरूरत होती है। मसलन स्मार्ट क्लास की व्यवस्था, रहने, खाने-पीने की व्यवस्था, प्रशिक्षकों की व्यवस्था करनी होती है। पुलिस महकमे में अलग-अलग पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण के लिए अलग-अलग टाइम निर्धारित है। इसमें सीओ के लिए 12 महीने, कमांडेंट होमगार्ड के लिए 9 महीने, सहायक अभियोजन अधिकारी के लिए 3 महीने, उपनिरीक्षक सीधी भर्ती, प्लाटून कमांडर के लिए 12-12 महीने, गोपनीय सहायक लिपिक के लिए 6 महीने, सहायक लिपिक, सहायक लेखा लिपिक, मुख्य आरक्षी कंप्यूटर ऑपरेटर, आरक्षी नागरिक पुलिस और आरक्षी पीएसी के लिए 6-6 महीने का प्रशिक्षण निर्धारित है। यानी जो सिपाहियों की भर्ती प्रकिया चल रही है, उसमें 6 महीने का प्रशिक्षण होगा। एक साल से चल रही सिपाही भर्ती प्रक्रिया
मौजूदा भर्ती प्रक्रिया पिछले एक साल से चल रही है। सिपाही के 60,244 पदों के लिए विज्ञप्ति अक्टूबर, 2023 में निकली थी। इसी साल फरवरी में परीक्षा हुई। लेकिन पेपर लीक होने के कारण परीक्षा दोबारा करानी पड़ी। अगस्त में इसकी परीक्षा संपन्न हुई। अब संबंधित एजेंसी पहले कटऑफ जारी करेगी। इसके बाद डीवी-पीएसटी होगी। डीवी-पीएसटी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अंतिम परिणाम घोषित होंगे। फिर प्रशिक्षण की प्रक्रिया शुरू होगी। अधिकारियों का मानना है कि कटऑफ जारी होने के बाद डीवी-पीएसटी का काम पूरा होने में कम से कम दो से तीन महीने का समय और लगेगा। दिक्कत क्या आ रही?
जमीनी हकीकत यह है कि जिन प्रशिक्षण केंद्रों पर क्षमता बढ़ाई जा रही है, वहां फिलहाल कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है। जिसे पूरा होने में कम से कम 6 महीने का समय और लगेगा। क्षमता भी 38 हजार रहेगी। ऐसे में या तो सिपाहियों का प्रशिक्षण दूसरे राज्यों और केंद्रीय अर्धसैनिक बल के ट्रेनिंग सेंटरों में कराई जाए या फिर यह प्रशिक्षण दो बार में कराया जाए। ये तीन संभावानाएं बन रहीं 1- 60 हजार पुलिसकर्मियों को एक बार में प्रशिक्षण दे पाना राज्य में उपलब्ध संसाधनों को देखते हुए फिलहाल संभव नहीं लगता। मुमकिन है, इसे दो चरणों में कराया जाए। 2- दूसरे राज्यों और केंद्रीय अर्धसैनिक बल के प्रशिक्षण केंद्रों की मदद ली गई, तो एक बार में भी सभी पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा सकता है। 3- अस्थाई प्रशिक्षण केंद्रों की संख्या बढ़ाकर प्रदेश में सभी पुलिसकर्मियों को एक बार में प्रशिक्षित किया जाए। इसके लिए तीन महीने में पूरी तैयारी करनी होगी, जो मुश्किल होगी। सरकार की क्या है तैयारी?
प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार बताते हैं- हमने प्रशिक्षण की क्षमता को ढाई गुना तक बढ़ाया है। अब हमारे प्रशिक्षण केंद्रों पर 38 हजार पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित करने की क्षमता है। इसके अलावा हम अपने पीएसी और अन्य केंद्रों पर सब्सिडरी बेस पर प्रशिक्षण कराएंगे। हमारी पहली कोशिश होगी कि सभी पुलिसकर्मियों को एक साथ प्रशिक्षण दिया जाए। अभी पहले भर्ती प्रक्रिया पूरी होगी। कटऑफ लिस्ट आने के बाद कागजों की जांच और शारीरिक परीक्षण होगा। उसके बाद प्रशिक्षण का नंबर आएगा। तब तक उम्मीद की जा सकती है कि बाकी 22 हजार पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण के लिए भी हम लोग इंतजाम पूरा कर लेंगे। यानी सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो 2024 के अंत तक यह सभी 60 हजार पुलिसकर्मी व्यावहारिक प्रशिक्षण पूरा कर फील्ड में आ जाएंगे। प्रशिक्षकों के लिए चलाया जा रहा अलग कोर्स
प्रशिक्षण विभाग के एक अधिकारी ने बताया- पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देने के लिए इंस्पेक्टर रैंक के पुलिसकर्मियों को विशेष रूप से कोर्स कराया जाता है। ताकि समय-समय पर पड़ने वाली जरूरत पर उनका इस्तेमाल किया जा सके। प्रशिक्षण प्रक्रिया शुरू होने पर इनको अस्थाई रूप से संबंधित प्रशिक्षण केंद्रों पर तैनाती दी जाती है। पिछली बार दूसरे राज्यों और अर्धसैनिक बलों से लेनी पड़ी थी मदद
2018 में निकली 49,568 पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, ओड़िशा, महाराष्ट्र, राजस्थान के अलावा बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, आरएएफ के प्रशिक्षण केंद्रों पर प्रशिक्षण दिलाया गया था। ये भी पढ़ें… दिसंबर में सिपाही भर्ती का रिजल्ट…6 महीने में नौकरी; जनवरी में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और फिजिकल टेस्ट यूपी सिपाही के लिए 60 हजार 244 पदों पर भर्ती के लिए हुई लिखित परीक्षा का रिजल्ट दिसंबर के अंत तक आ जाएगा। भर्ती बोर्ड के अधिकारियों का कहना है, भर्ती की प्रक्रिया पूरी होने में कम से कम 6 महीने का समय लगेगा। बोर्ड परीक्षा की आंसर-की इसी हफ्ते वेबसाइट पर अपलोड कर देगा। लिखित परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद जनवरी तक डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन और फिजिकल स्टैंडर्ड टेस्ट होगा। पूरी खबर पढ़ें…