बिहार की राजधानी पटना का रहने वाला एक कर्मचारी बेसुध हालत में रेवाड़ी में मिला है। उसके साथ ट्रेन में लूटपाट व मारपीट करने के बाद बदमाश फरार हो गए। वह बेसुध हालात में पांच दिनों तक रेवाड़ी शहर के दिल्ली रोड स्थित जेएलएन नहर के पास पड़ा रहा। फरिश्ता बनकर पहुंचे लोगों ने घर ले जाकर उसे नहलाया, भोजन कराया और दवाइयां दी। इसके बाद उसने आपबीती बताई। मिली जानकारी के अनुसार, रेवाड़ी जिला के गांव मांढैया कलां का सुरेन्द्र सिंह रविवार को जेएलएन नहर के पास से जब जा रहा था तो उसने भीषण गर्मी में एक बेसुध युवक को लावारिश हालात में पड़ा देखा। सुरेंद्र सिंह के अनुसार, उसे पहले तो ऐसा लगा कि कोई नशेड़ी है या फिर मंदबुद्धि है। लेकिन कपड़ों व उससे बातचीत से लगा कि उसके साथ कोई वारदात हुई है। उसने युवक की मदद के लिए समाजेसवी हरिओम कालका व कामरेड राजेन्द्र सिंह से संपर्क किया। हालत ठीक होने पर आपबीती सुनाई सुरेन्द्र ने बताया कि वह बेसुध युवक को अपने घर ले गया और भीषण गर्मी से राहत दिलाने के लिए ठंडे पानी से नहलाया। कूलर के आगे आराम कराया, खाना व दवाई भी दी। धीरे-धीरे उस युवक को होश आने लगा और जब उसने आपबीती बताई तो वह भी हैरान रहा गया। उसने बताया कि वह दिल्ली की एक कंपनी में नौकरी करता है और पटना का रहने वाला है। 5 दिन पूर्व वह दिल्ली से ट्रेन में सवार होकर पटना के लिए चला था। ट्रेन में कुछ बदमाशों ने उसके साथ मारपीट करते हुए उससे नकदी, दस्तावेज व मोबाइल फोन छीन लिए। मारपीट से वह बेहोश हो गया। 5 दिन भूखा-प्यासा रहा कुछ देर बाद उसे होश तो आ गया, लेकिन दिमाग पूरी तरह काम नहीं कर रहा था। उसे नहीं पता वह नहर के पास कैसे पहुंचा। वह पांच दिन से भूखा-प्यासा पड़ा था। उसने अपना नाम शत्रुघ्न बताया और परिजनों के फोन नंबर भी बताए। सुरेन्द्र ने कहा कि बताए गए नंबरों पर जब बात की गई तो उसकी मां ने फोन उठाया और जब उसे पता चला कि उसका बेटा शत्रुघ्न ठीक है तो उसकी सांस में सांस आई और शुत्रघ्न से बात भी की। कामरेड राजेन्द्र सिंह ने बताया कि सूचना मिलने के बाद उसके परिजन उसे लेने के लिए पटना से रवाना हो चुके है। फिलहाल शत्रुघ्न सुरेन्द्र के घर पर ही है। देर शाम तक परिजनों के पहुंचने की संभावना है। पीड़ित शत्रुघ्न ने कहा कि उसे बचाने वाले किसी से फरिश्ते से कम नहीं है। यदि ये लोग मौके पर नहीं पहुंचते तो भीषण गर्मी में भूख-प्यास से उसकी मौत भी हो सकती थी। बिहार की राजधानी पटना का रहने वाला एक कर्मचारी बेसुध हालत में रेवाड़ी में मिला है। उसके साथ ट्रेन में लूटपाट व मारपीट करने के बाद बदमाश फरार हो गए। वह बेसुध हालात में पांच दिनों तक रेवाड़ी शहर के दिल्ली रोड स्थित जेएलएन नहर के पास पड़ा रहा। फरिश्ता बनकर पहुंचे लोगों ने घर ले जाकर उसे नहलाया, भोजन कराया और दवाइयां दी। इसके बाद उसने आपबीती बताई। मिली जानकारी के अनुसार, रेवाड़ी जिला के गांव मांढैया कलां का सुरेन्द्र सिंह रविवार को जेएलएन नहर के पास से जब जा रहा था तो उसने भीषण गर्मी में एक बेसुध युवक को लावारिश हालात में पड़ा देखा। सुरेंद्र सिंह के अनुसार, उसे पहले तो ऐसा लगा कि कोई नशेड़ी है या फिर मंदबुद्धि है। लेकिन कपड़ों व उससे बातचीत से लगा कि उसके साथ कोई वारदात हुई है। उसने युवक की मदद के लिए समाजेसवी हरिओम कालका व कामरेड राजेन्द्र सिंह से संपर्क किया। हालत ठीक होने पर आपबीती सुनाई सुरेन्द्र ने बताया कि वह बेसुध युवक को अपने घर ले गया और भीषण गर्मी से राहत दिलाने के लिए ठंडे पानी से नहलाया। कूलर के आगे आराम कराया, खाना व दवाई भी दी। धीरे-धीरे उस युवक को होश आने लगा और जब उसने आपबीती बताई तो वह भी हैरान रहा गया। उसने बताया कि वह दिल्ली की एक कंपनी में नौकरी करता है और पटना का रहने वाला है। 5 दिन पूर्व वह दिल्ली से ट्रेन में सवार होकर पटना के लिए चला था। ट्रेन में कुछ बदमाशों ने उसके साथ मारपीट करते हुए उससे नकदी, दस्तावेज व मोबाइल फोन छीन लिए। मारपीट से वह बेहोश हो गया। 5 दिन भूखा-प्यासा रहा कुछ देर बाद उसे होश तो आ गया, लेकिन दिमाग पूरी तरह काम नहीं कर रहा था। उसे नहीं पता वह नहर के पास कैसे पहुंचा। वह पांच दिन से भूखा-प्यासा पड़ा था। उसने अपना नाम शत्रुघ्न बताया और परिजनों के फोन नंबर भी बताए। सुरेन्द्र ने कहा कि बताए गए नंबरों पर जब बात की गई तो उसकी मां ने फोन उठाया और जब उसे पता चला कि उसका बेटा शत्रुघ्न ठीक है तो उसकी सांस में सांस आई और शुत्रघ्न से बात भी की। कामरेड राजेन्द्र सिंह ने बताया कि सूचना मिलने के बाद उसके परिजन उसे लेने के लिए पटना से रवाना हो चुके है। फिलहाल शत्रुघ्न सुरेन्द्र के घर पर ही है। देर शाम तक परिजनों के पहुंचने की संभावना है। पीड़ित शत्रुघ्न ने कहा कि उसे बचाने वाले किसी से फरिश्ते से कम नहीं है। यदि ये लोग मौके पर नहीं पहुंचते तो भीषण गर्मी में भूख-प्यास से उसकी मौत भी हो सकती थी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता बालमुकुंद का बड़ा दावा:बोले- मेरे निष्कासन लेटर पर फर्जी सिग्नेचर; हुड्डा ने बेटे को सेफ करने के लिए कांग्रेस की बलि दी
हरियाणा कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता बालमुकुंद का बड़ा दावा:बोले- मेरे निष्कासन लेटर पर फर्जी सिग्नेचर; हुड्डा ने बेटे को सेफ करने के लिए कांग्रेस की बलि दी हरियाणा कांग्रेस से पूर्व प्रवक्ता बालमुकुंद शर्मा के निष्कासन को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। पार्टी के नेता प्रतिपक्ष (CLP) नेता को लेकर दिए गए बयान के बाद पूर्व प्रवक्ता ने निष्कासन पत्र पर किए गए हस्ताक्षर को फर्जी बताया है। पूर्व प्रवक्ता बालमुकुंद शर्मा ने दावा किया है कि लेटर पर कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान के प्रिंटेड सिग्नेचर हैं। अब वह इस पूरे मामले को लेकर चंडीगढ़ पुलिस के पास जाने की बात कह रहे हैं। सुचना मिल रही है कि विधानसभा चुनाव में हारने वाले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराएंगे। अभी 2 दिन पहले ही हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने कांग्रेस नेता बाल मुकुंद शर्मा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। इसे लेकर पार्टी की ओर से एक पत्र भी जारी किया था। 8 नवंबर को बाल मुकुंद शर्मा ने दावा किया था कि इस बार पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा नेता प्रतिपक्ष नहीं बनेंगे बालमुकुंद शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में 3 बड़ी बातें कहीं… 1.प्रदेश अध्यक्ष को हार की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए
कांग्रेस से बर्खास्त किए जाने पर प्रवक्ता बाल मुकुंद शर्मा ने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि मैं तीस साल से कांग्रेस में हूं। मेरे पास कुछ दिन पहले पत्र मिला, जिसमें मुझे बर्खास्त कर दिया। जो पत्र जारी किया गया है उसमें उसमें फर्जी साइन किए हुए हैं। पार्टी जब चुनाव हार गई, मंथन का दौर चला, पार्टी में हाहाकार थी। नैतिकता के आधार पर प्रदेश अध्यक्ष को हार की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए। ना की किसी को पार्टी से बर्खास्त किया जाना चाहिए। मेरे राजनीति करियर में पहला ऐसी बार हुआ है कि किसी को बर्खास्त किया गया है। जो भी आज TV डिबेट पर जा रहे हैं कांग्रेस के ऑफिशियल प्रवक्ता नहीं हैं। 2. अशोक तंवर को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की बात चली
पूर्व प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने हार की ज़िम्मेदारी नहीं ली, चुनाव में हार के बाद मंथन चल रहा था कि प्रदेश अध्यक्ष सहित तमाम लोगों को बदला जाएगा। जिसमें अशोक तंवर को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की बात चली, इसके अलावा चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की बात चली। कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में आदित्य सुरजेवाला, दूसरा OBC चेहरा चिरंजीव राव, तीसरा मेरा नाम शामिल था, चौथा भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए गुट सही होना था। मेरा नाम कार्यकारी अध्यक्ष नाम पर आने पर मुझे निकाल दिया गया। 3. अशोक अरोड़ा नेता प्रतिपक्ष बनेंगे
कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता बालमुकुंद ने दावा किया कि मैं कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा नेता प्रतिपक्ष बनेंगे इस बात पर मैं आज भी क़ायम हूं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने बेटे को सेफ करने के लिए कांग्रेस की बलि दी। अपने बेटे को कांग्रेस सांसद बनाने के लिए चार सीटें दे दी। राहुल गांधी चाहते थे कि विधानसभा में आम आदमी पार्टी से गठबंधन हो, लेकिन जयप्रकाश अपने बेटे को कलायत से टिकट दिलवाने के चक्कर में आम आदमी पार्टी से गठबंधन नहीं होने दिया, क्योंकि आम आदमी पार्टी के नेता अनुराग ढांडा वहां से टिकट चाहते थे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने जारी पत्र में क्या कहा-
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान द्वारा जारी किए गए पत्र में लिखा है कि आप पिछले कुछ दिनों से प्रिंट/ इलेक्ट्रानिक मीडिया में अपने आपको कांग्रेस पार्टी का प्रवक्ता बता कर डिबेट आदि में भाग ले रहे हैं और कांग्रेस पार्टी के सिद्धांतों के विपरीत जाकर अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं, जबकि आप न तो कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता हैं और ना ही आपको पार्टी में कोई अन्य जिम्मेदारी सौंपी गई है। आपके द्वारा की जा रही अनर्गल बयानबाजी से न केवल पार्टी की छवि धूमिल हुई है, बल्कि आपका यह कृत्य पार्टी संविधान की घोर उल्लंघन की श्रेणी में आता है। आपके इस पार्टी विरोधी आचरण के चलते आपको पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 वर्षों के लिए तुरंत प्रभाव से निष्कासित किया जाता है और चेतावनी दी जाती है कि अगर आपने भविष्य में अपने आपको पार्टी प्रवक्ता अथवा किसी अन्य पद का हवाला देकर किसी डिबेट में भाग लिया या प्रेस में कोई बयान जारी किया तो आपके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। बालमुकुंद शर्मा से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें…
कांग्रेस नेता बोले- हुड्डा नहीं बनेंगे नेता प्रतिपक्ष, सिर्फ 2 ही नामों पर विचार हुआ; दीपेंद्र हुड्डा ने कहा- जल्द हाईकमान तय करेगा हरियाणा में कांग्रेस अभी तक विधायक दल के नेता का नाम फाइनल नहीं कर पाई है। 13 नवंबर से विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। इसी बीच शुक्रवार (8 नवंबर) को कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता बालमुकुंद शर्मा ने दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में नहीं है। (पूरी खबर पढ़ें)
हरियाणा BJP के घर बैठे नेताओं की छुट्टी होगी:RSS फीडबैक पर बदलेगा संगठन, 42 सीटों पर हार की समीक्षा, हारने की 5 वजहें
हरियाणा BJP के घर बैठे नेताओं की छुट्टी होगी:RSS फीडबैक पर बदलेगा संगठन, 42 सीटों पर हार की समीक्षा, हारने की 5 वजहें हरियाणा में लगातार तीसरी बार भले ही भाजपा ने सरकार बना ली हो, लेकिन पार्टी को 90 में से 42 सीटों पर हार भी मिली है। अब भाजपा ने इन सीटों पर हुई हार की समीक्षा भी कर ली है। एक महीने तक BJP ने हार के कारण जानने के लिए हारे उम्मीदवारों, जिलाध्यक्षों, पुराने कार्यकर्ताओं सहित RSS से भी फीडबैक लिया है। प्रदेश भाजपा इकाई ने यह रिपोर्ट पार्टी शीर्ष नेतृत्व को सौंप दी है। बताया जा रहा है कि हरियाणा में सदस्यता अभियान पूरा कर प्रदेश में संगठन के बदलाव के समय ही इन जिलों में जिलाध्यक्ष से लेकर जिला इकाई तक में बदलाव किए जाएंगे। ऐसे लोगों को किनारे लगाया जाएगा, जो पद लेकर बैठे रहे, मगर फील्ड में एक्टिव नहीं दिखे। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की रिपोर्ट की भूमिका सबसे अहम होगी। वहीं, टिकट वितरण में स्थानीय नेताओं की उपेक्षा भी हार का बड़ा कारण माना जा रहा है। इससे पार्टी में गलत मैसेज गया और कार्यकर्ता फील्ड में जाने के बजाय निष्क्रिय होकर बैठ गए। इन सब बिंदुओं को देखते हुए रिपोर्ट तैयार की गई। पार्टी के सह-प्रभारी बिप्लब देब भी भाजपा प्रदेशाध्यक्ष से इसे लेकर चर्चा कर चुके हैं। आने वाले समय में संगठन में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। संगठन मंत्री बोले- हमने समीक्षा कर ली, आगे भी करेंगे
भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री फणींद्र नाथ शर्मा ने बताया कि भाजपा हार की समीक्षा लगातार करती रही है। लोकसभा की तरह हमने विधानसभा में जिन सीटों पर हार हुई है, उनकी समीक्षा की है और रिपोर्ट शीर्ष नेतृत्व को दी है। भाजपा में समीक्षा कभी नहीं रुकती। लगातार चलती रहती है। BJP की रिपोर्ट में हार के 5 बड़े कारण… 1. पुराने नेताओं की अनदेखी
भाजपा ने कई सीटों पर पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी की, जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा। दूसरी पार्टी के कई नेताओं को चुनाव से ऐन वक्त पहले पार्टी में शामिल करवाया गया और टिकट दी, जिससे कई महीनों से फील्ड में तैयारी कर रहे नेताओं को झटका लगा और वह पूरे चुनाव में दूरी बनाकर रहे। उम्मीदवारों और संघ की रिपोर्ट में उन नेताओं के बाकायदा नाम भी लिखकर दिए गए हैं। 2. एंटी इनकम्बेंसी
चुनाव के समय प्रदेश में भाजपा के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी की चर्चा रही। चर्चा यह भी थी कि भाजपा चुनाव हार रही है और कांग्रेस जीत रही है, जिसके कारण 5 प्रतिशत स्विंग वोटर्स कांग्रेस की तरफ चला गया। यही वजह रही कि कड़े मुकाबलों वाली सीटों पर भी भाजपा हार गई। रोहतक, सिरसा और फतेहाबाद में सबसे ज्यादा वोट स्विंग हुए। सिरसा और फतेहाबाद में भाजपा विधायकों और नेताओं की कार्यशैली को लेकर भी लोगों में नाराजगी रही। 3. किसानों और जाटों में नाराजगी
किसानों और जाटों की नाराजगी का भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा। रोहतक, फतेहाबाद और सिरसा में जाट और किसान एग्रेसिव होकर भाजपा के खिलाफ वोट डालने निकले। सिरसा और फतेहाबाद की सभी 8 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की। किसान आंदोलन का सबसे ज्यादा असर इन जिलों में देखने को मिला। यहां नशाखोरी का मुद्दा भी चुनाव में छाया रहा। नशाखोरी रोकने के लिए भाजपा सरकार द्वारा किए गए इंतजाम नाकाफी नजर आए। इन सीटों पर जाटों के साथ-साथ सिख मतदाताओं की नाराजगी भी देखने को मिली। दोनों जिलों की पंजाबी बेल्ट में भाजपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। 4. टिकट वितरण में गड़बड़ी
कुछ सीटों पर टिकटों का वितरण सही तरीके से नहीं हुआ। यहां पार्टी का सर्वे विफल रहा। इन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते, जिसमें हिसार, गन्नौर जैसी सीट भी शामिल हैं। इसके अलावा सिरसा जिले में सबसे ज्यादा टिकट वितरण में गड़बड़ी हुई। मजबूत चेहरों को दरकिनार किया गया। रणजीत सिंह, आदित्य चौटाला, मीनू बेनीवाल जैसे चेहरों को पार्टी ने दरकिनार किया, जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा। 5. मेवात में मुसलमानों ने भाजपा को नकारा
मेवात की तीनों सीटों पर भाजपा कोई कमाल नहीं कर पाई। यहां नूंह दंगों का असर देखने को मिला। यहां के लोगों में BJP के खिलाफ नाराजगी दिखी। लोगों ने BJP सरकार पर क्षेत्र में विकास न होने और भेदभाव का आरोप लगाया था। BJP इन मुस्लिम बहुल इलाकों में अपना खाता भी नहीं खोल पाई। 5 जिलों में खाता नहीं खोल पाई पार्टी
भाजपा प्रदेश के 5 जिलों में अपना खाता भी नहीं खोल पाई। इन जिलों में नूंह, सिरसा, झज्जर, रोहतक और फतेहाबाद शामिल हैं। अगर बेल्ट के हिसाब से देखें तो ये जिले बागड़, देशवाल और नूंह बेल्ट में आते हैं। इन जिलों में कुल 19 विधानसभा सीटें हैं। बागड़ बेल्ट में भाजपा ने 8, कांग्रेस ने 10, इनेलो ने 2 और निर्दलीय ने 1 सीट जीती। वहीं, 2019 में भाजपा ने 8, कांग्रेस ने 4, JJP ने 5, इनेलो ने 1 और निर्दलीय ने 2 सीटें जीती थीं।
हिसार में कांग्रेस विधायक ने लगाया जनता दरबार:चंद्र प्रकाश ने SDO को किए तीन फोन, 10 दिन में शहर के हालात सुधारने के आदेश
हिसार में कांग्रेस विधायक ने लगाया जनता दरबार:चंद्र प्रकाश ने SDO को किए तीन फोन, 10 दिन में शहर के हालात सुधारने के आदेश हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान चौधरी भजनलाल का गढ़ हिलाने वाले कांग्रेस विधायक पूर्व IAS चंद्रप्रकाश ने आज जनता दरबार लगाया। इस दरबार की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें शिकायतों का समाधान करने के लिए चंद्रप्रकाश ने एसडीओ को 3 फोन किए। तीनों ही बार एसडीओ ने जवाब दिया कि हम आदमपुर से नहीं हांसी में हैं। इसके बाद चंद्रप्रकाश और कांग्रेस वर्कर एक दूसरे का मुंह देखने लगे। चंद्रप्रकाश को कार्यकर्ता ने जेई का नंबर देना चाहा मगर पूर्व IAS ने जेई से बात करना उचित नहीं समझा। इसके बाद चंद्रप्रकाश ने तमाम बड़े अधिकारियों को फोन किए और कहा कि 10 दिन में पूरे शहर की हालात सुधर जानी चाहिए। सड़कों से धूल उड़ रही है, वहां रोजाना पानी का छिड़काव होना चाहिए। स्ट्रीट लाइटों को दुरुस्त करें ताकि अंधेरे में लोगों को दिक्कत ना हो। वहीं आदमपुर के अधिकारियों का कहना है कि विधायक चंद्रप्रकाश के दौरे या जनता दरबार की उनको सूचना नहीं थी। मैंने सभी शिकायतों पर संज्ञान लिया
पूर्व आईएएस चंद्रप्रकाश ने कहा कि जो वीडियो प्रसारित किया जा रहा है वो एक भाग है, पूरे दरबार में मेरी अधिकारियों से बात हुई है। मेरी एक्सईएन पब्लिक हेल्थ, एक्सईएन इरिगेशन, मार्केट कमेटी सचिव से लेकर चंडीगढ़ में डायरेक्टर लेवल तक के अधिकारियों से बात हुई है। मैंने 10 दिन में आदमपुर की दशा सुधारने को कहा है इसके साथ ही रेगुलर मैं काम की मॉनिटरिंग भी कर रहा हूं। आदमपुर की जनता का पूरा ख्याल रखा जाएगा। पहले दिन के जनता दरबार में खूब रिस्पॉन्स आया है। पूर्व IAS ने भजनलाल का 57 साल पुराना गढ़ हिलाया
रिटायर्ड आईएएस चंद्रप्रकाश ने विधानसभा चुनाव में आदमपुर से जीत हासिल की थी और भजनलाल के 57 साल पुराने गढ़ को हिलाया। चंद्रप्रकाश ने कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को 1268 वोटों से हरा दिया। कुलदीप बिश्नोई सदलपुर और आदमपुर मंडी से कम लीड मिली। इसके कारण बिश्नोई और ओबीसी वोटरों का साथ नहीं मिला जिसके कारण भव्य बिश्नोई हार गए। हार के बाद चंद्रप्रकाश का यह पहला जनता दरबार था। बेटे की हार पर रो पड़े थे कुलदीप बिश्नोई
आदमपुर से हारने के बाद आदमपुर मंडी स्थित उनके पैतृक निवास पर भारी भीड़ उमड़ी। इस दौरान समर्थकों को संबोधित करते हुए कुलदीप बिश्नोई भावुक हो गए और रोने लगे। इसके बाद उनके समर्थकों ने कहा कि आदमपुर की जनता आपके साथ है। इस दौरान कुलदीप बिश्नोई ने कहा- ”साथियों, हमें मायूस नहीं होना है। हम बढ़िया ढंग से आगे बढ़ेंगे। चौधरी भजनलाल जी के सपनों को साकार करेंगे। आप सबने बहुत मेहनत की, मैं आप सबका आभार व्यक्त करता हूं। हम पहले की तरह आपकी सेवा करते रहेंगे।” चुनाव हारने के बाद धन्यवादी दौरा करेंगे कुलदीप बिश्नोई
जहां एक ओर अधिकारी विधायक चंद्रप्रकाश की अनदेखी करते नजर आए वहीं कुलदीप बिश्नोई दिवाली के बाद 3 नवंबर से आदमपुर का धन्यवादी दौरा करते नजर आएंगे। बात दें कि आदमपुर से उपचुनाव जीतने के बाद भव्य बिश्नोई और कुलदीप बिश्नोई ने कोई धन्यवादी दौरा नहीं किया था। मगर विधानसभा चुनाव में हार के बाद भजनलाल परिवार दोबारा लोगों से कनेक्ट करने के प्रयास में है इसको लेकर धन्यवादी दौरे का समय रखा गया है। जिन गांवों से वोट मिले और जिन गांवों में पीछे रहे सभी गांवों में बिश्नोई परिवार जाएगा और चुनाव में हार पर मंथन करेगा।