गुरदासपुर शहर के एक प्रमुख व्यवसायी से गोल्ड लोन के नाम पर लाखों की ठगी की गई है। मामला एक प्रतिष्ठित बैंक से जुड़ा है, लेकिन बैंक अधिकारी अब कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं। पीड़ित ललित कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के बाद उन्होंने 7 मार्च 2022 को अपनी पत्नी के नाम पर एक प्रतिष्ठित निजी बैंक से करीब 17 लाख रुपये का गोल्ड लोन लिया और बदले में करीब 480 ग्राम सोना जमा कराया था। इस दौरान एक अन्य निजी बैंक का कर्मचारी भी मौजूद था। बैंक कर्मचारी ने छुड़ाया सोना पीड़ित ललित ने बताया कि 12 अक्टूबर 2022 को बैंक कर्मी ने उन्हें बिना बताए लगभग 18 लाख रुपए नकद जमा करा दिए और सारा सोना बैंक से छुड़ा लिया। आश्चर्य की बात यह थी कि बैंक ने खाता धारक या उसके नामांकित व्यक्ति की उपस्थिति के बिना ही सारा सोना उसे सौंप दिया। ललित कुमार के मुताबिक इसके बाद मार्च 2023 में उक्त कर्मी ने उनसे इस लोन की किस्त के रूप में एक लाख 65 हजार रुपए ले लिए, लेकिन फिर भी उन्हें यह नहीं बताया कि उनका सोना छुड़ा लिया गया है। 3 महीने पहले कर्मचारी को किया बर्खास्त तीन महीने पहले खुलासा हुआ था कि उक्त बैंक कर्मचारी द्वारा कई लोगों के नाम पर लोन लेकर पैसों का गबन किया गया है। जिसकी शिकायत बैंक से की गई और बैंक ने उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। उन्होंने बैंक जाकर अपने सोने के बारे में पूछताछ की तो पता चला कि उनकी ऋण राशि पूरे ब्याज सहित जमा कर दी गई है और सोना वापस ले लिया गया है। लेकिन बैंक अधिकारी यह मानने को तैयार नहीं हैं कि यह सोना बैंक कर्मी ने लिया है। कुछ भी बोलने को तैयार नहीं बैंक अधिकारी हैरानी की बात तो यह है कि घोर लापरवाही और लाखों रुपए की धोखाधड़ी का मामला होने के बावजूद निजी बैंक के अधिकारी इस मामले में कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं हैं। जाहिर है, कोई भी अनजान आदमी बैंक के किसी अधिकारी की जानकारी के बिना किसी दूसरे के खाते में लाखों रुपए जमा नहीं कर सकता और उससे करीब दोगुनी कीमत का सोना नहीं ले जा सकता। यदि ऐसा हुआ है तो एक प्रतिष्ठित बैंक होने के नाते बैंक अधिकारियों को सार्वजनिक रूप से इसका जवाब देना होगा, लेकिन बैंक प्रबंधक ने पत्रकारों से मिलने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि इस बारे में उच्च अधिकारियों से परामर्श किए बिना वह कोई भी जानकारी साझा नहीं करेंगे। मामले की जांच में जुटी पुलिस वहीं मामले की जांच कर रहे डीएसपी अमोलक सिंह ने बताया कि जांच शुरू कर दी गयी है। बैंक कर्मी पर करीब एक दर्जन लोगों ने उसके नाम पर लोन लेकर पैसे हड़पने का आरोप है। जल्द ही मामला सुलझा लिया जाएगा। गुरदासपुर शहर के एक प्रमुख व्यवसायी से गोल्ड लोन के नाम पर लाखों की ठगी की गई है। मामला एक प्रतिष्ठित बैंक से जुड़ा है, लेकिन बैंक अधिकारी अब कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं। पीड़ित ललित कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के बाद उन्होंने 7 मार्च 2022 को अपनी पत्नी के नाम पर एक प्रतिष्ठित निजी बैंक से करीब 17 लाख रुपये का गोल्ड लोन लिया और बदले में करीब 480 ग्राम सोना जमा कराया था। इस दौरान एक अन्य निजी बैंक का कर्मचारी भी मौजूद था। बैंक कर्मचारी ने छुड़ाया सोना पीड़ित ललित ने बताया कि 12 अक्टूबर 2022 को बैंक कर्मी ने उन्हें बिना बताए लगभग 18 लाख रुपए नकद जमा करा दिए और सारा सोना बैंक से छुड़ा लिया। आश्चर्य की बात यह थी कि बैंक ने खाता धारक या उसके नामांकित व्यक्ति की उपस्थिति के बिना ही सारा सोना उसे सौंप दिया। ललित कुमार के मुताबिक इसके बाद मार्च 2023 में उक्त कर्मी ने उनसे इस लोन की किस्त के रूप में एक लाख 65 हजार रुपए ले लिए, लेकिन फिर भी उन्हें यह नहीं बताया कि उनका सोना छुड़ा लिया गया है। 3 महीने पहले कर्मचारी को किया बर्खास्त तीन महीने पहले खुलासा हुआ था कि उक्त बैंक कर्मचारी द्वारा कई लोगों के नाम पर लोन लेकर पैसों का गबन किया गया है। जिसकी शिकायत बैंक से की गई और बैंक ने उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। उन्होंने बैंक जाकर अपने सोने के बारे में पूछताछ की तो पता चला कि उनकी ऋण राशि पूरे ब्याज सहित जमा कर दी गई है और सोना वापस ले लिया गया है। लेकिन बैंक अधिकारी यह मानने को तैयार नहीं हैं कि यह सोना बैंक कर्मी ने लिया है। कुछ भी बोलने को तैयार नहीं बैंक अधिकारी हैरानी की बात तो यह है कि घोर लापरवाही और लाखों रुपए की धोखाधड़ी का मामला होने के बावजूद निजी बैंक के अधिकारी इस मामले में कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं हैं। जाहिर है, कोई भी अनजान आदमी बैंक के किसी अधिकारी की जानकारी के बिना किसी दूसरे के खाते में लाखों रुपए जमा नहीं कर सकता और उससे करीब दोगुनी कीमत का सोना नहीं ले जा सकता। यदि ऐसा हुआ है तो एक प्रतिष्ठित बैंक होने के नाते बैंक अधिकारियों को सार्वजनिक रूप से इसका जवाब देना होगा, लेकिन बैंक प्रबंधक ने पत्रकारों से मिलने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि इस बारे में उच्च अधिकारियों से परामर्श किए बिना वह कोई भी जानकारी साझा नहीं करेंगे। मामले की जांच में जुटी पुलिस वहीं मामले की जांच कर रहे डीएसपी अमोलक सिंह ने बताया कि जांच शुरू कर दी गयी है। बैंक कर्मी पर करीब एक दर्जन लोगों ने उसके नाम पर लोन लेकर पैसे हड़पने का आरोप है। जल्द ही मामला सुलझा लिया जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब विश्वविद्यालय ने दी 5 करोड़ की फीस सहायता:’सीखते हुए कमाओ’ योजना में छात्रों की भागीदारी बढ़ी; खेल छात्रवृत्ति में आई कमी
पंजाब विश्वविद्यालय ने दी 5 करोड़ की फीस सहायता:’सीखते हुए कमाओ’ योजना में छात्रों की भागीदारी बढ़ी; खेल छात्रवृत्ति में आई कमी पंजाब विश्वविद्यालय ने 2023-24 सत्र के दौरान 1 हजार 601 छात्रों को लगभग 5 करोड़ रुपए की फीस रियायत और छात्रवृति प्रदान की हैं। हालांकि, पिछले सत्र 2022-23 में 1,976 छात्रों को यह सुविधा दी गई थी, जो इस वर्ष घटकर 1,561 रह गई। दूसरी ओर, ‘सीखते हुए कमाओ’ योजना में सुधार हुआ है, जिसमें इस सत्र में भागीदारी और फंडिंग में वृद्धि दर्ज की गई। ‘सीखते हुए कमाओ’ योजना से लाभान्वित होने वाले छात्रों की संख्या में लगभग 16% की वृद्धि हुई है। 2022-23 में 94 छात्रों की तुलना में इस वर्ष 109 छात्रों ने इस योजना का लाभ उठाया है। वितरित धनराशि भी 28.96 लाख से बढ़कर 41.41 लाख रुपए हो गई है। इस योजना का उद्देश्य छात्रों को बेहतर शिक्षा के साथ काम के अनुभव का अवसर देना है। हालांकि, पूर्ण शुल्क रियायत के मामलों में गिरावट देखने को मिली है। 2022-23 में जहां 37 छात्रों को यह लाभ मिला था, वहीं 2023-24 में यह संख्या घटकर सिर्फ 13 रह गई। इसके साथ ही इस श्रेणी में वितरित राशि 16.04 लाख रुपए से घटकर 7.68 लाख रुपए हो गई। खेल छात्रवृत्ति में गिरावट पंजाब विश्वविद्यालय के खेल छात्रवृत्तियों में भी इस वर्ष गिरावट दर्ज की गई है। 2022-23 में जहां 175 छात्रों को खेल छात्रवृत्ति दी गई थी, वहीं 2023-24 में यह संख्या घटकर मात्र 11 रह गई। हालांकि, वितरित राशि लगभग समान रही, जो 34.99 लाख से बढ़कर 35 लाख रुपए हो गई। सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एथलीटों के प्रदर्शन में आई गिरावट के कारण खेल छात्रवृत्ति के लिए अर्हता प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या में कमी आई है। आवश्यकता-आधारित सहायता और विकलांग छात्रों के लिए छात्रवृत्ति छात्र कल्याण डीन (DSW) का कार्यालय विभिन्न श्रेणियों में छात्रों को वित्तीय सहायता और छात्रवृत्ति प्रदान करता है। इनमें आवश्यकता-आधारित सहायता, आवश्यकता-सह-योग्यता छात्रवृत्ति और विकलांग छात्रों के लिए छात्रवृत्ति शामिल हैं। इस छात्रवृत्ति का वितरण ‘छात्र छात्रवृत्ति’ समिति के अध्यक्षों की अनुशंसा के आधार पर किया जाता है। इसे नौ महीने के लिए प्रदान किया जाता है। खेल छात्रवृत्ति का आकलन खेल विभाग द्वारा किया जाता है, जिसमें विभिन्न खेल गतिविधियों में छात्रों के प्रदर्शन को ध्यान में रखा जाता है।
पंजाब का जीशान अख्तर,जिसका सिद्दीकी हत्याकांड में नाम आया:घरों में पत्थर लगाता था, पिता से मारपीट के बाद क्रिमिनल बना; 9 केस में वांटेड
पंजाब का जीशान अख्तर,जिसका सिद्दीकी हत्याकांड में नाम आया:घरों में पत्थर लगाता था, पिता से मारपीट के बाद क्रिमिनल बना; 9 केस में वांटेड मुंबई में NCP (अजित गुट) नेता बाबा सिद्दीकी की 12 अक्टूबर की रात गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस में अब तक 3 आरोपियों, हरियाणा के गुरमेल, यूपी के धर्मराज और पुणे से प्रवीण सोनकर को गिरफ्तार किया गया है। शिव और जीशान अख्तर की तलाश जारी है। जीशान पर दूसरे आरोपियों को रहने के लिए कमरा दिलाने का आरोप है। जीशान जालंधर में नकोदर के शंकर गांव का रहने वाला है। वह पत्थर लगाने का काम करता था। वह टारगेट किलिंग, हत्या, डकैती सहित 9 मामलों में वांटेड है। इसी साल वह जुलाई में जेल से बाहर आया था। गैंगस्टर लॉरेंस से मिली हिदायत के मुताबिक वह कैथल पहुंचा। यहां से 50 हजार रुपए लेकर मुंबई के लिए रवाना हो गया। जीशान के क्रिमिनल बनने की कहानी किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है। पिता के हुए अपमान का बदला लेने के लिए जीशान कैसे क्रिमिनल बना, पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड से दैनिक भास्कर ने सारी जानकारी निकलवाई। जीशान ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गैंगस्टर विक्रम बराड़ के कहने पर सौरभ महाकाल के साथ तरनतारन में पहली हत्या की थी। सौरभ महाकाल वही व्यक्ति है, जोकि सलमान खान के घर धमकी भरा पत्र फेंकने और पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में हथियार मुहैया करने से लेकर उन्हें रहने के लिए जगह मुहैया करवाने में शामिल था। मुंबई पुलिस उसे पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें जीशान के क्रिमिनल बनने की कहानी… महाराष्ट्र के मदरसे से अरबी, फारसी और उर्दू सीखी जीशान का जन्म 25 नवंबर 2003 को गांव शंकर, नकोदर (जालंधर) में हुआ है। उसके पिता मोहम्मद जमील राजमिस्त्री का काम करते हैं। उसके भाई की उम्र 27 साल है। वह भी पिता के साथ पत्थर का काम करता है। उसकी बहन की 9 साल की उम्र में डेंगू से मौत हो गई थी। जीशान ने महाराष्ट्र के एक मदरसे में अरबी, फ़ारसी और उर्दू सिखी। इसके बाद उसने यूपी के बिजनौर जिले के अफजल गढ़ गांव के मदरसे में पढ़ाई की। इसके बाद छठी क्लास में उसने शंकर गांव में गवर्नमेंट स्कूल में एडमिशन ले लिया। यहां उसने 10वीं तक पढ़ाई की। इसके बाद उसने पत्थर लगाने का काम शुरू कर दिया। पिता से हुई मारपीट का बदला लेने के चक्कर में बना क्रिमिनल वर्ष 2021 में जीशान के पिता के साथ गांव का ही रहने वाला एक युवक काम सीखता था। उस युवक ने जीशान के घर से फोन चोरी कर किसी दुकानदार को बेच दिया। दुकानदार ने जीशान के पिता को बताया कि तुम्हारे साथ काम करने वाले युवक ने तुम्हारा फोन बेचा है। जिशान के पिता ने युवक से फोन के बारे में पूछताछ तो युवक ने उनके साथ मारपीट की। जीशान को इस बात पर पता चला तो उसने पिता से हुई मारपीट का बदला लेने की ठान ली। गैंगस्टरों के संपर्क में आने के बाद पंजाब में नाम रौशन करना था पुलिस के मुताबिक जीशान सबसे पहले सोशल मीडिया के जरिए गैंगस्टर लॉरेंस के खास विक्रम बराड़ के संपर्क में आया। जीशान ने करीब 20 दिनों तक वॉट्सऐप पर विक्रम बराड़ से बातचीत की। अगस्त 2021 में विक्रम बराड़ ने जीशान को कोटकपूरा एरिया में जाने को कहा। इसके लिए जीशान में जानबूझकर घर में लड़ाई की, ताकि घरवालों को उसके जाने का दुख न हो। जीशान अपने 3 फोन और कपड़े लेकर घर से निकल गया। पैसे के लिए जीशान ने अपना एक फोन बेच दिया। सौरभ महाकाल ने 3 पिस्तौल दीं
जीशान कोटकपुरा पहुंचा और विक्रम बराड़ से बात की। कुछ देर बाद सुक्खी जैतों और भोला निहंग सिल्वर रंग की एक्सयूवी गाड़ी में जीशान को लेने आए। जिन्होंने उसके पास से फोन ले लिए और सिम को भी तोड़ दिया। दोनों फोनों को उसने कोटकपूरा में बेच दिया था। वह यहां भोला निहंग के घर रुके। यहां सौरभ महाकाल ने उसे तीन पिस्तौल दीं। सौरभ को विक्रम ने ही भेजा था। तरनतारन में चरणजीत सिंह की हत्या की
जीशान, सौरब महाकाल, भोला निहंग और सुक्खी जैतों के साथ एक्सयूवी में तरनतारन पहुंच गए। भोला निहंग ने एक घर के बाहर गाड़ी खड़ी की। जीशान भोला की बगल वाली सीट पर बैठा था। शाम के समय चाहल गांव में सुखी और महाकाल ने 7 गोलियां मारकर चरणजीत की हत्या कर दी। जीशान को बाद में पता चला कि वह एक दर्जी था, जिसकी हत्या कर दी गई। हत्या के बाद विक्रम बराड़ ने सभी फरीदकोट रेलवे स्टेशन के पास एक घर में ठहराया। एक रात इस घर में रहने के बाद अगले दिन वे सभी अलग-अलग बसों में नकोदर के अंकुश सभ्रवाल से मिले और विशाल सभग्रवाल के साथ ऋषि नगर में आ गए। यहां वह किराए पर कमरा लेकर रहे। इसके बाद जीशान ने विशाल, अंकुश सभ्रवाल, सुक्खी, सौरभ महाकाल के साथ मिलकर कपूरथला के सुल्तानपुर में पेट्रोल पंप लूटा। यहां उन्होंने फायरिंग भी की। नकोदर में अपने ही जानकार से 30 लाख फिरौती मांगी
जीशान ने नकोदर के शंकर गांव में अपने एक जानकार से करीब 30 लाख रुपए फिरौती मांगी। जिससे फिरौती मांगी गई थी, उक्त व्यक्ति का नंबर जीशान ने विक्रम बराड़ को दिया था। व्यक्ति ने फिरौती देने से इनकार किया तो जीशान ने गैंगस्टर लॉरेंस से भी फोन कराया। जिसके बाद 3 सितंबर 2021 को बराड़ के कहने पर जीशान ने अंकुश, विशाल, रोहित समेत अन्य के साथ मिलकर व्यक्ति के घर के बाहर फायरिंग की। पंजाब में दो और राजस्थान में एक जगह की लूट
जीशान ने 25 सितंबर 2021 को अपने साथियों अमनदीप, शिवा, विशाल फौजी, बेबी सुनयारा और मोहित शेहिता के साथ मिलकर जंडियाला और फगवाड़ा रोड पर एक कार देखी। अकेले व्यक्ति को देखकर इन 6 लोगों ने खुद की Sx4 कार खड़ी कर दी और उसकी कार पिस्तौल की नोक पर लूट ली। कुछ दूरी पर जाकर उन्होंने इस कार को सुनसान जगह पर खड़ा कर दिया। इसके 2 दिन बाद वह अपने साथियों के साथ राजस्थान के जोधपुर पहुंचा और वहां व्यक्ति से बाइक छीन ली। अगली वारदात उन्होंने मुकंदगढ़ में की। नवंबर 2021 में उन्होंने इनोवा गाड़ी लूटी और नकोदर लौट आए। इसे बाद 22 दिसंबर को शाहकोट में दूसरी इनोवा कार लूट ली। पहले लूटी हुई इनोवा कार को उन्होंने नकोदर में ही छोड़ दिया। पंजाब में 2 महीने रहने के बाद जीशान ने अपने साथियों के साथ मिलकर मोहाली और मोरिंडा में मेडिकल स्टोर पर 75 हजार रुपए की लूट की। लॉरेंस के हथियार सप्लायर के कहने से मध्यप्रदेश से लेकर आए 5 पिस्टल
लॉरेंस के हथियार सप्लायर गिरोह के मेन गुर्गे अनू पहलवान और पन्नू बड़ाला के कहने पर अप्रैल 2022 में जीशान मध्य प्रदेश के इंदौर से 5 पिस्टल लेकर आया। यहां से वह अपने साथियों के साथ कपूरथला चला आया। इसके बाद उसने पंजाब के अलग-अलग हिस्सों में लॉरेंस के करीबी गैंगस्टर रवि बलाचौरिया और अन्य गैंगस्टरों से बातचीत की और उनके साथ कई बार मुलाकात की। फगवाड़ा में शिवसेना नेता की करनी थी हत्या
विक्रम बराड़ के कहने पर जीशान ने अपने साथियों के साथ मिलकर फगवाड़ा में शिवसेना नेता की रेकी की थी। रेकी के बाद विक्रम बराड़ ने तय किया कि हत्या करने के लिए अंकुश, जीशान, बेबी, सुकखी, महाकाल, विशाल सभ्रवाल, रोहित सहोता, रोहित कपूरथला जाएंगे। इसी बीच विक्रम बराड़ के घर पर पंजाब पुलिस की टीम ने छापेमारी कर दी। जिसके बाद हत्या का प्लान टाल दिया गया। बाद में जालंधर देहात पुलिस के तत्कालीन इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह कंबोज ने सौरभ महाकाल को छोड़कर जीशान और उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद जून 2024 में वह जमानत पर जेल से बाहर आया था।
पंजाब सरकार पर 1026 करोड़ का जुर्माना:NGT ने दिए आदेश, सीवेज डिस्चार्ज और सोलिड वेस्ट प्रबंध नहीं हुआ, 1 महीने का समय
पंजाब सरकार पर 1026 करोड़ का जुर्माना:NGT ने दिए आदेश, सीवेज डिस्चार्ज और सोलिड वेस्ट प्रबंध नहीं हुआ, 1 महीने का समय नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अपने हालिया आदेश में पुराने कचरे के साथ-साथ अनुपचारित सीवेज डिस्चार्ज के प्रबंधन के लिए उचित कदम उठाने में विफल रहने के लिए पंजाब सरकार पर 1026 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। आदेशों में, एनजीटी ने मुख्य सचिव के माध्यम से पंजाब राज्य को एक महीने के भीतर सीपीसीबी के साथ पर्यावरण मुआवजे के लिए 1026 करोड़ रुपए जमा करने और एक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। मामला लुधियाना नगर कौसिंल से भी जुड़ा है। 53.87 लाख टन कूड़े के निपटारे को लगेंगे 10 साल NGT ने बताया है कि राज्य में पुराना कचरा 53.87 लाख टन पड़ा हुआ है। दो वर्ष पहले यह आंकड़ा 66.66 लाख टन था। इन दो वर्षों के दौरान मात्र 10 लाख टन कचरे का निस्तारण हो सकता है। एनजीपी मुताबिक जिस गति से काम चल रहा है, उससे स्पष्ट होता है कि बचा 53.87 लाख टन कचरा निपटाने में लगभग 10 साल का समय लग जाएगा। वहीं 31406 लाख लीटर सीवरेज पानी साफ करना रहता है। इससे पहले सितंबर 2022 में, एनजीटी ने अनुपचारित सीवेज और ठोस अपशिष्ट के निर्वहन को रोकने में विफलता के लिए पंजाब सरकार पर कुल 2180 करोड़ रुपए का मुआवजा लगाया था और पंजाब सरकार ने अब तक केवल 100 करोड़ रुपए जमा किए हैं। आदेश का अनुपालन करने में रहे विफल एनजीटी ने अपने ताजा आदेश में आगे कहा कि चूंकि मुख्य सचिव 2080 करोड़ रुपए के रिंग-फेंस खाते के निर्माण के संबंध में 22 सितंबर, 2022 के ट्रिब्यूनल के आदेश का अनुपालन करने में भी विफल रहे हैं, इसलिए यह स्पष्ट है कि इस ट्रिब्यूनल का आदेश रद्द कर दिया गया है। अवहेलना और अवज्ञा की, जो एनजीटी अधिनियम 2010 की धारा 26 के तहत अपराध है। आदेश में आगे कहा गया है कि जल अधिनियम, 1974 की धारा 24 के लगातार उल्लंघन और गैर-अनुपालन और जनादेश का उल्लंघन भी उक्त अधिनियम की धारा 43 के तहत एक अपराध है और जब अपराध सरकारी विभाग द्वारा होता है, तो धारा 48 भी आकर्षित होती है, जो घोषित करती है कि विभागाध्यक्ष को अपराध का दोषी माना जाएगा और उसके विरुद्ध मुकदमा चलाया जाएगा और दंडित किया जाएगा। 1 महीने में देना है जवाब एनजीटी ने मुख्य सचिव, पंजाब राज्य और प्रधान सचिव/अतिरिक्त मुख्य सचिव, शहरी विकास को नोटिस जारी कर यह बताने को कहा है कि जल अधिनियम, 1974 की धारा 43 और 48 के साथ पढ़ी जाने वाली धारा 24 के तहत अपराध करने और गैर-अनुपालन के लिए मुकदमा क्यों चलाया जाए। एनजीटी अधिनियम, 2010 की धारा 26 के तहत ट्रिब्यूनल के आदेश को उचित फोरम में शुरू नहीं किया जाना चाहिए। एनजीटी ने जवाब दाखिल करने के लिए एक महीने की समयावधि प्रदान की। मामला अगली बार 27 सितंबर को सूचीबद्ध है।