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बेसिक की 1.25 लाख छात्राएं होंगी फाइनेंसियली लिटरेट:3000 नोडल टीचर देने ट्रेनिंग, वास्तविक जीवन के मिलेंगे टास्क
बेसिक की 1.25 लाख छात्राएं होंगी फाइनेंसियली लिटरेट:3000 नोडल टीचर देने ट्रेनिंग, वास्तविक जीवन के मिलेंगे टास्क यूपी के परिषदीय विद्यालयों की 1.25 लाख छात्राएं बहुत जल्द वित्तीय साक्षरता होंगी। उनकी फाइनेंसियल लिटरेसी को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। 31 दिसंबर तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है। इस पहल का उद्देश्य स्कूली छात्राओं के फाइनेंसियल नॉलेज यानी वित्तीय ज्ञान और प्रबंधन कौशल से सशक्त बनाना है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और आर्थिक रूप से जागरूक हो सकें। मिशन शक्ति की पहल मिशन शक्ति के अंतर्गत योगी सरकार का लक्ष्य 80 हजार कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी), 35 हजार पीएम श्री योजना के विद्यालयों और 10 हजार अन्य उच्च प्राथमिक विद्यालयों की बालिकाओं को वित्तीय शिक्षा देना है। यूनिसेफ कर रहा सपोर्ट यूनिसेफ के तकनीकी सहयोग से चलने वाले इस अभियान में बालिकाओं को बचत, बैंकिंग, डिजिटल पेमेंट, बीमा और अन्य वित्तीय विषयों की जानकारी देकर उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने का प्रयास किया जाएगा। शिक्षकों की ट्रेनिंग पूरी अभियान की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए 28 अक्टूबर को यूनिसेफ के सहयोग से 2200 शिक्षकों की ट्रेनिंग का काम पूरा कर लिया गया है। 30 नवंबर तक 3000 नोडल शिक्षकों का प्रशिक्षण भी पूरा करने की योजना है, जो बाद में बालिकाओं को वित्तीय साक्षरता का प्रशिक्षण देंगे। यह होगा प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और सामग्री इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बालिकाओं को विभिन्न वित्तीय अवधारणाएं, धन का प्रबंधन, डिजिटल भुगतान, बीमा और जोखिम प्रबंधन, मुद्रा की पहचान, और वित्तीय धोखाधड़ी से बचाव के उपायों की जानकारी दी जाएगी। साथ ही, करियर जागरूकता के तहत भविष्य के रोजगार अवसरों से भी परिचित कराया जाएगा। सीखेंगी बेटियां 1. परिवार की कुल आय के अनुसार खर्च प्रबंधन के माध्यम से भविष्य की आवश्यकताओं को संयमित करने के तरीके सिखाए जाएंगे। व्यावहारिक गतिविधियों द्वारा उन्हें वास्तविक जीवन के टास्क दिए जाएंगे। 2. अनावश्यक खर्चों में कटौती और बचत बढ़ाने के तरीके सिखाए जाएंगे। 3. आय से बचत योजना बनाने के गुण सिखाए जाएंगे ताकि बड़े खर्चों के लिए पर्याप्त धनराशि जुटाई जा सके। 4. बैंक खाता खोलना, बैंकिंग सेवाओं की जानकारी, और आपात स्थितियों के लिए बचत का महत्व समझाया जाएगा। चेक बुक, एटीएम कार्ड, ब्याज, सावधि और आवर्ती जमा के विषय में जानकारी दी जाएगी। 5. कहानियां, गतिविधियां और बैंक भ्रमण के माध्यम से बालिकाओं को व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया जाएगा। बेटियों को मिलेगा प्रमाण-पत्र प्रशिक्षण समाप्ति के बाद बालिकाओं को प्रमाण-पत्र दिए जाएंगे, जो उनके कौशल को प्रमाणित करेंगे और आत्मविश्वास बढ़ाएंगे। आर्थिक मजबूती देना है मकसद बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने कहा कि यह अभियान बालिकाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 31 दिसंबर तक प्रशिक्षण पूरा करने की कोशिशें तेजी से जारी हैं। योगी सरकार की यह पहल बालिकाओं को वित्तीय साक्षरता में दक्ष बनाकर उनकी आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में एक बड़ा कदम है।
खालिस्तान समर्थन सांसद अमृतपाल के साथी सहित 4 गिरफ्तार:पिस्टल- कारतूस और हेरोइन बरामद; जेल में हुई हत्यारोपी से मुलाकात
खालिस्तान समर्थन सांसद अमृतपाल के साथी सहित 4 गिरफ्तार:पिस्टल- कारतूस और हेरोइन बरामद; जेल में हुई हत्यारोपी से मुलाकात जालंधर में कमिश्नरेट पुलिस ने वारिस पंजाब दे के प्रमुख और श्री खडूर साहिब लोकसभा सीट से सांसद अमृतपाल सिंह के निजी गनमैन रहे गुरभेज सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों को पुलिस ने अवैध हथियार रखने, मादक पदार्थों की तस्करी, जबरन वसूली और अन्य आरोपों में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा ने बताया कि, यह रैकेट राज्य में सक्रिय था और कानून व्यवस्था को बाधित करने के लिए एक बड़े ऑपरेशन की योजना बना रहा था। आरोपियों की पहचान लखविंदर सिंह निवासी गांव हैबोवाल (गढ़शंकर), गुरभेज सिंह निवासी गांव गुडारा (फिरोजपुर), सतिंदर सिंह उर्फ काला, हरदेव सिंह निवासी गांव पलाही (होशियारपुर) और भरत उर्फ भाऊ पट्टी, तरनतारन के रूप में हुई है। पुलिस ने गुरभेज को जेल भेज दिया है। वहीं, बाकियों को जल्द कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। दो बड़े नशा तस्करों के साथ लिंक में था गुरभेज पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा ने कहा कि, लखविंदर सिंह और हर्षदीप सिंह ड्रग्स और हथियारों का बड़ा नेटवर्क चलाते हैं। उसे अमृतपाल सिंह (वारिस पंजाब के) के करीबी सहयोगी गुरभेज सिंह से मिलता था। गुरभेज सिंह पहले अमृतपाल मामले और अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला मामले में कपूरथला जेल में था। जहां उसकी मुलाकात लखविंदर सिंह उर्फ लक्खी से हुई। जो पहले से ही एक हत्या के मामले में जेल में था। आरोपी के खिलाफ पुलिस ने आर्म्स एक्ट और एनडीसीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है। थाना नवी बारादरी की पुलिस ने ये मामला दर्ज किया है। पुलिस ने 12 बोर के 10 कारतूस, 315 बोर के आठ कारतूस, 100 ग्राम हेरोइन बरामद की गई है।
जालंधर उपचुनाव में कांग्रेस का दलबदलू नेताओं पर हमला:बोली- ये सबसे बड़ा मुद्दा, अंगुराल-महिंदर पर निशाना; CM भी क्षेत्र में डटे
जालंधर उपचुनाव में कांग्रेस का दलबदलू नेताओं पर हमला:बोली- ये सबसे बड़ा मुद्दा, अंगुराल-महिंदर पर निशाना; CM भी क्षेत्र में डटे पंजाब के जालंधर में उपचुनाव को लेकर वोटिंग के लिए सिर्फ 5 दिन बाकी है। सभी पार्टियों द्वारा एक दूसरे पर आरोप लगाए जा रहे हैं। आम आदमी पार्टी के पास जहां एक तरफ राज्य सरकार की पावर है। वहीं, बीजेपी आम आदमी पार्टी के नेताओं को पोल खोलने की बात कर रही है। ऐसे में कांग्रेस के पास इस वक्त का सबसे बड़ा मुद्दा दल बदल कर आप और बीजेपी में शामिल हुए नेताओं और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली बढ़त का है। बता दें कि बीजेपी और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार दल बदल कर आए हैं। अंगुराल और महिंदर भगत पर निशाना शीतल अंगुराल आम आदमी पार्टी के विधायक थे और मोहिंदर भगत भाजपा के पूर्व मंत्री भगत चुन्नी लाल के बेटे हैं। भगत खुद भाजपा की टिकट पर वेस्ट हलके से विधानसभा चुनाव लड़ते थे। लेकिन आज तक उन्हें जीत नहीं मिली है। ऐसे में दोनों नेताओं के दलबदलू रवैये से कांग्रेस हमलावर है और लोगों के बीच यही मुद्दा उठ रहा है कि अगर उक्त नेता अपनी पार्टी के साथ नहीं हैं तो आपकी पार्टी के साथ क्या करेंगे। इस संबंध में कांग्रेस के सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्टर भी शेयर किए गए हैं, जिसमें भाजपा और आप प्रत्याशियों को दलबदलू बताया गया है। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी पिछले तीन दशक से कांग्रेस के साथ हैं और उन्हें जालंधर की बेटी बताया गया है। उपचुनाव को लेकर परिवार सहित फिल्ड में CM मान जालंधर वेस्ट में हो रहे उप-चुनाव को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान परिवार समेत डटे हुए हैं। उन्होंने यहां किराए पर घर लिया है। पत्नी-बेटी समेत शिफ्ट हो चुके हैं। रोज सीएम भगवंत मान और उनकी पत्नी डॉ. गुरप्रीत कौर तक प्रचार कर रही हैं। डॉ. गुरप्रीत कौर पहले किराए पर लिए घर में जनता दरबार लगाती हैं। फिर वहां से फ्री होने के बाद डोर टू डोर प्रचार करने पहुंच जाती हैं। स्थिति यह है कि यहां से AAP के कैंडिडेट मोहिंदर भगत से ज्यादा प्रचार CM फैमिली ही कर रही है। इस सीट पर 10 जुलाई को वोटिंग होनी है। एक विधानसभा मुख्यमंत्री पूरे परिवार समेत क्यों डटे हुए है? यह सवाल पूरे राज्य की ज़ुबान पर है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट इसकी बड़ी वजह लोकसभा चुनाव में हार को मानते हैं। उनका मानना है कि अगर यह सीट भी हार गए तो फिर यह कहा जाएगा कि राज्य सरकार से लोगों का मोह भंग हो गया है। CM भगवंत मान नहीं चाहते कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद यह सीट हारने से उनकी सरकार के कामकाज का आकलन हो। जालंधर वेस्ट सीट पर उप-चुनाव क्यों हो रहा? 2022 के विधानसभा चुनाव में जालंधर वेस्ट सीट AAP के उम्मीदवार शीतल अंगुराल ने जीती थी, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले अंगुराल BJP में शामिल हो गए। उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, लोकसभा चुनाव की 1 जून की वोटिंग से पहले अंगुराल ने 29 मई को स्पीकर से इस्तीफा वापस लेने की बात कही, लेकिन तब तक इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया। इस चुनाव में अंगुराल को BJP ने टिकट दी है। AAP ने अकाली-भाजपा सरकार में मंत्री रहे भगत चुन्नीलाल के बेटे मोहिंदर भगत को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने पूर्व डिप्टी मेयर सुरिंदर कौर को टिकट दी है।