गुरुग्राम में आधी रात के बाद तेज आंधी के साथ हुई झमाझम बारिश ने शहर की व्यवस्था को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया। दो घंटे की मूसलाधार बारिश ने जहां लोगों को भीषण गर्मी से राहत दी, वहीं सड़कों पर जलभराव ने प्रशासन की मानसून पूर्व तैयारियों की पोल खोल दी। शहर के कई इलाकों में सड़कों और गलियों में घुटनों तक पानी भर गया। रात करीब 1 बजे तेज हवा के साथ बिजली की गडगडाहट शुरू हो गई। कुछ ही देर में बारिश और आंधी ने गुरुग्राम को जलमग्न कर दिया। दिल्ली-जयपुर हाईवे, खांडसा, नरसिंहपुर, और सोहना रोड जैसे प्रमुख मार्गों पर जलभराव के कारण जाम की स्थिति बन गई। तीन विभागों की प्लानिंग फेल, नरसिंगपुर में फिर जलभराव अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा एनएच 48 पर नरसिंगपुर में फिर देखने को मिला। यहां तमाम दावों के बीच सर्विस लेन पर फिर से डेढ़ से दो फीट पानी भर गया। सुबह के समय लोग पानी से निकलते नजर आए तो कार भी आधी डूबी दिखाई दी। इस प्वाइंट को लेकर जिला उपायुक्त से लेकर मंत्री तक ने अधिकारियों की जिम्मेदारी लगाई थी, लेकिन नगर निगम, जीएमडीए और एनएचएआई की प्लानिंग फेल हो गई। बारिश के सात घंटे बाद तक यहां सर्विस लेन से पानी की निकासी नहीं हो पाई। वाटर लॉगिंग को लेकर होने वाली हर मीटिंग में इस प्वाइंट की चर्चा होती है, लेकिन प्री मानसून की बारिश का पानी भी नहीं निकाला जा सका। ऐसे में मानसून में फिर से हालत बिगड़ने की संभावना है। चार तस्वीरों में देखें नरसिंग पुर के हालात मौसम सुहावना हुआ लोग जब सोकर उठे तो उन्हें मौसम सुहावना मिला, लेकिन जलभराव ने परेशान कर दिया। लोगों ने सोशल मीडिया पर प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाए, क्योंकि मॉनसून से पहले नालों की सफाई के दावे हकीकत में नाकाम साबित हुए। एक महीने से अधिकारी काट रहे चक्कर नगर निगम और गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमडीए) ने मॉनसून से पहले जलभराव की समस्या से निपटने के लिए कई तैयारियों का दावा किया था। नवनियुक्त निगम कमिश्नर प्रदीप दहिया ने अधिकारियों को जलभराव के स्थायी समाधान के लिए निर्देश दिए थे। हालांकि, ताजा बारिश ने इन दावों को फेल कर दिया। ओल्ड सिटी और नए गुरुग्राम के कई इलाकों में सड़कों पर पानी भर गया। निचले इलाकों में भरा पानी स्थानीय निवासियों ने बताया कि बारिश के कारण दूषित पानी सड़कों पर बह रहा था, जिससे बदबू और बीमारियों का खतरा बढ़ गया। एक निवासी ने एक्स पर लिखा कि हर बारिश में गुरुग्राम डूब जाता है, फिर भी प्रशासन कुछ नहीं करता। सेक्टर 10 में सड़कें डूबी सेक्टर 10 इलाके में सुबह जब लोग घरों से बाहर निकले तो उन्हें सड़कों पर पानी भरा मिला। ज्ञान देवी स्कूल के पास एक ऐसा नाला है जो बच्चों के लिए भी काफी खतरनाक है। लोगों का कहना है कि एक साल से स्वच्छ भारत ऐप पर पोस्ट करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। मौसम विभाग ने दी थी चेतावनी मौसम विभाग ने पहले ही गुरुग्राम सहित हरियाणा के कई जिलों में तेज हवाओं और बारिश की चेतावनी दी थी। ताजा बारिश ने तापमान में गिरावट तो लाई, लेकिन जलभराव ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी। गुरुग्राम में आधी रात के बाद तेज आंधी के साथ हुई झमाझम बारिश ने शहर की व्यवस्था को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया। दो घंटे की मूसलाधार बारिश ने जहां लोगों को भीषण गर्मी से राहत दी, वहीं सड़कों पर जलभराव ने प्रशासन की मानसून पूर्व तैयारियों की पोल खोल दी। शहर के कई इलाकों में सड़कों और गलियों में घुटनों तक पानी भर गया। रात करीब 1 बजे तेज हवा के साथ बिजली की गडगडाहट शुरू हो गई। कुछ ही देर में बारिश और आंधी ने गुरुग्राम को जलमग्न कर दिया। दिल्ली-जयपुर हाईवे, खांडसा, नरसिंहपुर, और सोहना रोड जैसे प्रमुख मार्गों पर जलभराव के कारण जाम की स्थिति बन गई। तीन विभागों की प्लानिंग फेल, नरसिंगपुर में फिर जलभराव अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा एनएच 48 पर नरसिंगपुर में फिर देखने को मिला। यहां तमाम दावों के बीच सर्विस लेन पर फिर से डेढ़ से दो फीट पानी भर गया। सुबह के समय लोग पानी से निकलते नजर आए तो कार भी आधी डूबी दिखाई दी। इस प्वाइंट को लेकर जिला उपायुक्त से लेकर मंत्री तक ने अधिकारियों की जिम्मेदारी लगाई थी, लेकिन नगर निगम, जीएमडीए और एनएचएआई की प्लानिंग फेल हो गई। बारिश के सात घंटे बाद तक यहां सर्विस लेन से पानी की निकासी नहीं हो पाई। वाटर लॉगिंग को लेकर होने वाली हर मीटिंग में इस प्वाइंट की चर्चा होती है, लेकिन प्री मानसून की बारिश का पानी भी नहीं निकाला जा सका। ऐसे में मानसून में फिर से हालत बिगड़ने की संभावना है। चार तस्वीरों में देखें नरसिंग पुर के हालात मौसम सुहावना हुआ लोग जब सोकर उठे तो उन्हें मौसम सुहावना मिला, लेकिन जलभराव ने परेशान कर दिया। लोगों ने सोशल मीडिया पर प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाए, क्योंकि मॉनसून से पहले नालों की सफाई के दावे हकीकत में नाकाम साबित हुए। एक महीने से अधिकारी काट रहे चक्कर नगर निगम और गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमडीए) ने मॉनसून से पहले जलभराव की समस्या से निपटने के लिए कई तैयारियों का दावा किया था। नवनियुक्त निगम कमिश्नर प्रदीप दहिया ने अधिकारियों को जलभराव के स्थायी समाधान के लिए निर्देश दिए थे। हालांकि, ताजा बारिश ने इन दावों को फेल कर दिया। ओल्ड सिटी और नए गुरुग्राम के कई इलाकों में सड़कों पर पानी भर गया। निचले इलाकों में भरा पानी स्थानीय निवासियों ने बताया कि बारिश के कारण दूषित पानी सड़कों पर बह रहा था, जिससे बदबू और बीमारियों का खतरा बढ़ गया। एक निवासी ने एक्स पर लिखा कि हर बारिश में गुरुग्राम डूब जाता है, फिर भी प्रशासन कुछ नहीं करता। सेक्टर 10 में सड़कें डूबी सेक्टर 10 इलाके में सुबह जब लोग घरों से बाहर निकले तो उन्हें सड़कों पर पानी भरा मिला। ज्ञान देवी स्कूल के पास एक ऐसा नाला है जो बच्चों के लिए भी काफी खतरनाक है। लोगों का कहना है कि एक साल से स्वच्छ भारत ऐप पर पोस्ट करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। मौसम विभाग ने दी थी चेतावनी मौसम विभाग ने पहले ही गुरुग्राम सहित हरियाणा के कई जिलों में तेज हवाओं और बारिश की चेतावनी दी थी। ताजा बारिश ने तापमान में गिरावट तो लाई, लेकिन जलभराव ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
