रामानंद सागर के रामायण सीरियल में ‘राम’ की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल को 4 जून से नई पहचान मिली। अब वो मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से भाजपा के नवनिर्वाचित सांसद हैं। उन्होंने सपा प्रत्याशी सुनीता वर्मा को 10 हजार 585 वोटों से हराकर जीत दर्ज की। अरुण गोविल ने जीत के बाद पहली बार उन्होंने दैनिक भास्कर से बातचीत की। कहा- मैं मेरठ का था, हूं और रहूंगा। यहां की जनता को मुझसे मिलने मुंबई नहीं आना पड़ेगा। मैं यहीं मेरठ में सबके बीच रहकर काम करूंगा। जीत का अंतर बहुत कम होने पर उन्होंने कहा- कुछ तो फैक्टर रहे होंगे, जो ऐसा हुआ। उनका एनालिसिस करूंगा। वहीं, ‘दोहरे चरित्र’ वाले पोस्ट पर कहा- ‘वो थॉट ऑफ द’ डे था। पढ़िए अरुण गोविल का पूरा इंटरव्यू… सवाल- जीत के बाद मेरठ की जनता से क्या कहेंगे?
जवाब- मैं मेरठ की जनता का बहुत शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। उनका मुझे पूरा सहयोग मिला। सभी भाइयों-बहनों, मतदाताओं, भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को धन्यवाद देता हूं। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का धन्यवाद करूंगा, जिन्होंने मुझे इस लायक समझा। मुझे यहां से यह जिम्मेदारी दी। मैं पूरा प्रयास करूंगा कि इस जिम्मेदारी को अपनी योग्यता, क्षमता के मुताबिक पूरा कर सकूं। सवाल- चुनाव के दौरान सवाल उठा कि आप जीतने के बाद मेरठ में नहीं रहेंगे?
जवाब- मैं यही कहूंगा, मैं मेरठ का था, मेरठ का हूं और मेरठ का ही रहूंगा। सवाल- जनता आपसे कहां संपर्क करे, मेरठ या मुंबई?
जवाब- मुझसे ऐसे सवाल आप क्यों पूछते हैं? मुझे मीडिया से बहुत शिकायत है इस बात की। मैं सीधी बात कर रहा हूं, मैं मेरठ के लिए चुना गया हूं। जनता को मुझसे मिलना होगा तो वो मुंबई नहीं आएगी, मुझे ही यहां रहना होगा। मैं रहूंगा। मैं कह रहा हूं, मैं मेरठ का था यहीं का रहूंगा। जनता को मुझसे मिलना होगा तो मेरठ में ही मिलूंगा। सवाल- मेरठ के लिए कोई प्रमुख 2 काम, जो सबसे पहले कराने हैं?
जवाब- काम तो बहुत हैं, लेकिन बड़े कामों में रिंग रोड पूरा करना है। खेल का स्टेडियम यहां नहीं है और एयरपोर्ट यहां नहीं है। ये दो से तीन चीजें ऐसी हैं, जिनकी तुरंत जरूरत है, जो करनी हैं। काफी दिनों से इन प्रोजेक्ट्स की मांग हो रही है। मेरी पहली कोशिश रहेगी, इन कामों को जल्द से जल्द करा दूं। बाकी रोजमर्रा की प्रॉब्लम्स जो किसी भी शहर में होती हैं, उनको दूर करेंगे। विकास एक प्रक्रिया है, जो हमेशा चलती रहती है और चलती रहेगी। काम कभी खत्म नहीं होते। डेवलपमेंट का एक काम पूरा होता है, तब तक दूसरे का रिटायरमेंट आ जाता है। वो भी करेंगे। सवाल- चर्चा है एनडीए की सरकार बनी, तो आपको मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है?
जवाब- मुझे इस तरह की कोई सूचना या संकेत नहीं हैं, क्या होगा? लेकिन जो भी होगा, सब अच्छा होगा। सवाल- आपकी जीत का मार्जिन आपके नाम और स्टारडम से बहुत कम है?
जवाब- कुछ फैक्टर्स तो जरूर रहेंगे जो ऐसा हुआ। वो क्या रहे होंगे, इस पर एनालिसिस करना होगा। हम लोग उस पर सोचेंगे, उस पर मंथन भी करेंगे। अभी इस पर कुछ सोचा नहीं है। सवाल- मेरठ में मतदान के बाद आप काफी दिन साइलेंट रहे?
जवाब- ये मेरे ऊपर नहीं होता, ये पार्टी डिसाइड करती है। किस व्यक्ति को कहां भेजना है, इसमें मेरा कोई रोल नहीं है। पार्टी ने मुझे जब बंगाल, उड़ीसा, दिल्ली या वाराणसी भेजा तो मैं वहां गया। बीच में क्यों नहीं भेजा, ये पार्टी का निर्णय होता है। मैं इसमें दखल भी नहीं देना चाहता। जो जिसका काम है, वो अपना काम कर रहा। सवाल- मतदान के बाद आपने एक पोस्ट किया, जो काफी विवादित रहा?
जवाब- ऐसा कुछ नहीं था, पिछले 3 सालों से लगभग हर रोज एक पोस्ट हमारे यहां से होता रहा है। जिसे आप ‘थॉट ऑफ द’ डे कह सकते हैं। उसी क्रम में वो पोस्ट भी शेयर किया गया, लेकिन उसको गलत कांटेस्ट में ले लिया गया। इससे ज्यादा वो कुछ नहीं था, ‘दैट इज ऑल’। रामानंद सागर के रामायण सीरियल में ‘राम’ की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल को 4 जून से नई पहचान मिली। अब वो मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से भाजपा के नवनिर्वाचित सांसद हैं। उन्होंने सपा प्रत्याशी सुनीता वर्मा को 10 हजार 585 वोटों से हराकर जीत दर्ज की। अरुण गोविल ने जीत के बाद पहली बार उन्होंने दैनिक भास्कर से बातचीत की। कहा- मैं मेरठ का था, हूं और रहूंगा। यहां की जनता को मुझसे मिलने मुंबई नहीं आना पड़ेगा। मैं यहीं मेरठ में सबके बीच रहकर काम करूंगा। जीत का अंतर बहुत कम होने पर उन्होंने कहा- कुछ तो फैक्टर रहे होंगे, जो ऐसा हुआ। उनका एनालिसिस करूंगा। वहीं, ‘दोहरे चरित्र’ वाले पोस्ट पर कहा- ‘वो थॉट ऑफ द’ डे था। पढ़िए अरुण गोविल का पूरा इंटरव्यू… सवाल- जीत के बाद मेरठ की जनता से क्या कहेंगे?
जवाब- मैं मेरठ की जनता का बहुत शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। उनका मुझे पूरा सहयोग मिला। सभी भाइयों-बहनों, मतदाताओं, भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को धन्यवाद देता हूं। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का धन्यवाद करूंगा, जिन्होंने मुझे इस लायक समझा। मुझे यहां से यह जिम्मेदारी दी। मैं पूरा प्रयास करूंगा कि इस जिम्मेदारी को अपनी योग्यता, क्षमता के मुताबिक पूरा कर सकूं। सवाल- चुनाव के दौरान सवाल उठा कि आप जीतने के बाद मेरठ में नहीं रहेंगे?
जवाब- मैं यही कहूंगा, मैं मेरठ का था, मेरठ का हूं और मेरठ का ही रहूंगा। सवाल- जनता आपसे कहां संपर्क करे, मेरठ या मुंबई?
जवाब- मुझसे ऐसे सवाल आप क्यों पूछते हैं? मुझे मीडिया से बहुत शिकायत है इस बात की। मैं सीधी बात कर रहा हूं, मैं मेरठ के लिए चुना गया हूं। जनता को मुझसे मिलना होगा तो वो मुंबई नहीं आएगी, मुझे ही यहां रहना होगा। मैं रहूंगा। मैं कह रहा हूं, मैं मेरठ का था यहीं का रहूंगा। जनता को मुझसे मिलना होगा तो मेरठ में ही मिलूंगा। सवाल- मेरठ के लिए कोई प्रमुख 2 काम, जो सबसे पहले कराने हैं?
जवाब- काम तो बहुत हैं, लेकिन बड़े कामों में रिंग रोड पूरा करना है। खेल का स्टेडियम यहां नहीं है और एयरपोर्ट यहां नहीं है। ये दो से तीन चीजें ऐसी हैं, जिनकी तुरंत जरूरत है, जो करनी हैं। काफी दिनों से इन प्रोजेक्ट्स की मांग हो रही है। मेरी पहली कोशिश रहेगी, इन कामों को जल्द से जल्द करा दूं। बाकी रोजमर्रा की प्रॉब्लम्स जो किसी भी शहर में होती हैं, उनको दूर करेंगे। विकास एक प्रक्रिया है, जो हमेशा चलती रहती है और चलती रहेगी। काम कभी खत्म नहीं होते। डेवलपमेंट का एक काम पूरा होता है, तब तक दूसरे का रिटायरमेंट आ जाता है। वो भी करेंगे। सवाल- चर्चा है एनडीए की सरकार बनी, तो आपको मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है?
जवाब- मुझे इस तरह की कोई सूचना या संकेत नहीं हैं, क्या होगा? लेकिन जो भी होगा, सब अच्छा होगा। सवाल- आपकी जीत का मार्जिन आपके नाम और स्टारडम से बहुत कम है?
जवाब- कुछ फैक्टर्स तो जरूर रहेंगे जो ऐसा हुआ। वो क्या रहे होंगे, इस पर एनालिसिस करना होगा। हम लोग उस पर सोचेंगे, उस पर मंथन भी करेंगे। अभी इस पर कुछ सोचा नहीं है। सवाल- मेरठ में मतदान के बाद आप काफी दिन साइलेंट रहे?
जवाब- ये मेरे ऊपर नहीं होता, ये पार्टी डिसाइड करती है। किस व्यक्ति को कहां भेजना है, इसमें मेरा कोई रोल नहीं है। पार्टी ने मुझे जब बंगाल, उड़ीसा, दिल्ली या वाराणसी भेजा तो मैं वहां गया। बीच में क्यों नहीं भेजा, ये पार्टी का निर्णय होता है। मैं इसमें दखल भी नहीं देना चाहता। जो जिसका काम है, वो अपना काम कर रहा। सवाल- मतदान के बाद आपने एक पोस्ट किया, जो काफी विवादित रहा?
जवाब- ऐसा कुछ नहीं था, पिछले 3 सालों से लगभग हर रोज एक पोस्ट हमारे यहां से होता रहा है। जिसे आप ‘थॉट ऑफ द’ डे कह सकते हैं। उसी क्रम में वो पोस्ट भी शेयर किया गया, लेकिन उसको गलत कांटेस्ट में ले लिया गया। इससे ज्यादा वो कुछ नहीं था, ‘दैट इज ऑल’। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर