हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने नए विधायक के रूप में शपथ ले ली। गुरूवार को विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। नायब सैनी ने करनाल विधानसभा सीट से उपचुनाव जीता है। यह सीट पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। शपथग्रहण के बाद CM सैनी ने दावा किया कि आने वाले विधानसभा चुनाव में हरियाणा में फिर BJP की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर की साढ़े 9 सालों की सरकार में भ्रष्टाचार दिखाई नहीं दिया। सीएम की शपथ ग्रहण में डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा, लीलाराम गुर्जर, डुडाराम, सत्यप्रकाश जरवाता, बिजली मंत्री रणजीत सिंह, बागी जेजेपी विधायक देवेंद्र बबली के अलावा कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा, विधायक रामकुमार कश्यप भी मौजूद रहे। कांग्रेस ने झूठ की दम पर लोकसभा चुनाव जीता
सीएम सैनी ने कहा कि भाजपा की कल यानी बुधवार को विधायक दल और मंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक की थी। इस बैठक में सामने आया है कि कांग्रेस ने झूठ के दम पर चुनाव जीतने का काम किया है। कांग्रेस ने चुनाव में झूठ का सहारा लिया है। कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए डॉ भीमराव अंबेडकर का भी सम्मान नहीं किया। कांग्रेस ने संविधान को अपमानित करने का काम किया है। जबकि भाजपा ने हमेशा ही अंबेडकर जी को सम्मान दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 सालों में गरीबी हटाने का काम किया है। हरियाणा में हमारे पास बहुमत
सीएम सैनी बोले कि हरियाणा में हमारी सरकार बहुमत में है। लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस से ज्यादा बीजेपी का वोट प्रतिशत है। सीएम सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार योजनाबद्ध तरीके पात्रों तक प्राथमिकता के आधार पर लाभ पहुंचाएंगी। हमारी डबल इंजन की सरकार ने लोगों को रहने के लिए छत दी है। शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी चंडीगढ़ में कई विभागों की बैठक कर दिल्ली रवाना होंगे। वहां वह कल यानी 7 जून को भाजपा शासित राज्यों की मुख्यमंत्री परिषद की बुलाई बैठक में हिस्सा लेंगे। नायब सैनी का सियासी सफर 1. अंबाला के छोटे से गांव में जन्म
नायब सिंह सैनी का जन्म 25 जनवरी 1970 को अंबाला जिले के छोटे से गांव मिजापुर माजरा में हुआ। उन्होंने बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बीआर अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन और मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से LLB की डिग्री ली। इसके बाद राजनीति में उतरे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े रहे सैनी को संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है। वह 1996 से हरियाणा भाजपा के संगठन में काम करते रहे हैं। 2002 में वह अंबाला में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के जिला महामंत्री बने। 2. भाजयुमो से शुरुआत, मंत्री और सांसद रहे
2005 में नायब सैनी अंबाला में भाजयुमो के जिला अध्यक्ष बने। उसके बाद उन्हें पार्टी के किसान मोर्चा में प्रदेश महामंत्री बनाया गया। साल 2012 में नायब सैनी प्रमोट होकर अंबाला में भाजपा की जिला इकाई के अध्यक्ष बन गए। 2014 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें अंबाला जिले की नारायणगढ़ विधानसभा सीट से टिकट दिया, जहां से वह विजयी रहे। मनोहर लाल के पहले कार्यकाल में वह 2016 में राज्यमंत्री बने। 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें कुरूक्षेत्र सीट से उतारा। नायब सैनी को 6,86,588 वोट मिले और उन्होंने कांग्रेस के निर्मल सिंह को 3,84,591 वोटों से हराया। भाजपा ने 27 अक्टूबर 2023 को उन्हें हरियाणा में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। 3. पत्नी को नहीं जिता पाए थे सैनी
नवंबर 2022 में हुए पंचायत चुनाव में नायब सैनी की पत्नी सुमन सैनी ने भी चुनाव लड़ा था। भाजपा ने उन्हें अंबाला के वार्ड नंबर 4 से जिला परिषद मेंबर के चुनाव का उम्मीदवार बनाया था। उस दौरान उनके सांसद पति नायब सैनी ने उनके लिए खूब प्रचार किया था। हालांकि सुमन वह चुनाव हार गई थीं। हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने नए विधायक के रूप में शपथ ले ली। गुरूवार को विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। नायब सैनी ने करनाल विधानसभा सीट से उपचुनाव जीता है। यह सीट पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। शपथग्रहण के बाद CM सैनी ने दावा किया कि आने वाले विधानसभा चुनाव में हरियाणा में फिर BJP की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर की साढ़े 9 सालों की सरकार में भ्रष्टाचार दिखाई नहीं दिया। सीएम की शपथ ग्रहण में डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा, लीलाराम गुर्जर, डुडाराम, सत्यप्रकाश जरवाता, बिजली मंत्री रणजीत सिंह, बागी जेजेपी विधायक देवेंद्र बबली के अलावा कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा, विधायक रामकुमार कश्यप भी मौजूद रहे। कांग्रेस ने झूठ की दम पर लोकसभा चुनाव जीता
सीएम सैनी ने कहा कि भाजपा की कल यानी बुधवार को विधायक दल और मंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक की थी। इस बैठक में सामने आया है कि कांग्रेस ने झूठ के दम पर चुनाव जीतने का काम किया है। कांग्रेस ने चुनाव में झूठ का सहारा लिया है। कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए डॉ भीमराव अंबेडकर का भी सम्मान नहीं किया। कांग्रेस ने संविधान को अपमानित करने का काम किया है। जबकि भाजपा ने हमेशा ही अंबेडकर जी को सम्मान दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 सालों में गरीबी हटाने का काम किया है। हरियाणा में हमारे पास बहुमत
सीएम सैनी बोले कि हरियाणा में हमारी सरकार बहुमत में है। लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस से ज्यादा बीजेपी का वोट प्रतिशत है। सीएम सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार योजनाबद्ध तरीके पात्रों तक प्राथमिकता के आधार पर लाभ पहुंचाएंगी। हमारी डबल इंजन की सरकार ने लोगों को रहने के लिए छत दी है। शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी चंडीगढ़ में कई विभागों की बैठक कर दिल्ली रवाना होंगे। वहां वह कल यानी 7 जून को भाजपा शासित राज्यों की मुख्यमंत्री परिषद की बुलाई बैठक में हिस्सा लेंगे। नायब सैनी का सियासी सफर 1. अंबाला के छोटे से गांव में जन्म
नायब सिंह सैनी का जन्म 25 जनवरी 1970 को अंबाला जिले के छोटे से गांव मिजापुर माजरा में हुआ। उन्होंने बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बीआर अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन और मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से LLB की डिग्री ली। इसके बाद राजनीति में उतरे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े रहे सैनी को संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है। वह 1996 से हरियाणा भाजपा के संगठन में काम करते रहे हैं। 2002 में वह अंबाला में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के जिला महामंत्री बने। 2. भाजयुमो से शुरुआत, मंत्री और सांसद रहे
2005 में नायब सैनी अंबाला में भाजयुमो के जिला अध्यक्ष बने। उसके बाद उन्हें पार्टी के किसान मोर्चा में प्रदेश महामंत्री बनाया गया। साल 2012 में नायब सैनी प्रमोट होकर अंबाला में भाजपा की जिला इकाई के अध्यक्ष बन गए। 2014 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें अंबाला जिले की नारायणगढ़ विधानसभा सीट से टिकट दिया, जहां से वह विजयी रहे। मनोहर लाल के पहले कार्यकाल में वह 2016 में राज्यमंत्री बने। 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें कुरूक्षेत्र सीट से उतारा। नायब सैनी को 6,86,588 वोट मिले और उन्होंने कांग्रेस के निर्मल सिंह को 3,84,591 वोटों से हराया। भाजपा ने 27 अक्टूबर 2023 को उन्हें हरियाणा में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। 3. पत्नी को नहीं जिता पाए थे सैनी
नवंबर 2022 में हुए पंचायत चुनाव में नायब सैनी की पत्नी सुमन सैनी ने भी चुनाव लड़ा था। भाजपा ने उन्हें अंबाला के वार्ड नंबर 4 से जिला परिषद मेंबर के चुनाव का उम्मीदवार बनाया था। उस दौरान उनके सांसद पति नायब सैनी ने उनके लिए खूब प्रचार किया था। हालांकि सुमन वह चुनाव हार गई थीं। हरियाणा | दैनिक भास्कर