<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली में मुख्यमंत्री आवास पर आप विधायकों की बैठक हो रही है. इस बैठक में सभी विधायक और आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता मौजूद है. लोकसभ चुनाव नतीजों की समीझा को लेकर इस बैठक का आयोजन किया गया है.</p> <p style=”text-align: justify;”>दिल्ली में मुख्यमंत्री आवास पर आप विधायकों की बैठक हो रही है. इस बैठक में सभी विधायक और आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता मौजूद है. लोकसभ चुनाव नतीजों की समीझा को लेकर इस बैठक का आयोजन किया गया है.</p> दिल्ली NCR Maharashtra: नतीजों के बाद राज ठाकरे के घर हलचल, मिलने पहुंचे BJP के ये दिग्गज नेता
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लुधियाना में PPCB का एक्शन:डाइंग यूनिट को ठोका 6.42 करोड़ का जुर्माना,15 दिन में करवाना है जमा,पॉल्यूशन एक्ट की हुई उल्लंघना
लुधियाना में PPCB का एक्शन:डाइंग यूनिट को ठोका 6.42 करोड़ का जुर्माना,15 दिन में करवाना है जमा,पॉल्यूशन एक्ट की हुई उल्लंघना पंजाब के लुधियाना में डाइंग यूनिटों पर PPCB लगातार एक्शन ले रही है। पंजाब पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने सुमित निटफैब नामक डाइंग यूनिट को 6.42 करोड़ रुपए जुर्माना ठोका है। संचालकों को ये जुर्माना 15 दिन में जमा करवाना है। PPCB की इस कार्रवाई के बाद डाइंग इंडस्ट्री संचालकों में हड़कंप मच गया है। पॉल्यूशन एक्ट का उल्लंघन करने पर हुआ एक्शन बोर्ड प्रबंधन ने यह कार्रवाई यूनिट संचालकों की ओर से पॉल्यूशन एक्ट की उल्लंघना करने के कारण की है। इस यूनिट पर पहले भी नियमों के विपरित जाने पर एक्शन हो चुका है। बता दें पिछली बार जब इस डाइंट यूनिट पर बोर्ड ने एक्शन लिया था तो बिजली कनैक्शन कटवा दिया गया था। PPCB की इस कार्रवाई के बाद डाइंग यूनिट चलाने वाले कई संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है। पहले भी हो चुकी कार्रवाई उक्त डाइंग यूनिट के खिलाफ पॉल्यूशन एक्ट के नियमों के उल्लंघन करने के आरोप में शिकायत पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के पास पहुंची थी। पता चला है जनवरी 2019 में अधिकारियों ने जांच में पाया था कि उक्त यूनिट बिना मंजूरी के चलाया जा रहा था। वहीं अन-ट्रिटेड डिस्चार्ज भी सीवर में डाला जा रहा था। फैक्ट्री में लगा इफ्यूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट (ETP) सही स्थिति में नहीं था। टीम को कई कैमीकल बिखरे मिले डिस्चार्ज का सैंपल लेकर जब जांच करवाई गई तो मापदंड सही नहीं पाए गए। इन हालातों में बिजली के कनैक्शन 2019 में काटने के आदेश दिए गए। इसके बाद फैक्ट्री को कुछ शर्तों पर चलाने की मंजूरी मिली थी। अगस्त 2020 में एन.जी.टी की मॉनिटरिंग कमेटी के पास शिकायत पहुंची तो यूनिट के संचालक पुराने रिकार्ड पेश नहीं कर पाए थे। इसलिए अब जब टीम जांच के लिए पहुंची तो फैक्ट्री में कई हानीकारक कैमीकल बिखरे हुए मिले। जिनका संचालक रिकार्ड प्रस्तुत नहीं कर सके थे। इसलिए बोर्ड प्रबंधन ने एक्शन लेते हुए संचालकों को 6,42,25,000 रुपए जुर्माना किया है।
नगर निगमों व परिषदों के चुनाव में देरी का मामला:HC ने पंजाब सरकार से पूछी वजह, 23 तक दाखिल करना होगा जवाब
नगर निगमों व परिषदों के चुनाव में देरी का मामला:HC ने पंजाब सरकार से पूछी वजह, 23 तक दाखिल करना होगा जवाब पंजाब में नगर निगम व परिषदों के चुनाव में हो रही देरी के मामले की पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है। अदालत ने सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा है कि इनका कार्यकाल खत्म होने के बाद भी चुनाव क्यों नहीं करवाए जा रहे हैं। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर तय की है। अगली सुनवाई पर इस मामले में सरकार (स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव) को जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है। मालेरकोटला निवासी बेअंत सिंह की तरफ से अदालत में केस दायर किया गया है। दो साल हो गए हैं कार्यकाल खत्म हुए
बेअंत सिंह ने अपनी याचिका में बताया है कि पंजाब की 42 म्युनिसिपल काउंसिल का कार्यकाल खत्म हुए दो साल से अधिक समय बीत चुका है। लेकिन सरकार द्वारा चुनाव नहीं करवाए जा रहे हैं। इस वजह से सभी इलाकों में विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। सभी काउंसिलों का कार्यकाल दिसंबर 2023 में पूरा हो गया था। अगस्त 2023 में स्थानीय निकाय विभाग ने म्यूनिसिपल काउंसिल के चुनाव करवाने के लिए अधिसूचना जारी की थी। जिसके मुताबिक एक नवंबर 2023 तक चुनाव करवाने थे, लेकिन नहीं करवाए गए। नियमों के मुताबिक नहीं हुए चुनाव
याची ने बताया बताया कि उसकी तरफ से सरकार को चुनाव करवाने के लिए पांच जुलाई को एक कानूनी नोटिस भेजा गया था। लेकिन उसे सरकार की तरफ से अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया है। ऐसे में उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर चुनाव करवाने की मांग की है। संविधान के मुताबिक म्युनिसिपल काउंसिल के चुनाव उनके कार्यकाल खत्म होने से पहले करवाने जरूरी होते है।
एक अन्य याचिका में कोर्ट को बताया गया है कि अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, पटियाला और फगवाड़ा नगर निगमों के कार्यकाल खत्म होने भी चुनाव नहीं करवाए गए हैं। ऐसा कर सरकार जमीनी स्तर पर लोगों के आधिकारों का हनन कर ही है।
खन्ना में राशन बांटने को लेकर विवाद:कांग्रेसी चेयरमैन ने मौके पर बुलाई चुनाव आयोग की टीम, मार्कफेड को नोटिस
खन्ना में राशन बांटने को लेकर विवाद:कांग्रेसी चेयरमैन ने मौके पर बुलाई चुनाव आयोग की टीम, मार्कफेड को नोटिस पंजाब में एक जून को वोटिंग है। इससे दो दिन पहले गांवों में सरकारी राशन बांटने को लेकर विवाद खड़ा हो गया। खन्ना के गांव टौंसा में मार्कफेड की तरफ से सरकारी राशन लोगों को बांटा जा रहा था। राशन बांटे जाने के समय आम आदमी पार्टी से संबंधित कुछ लोग वहां मौजूद थे, तो कांग्रेस ने इसका विरोध किया। ब्लाक समिति खन्ना के चेयरमैन सतनाम सिंह सोनी ने मौके पर पहुंच इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की। चुनाव आयोग की टीम ने तुरंत राशन बांटना रोका और इसकी रिपोर्ट सीनियर अधिकारियों को दी गई। एसडीएम एवं सहायक रिटर्निंग अधिकारी डा. बलजिंदर सिंह ढिल्लों ने इसका कड़ा संज्ञान लेते हुए संबंधित एजेंसी मार्कफेड को नोटिस जारी किया है। पूर्व मंत्री कोटली बोले- अब क्यों आई गरीबों की याद इस पूरे घटनाक्रम को लेकर पूर्व मंत्री गुरकीरत सिंह कोटली ने कहा कि, आम आदमी पार्टी लोगों को लालच देकर वोट लेना चाहती है। करीब ढाई साल से आटा-दाल योजना ठप पड़ी है। इसमें बड़ा घोटाला किया गया। घर-घर राशन पहुंचाने के नाम पर आंखों में धूल झोंकी गई। अब चुनाव आचार संहिता के बीच सरेआम सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करके गांवों में सरकारी गाड़ियां भेजकर राशन बंटवाया जा रहा है। चुनाव आयोग को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। लोकल स्तर पर अधिकारियों की कार्यशैली की भी जांच होनी चाहिए। चेयरमैन सतनाम सोनी ने बताया कि उन्होंने इसकी शिकायत एसडीएम और मार्कफेड के जिला मैनेजर से भी की है। इस मामले में एफआईआर होनी चाहिए। गलती से चली गई थी गाड़ी – मार्कफेड मैनेजर मार्कफेड डिपो खन्ना के मैनेजर गुरप्रीत सिंह ने माना कि चुनाव आचार संहिता के बीच राशन नहीं बांटा जा सकता। चूंकि मार्कफेड की तरफ से राशन वितरण का काम निजी कंपनी को सौंपा हुआ है। इसके चलते कंपनी के पास जो स्टाक बचा था उसे डिपो में भेजने की बजाय गलती से गाड़ी गांव में भेज दी गई। वहां राशन अभी बांटा नहीं जा रहा था। उन्होंने गाड़ी वापस बुला ली थी। दूसरी तरफ सहायक रिटर्निंग अधिकारी डा. बलजिंदर सिंह ढिल्लों ने कहा कि जैसे ही उनके पास सूचना आई तो एक टीम को तुरंत मौके पर भेजा गया। राशन बांटने वाली एजेंसी को नोटिस निकालकर जवाब मांगा गया है। जिसके बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।