फरीदकोट लोकसभा सीट से आजाद उम्मीदवार के रुप में नवनिर्वाचित हुए सरबजीत सिंह खालसा का बड़ा बयान सामाने आया है। उन्होंने केन्द्र सरकार पर बदलते समीकरण पर अपनी राय रखते हुए कहा है कि वह श्री अकाल तख्त साहिब पर हमले के आरोपियों के साथ कभी भी नहीं जा सकते है। उन्होंने कहा कि, उन्हें फरीदकोट लोकसभा के हलके के लोगों ने बड़ी जीत दिलाई है। ऐसे में वह लोगों के राय के बिना कुछ नहीं कर सकते। इस अहम मसले पर लोगों के राय के साथ ही केंद्र सरकार को समर्थन का फैसला लेंगे। वह संसद में पहुंच कर बेअदबी पर कानून बनाए जाने की आवाज उठाएंगे। बेअदबी करने वालों पर कानून बनना चाहिए और कानून के तहत आईपीसी की धारा 302 बेअदबी करने वालों पर लगाई जानी चाहिए, इसके अलावा उनका मुख्य मुद्दा बंदी सिखों की रिहाई का होगा, जो कि वर्षों पहले अपनी सजा पूरी कर चुके है, परंतु उनकी रिहाई नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि, वह संसद में पंजाब के हितों के लिए अपनी आवाज बुलंद करेंगे। उन्होंने सिख कौम से अपील की कि वह गुरु की शरण में और दस्तार बांध कर रखें। पहले भी तीन लड़ा चुनाव आपको बता दें कि, सरबजीत सिंह अब तक चार बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। उन्हें 2004, 2014 व 2019 में हार का सामना करना पड़ा था, जबकि इस बार उन्होंने फरीदकोट सीट पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी करमजीत अनमोल को हराया है। हालांकि, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सरबजीत की मां बिमल कौर ने1989 में लोकसभा चुनाव लड़ा था और वह रोपड़ निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गई थीं। सरबजीत सिंह ने इस बार चुनाव प्रचार शहर की जगह गांवों में फोकस किया, उनकी जीत का बड़ा कारण बेअदबी की घटनाओं पर आरोपियों को सही रूप में सजा प्रदेश की मौजूदा व पूर्व सरकारों द्वारा न दिया जाना है। फरीदकोट लोकसभा सीट से आजाद उम्मीदवार के रुप में नवनिर्वाचित हुए सरबजीत सिंह खालसा का बड़ा बयान सामाने आया है। उन्होंने केन्द्र सरकार पर बदलते समीकरण पर अपनी राय रखते हुए कहा है कि वह श्री अकाल तख्त साहिब पर हमले के आरोपियों के साथ कभी भी नहीं जा सकते है। उन्होंने कहा कि, उन्हें फरीदकोट लोकसभा के हलके के लोगों ने बड़ी जीत दिलाई है। ऐसे में वह लोगों के राय के बिना कुछ नहीं कर सकते। इस अहम मसले पर लोगों के राय के साथ ही केंद्र सरकार को समर्थन का फैसला लेंगे। वह संसद में पहुंच कर बेअदबी पर कानून बनाए जाने की आवाज उठाएंगे। बेअदबी करने वालों पर कानून बनना चाहिए और कानून के तहत आईपीसी की धारा 302 बेअदबी करने वालों पर लगाई जानी चाहिए, इसके अलावा उनका मुख्य मुद्दा बंदी सिखों की रिहाई का होगा, जो कि वर्षों पहले अपनी सजा पूरी कर चुके है, परंतु उनकी रिहाई नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि, वह संसद में पंजाब के हितों के लिए अपनी आवाज बुलंद करेंगे। उन्होंने सिख कौम से अपील की कि वह गुरु की शरण में और दस्तार बांध कर रखें। पहले भी तीन लड़ा चुनाव आपको बता दें कि, सरबजीत सिंह अब तक चार बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। उन्हें 2004, 2014 व 2019 में हार का सामना करना पड़ा था, जबकि इस बार उन्होंने फरीदकोट सीट पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी करमजीत अनमोल को हराया है। हालांकि, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सरबजीत की मां बिमल कौर ने1989 में लोकसभा चुनाव लड़ा था और वह रोपड़ निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गई थीं। सरबजीत सिंह ने इस बार चुनाव प्रचार शहर की जगह गांवों में फोकस किया, उनकी जीत का बड़ा कारण बेअदबी की घटनाओं पर आरोपियों को सही रूप में सजा प्रदेश की मौजूदा व पूर्व सरकारों द्वारा न दिया जाना है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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खनौरी बॉर्डर पहुंचे पंजाब सरकार के मंत्री-विधायक:बोले- डल्लेवाल अनशन जारी रखे, लेकिन इलाज ले, सर्वदलीय मीटिंग बुलाने को तैयार 30 दिनों से मरणव्रत पर चल रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से आज 25 दिसंबर को पंजाब सरकार के 7 मंत्रियों, विधायकों और अन्य नेताओं ने प्रधान अमन अरोड़ा की अगुआई में खनौरी बॉर्डर पहुंचकर मुलाकात की। मुलाकात के बाद मंत्री अमन अरोड़ा ने मीडिया से कहा कि हमारी पूरी टीम ने जगजीत सिंह डल्लेवाल से मिली है। उनसे अपील की है अनशन छोड़ दे तो अच्छी बात होगी। लेकिन हमने उन्हें यह भी कहा है आप अपने संघर्ष जारी रखे, लेकिन मेडिकल इलाज लेना शुरू कर दे। अरोड़ा ने कहा कि उम्मीद है कि वह हमारी अपील को स्वीकार लेंगे। संघर्ष लंबा चलेगा, उनका तंदुरूस्त रहना जरूरी अरोड़ा ने कहा कि हमारी सरकार की तरफ से उन्हें पूरा सहयोग किया जाएगा। हमने डल्लेवाल को कहा कि उनका यह संघर्ष लंबा चलेगा। यह संघर्ष तभी कामयाब होगा, जब वह (डल्लेवाल) तंदुरूस्त रहेंगे। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि सीएम पंजाब किसान संघर्ष को लेकर केंद्र सरकार के संपर्क में है। वहीं, हमने पिछले दिनों इसी मामले को लेकर पंजाब के गवर्नर गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की है। अरोड़ा ने कहा “यह शर्मनाक है कि मोदी सरकार किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के बिगड़ते स्वास्थ्य और हमारे किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर लगातार आंखें मूंदकर बैठी है। उनकी मांगें वास्तविक हैं और उन्हें बिना किसी देरी के स्वीकार किया जाना चाहिए।” सर्वदलीय बैठक बुलाने के लिए हम तैयार है AAP नेता ने कहा, “अगर जरूरत पड़ी तो हम किसानों के मुद्दों पर चर्चा और समाधान के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने के लिए तैयार हैं। पर यह सब मामला असल में केंद्र सरकार से संबंधित है। उन्हें अपना दिमाग रेत से बाहर निकालने की जरूरत है। केंद्र सरकार के साथ यह संघर्ष लंबा हो सकता है, लेकिन पंजाब सरकार न्याय मिलने तक किसानों के साथ खड़ी रहने के लिए प्रतिबद्ध है।”
धरना स्थल पर इलाज देने को तैयार सेहत मंत्री बलबीर सिंह ने बताया कि हमारी डॉक्टरों की टीम पहले दिन से डल्लेवाल की चेकिंग के लए आ रही है। उनका रोजाना चैकअप किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने उन्हें यही कहा है कि अनशन जारी रख सकते हैं। लेकिन मेडिकल सेवाएं ले। उन्होंने कहा कि अगर वह चाहते है तो उनका इलाज साइट पर शुरू कर देंगे। वहीं, सुप्रीम कोर्ट में गलत रिपोर्ट से जुड़े सवाल में उन्होंने कहा सुप्रीम कोर्ट में खून की रिपोर्ट संबंधी सारी रिपोर्ट दी है। अदालत ने उन्होंने टैस्ट करवाने को कहा था। हमने टेस्ट करवाएं थे। उनका शारीरिक स्वास्थ्य बिगड़ रहा है, उनकी किडनी और लीवर में तनाव के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। हमें उन्हें यहां आवश्यक चिकित्सा उपचार प्रदान करने के लिए उनकी सहमति की आवश्यकता है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि वह जीवित और स्वस्थ रहते हुए किसानों के हितों के लिए अपनी लड़ाई जारी रख सकें। यह मंत्री मुलाकात के समय मौजूद रहे डल्लेवाल से में पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह, कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां, AAP पंजाब के कार्यकारी अध्यक्ष अमनशेर सिंह शैरी कलसी, कुलदीप सिंह धालीवाल, तरूणप्रीत सिंह सोंध, हरदीप सिंह मुंडियां, बरिंदर गोयल, लालजीत सिंह भुल्लर, गुरदित सिंह सेखों और चेयरमैन डॉ. सनी अहलूवालिया सहित कई पार्टी नेता शामिल थे।
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