हिमाचल प्रदेश में सुक्खू कैबिनेट के 7 मंत्री लोकसभा चुनाव की परीक्षा में फेल हुए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी इस परीक्षा को पास नहीं कर पाए। CM समेत 8 मंत्री अपने-अपने विधानसभा हलकों से पार्टी प्रत्याशी को लीड नहीं दिला पाए। नतीजा यह है कि सत्तारूढ़ कांग्रेस का सुपड़ा साफ हो गया। ऊना जिला के हरोली विधानसभा से विधायक व प्रदेश सरकार में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री, किन्नौर से विधायक व बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर तीन मंत्री ही इस परीक्षा में पास हुए हैं। मुकेश समेत दो मंत्रियों का कद ऊंचा लोकसभा चुनाव के नतीजों से मुकेश अग्निहोत्री का कद ऊंचा हुआ है। क्योंकि उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र से पार्टी कैंडिडेट सतपाल रायजादा को लीड दिलाई है। साथ ही अपने गृह जिला ऊना की दो विधानसभा सीटों कुटलैहड़ और गगरेट के उपचुनाव में भी कांग्रेस की जीत हुई है। CM के हलके से अनुराग को 2153 की लीड मुख्यमंत्री सुक्खू के नादौन हलके से बीजेपी के अनुराग ठाकुर 2153 से ज्यादा मतों की लीड ले गए। इसी संसदीय सीट पर टीसीपी मिनिस्टर राजेश धर्माणी भी बिलासपुर के घुमारवीं हलके से पार्टी कैंडिडेट को बढ़त नहीं दिला सके। धर्माणी के हलके से अनुराग को 13753 की लीड मिली। हैरानी इस बात की है कि सत्तपाल रायजादा अपने विधानसभा क्षेत्र ऊना से खुद बी लीड नहीं ले सके और उनके विधानसभा में बीजेपी प्रत्याशी ने 326 मतों की बढ़त ली है। इससे अनुराग ठाकुर की जीत की राह आसान हो गई और करीब पौने दो लाख मतों के अंतर से चुनाव जीत गए। शिमला सीट पर मंत्री रोहित ने दिलाई लीड कमोबेश यही हाल शिमला संसदीय क्षेत्र में भी है। इस सीट से सुक्खू सरकार में पांच कैबिनेट मंत्री, तीन CPS सहित कैबिनेट रैंक वाले नेताओं की लंबी-चौड़ी लिस्ट है। मगर रोहित ठाकुर को छोड़कर सब अपने अपने चुनाव क्षेत्र में पिट गए। कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी जो अभी कसौली से विधायक है, वह भी अपने कसोली विधानसभा से लीड नहीं ले सके। शिमला सीट पर ये मंत्री नाकाम शिमला संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत शिलाई के विधायक व मंत्री हर्षवर्धन चौहान, सोलन के धनीराम शांडिल, जुब्बल कोटखाई के रोहित ठाकुर, शिमला ग्रामीण के विक्रमादित्य सिंह और कसुम्पटी के विधायक अनिरुद्ध सिंह सुक्खू कैबिनेट में मंत्री है। इनमें से केवल रोहित ठाकुर के जुब्बल कोटखाई विधानसभा से 5937 वोट की लीड कांग्रेस ले पाई है। शिलाई से बीजेपी को 2317 वोट की बढ़त, सोलन से 5016, शिमला ग्रामीण से 6448 और कसुम्पटी से 6039 वोट की लीड मिली है। हालांकि विक्रमादित्य सिंह अपने चुनाव की वजह से शिमला ग्रामीण में प्रचार नहीं कर पाए। मगर दूसरे मंत्री तो अपने अपने चुनाव क्षेत्र में डटे रहे। फिर भी लीड नहीं दिला सके। यह लीड संबंधित क्षेत्र के लोकप्रियता और सरकार की जनता में लोकप्रियता को दर्शाता है। मंडी सीट पर मंत्री जगत नेगी ने दिलाई 8562 वोट की लीड अब बात करेंगे मंडी लोकसभा सीट की। इस सीट से सुक्खू सरकार में किन्नौर से इकलौते मंत्री जगत सिंह नेगी है। किन्नौर से कांग्रेस को 8562 वोट की लीड मिली है। किन्नौर के अलावा मंडी संसदीय हलके के तीन अन्य विधानसभा आनी, लाहौल स्पीति और रामपुर से भी कांग्रेस को बढ़त मिली है। रामपुर विक्रमादित्य सिंह का घर है। आनी और लाहौल स्पीति में विक्रमादित्य की अपनी और पार्टी वर्कर की मेहनत से लीड मिली है। कांगड़ा की एक भी विधानसभा से कांग्रेस को बढ़त नहीं कांगड़ा संसदीय सीट ऐसी है जहां 17 में से एक भी विधानसभा सीट पर कांग्रेस को बढ़त नहीं मिली, जबकि सुक्खू सरकार में कांगड़ा के ज्वाली से कृषि मंत्री चंद्र कुमार, जयसिंहपुर से यादवेंद्र गोमा आयुष मंत्री है। ज्वाली से बीजेपी को 12640 वोट और जयसिंहपुर से 8833 वोट की बढ़त मिली है। इसी तरह फतेहपुर से विधायक भवानी सिंह पठानिया, नगरोटा के विधायक आरएस बाली, शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया को कैबिनेट रैंक और जिले से दो सीपीए है। मगर कोई भी नेता कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शर्मा को लीड नहीं दिला सका। हिमाचल में सीएम समेत 11 मंत्री फेल प्रदेश में सीएम व डिप्टी सीएम समेत 11 मंत्री, छह मुख्य संसदीय सचिव के साथ साथ बोर्ड निगमों में एक दर्जन से ज्यादा नेताओं की ताजपोशी और करीब एक दर्जन को मुख्यमंत्री ने कैबिनेट रैंक दे रखे है। 8 मंत्रियों के अलावा पांच CPS दून से रामकुमार, कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर, पालमपुर से आशीष बुटेल, बैजनाथ से किशोरी लाल और अर्की से संजय अवस्थी भी लोकसभा चुनाव में अपने हलकों से कांग्रेस प्रत्याशियों को लीड नहीं दिला सके। सीपीएस में केवल एमएल ब्राक्टा ही अपने रोहड़ू विधानसभा से लीड दिलाने में कामयाब रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में सुक्खू कैबिनेट के 7 मंत्री लोकसभा चुनाव की परीक्षा में फेल हुए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी इस परीक्षा को पास नहीं कर पाए। CM समेत 8 मंत्री अपने-अपने विधानसभा हलकों से पार्टी प्रत्याशी को लीड नहीं दिला पाए। नतीजा यह है कि सत्तारूढ़ कांग्रेस का सुपड़ा साफ हो गया। ऊना जिला के हरोली विधानसभा से विधायक व प्रदेश सरकार में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री, किन्नौर से विधायक व बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर तीन मंत्री ही इस परीक्षा में पास हुए हैं। मुकेश समेत दो मंत्रियों का कद ऊंचा लोकसभा चुनाव के नतीजों से मुकेश अग्निहोत्री का कद ऊंचा हुआ है। क्योंकि उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र से पार्टी कैंडिडेट सतपाल रायजादा को लीड दिलाई है। साथ ही अपने गृह जिला ऊना की दो विधानसभा सीटों कुटलैहड़ और गगरेट के उपचुनाव में भी कांग्रेस की जीत हुई है। CM के हलके से अनुराग को 2153 की लीड मुख्यमंत्री सुक्खू के नादौन हलके से बीजेपी के अनुराग ठाकुर 2153 से ज्यादा मतों की लीड ले गए। इसी संसदीय सीट पर टीसीपी मिनिस्टर राजेश धर्माणी भी बिलासपुर के घुमारवीं हलके से पार्टी कैंडिडेट को बढ़त नहीं दिला सके। धर्माणी के हलके से अनुराग को 13753 की लीड मिली। हैरानी इस बात की है कि सत्तपाल रायजादा अपने विधानसभा क्षेत्र ऊना से खुद बी लीड नहीं ले सके और उनके विधानसभा में बीजेपी प्रत्याशी ने 326 मतों की बढ़त ली है। इससे अनुराग ठाकुर की जीत की राह आसान हो गई और करीब पौने दो लाख मतों के अंतर से चुनाव जीत गए। शिमला सीट पर मंत्री रोहित ने दिलाई लीड कमोबेश यही हाल शिमला संसदीय क्षेत्र में भी है। इस सीट से सुक्खू सरकार में पांच कैबिनेट मंत्री, तीन CPS सहित कैबिनेट रैंक वाले नेताओं की लंबी-चौड़ी लिस्ट है। मगर रोहित ठाकुर को छोड़कर सब अपने अपने चुनाव क्षेत्र में पिट गए। कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी जो अभी कसौली से विधायक है, वह भी अपने कसोली विधानसभा से लीड नहीं ले सके। शिमला सीट पर ये मंत्री नाकाम शिमला संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत शिलाई के विधायक व मंत्री हर्षवर्धन चौहान, सोलन के धनीराम शांडिल, जुब्बल कोटखाई के रोहित ठाकुर, शिमला ग्रामीण के विक्रमादित्य सिंह और कसुम्पटी के विधायक अनिरुद्ध सिंह सुक्खू कैबिनेट में मंत्री है। इनमें से केवल रोहित ठाकुर के जुब्बल कोटखाई विधानसभा से 5937 वोट की लीड कांग्रेस ले पाई है। शिलाई से बीजेपी को 2317 वोट की बढ़त, सोलन से 5016, शिमला ग्रामीण से 6448 और कसुम्पटी से 6039 वोट की लीड मिली है। हालांकि विक्रमादित्य सिंह अपने चुनाव की वजह से शिमला ग्रामीण में प्रचार नहीं कर पाए। मगर दूसरे मंत्री तो अपने अपने चुनाव क्षेत्र में डटे रहे। फिर भी लीड नहीं दिला सके। यह लीड संबंधित क्षेत्र के लोकप्रियता और सरकार की जनता में लोकप्रियता को दर्शाता है। मंडी सीट पर मंत्री जगत नेगी ने दिलाई 8562 वोट की लीड अब बात करेंगे मंडी लोकसभा सीट की। इस सीट से सुक्खू सरकार में किन्नौर से इकलौते मंत्री जगत सिंह नेगी है। किन्नौर से कांग्रेस को 8562 वोट की लीड मिली है। किन्नौर के अलावा मंडी संसदीय हलके के तीन अन्य विधानसभा आनी, लाहौल स्पीति और रामपुर से भी कांग्रेस को बढ़त मिली है। रामपुर विक्रमादित्य सिंह का घर है। आनी और लाहौल स्पीति में विक्रमादित्य की अपनी और पार्टी वर्कर की मेहनत से लीड मिली है। कांगड़ा की एक भी विधानसभा से कांग्रेस को बढ़त नहीं कांगड़ा संसदीय सीट ऐसी है जहां 17 में से एक भी विधानसभा सीट पर कांग्रेस को बढ़त नहीं मिली, जबकि सुक्खू सरकार में कांगड़ा के ज्वाली से कृषि मंत्री चंद्र कुमार, जयसिंहपुर से यादवेंद्र गोमा आयुष मंत्री है। ज्वाली से बीजेपी को 12640 वोट और जयसिंहपुर से 8833 वोट की बढ़त मिली है। इसी तरह फतेहपुर से विधायक भवानी सिंह पठानिया, नगरोटा के विधायक आरएस बाली, शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया को कैबिनेट रैंक और जिले से दो सीपीए है। मगर कोई भी नेता कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शर्मा को लीड नहीं दिला सका। हिमाचल में सीएम समेत 11 मंत्री फेल प्रदेश में सीएम व डिप्टी सीएम समेत 11 मंत्री, छह मुख्य संसदीय सचिव के साथ साथ बोर्ड निगमों में एक दर्जन से ज्यादा नेताओं की ताजपोशी और करीब एक दर्जन को मुख्यमंत्री ने कैबिनेट रैंक दे रखे है। 8 मंत्रियों के अलावा पांच CPS दून से रामकुमार, कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर, पालमपुर से आशीष बुटेल, बैजनाथ से किशोरी लाल और अर्की से संजय अवस्थी भी लोकसभा चुनाव में अपने हलकों से कांग्रेस प्रत्याशियों को लीड नहीं दिला सके। सीपीएस में केवल एमएल ब्राक्टा ही अपने रोहड़ू विधानसभा से लीड दिलाने में कामयाब रहे हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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सूचना के अनुसार नव नियुक्त विशेष सचिव विधि गुरमीत कौर ने 2005 में न्यायिक सेवाओं में सफर की शुरुआत मंडी में सिविल जज (जूनियर डिवीजन) मंडी से हुई। उसके बाद इन्होंने प्रदेश के विभिन्न जिलों में विभिन्न पदों पर सेवाएं दी। मई 2024 से वह AD SJ FTSC के पद पर सेवाएं दे रही थी। प्रदेश सरकार ने उन्हें अब विशेष सचिव विधि विभाग लगा दिया है। बुधवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी गयी है।
हिमाचल सरकार ने यूनिवर्सल कार्टन अनिवार्य किया:अभी बाजार में उपलब्ध नहीं, बागवान चिंतिंत; सरकार का दावा- एक सप्ताह में HPMC उपलब्ध कराएगा
हिमाचल सरकार ने यूनिवर्सल कार्टन अनिवार्य किया:अभी बाजार में उपलब्ध नहीं, बागवान चिंतिंत; सरकार का दावा- एक सप्ताह में HPMC उपलब्ध कराएगा हिमाचल सरकार ने सेब की पैकिंग के लिए यूनिवर्सल कार्टन अनिवार्य किया है। मगर अभी तक ज्यादातर जगह यूनिवर्सल कार्टन उपलब्ध नहीं हो रहा है। इससे जिन बागवानों का सेब तैयार है, उन्हें चिंता सताने लगी है, क्योंकि जो बागवान टेलिस्कोपिक कार्टन में सेब भरकर मंडी ला रहे हैं। उन पर कृषि उपज विपणन समिति (APMC) कार्रवाई कर रही है। APMC शिमला ने गत दिवस भी पराला मंडी के एक आढ़ती को नोटिस जारी किया था। आरोप है कि आढ़ती चौहान ब्रदर ने एक बागवान से दो पेटी सेब टेलिस्कोपिक कार्टन में खरीदा, जबकि सरकार ने सेब की पैकिंग के लिए टेलिस्कोपिक कार्टन पर रोक लगा दी है। सरकार का दावा- एक सप्ताह में हर जगह मिलेगा यूनिवर्सल कार्टन वहीं, प्रदेश सरकार का दावा है कि एक सप्ताह के भीतर सरकारी उपक्रम HPMC (हॉर्टिकल्चर मार्केटिंग प्रोड्यूस कॉर्पोरेशन) सभी बागवानों को जरूरत के हिसाब से यूनिवर्सल कार्टन उपलब्ध करवा देगा। इसके लिए HPMC ने पहले ही टैंडर प्रक्रिया पूरी कर दी है। टेलिस्कोपिक कार्टन की इजाजत नहीं: कश्यप APMC शिमला-किन्नौर के सचिव देवराज कश्यप ने बताया कि सरकार के आदेशानुसार टेलिस्कोपिक कार्टन में किसी को भी सेब भरने की इजाजत नहीं होगी। मंगलवार को पराला में एक आढ़ती ने टेलिस्कोपिक कार्टन में सेब खरीदा था। उसे नोटिस जारी कर दिया गया है। उन्होंने बागवानों से अपील की कि जिन बागवानों को अभी यूनिवर्सल कार्टन नहीं मिल रहा। वह अगले कुछ दिन तक 10 किलो के बॉक्स में सेब भरकर मंडी ला सकता है। दो-तीन दिन में कार्टन उपलब्ध होगा: मदन ठियोग के कार्टन विक्रेता मदन वर्मा ने बताया कि अभी यूनिवर्सल कार्टन उपलब्ध नहीं है, क्योंकि इस बार कार्टन बनाने वाली कंपनियों में कुछ दिन पहले तक असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। अब यूनिवर्सल कार्टन की मैन्युफैक्चरिंग शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि अगले दो तीन दिन में कार्टन मिलना शुरू हो जाएगा।
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