पंजाब में फरीदकोट शहर के भोलूवाला रोड स्थित एक बेटे ने अपनी मां की नल के हत्थे से कई वार कर हत्या कर दी। मृतक महिला की पहचान 45 साल की सुनीता देवी के रूप में हुई है। मृतका सुनीता के पड़ोसियों ने बताया कि सुनीता देवी के पति की मौत हो चुकी है। उसके दो बेटे हैं। बड़ा बेटा मजदूरी करता है। वह सोमवार को कोटकपूरा काम करने गया हुआ था, जबकि छोटा बेटा 23 वर्षीय छोटू घर में था। घर पर बड़े बेटे की पत्नी व उसकी बेटी भी थी। इसी बीच किसी बात को लेकर मां-बेटे में कहासुनी हो गई और आरोपी बेटे ने नल के हत्थे से कई वार मां के ऊपर किए, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हालांकि बताया जा रहा है कि आरोपी बेटा मानसिक रूप से बीमार था और पिछले लंबे समय से उसका इलाज चल रहा है। दो-तीन दिन से वह ज्यादा परेशान दिखाई दे रहा था। स्थानीय लोगों को कहना है कि मां का कत्ल करने के बाद आरोपी घर पर ही था, जिसे पड़कर पुलिस थाने ले गई। घटना की सूचना पर थाना सिटी 2 के साथ फरीदकोट सब डिवीजन के डीएसपी शमशेर सिंह गिल भी मौके पर पहुंचे और और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। डीएसपी गिल ने बताया कि मामले की जांच चल रही है और जल्दी आरोपी को पकड़ लिया जाएगा। पंजाब में फरीदकोट शहर के भोलूवाला रोड स्थित एक बेटे ने अपनी मां की नल के हत्थे से कई वार कर हत्या कर दी। मृतक महिला की पहचान 45 साल की सुनीता देवी के रूप में हुई है। मृतका सुनीता के पड़ोसियों ने बताया कि सुनीता देवी के पति की मौत हो चुकी है। उसके दो बेटे हैं। बड़ा बेटा मजदूरी करता है। वह सोमवार को कोटकपूरा काम करने गया हुआ था, जबकि छोटा बेटा 23 वर्षीय छोटू घर में था। घर पर बड़े बेटे की पत्नी व उसकी बेटी भी थी। इसी बीच किसी बात को लेकर मां-बेटे में कहासुनी हो गई और आरोपी बेटे ने नल के हत्थे से कई वार मां के ऊपर किए, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हालांकि बताया जा रहा है कि आरोपी बेटा मानसिक रूप से बीमार था और पिछले लंबे समय से उसका इलाज चल रहा है। दो-तीन दिन से वह ज्यादा परेशान दिखाई दे रहा था। स्थानीय लोगों को कहना है कि मां का कत्ल करने के बाद आरोपी घर पर ही था, जिसे पड़कर पुलिस थाने ले गई। घटना की सूचना पर थाना सिटी 2 के साथ फरीदकोट सब डिवीजन के डीएसपी शमशेर सिंह गिल भी मौके पर पहुंचे और और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। डीएसपी गिल ने बताया कि मामले की जांच चल रही है और जल्दी आरोपी को पकड़ लिया जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लुधियाना में बुड्ढा नाला को लेकर विवाद:प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज- पथराव, CIA 3 इंचार्ज नवदीप के सिर में लगी चोट
लुधियाना में बुड्ढा नाला को लेकर विवाद:प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज- पथराव, CIA 3 इंचार्ज नवदीप के सिर में लगी चोट लुधियाना में बुड्डा नाले में फैले प्रदूषण का विरोध करने लुधियाना की तरफ कूच कर रहे कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत मे ले लिया है। माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर धक्का मुक्की हुई, जिसमें CIA 3 के इंचार्ज नवदीप के सिर पर चोट लग गई। पुलिस ने अब तक 150 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस कमिश्नर कुलदीप चहल मौके पर पहुंच गए हैं। पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिए जाने के बाद अन्य प्रदर्शनकारियों ने लुधियाना-फिरोजपुर हाईवे पर जाम लगा दिया है। जहां जहां प्रदर्शनकारी मौजूद है, वहां पर पुलिस प्रशासन ने जैमर लगा दिए हैं, ताकि मोबाइल नेटवर्क ना चल सके। इससे पहले पुलिस ने लुधियाना के टीटू बानिया को हिरासत में ले लिया है, वहीं फिरोजपुर के रोमन बराड, मोगा के मोहिंदर सिंह, फरीदकोट के भी एक व्यक्ति समेत आधा दर्जन लोगों को हिरासत में ले लिया है। आपको बता दें कि, लक्खा सिधाना ने कुछ दिनों पूर्व बुड्ढा नाला को बंद करने का आह्वान करते हुए आंदोलन करने का ऐलान किया था। वहीं ड्राइंड इंडस्टी से जुडे़ लोगों ने भी आंदोलन करने की बात कही थी। जिस पर आज लक्खा सिधाना और उनके कई साथी बुड्ढा नाला को बंद कराने के लिए पहुंच रहे थे। लक्खा सिधना को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। वहीं जगराओं में उनके साथी सुख जगराओं को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। काला पानी द मोर्चा के बैनर तले प्रदर्शन लुधियाना के बुड्डे नाले की सफाई व काले पानी के खिलाफ काला पानी द मोर्चा संस्था का गठन किया गया है, जिसके बैनर तले ही मंगलवार को राजस्थान से 1500 के करीब लोग पंजाब के लुधियाना पहुंच रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि लुधियाना के बुड्डा नाले में फैली गंदगी व काला कैमिकल युक्त पानी सतलुज में मिल जाता है और बाद में पानी राजस्थान पहुंचता है, जिसे पीने से राजस्थान के सैकडों लोग बीमार हो चुके हैं। राजस्थान के लोगों द्वारा लुधियाना में धरना प्रदर्शन की खबर के साथ पुलिस प्रशासन की ओर से शहर की सीमाओं पर 2 हजार पुलिस जवानों को तैनात किए गए हैं। वहीं हर पुलिस जवान को हिदायतें भी कर दी हैं कि अगर कोई कानून हाथ में ले तो उससे सख्ती से निपटा जाए। ट्रीटमेंट प्लाटों पर भी पुलिस की तैनात वहीं, शहर में लगे सारे ट्रीटमेंट प्लाट, सीईटीपी सेंटरो पे भी पुलिस को तैनात कर दिया है। डीसीपी जसकरन सिंह तेजा ने कहा कि किसी को शहर का माहौल खराब नहीं करने देंगे।
मनमोहन सिंह ने टीचर्स के कहने पर इकोनॉमिक्स चुनी:अमृतसर हिंदू कॉलेज लेता था आधी फीस, क्लासमेट बोले-कम शब्दों में अपनी बात बोल जाते थे
मनमोहन सिंह ने टीचर्स के कहने पर इकोनॉमिक्स चुनी:अमृतसर हिंदू कॉलेज लेता था आधी फीस, क्लासमेट बोले-कम शब्दों में अपनी बात बोल जाते थे देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह नहीं रहे। गुरुवार रात को उन्होंने दिल्ली AIIMS में अंतिम सांस ली। वे अविभाजित भारत में पंजाब के गाह गांव में पैदा हुए थे। उनका परिवार बंटवारे के समय पंजाब के अमृतसर में बस गया था। डॉ. मनमोहन सिंह ने 10वीं के बाद प्री कॉलेज करने के लिए हिंदू कॉलेज को चुना था। सितंबर 1948 में उन्होंने कॉलेज में दाखिला लिया और पहला स्थान पाया। तत्कालीन प्रिंसिपल संत राम ने उन्हें रोल कॉल ऑफ ऑनर के साथ सम्मानित किया। वह पहले स्टूडेंट थे, जिन्हें इस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। यह किस्सा खुद डॉ. मनमोहन सिंह ने हिंदू कॉलेज में 2018 में आयोजित एलुमनी मीट और कनवोकेशन के दौरान सुनाया था। डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा था कि शिक्षक ही विद्यार्थी की विलक्षण शक्ति को पहचान सकते हैं। उन्होंने बताया था कि टीचर्स के कहने के बाद उन्होंने बीए ऑनर्स इन इकोनॉमिक्स में दाखिला लिया था। 1952 में एक बार फिर टॉपर बने। डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने पूर्व प्रिंसिपल संत राम, प्रो. मस्त राम, प्रो. एसआर कालिया, डॉ. जुगल किशोर त्रिखा और डॉ. सुदर्शन कपूर को अपना हीरो बताया था। दोस्तों ने साझा की थीं डॉ. मनमोहन सिंह से जुड़ी बातें… कॉलेज पूरा होने के 65 साल के बाद साल 2018 में डॉ. मनमोहन सिंह हिंदू कॉलेज में पहुंचे थे। इस कॉलेज में उन्होंने तकरीबन 4 साल 1948 से 1952 तक शिक्षकों के लेक्चर सुन ज्ञान हासिल किया था। इस दौरान उनके कई क्लासमेट भी कॉलेज पहुंचे थे, जिन्होंने 2018 में प्रिंसिपल रहे डॉ. पीके शर्मा को कई किस्से सुनाए। कम शब्दों में अपनी बात बोल जाते थे मनमोहन
डॉ. मनमोहन सिंह के बैचमेट रहे डीएवी लोकल मैनेजिंग कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट सुदर्शन कपूर ने बताया था कि वह 3 साल तक कॉलेज की डिबेट टीम का हिस्सा रहे थे। डॉ. मनमोहन के पास बोलने व दूसरों को प्रभावित करने की शैली शुरू से ही थी। डिबेट में वह बहुत ही कम शब्दों में व शांति के साथ अपनी बात बोल जाते थे। वह बात इतनी प्रभावशाली होती थी कि कोई उन्हें पहला इनाम देने से खुद को रोक नहीं पाता था। डॉ. मनमोहन का अधिक समय लाइब्रेरी में ही बीतता थे। जब भी वह इकट्ठे बैठते तो फिल्मों व एक्ट्रेस की बातें भी चल पड़ती थीं, लेकिन यह बातें सुन वह शरमा जाते। कपूर बोले- उन्हें मनमोहन कहना आसान नहीं था
डॉ. सुदर्शन कपूर ने बताया कि डॉ. मनमोहन ने उन्हें दिल्ली अपने निवास पर बुलाया था। वह उन्हें डॉक्टर साहिब कह कर बुलाते थे, जिस पर उनकी पत्नी गुरशरण कौर ने उन्हें टोका था। उनका कहना था कि आप दोस्त हैं। इन्हें मनमोहन कह क्यों नहीं बुलाते? हर बार इन्हें डॉक्टर साहिब कहते हैं। इस पर उन्होंने कहा था कि जिस शख्सियत के सामने अब वह बैठे हैं, उनके आगे बैठ अब मनमोहन बोलना आसान नहीं। मुंह से खुद ही डॉक्टर साहिब निकलता है। इस बैठक में उन्होंने सभी दोस्तों और प्रो. जैन, प्रो. त्रिखा और प्रो. जय गोपाल को भी याद किया था। पढ़ाई में शुरू से तेज, आधी फीस लेता था कॉलेज
कॉलेज रिकॉर्ड के अनुसार डॉ. मनमोहन का रोल नंबर 19 और सीरियल नंबर 1420 था। वह पढ़ाई में इतने तेज थे कि उनकी आधी फीस माफ थी। ग्रेजुएशन में उनके सब्जेक्ट इकोनॉमिक्स, पॉलिटिकल साइंस और पंजाबी थे। वह बाद में विश्व विख्यात इकोनॉमिस्ट और देश के प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे। सिग्नेचर में 3 ट्रायंगल डालते थे
उनके क्लासमेट रहे राम प्रकाश सरोज ने तत्कालीन प्रिंसिपल को बताया था कि डॉ. मनमोहन सिंह के सिग्नेचर यूनीक थे। वह 3 जगह ट्रायंगल बनाते थे। पहला मनमोहन का M डालते हुए, दूसरा S लिखते हुए और तीसरा सिंह का G लिखते हुए। प्रो. कालिया दिल्ली पहुंचे, पता चला तो खुद भागते हुए आए
क्लासमेट और यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट लंदन से सीनियर लेक्चरर पद से रिटायर्ड सुदर्शन भास्कर ने प्रिंसिपल डॉ. पीके शर्मा से एक किस्सा साझा किया। उन्होंने बताया कि डॉ. मनमोहन फाइनेंस डिपार्टमेंट में इकोनॉमिक सेक्रेटरी थे। कॉलेज के प्रो. कालिया उनसे मिलने दिल्ली पहुंच गए। जैसे ही डॉ. सिंह को उनके आने का पता चला, वह सारा काम छोड़ रिसेप्शन की तरफ भागे और खुद डॉ. कालिया का स्वागत किया। अपने दो सहपाठियों को याद कर भावुक हुए थे
डॉ. मनमोहन सिंह ने अपनी स्पीच में कहा था कि जिस समय वह हिंदू कॉलेज में पढ़ रहे थे, उस समय डी. बचिंद्रा गोस्वामी और राज कुमार पठारिया भी यहां थे। इन्होंने भी भारत का नाम विश्व में ऊंचा किया। इसके अलावा हिंदू कॉलेज के अन्य एलुमनी सतिंदर लूंबा का नाम लिया। उन्होंने कहा कि जिस समय वह प्रधानमंत्री थे, सतिंदर लूंबा उनके सलाहकार थे। उन्हें यह जानकार खुशी हुई थी कि सतिंदर लूंबा भी हिंदू कॉलेज का ही हिस्सा रहे। अमृतसर दौरे से जुड़े डॉ. मनमोहन सिंह के PHOTOS… ——————- मनमोहन सिंह से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…. बंटवारे में पाकिस्तान छोड़ पंजाब आए मनमोहन सिंह, पौने 16 करोड़ की प्रॉपर्टी; PU में प्रोफेसर रहे डॉ. मनमोहन सिंह का पंजाब और चंडीगढ़ से गहरा नाता रहा। मनमोहन सिंह ने अपनी शुरुआती पढ़ाई अमृतसर में ही। बाद में उन्होंने चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी (PU) में प्रोफेसर के रूप में सेवाएं दीं। पंजाब ने जब चंडीगढ़ के पास मुल्लांपुर में न्यू चंडीगढ़ बसाना शुरू किया तो मनमोहन सिंह ने ही वहां की मेडिसिटी में होमी भाभा कैंसर अस्पताल का नींव पत्थर रखा था। पूरी खबर पढ़ें…
पठानकोट में हादसे में 2 लोगों की मौत:बर्थ-डे पार्टी से 6 दोस्त लौट रहे थे वापस, नहर में गिरी कार, चार घायल
पठानकोट में हादसे में 2 लोगों की मौत:बर्थ-डे पार्टी से 6 दोस्त लौट रहे थे वापस, नहर में गिरी कार, चार घायल बीती रात पठानकोट में चली तेज़ आंधी-बारिश 6 दोस्तों पर भारी पड़ गई। पठानकोट के धीरा पुल पर एक दर्दनाक हादसा हो गया, जिसमें दो युवकों की मौत हो गई और चार अन्य गंभीर रुप से घायल हो गए। सभी दोस्त कार में सवार थे ओर एक जन्मदिन की पार्टी मनाकर वापस लौट रहे थे। जानकारी के मुताबिक, छह दोस्त बर्थडे पार्टी मनाकर और कार में सवार होकर वापस अपने घर लौट रहे थे। जैसे ही उनकी कार धीरा पुल पर पहुंची तो अनियंत्रित होकर नहर में जा गिरी। कार के नहर में गिरने की आवाज सुनकर स्थानीय लोग मौके पर जमा हो गए और कार सवार लोगों को बाहर निकाला। इस हादसे में दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार अन्य घायल हो गए। आधी रात को दोस्त को फोन कर दी सूचना जानकारी देते हुए घायलों के पारिवारिक मित्र गुरुद्वारा पलटा साहिब निवासी दीपक कुमार ने बताया कि उन्हें रात करीब सवा दो बजे फोन आया था कि हमारी गाड़ी नहर में गिर गई। जिसके बाद दीपक घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि कार काफी गहराई में गिरी थी, जिस कारण कार को बाहर निकालने में काफी समय लग गया। कार सवार 4 लोग तो पहले ही गाड़ी से निकल गए थे, लेकिन 2 को जब हमने अन्य लोगों की मदद से बाहर निकाला तो वह दोनों दम तोड़ चुके थे। जिनके शव जिला सिविल अस्पताल में भेज दिए तथा घायलों को अस्पताल भर्ती करवाया गया है। दीपक कुमार ने बताया कि इनमें से एक की 3-4 महीने पहले ही शादी हुई थी।