पंजाब के बटाला में एक भाई द्वारा अपने ही सगे भाई और भाभी पर फायरिंग कर दी गई। थाना कादियां पुलिस ने भाई समेत दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। एएसआई जसपाल सिंह ने बताया कि पुलिस को दर्ज कराए बयान में लील कलां निवासी निशान सिंह पुत्र रविंदर सिंह ने बताया कि 9 जून को दोपहर करीब साढ़े तीन बजे वह अपनी पत्नी अमनदीप कौर और बेटे हरमनदीप सिंह के साथ एक कार्यक्रम से घर लौटा था। उसने घर के अंदर जाकर देखा तो उसका भाई सुरजीत सिंह और मामा हरप्रीत सिंह निवासी मोहल्ला राम नगर बटाला उसके पिता को डंडे से पीट रहे थे। उन्हें देखते ही आरोपियों ने जान से मारने की नियत से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए। उसकी पत्नी अमनदीप कौर के भी पेट में गोली लगी और वह भी गंभीर रूप से घायल हो गईं। निशान सिंह ने बताया कि उसके उक्त भाई ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि वह उससे जबरन संपत्ति में हिस्सा मांगता है। सुरजीत सिंह ने अपने लाइसेंसी हथियार से अंधाधुंध फायरिंग की और शोर मचाने पर भाई और मामा मौके से भाग गए। दोनों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। एएसआई ने बताया कि उक्त मामले को लेकर कार्रवाई करते हुए पीड़ित के बयानों पर कादियां थाने में संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पंजाब के बटाला में एक भाई द्वारा अपने ही सगे भाई और भाभी पर फायरिंग कर दी गई। थाना कादियां पुलिस ने भाई समेत दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। एएसआई जसपाल सिंह ने बताया कि पुलिस को दर्ज कराए बयान में लील कलां निवासी निशान सिंह पुत्र रविंदर सिंह ने बताया कि 9 जून को दोपहर करीब साढ़े तीन बजे वह अपनी पत्नी अमनदीप कौर और बेटे हरमनदीप सिंह के साथ एक कार्यक्रम से घर लौटा था। उसने घर के अंदर जाकर देखा तो उसका भाई सुरजीत सिंह और मामा हरप्रीत सिंह निवासी मोहल्ला राम नगर बटाला उसके पिता को डंडे से पीट रहे थे। उन्हें देखते ही आरोपियों ने जान से मारने की नियत से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए। उसकी पत्नी अमनदीप कौर के भी पेट में गोली लगी और वह भी गंभीर रूप से घायल हो गईं। निशान सिंह ने बताया कि उसके उक्त भाई ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि वह उससे जबरन संपत्ति में हिस्सा मांगता है। सुरजीत सिंह ने अपने लाइसेंसी हथियार से अंधाधुंध फायरिंग की और शोर मचाने पर भाई और मामा मौके से भाग गए। दोनों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। एएसआई ने बताया कि उक्त मामले को लेकर कार्रवाई करते हुए पीड़ित के बयानों पर कादियां थाने में संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में निकाय चुनावों के लिए आज वोटिंग:44 नगर कौंसिल और नगर पंचायतों में आम चुनाव; 18 लाख वोटर करेंगे मतदान पंजाब में नगर निगम के साथ प्रदेश की 44 नगर परिषदों और नगर पंचायतों में आज चुनाव हो रहे हैं। इसके साथ ही कुछ नगर परिषदों व नगर पंचायतों में आज उप-चुनाव भी होंगे। चुनाव आयोग की तरफ से इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। 5 नगर निगमों को छोड़ 18.66 लाख के करीब मतदाता इन चुनाव व उप-चुनावों में मतदान करेंगे। चुनाव आयोग की तरफ से इन 44 नगर परिषदों व नगर पंचायतों में आम चुनावों के अलावा उप-चुनावों के वोटरों की गिनती अलग से जारी नहीं किया गया। लेकिन एक अनुमान के अनुसार आज इन चुनावों व उप-चुनावों में 18.66 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं। 719 बूथों पर होंगे चुनाव 44 नगर परिषदों व नगर पंचायतों के ये चुनाव व उप-चुनावों कुल 604 वार्डों में होने वाले हैं। चुनाव सही ढंग से हों, इसके लिए चुनाव आयोग ने 719 बूथ बनाए हैं। सुरक्षा के मद्देनजर इन बूथों पर थ्री लेयर सुरक्षा रहेगी। बूथ के अंदर व बाहर सुरक्षाकर्मियों के अलावा यहां रिजर्व टुकड़ियां भी तैनात की गई हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना के समय तुरंत एक्शन में आ सकें। जाने कहां हो रहे चुनाव
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हरियाणा में जबरन डिलीवरी से जच्चा-बच्चा की मौत:4 घंटे तक जिंदा होने की बात कहते रहे, खुलासा हुआ तो डॉक्टर स्टाफ समेत फरार हरियाणा में कैथल में चीका के प्राइवेट अस्पताल में जबरन डिलीवरी की कोशिश की गई, जिसमें जच्चे (मां) और बच्चे की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर करीब 4 घंटे तक झूठ बोलते रहे की सब ठीक है। वहीं बाद में ज्यादा खून निकलने पर उसे पटियाला रेफर कर दिया, लेकिन अस्पताल में पहुंचने से पहले ही महिला ने दम तोड़ दिया। मृतका की पहचान चानचक गांव की सुनीता (35) के रूप में हुई है। उसकी एक तीन साल की बेटी भी है। परिजनों ने अस्पताल स्टाफ के खिलाफ चीका थाने में शिकायत दी है। वहीं, महिला की मौत के बाद परिजन उसके शव को वापस प्राइवेट अस्पताल लेकर पहुंचे, साथ ही उन्होंने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया। हंगामा ज्यादा बढ़ा तो डॉक्टर अपने स्टाफ सहित फरार हो गया। आरोप- डॉक्टरों ने जबरदस्ती की परिजनों ने बताया कि शनिवार को सुनीता को दर्द उठा था। सुबह करीब 11 बजे वे उसे चीका के सार्थक अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां करीब 3 से 4 घंटे तक डॉक्टर डिलीवरी के लिए जोर जबरदस्ती करते रहे, जिसके चलते जन्म से पहले ही बच्चे की मौत हो गई। लेकिन इसके बाद भी डॉक्टर महिला और बच्चे के ठीक होने की झूठी बातें करते रहे। इसके बाद जब महिला को बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने लगी, तो डॉक्टर ने पटियाला में अपने किसी जानकार डॉक्टर के प्राइवेट अस्पताल में उसे रेफर कर दिया। महिला को इतनी ज्यादा ब्लीडिंग हो गई कि जब उसे पटियाला के प्राइवेट अस्पताल में लेकर पहुंचे, तो रास्ते में ही उसकी मौत हो चुकी थी। डॉक्टर स्टाफ के साथ भागा
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पंजाब में अकाली दल कोर कमेटी की बैठक आज:कार्यकारी प्रधान भूंदड़ करेंगे अध्यक्षता, सुखबीर बादल पर हमले पर होगी चर्चा
पंजाब में अकाली दल कोर कमेटी की बैठक आज:कार्यकारी प्रधान भूंदड़ करेंगे अध्यक्षता, सुखबीर बादल पर हमले पर होगी चर्चा पंजाब के अमृतसर में सुखबीर सिंह बादल पर हमले की नाकाम कोशिश के बाद शिरोमणि अकाली दल ने आज चंडीगढ़ में कोर कमेटी की बैठक बुलाई है। यह बैठक आज दोपहर करीब साढ़े तीन बजे शुरू होगी। बैठक की अध्यक्षता कोर कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ करेंगे। देखना यह है कि इस बैठक में बागी गुट के नेता भी शामिल होंगे या नहीं। श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से अकाली दल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए जाने के बाद यह पहली बैठक है। 2 दिसंबर को श्री अकाल तख्त साहिब ने अकाली दल सरकार के दौरान हुई घटनाओं पर चिंता जताते हुए अकाली दल को फटकार लगाई थी। इतना ही नहीं, अगले 6 महीने में नया अकाली दल बनाने और इस दौरान नियमानुसार नए चेहरे चुनने के आदेश दिए थे। सुखबीर बादल पर हमले पर होगी चर्चा गौरतलब है कि सुखबीर बादल को 10 दिनों तक 5 गुरुद्वारों में सेवा करनी है और अभी चौथा दिन ही है। अमृतसर में सेवा करते हुए दूसरे दिन स्वर्ण मंदिर के बाहर खालिस्तान समर्थक नारायण सिंह चौड़ा ने उन पर गोली चलाई थी। दूसरी ओर, 2 दिसंबर की बैठक से पहले अकाली दल के प्रधान पद से सुखबीर बादल का इस्तीफा कुछ दिनों में स्वीकार किया जाना है और इसकी रिपोर्ट श्री अकाल तख्त साहिब को भेजी जानी है। उम्मीद है कि इस बैठक में अकाली दल इस पर भी फैसला लेगा और इस पर विचार करेगा कि इसे कैसे किया जाए। दागी-बागी पक्षों को एक साथ चलना होगा श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने आदेश दिया था कि बैठक के बाद दागी और बागी दोनों पक्ष एक दूसरे के साथ मिलकर अकाली दल के लिए काम करेंगे। अब देखना होगा कि इस बैठक में बागी गुट के कौन-कौन से नेता पहुंचेंगे। बादल सरकार को 4 मामलों में सजा मिली 1. राम रहीम के खिलाफ शिकायत वापस ली- 2007 में सलाबतपुरा में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने सिखों के 10वें गुरू श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़े पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। इस पर राम रहीम के खिलाफ पुलिस केस दर्ज किया गया था, लेकिन बादल सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने माफी दिलवाई थी- श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए राम रहीम को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। सुखबीर ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए राम रहीम को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिखों के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने राम रहीम को माफी देने का फैसला वापस लिया। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई- बादल सरकार के कार्यकाल के दौरान 1 जून 2015 को कुछ लोगों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए और बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को इंसाफ नहीं दे पाए- अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। उन्हें राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने का दोषी माना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया।