वक्फ संशोधन बिल, यूपी में विरोध प्रदर्शन की तैयारी:मुस्लिम युवाओं को बताए जा रहे नुकसान; अखिलेश बोले- भाजपा पूरा कंट्रोल चाहती है वक्फ संशोधन बिल आज, 2 अप्रैल को लोकसभा में पेश होगा। इस बिल के खिलाफ यूपी में प्रदर्शन की तैयारी है। मुस्लिम युवाओं को इस बिल के नुकसान बताए जा रहे हैं। प्रदर्शन को देखते हुए लखनऊ, वाराणसी समेत अन्य जिलों में मंगलवार शाम पुलिस ने फ्लैग मार्च किया। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने व्हिप जारी किया है। अपने सभी सांसदों को बुधवार को लोकसभा में रहने और वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेने के लिए कहा है। अखिलेश यादव पहले ही इस बिल को ‘जमीन बेचने का बहाना’ करार दे चुके हैं। वहीं, कांग्रेस पार्टी इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बता रही है। सबसे पहले 4 नेताओं के बयान… 1- हर अच्छे काम का विरोध होता है
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, हर अच्छे काम का विरोध होता है, इसी तरह वक्फ संशोधन विधेयक पर भी हंगामा हो रहा है, जो लोग इस मुद्दे पर हंगामा कर रहे हैं, मैं उनसे पूछना चाहता हूं…क्या वक्फ बोर्ड ने मुसलमानों का भी कोई कल्याण किया है? वक्फ सरकारी संपत्ति पर जबरन कब्जे का माध्यम बन गया है। 2- भाजपा का हर फैसला वोट के लिए
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, भाजपा का हर फैसला वोट के लिए होता है। समाजवादी पार्टी वक्फ बिल के खिलाफ है। भाजपा पूरा नियंत्रण चाहती है। प्रशासन के गलत फैसले के कारण भारत की संस्कृति और भाईचारे के खिलाफ खाई पैदा की गई है। वह कहते थे कि हम तुष्टीकरण की राजनीति कर रहे हैं, क्या भाजपा ईद पर किट बांटकर तुष्टीकरण नहीं कर रही है? 3- कल नीतीश-नायडू और पासवान के चेहरे बेनकाब होंगे
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, ये विधेयक संविधान की मूल आत्मा के खिलाफ है। ये देश को बांटने का प्रयास है। INDIA गठबंधन पूरी शक्ति के साथ ऐसे किसी प्रयास को नकार देगा, पूरी शक्ति से विरोध करेगा। भाजपा संविधान नहीं मानती ये साफ हो गया है। आज पूरा देश नीतीश कुमार, चंद्र बाबू नायडू और चिराग पासवान की ओर देख रहा है। कल सबके चेहरे बेनकाब हो जाएंगे। 4- सरकार तैयार तो हम भी तैयार
आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा, सरकार अगर तैयार है तो हम भी तैयार है। JPC में विपक्ष के सांसदों और हम लोगों द्वारा जो शंकाएं जाहिर की गई थीं, आज भी हम उसी बात पर खड़े हैं। हमें भरोसा है कि इस सरकार की कथनी और करनी में फर्क है। धार्मिक आजादी और धार्मिक क्षेत्र पर अतिक्रमण करने का काम सरकार का नहीं है। मौलाना कल्बे जव्वाद बोले- मुस्लिम समुदाय की धरोहर को नष्ट करने का षड्यंत्र
लखनऊ में वक्फ बिल संशोधन बिल से होने वाले नुकसान को लेकर मुस्लिम समुदाय में लोगों को बताया जा रहा है। यह बिल लोकसभा में पास होता है तो इसके विरोध की भी तैयारी की जा रही है। शुक्रवार को लखनऊ में मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा, यह मुसलमानों के खिलाफ साजिश है। यह वक्फ बिल नहीं, बल्कि वक्फ को खत्म करने और मुस्लिम समुदाय की धरोहर को नष्ट करने का षड्यंत्र है। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, लाखों मंदिर सरकारी जमीन पर बने हैं, क्या किसी से उनका वक्फनामा मांगा जाता है? सारे कागजात सिर्फ हमसे ही क्यों मांगे जाते हैं? यह बिल संविधान विरोधी है और इससे वक्फ संपत्तियों पर सरकारी कब्जे का रास्ता साफ होगा। एकजुट होकर विरोध करने की अपील
कल्बे जव्वाद ने मुस्लिम समुदाय से एकजुट होकर इस बिल का विरोध करने की अपील की है। चेतावनी दी कि अगर इसे वापस नहीं लिया गया तो देशव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से बात कर इस बिल को रोकना चाहिए, क्योंकि केंद्र इनकी समर्थन पर निर्भर है। नहीं मानी गईं हमारी आपत्तियां
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारी सदस्य और मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने दैनिक भास्कर से कहा, आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जितने भी मुस्लिम आर्गनाइजेशन हैं, वो वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के संबंध में अपनी डिटेल रिपोर्ट जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी को दे चुके हैं। इसके बावजूद हम लोगों के जितने भी आब्जेक्शन थे, उन्हें कंसिडर नहीं किया गया है। वक्फ मुसलमानों को अपना मजहबी मामला है, जिसकी वजह से इसे पार्लियामेंट से पास नहीं होना चाहिए। सभी सांसदों से अपील है कि वे मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं काे समझें और उसका सम्मान करते हुए इस बिल को पास न होने दें। उन्होंने आगे कहा, बुधवार को बिल पेश होने के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी। कुल मिलाकर यूपी में मुस्लिम समुदाय के बीच इस बिल को शरीयत में दखल और वक्फ संपत्तियों पर सरकारी कब्जे की साजिश करार दिया जा रहा है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ-साथ जमीयत उलेमा-ए-हिंद जैसे संगठन भी इस बिल को संविधान विरोधी बता रहे हैं। वक्फ बोर्ड बिल के पीछे केंद्र सरकार का तर्क
वक्फ संशोधन विधेयक क्यों लाया जा रहा है? इस पर सरकार का तर्क है कि वक्फ बोर्ड की अनियंत्रित शक्तियों पर लगाम लगाने और इसके प्रबंधन में पारदर्शिता लाने के लिए यह बिल लाया जा रहा है। यूपी में बड़े पैमाने पर वक्फ की संपत्तियां हैं, जो वक्फ बोर्ड के अधीन आती हैं। इनमें मस्जिदें, कब्रिस्तान, और शैक्षणिक संस्थान शामिल हैं। इन संपत्तियों की कीमत अरबों रुपए में आंकी जाती है, लेकिन इनके प्रबंधन में भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोप समय–समय पर लगते रहे हैं। सरकार का तर्क है कि यह बिल वक्फ बोर्ड में महिलाओं और गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने का प्रावधान लाएगा, जिससे बोर्ड का संचालन अधिक समावेशी और जवाबदेह होगा। इसके अलावा, संपत्तियों को जिला मजिस्ट्रेट के पास पंजीकृत करने और ऑडिट की व्यवस्था से पारदर्शिता बढ़ेगी। ईद पर कई जगह काली पट्टी बांध कर हुआ विरोध
वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के विरोध में ईद के मौके पर कई जगहों पर मुस्लिमों ने काली पट्टी बांधकर नमाज अदा की और विरोध प्रदर्शन किया। रामपुर, मुजफ्फरनगर, और सहारनपुर जैसे जिलों में नमाज के खुत्बे में वक्फ बिल से होने वाले नुकसान के बारे में बताया गया। लोगों को बताया जा रहा है कि यह बिल उनकी जमीनों और धार्मिक स्थलों को खतरे में डालेगा। यूपी में कितनी वक्फ संपत्तियां
यूपी सरकार ने पिछले दिनों सर्वे कराया था, उसमें वक्फ की 57,792 सरकारी संपत्तियां हैं। इसमें कुल रकबा 11,712 एकड़ है। सबसे अधिक शाहजहांपुर में 2371, रामपुर में 2363, अयोध्या में 2116, जौनपुर में 2096, बरेली में 2000, लखीमपुर खीरी में 1792, बुलंदशहर में 1778, फतेहपुर में 1610, सीतापुर में 1581, आजमगढ़ में 1575, सहारनपुर में 1497, मुरादाबाद में 1471, प्रतापगढ़ में 1331, आगरा में 1293, अलीगढ़ में 1216, गाजीपुर में 1251, मेरठ में 1154, संभल में 1150, अमरोहा में 1045, देवरिया में 1027 और बिजनौर में 1005 वक्फ संपत्तियों को सरकारी जमीन पर बताया गया है। कई ऐसे जिले हैं, जहां वक्फ संपत्तियां का रिकार्ड ही नहीं दर्ज है। डीजीपी बोले- बातचीत के जरिए समस्या का समाधान निकाला जाएगा
यूपी के DGP प्रशांत कुमार ने कहा, हम पहले से ही इसकी तैयारी कर रहे हैं। बातचीत के जरिए समस्या का समाधान निकाला जाएगा। इसमें जितने भी हितधारक हैं, उनसे बातचीत करेंगे। पहले भी चाहे किसानों का मुद्दा हो या अलग-अलग समय पर त्यौहारों का मुद्दा हो, सारी चीजें पूरी रही हैं। अगर ऐसी कोई चीज होगी, तो हम सबको साथ लेकर चलेंगे, आपस में बातचीत करके व्यवस्थाएं पूरी करेंगे। —————————- यह खबर भी पढ़िए… भास्कर से बोलीं सुनीता विलियम्स-भारतीय स्पेस प्रोग्राम से जुड़ना चाहूंगी:जल्द भारत आऊंगी; अंतरिक्ष से हिमालय देखना शानदार भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स ने स्पेस से लौटने के बाद मंगलवार को पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सुनीता ने अपने साथी एस्ट्रोनॉट बुच विल्मोर और निक हेग के साथ टेक्सास के जॉनसन स्पेस सेंटर में मीडिया से बात की। दैनिक भास्कर इकलौता भारतीय न्यूज संस्थान रहा, जिसे सुनीता विलियम्स से सवाल पूछने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि भारत स्पेस प्रोग्राम में अपनी जगह बना रहा है। वह इसका हिस्सा बनना चाहेंगी। पढ़ें पूरी खबर…